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= यव() (Yav)
यव संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. जौ नामक अन्न । विशेष दे॰ 'जौ' ।
२. एक जौ या १२ सरसों की तौल का एक मान ।
३. लंबाई की एक नाप जो एक इंच की एक तिहाई होती है ।
४. सामुद्रिक के अनुसार जौ के आकार की एक प्रकार की रेखा जो उँगली में होती है और जो बहुत शुभ मानी जाती है । कहते हैं, यदि यह रेखा अँगूठे में हो, तो उसका फल और भी शुभ होता है । इस रेखा का रामचंद्र के दाहिने पैर के अँगूठे में होना माना जाता है ।
५. वेग । तेजी ।
६. वह वस्तु जो दोनों ओर उन्नतोदर हो ।
जौ पृथ्वी पर सबसे प्राचीन काल से कृषि किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। संस्कृत में इसे "यव" कहते हैं। रूस, यूक्रेन, अमरीका, जर्मनी, कनाडा और भारत में यह मुख्यत: पैदा होता है। होरडियम डिस्टिन (Hordeum distiehon), जिसकी उत्पत्ति मध्य अफ्रीका और होरडियम वलगेयर (H. vulgare), जो यूरोप में पैदा हुआ, इसकी दो मुख्य जातियाँ है। इनमें द्वितीय अधिक प्रचलित है। इसे समशीतोष्ण जलवायु चाहिए। यह समुद्रतल से 14,000 फुट की ऊँचाई तक पैदा होता है। यह गेहूँ के मुकाबले अधिक सहनशील पौधा है। इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में बोया जा सकता है, पर मध्यम, दोमट भूमि अधिक उपयुक्त है। खेत समतल और जलनिकास योग्य होना चाहिए। प्रति एकड़ इसे 40 पाउंड नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है, जो हरी खाद देने से पूर्ण हो जाती है। अन्यथा नाइट्रोजन की आधी मात्रा कार्बनिक खाद - गोवर की खाद, कंपोस्ट तथा खली - और आधी अकार्बनिक खाद - ऐमोनियम सल्फेट और सोडियम नाइट्रेट - के रूप में क्रमशः: बोने के एक मास पूर्व और प्रथम सिंचाई पर देनी चाहिए। असिंचित भूमि में खाद की मात्रा कम दी जाती है। आवश्यकतानुसार फॉस्फोरस भी दिया जा सकता है। एक एकड़ बोने के लिये 30-40 सेर बीज की आवश्यकता होता है। बीज बीजवपित्र (seed drill) से, या हल के पीछे कूड़ में, नौ नौ इंच की समान दूरी की पंक्तियों मे अक्टूबर नवंबर में बोया जाता है। पहली सिंचाई तीन चार सप्ताह बाद और दूसरी जब फसल दूधिया अवस्था में हो तब की जाती है। पहली सिंचाई के बाद निराई गुड़ाई करनी चाहिए। जब पौधों का डंठल बिलकुल सूख जाए और झुकाने पर आसानी से टूट जाए, जो मार्च अप्रैल में पकी हुई फसल को काटना चाहिए। फिर गट्ठरों में बाँधकर शीघ्र मड़ाई कर
यव meaning in english
डीएनए प्रतिकृति की व्यवस्था
क्रम व्यवस्थिकरण
विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक व्यवस्था
विजयनगर साम्राज्य की शासन व्यवस्था में राज्य को कितने प्रांतों में बांटा गया था
कथन और कार्यवाही
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meaning in Gujarati: હાંફવું
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meaning in Marathi: जांभई
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meaning in Bengali: yaw
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meaning in Telugu: ఆవును
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meaning in Tamil: கொட்டாவி
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