Deepavash
= दीपवंश() (Deepvansh)
दीपवंस एक प्राचीन ग्रन्थ है जिसमें श्री लंका का प्राचीनतम इतिहास वर्णित है। 'दीपवंस', 'द्वीपवंश' का अपभ्रंश है जिसका अर्थ 'द्वीप का इतिहास' है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस ग्रन्थ का संकलन अत्थकथा तथा अन्य स्रोतों से तीसरी-चौथी शताब्दी में किया गया था। महावंस तथा दीपवंस से ही श्री लंका तथा भारत के प्राचीन इतिहास के बहुत सी घटनाओं लेखाजोखा मिलता है। यह केवल इतिहास की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि यह बौद्ध तथा पालि साहित्य का महत्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थ भी है। निस्संदेह एक ऐतिहासिक महाकाव्य के रूप में सिंहल का "महावंस" अधिक आदृत है, किंतु रचनाकाल की दृष्टि से दीपवंस महावंस की अपेक्षा प्राचीनतर ही नहीं प्राचीनतम है और उपयोग की गई सामग्री की दृष्टि से भी कुछ अंशों से भिन्न। जार्ज टर्नर ने किसी समय अपना यह मत प्रकाशित किया था कि "दीपवंस" और "महावंस" दोनों दो भिन्न रचनाएँ न होकर एक ही रचना के दो नाम हैं। उनका यह मत अयथार्थ ही है। यदि अनुराधापुर के महाविहार के "अठ्ठकथा-महावंस" का और दीपवंस का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि "दीपवंस" के रचयिता ने अपने ग्रंथसंपादन के लिए "अट्टकथामहावंस" से न केवल यथेष्ट सामग्री ही ली, बल्कि अभिव्यक्ति की शैली और कहीं-कहीं वाक्य के वाक्य ज्यों के त्यों अपना लिए हैं। "दीपवंस" का अधिकांश ऐसा ही है कि जिससे वह एक स्वतंत्र रचना न होकर अठ्ठकथा सदृश ग्रंथ या अन्य ग्रंथों के उद्धरणों का संग्रह प्रतीत होता है। यह एक प्रकार से सिंहल में प्राप्त सामग्री का कच्ची पक्की पालि में अनुवाद मात्र है। जिस काल का ऐतिहासिक लेखाजोखा "दीपवंस" ने सुरक्षित रखा है, वह समय महावंस के काल के समानांतर ही है। दोनों ग्रंथ महासेन नरेश की मृत्यु के समय ही अपने अपने वर्णन की "इति" करते हैं। इस समानता का एक बड़ा कारण यह है कि दोनों ग्रंथों ने अपनी मूल उपादान सामग्री का चयन एक ही स्थल से किया है और वह स्थल है महाविहार का "अठ्ठकथा महावंस। "महासेन नरेश की मृत्यु पर ही "दीपवंस" तथा "महावंस" के समाप्त होने का एक संभव कारण यह है कि महाविहार के विरोधियों ने महासेन की ही अनुमति प्राप्त कर महाविहार को विध्वंस कर डाला था। पूरे नौ वर्ष तक महाविहार महाविहारवासियों से शून्य रहा। दीपवंस के रचनाकाल को हम ई. 302 से पूर्व नहीं ले जा सकते, क्योंकि इसम
दीपवंश meaning in english
दीपवंश और महावंश के अनुसार अशोक को उसके शासन के चौथे वर्ष में बौद्ध मत में दीक्षित किया-
दीपवंश के लेखक कौन हैं?
Deepavash
meaning in Gujarati: દીપવંશ
Translate દીપવંશ
Deepavash
meaning in Marathi: दीपवंश
Translate दीपवंश
Deepavash
meaning in Bengali: দীপবংশ
Translate দীপবংশ
Deepavash
meaning in Telugu: దీప్వంశ్
Translate దీప్వంశ్
Deepavash
meaning in Tamil: தீப்வன்ஷ்
Translate தீப்வன்ஷ்