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= भाष्य() (Bhashy)
भाष्य संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. सूत्रग्रंथों का विस्तृत विवरण या व्याख्या । सूत्रों की की हुई व्याख्या या टीका । जैसे, वेदों का भाष्य ।
२. किसी गूढ़ बात या वाक्य की विस्तृत व्याख्या । जैसे,— आपके इस पद्य के साथ तो एक भाष्य की आवश्यकता है ।
३. भाषानिबद्ध कोई भी ग्रंथ । ग्रंथ (को॰) ।
४. पाणिनि के सूत्रों पर पतंजलि द्वारा की हुई व्याख्या । महाभाष्य ।
संस्कृत साहित्य की परम्परा में उन ग्रन्थों को भाष्य (शाब्दिक अर्थ - व्याख्या के योग्य), कहते हैं जो दूसरे ग्रन्थों के अर्थ की वृहद व्याख्या या टीका प्रस्तुत करते हैं। मुख्य रूप से सूत्र ग्रन्थों पर भाष्य लिखे गये हैं। भाष्य, मोक्ष की प्राप्ति हेतु अविद्या (ignorance) का नाश करने के साधन के रूप में जाने जाते हैं। पाणिनि के अष्टाध्यायी पर पतंजलि का व्याकरणमहाभाष्य और ब्रह्मसूत्रों पर शांकरभाष्य आदि कुछ प्रसिद्ध भाष्य हैं। पराशरपुराण में भाष्यकार के पाँच कार्य गिनाये गये हैं-भाष्य कई प्रकार के होते हैं - प्राथमिक, द्वितियक या तृतियक। जो भाष्य मूल ग्रन्थों की टीका करते हैं उन्हें प्राथमिक भाष्य कहते हैं। किसी ग्रन्थ का भाष्य लिखना एक अत्यन्त विद्वत्तापूर्ण कार्य माना जाता है। अपेक्षाकृत छोटी टीकाओं को वाक्य या वृत्ति कहते हैं। जो रचनायें भाष्यों का अर्थ स्पष्ट करने के लिये रची गयीं हैं उन्हें वार्तिक कहते हैं। वाचस्पति मिश्र ने वैशेषिक दर्शन को छोड़कर बाकी पाँचो दर्शनों पर भाष्य लिखा है।
भाष्य meaning in english
वैदिक ग्रंथों के प्रसिद्ध भाष्यकार सायण निम्न में से किस एक काल में सक्रिय थे ?
गंध हस्ती महाभाष्य
महाभाष्य के लेखक कौन है
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meaning in Gujarati: ભાષ્ય
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meaning in Marathi: भाष्य
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meaning in Bengali: ভাষ্য
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meaning in Telugu: వ్యాఖ్యానం
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meaning in Tamil: வர்ணனை
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