after = बाद(preposition) (Baad)
बाद ^1 संज्ञा पुं॰ [सं॰ बाद]
1. बहस । तर्क । खंड़न मंडन की बातचीत । उ॰— सजल कठौता भरि जल कहत निषाद । चढ़हु नाव पर घोइ करहु जनि बाद । —तुलसी (शब्द॰) ।
2. विवाद । झगड़ा । हुज्जत । उ॰— गोतम की घरनी ज्यों तरनी तरैगी मेरी, प्रभु सौं विवाद कै बाद न बढ़ायहीं । —तुलसी (शब्द॰) । मुहावरा— बाद बढ़ाना=झगड़ा बढ़ाना । उ॰— जे अबूझ ते बाद बढ़ावैं । —विश्राम (शब्द॰) ।
3. नाना प्रकार के तर्क वितर्क द्वारा बात का विस्तार । झक- झक । तूलकलामी । उ॰— त्यों पदमाकर वेद पुरान पढ्यो पढ़ि कै बहु बढ़ायो । — पद्माकर (शब्द॰) ।
4. प्रतिज्ञा । शर्त । बाजी । होड़ाहोड़ी । उ॰— कूदत करि रघुनाथ सपथ उपरा उपरी करि बाद । —तुलसी (शब्द॰) । मुहावरा— बाद मेलना=शर्त बदना । बाजी लगाना उ॰— बाद मेलि कै खेल पसारा । हार देय जो खेलत हारा । —जायसी (शब्द॰) । बाद पु ^2 संज्ञा पुं॰ [सं॰ वाद्य] दे॰ 'वाद्य' । उ— गुरु गीत बाद बाजित्र नृत्य । —पृ॰ रा॰, 1 । 371 । बाद ^3 अध्य॰ [सं॰ वाद; हि॰ वादि(=वाद करके, हठ करके, व्यर्थ)] व्यर्थ । निष्प्रयोजन । फिजूल । बिना मतलब । उ॰— भए बटाऊ नेह तजि बाद बकति बेकाज । अब अलि देत उराहनो उर उपजति अति लाज । —बिहारी (शब्द॰) । बाद ^4 अव्य [अ॰] पश्चात् । अनंतर । पीछे । बाद ^5 वि॰
1. अलग किया हुआ । छोड़ा हुआ । । जैसे,—खर्चा बाद देकर तुम्हारा कितना रुपया निकलता है । क्रि॰ प्र॰—करना । —देना ।
2. दस्तूरी या कमीशन जो दाम में से काटा जाय ।
3. अतिरिक्त । सिवाय ।
4. असल से अधिक दाम जो व्यापारी लिख देते और दाम बताते समय घटा देते हैं । बाद ^6 संज्ञा पुं॰ [फा॰ बाद, तुज, सं॰ बात] वायु । पवन । उ॰— (क) है दिल में दिलदार सही, आँखियाँ उलटी करि ताहि चितइए । आब में, खाक में, बाद में आतस, जान में सुंदर जानि जनइए । — सुंदर ग्रं॰, भा॰ 2, पृ॰ 615 । (ख) थे जल्दी में घाड़े से जियाद । थे दोड़ में वह मानिद बाद । — दाक्खिनी॰ पृ॰ 220 । यौ॰— बादगीर । बादनुमा । बादेबहारी=वासंती वायु । मस्ती भरी हवा ।
बाद ^1 संज्ञा पुं॰ [सं॰ बाद]
1. बहस । तर्क । खंड़न मंडन की बातचीत । उ॰— सजल कठौता भरि जल कहत निषाद । चढ़हु नाव पर घोइ करहु जनि बाद । —तुलसी (शब्द॰) ।
2. विवाद । झगड़ा । हुज्जत । उ॰— गोतम की घरनी ज्यों तरनी तरैगी मेरी, प्रभु सौं विवाद कै बाद न बढ़ा
बाद meaning in english