Devanagari = देवनागरी() (Devanagari)
संस्कृत के 'देवनगरी' से, जो देव+नगर के संयोजन से बना है जिसका भावार्थ है "देवों की भाषा"। देवनागरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] भारतवर्ष की प्रधान लिपि जिसमें संस्कृत, हिंदी, मराठी आदि देशभाषाएँ लिखी जाती हैं । विशेष—'नागरी' शब्द की उत्पत्ति के विषय में मतभेद है । कुछ लोग इसका केवल 'नगर की' या 'नगरों में व्यवहत' ऐसा अर्थ करके पीछा छुड़ाते हैं । बहुत लोगों का यह मत है कि गुजरात के नागर ब्रह्मणों के कारण यह नाम मड़ा । गुजरात के नागर ब्राह्मण अपनी उत्पत्ति आदि के संबंध में स्कंदपुराण के नागर खंड का प्रमाण देते हैं । नागर खंड में चमत्कारपुर के राजा का वेदवेत्ता ब्राह्मणों को बुलाकर अपने नगर में बसाना लिखा है । उसमें यह भी वर्णित है कि एक विशेष घटना के कारण चमत्कारपुर का नाम 'नगर' पड़ा और वहाँ जाकर बसे हुए ब्राह्मणों का नाम 'नागर' । गुजरात के नागर ब्राह्मण आधुनिक बड़नगर (प्राचीन आनंदपुर) को ही 'नगर' और अपना स्थान बतलाते हैं । अतः नागरी अक्षरों का नागर ब्राह्मणों से संबंध मान लेने पर भी यही मानना पड़ता है कि ये अक्षर गुजरात में वहीं से गए जहाँ से नागर ब्राह्मण गए । गुजरात में दुसरी ओर सातवीं शताब्दी के बीच के बहुत से शिलालेख, ताम्रपत्र आदि मिले हैं जो ब्राह्मी और दक्षिणी शैली की पश्चिमी लिपि में हैं, नागरी में नहीं । गुजरात में सबसे पुराना प्रामाणिक लेख, जिसमें नागरी अक्षर भी हैं, गुर्जरवंशी राजा जयभट (तीसरे) का कलचुरि (चेदि) संवत् ४५६ ( ई॰ स॰ ७०६) का ताम्रपत्र हैं । यह ताम्रशासन अधिकांश गुजरात की तत्कालीन लिपि में है, केवल राजा के हस्ताक्षर ( स्वहस्ती मम श्री जयभटस्य) उतरीय भारत की लिपि में हैं जो नागरी से मिलती जुलती है । एक बात और भी है । गुजरात में जितने दानपत्र उत्तरी भारत की अर्थात् नागरी लिपि में मिले हैं वे बहुधा कान्यकुब्ज, पाटलि, पुंड्रवर्धन आदि से लिए हुए ब्राह्मणों को ही प्रदत्त हैं । राष्ट्रकूट (राठौड़) राजाओं के प्रभाव से गुजरात में उतरीय भारत की लिपि विशेष रूप से प्रचलित हुई और नागर ब्राह्मणों के द्वारा व्यवहृत होने के कारण वहाँ नागरी कहलाई । यह लिपि मध्य आर्यावर्त की थी सबसे सुगम, सुंदर और नियमबद्ध होने कारण भारत की प्रधान लिपि बन गई । 'नागरी लिपि' का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में नहीं मिलता । इसका कारण यह है कि प्राचीन काल में वह ब्राह्मी ही कहलाती थ
देवनागरी meaning in english
आधुनिक देवनागरी रूप का प्राचीनतम रूप है -
आधुनिक देवनागरी लिपि का प्राचीन रूप है
बागड़ी बोली राजस्थानी एवं गुजराती का मिश्रण है । इस लिखित साहित्य बहुत ही कम मिलता है । इस की लिपि देवनागरी है । संत माव जी के चौपड़ै इस लिपि में लिखें गये है । दक्षिणी राजस्थान के किन जिलों में यह बोली जाती है ?
देवनागरी लिपि का सुधार
देवनागरी लिपि पर निबंध
Devanagari meaning in Gujarati: દેવનાગરી
Translate દેવનાગરી
Devanagari meaning in Marathi: देवनागरी
Translate देवनागरी
Devanagari meaning in Bengali: দেবনাগরী
Translate দেবনাগরী
Devanagari meaning in Telugu: దేవనాగరి
Translate దేవనాగరి
Devanagari meaning in Tamil: தேவநாகரி
Translate தேவநாகரி