life = जान(noun) (Jaan)
जान ^2 वि॰ सुजान । जानकार । ज्ञानवान । चतुर । उ॰—(क) जानकी जीवन जान न जान्यो तौ जान कहावत जान्यौ कहा है । —तुलसी ग्रं॰, पृ॰ 207 । (ख) प्रेम समुद्र रूप रस गहिरे कैसे लागै घाट । बेकायो है जान कहावत जानपनो कि कहा परी बाट । —हरिदास (शब्द॰) । यौ॰—जानपन । जानपनी । जानपनो पु । जानराय । जानसिरो- मनि = ज्ञानवानों में श्रेष्ठ । उ॰—(क) तुम्ह परिपूरन काम जान सिरोमनि भाव प्रिय । जनगुन गाहक राम दोषदलन करुनायतन । —मानस, 232 । (ख) प्रभु कौ देखौ एक सुभाइ । अति गंभीर उदार उदधि हरि जान सिरोमनि राइ । —सूर॰, 1 । 8 । जान ^3 संज्ञा पुं॰ [सं॰ जानु] दे॰ 'जानु' । जान ^4 संज्ञा पुं॰ [सं॰ यान] दे॰ 'यान' । जान ^5 संज्ञा स्त्रीलिंग [फा॰]
1. प्राण । जीव । प्राणवायु । दम । जैसे,—जान है तो जहान है । मुहावरा—जान आना = जी ठिकाने होना । चित्त में धैर्य होना । चित्त स्थिर होना । शांति होना । जान का गाहक = (1) प्राण लेने की इच्छा रखनेवाला । मार डालने का यत्न करनेवाला । शत्रु (2) बहुत तंग करनेवाला पीछा । न छोड़नेवाला । जान का रोग = ऐसा दु:खदायी व्यक्ति या वस्तु जो पीछा न छोड़े । सब दिन कष्ट देनेवाला । जान का लागू = दे॰ 'ज्ञान का गाहक' । जान के लाले पड़ना = प्राण बचना कठिन देखाई देना । जी पर आ बनना । (अपना) जान को जान न समझना = प्राण जाने की परवाह न करना । अत्यंत अधिक कष्ट या परिश्रम सहना । (दूसरे की) जान को जान न समझना = किसी को अत्यंत कष्ट या दु:ख देना । किसी के साथ निष्ठुर व्यवहार करना । (किसी की) जान को रोना = किसी के कारण कष्ट पाकर उसका स्मरण करते हुए दु:खी होना । किसी के द्वारा पहुँचाए हुए कष्ट को याद करके दु:खी होना । जैसे,—तुमने उसकी जीविका ली, वह अबतक तुम्हारी जान को रोता है । जान खाना = (1) तंग करना । बार बार घेरकर दिक करना । (2) किसी बात के लिये बार बार कहना । जैसे,—चलते हैं, क्यों जान खाते हो । जान खोना = प्राण देना । मरना । जान चुराना = दे॰ 'जी चुराना' जान छुड़ाना = (1) प्राण बचाना । (2) किसी झंझट से छुटकारा करना । किसी अप्रिय या कष्टदायक वस्तु को दूर करना । संकट टालना । छुटकारा करना । निस्तार करना । जैसे,—(क) जब काम करने का समय आता है तब लोग जान छुड़ाकर भागते हैं । (ख) इसे कुछ देकर अपनी जान छुड़ाओ । जान छूटना = किसी झंझट या आपत्ति से छुटकार
जान meaning in english