चुनाव (Election Defination In Hindi) की परिभाषा : इसे सरल भाषा में समझे तो यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं। चुनाव के द्वारा ही क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तिओं का चुनाव होता है।
चुनाव कितने प्रकार के होते हैं?
हमारे देश में चुनाव 4 प्रकार
(Types of Election) के होते हैं, जो निम्नलिखित है....
1. लोकसभा
2. विधानसभा
3. राज्य सभा
4. पंचायत या नगर निगम चुनाव
विधानसभा क्या है (Assembly in hindi) :इसे सरल शब्दों में समझे तो यह हमारे देश के अलग - अलग राज्यों में निचला सदन (द्विसदनीय राज्यों में) या सोल हाउस (एक सदनीय राज्यों में ) भी कहा जाता है। ध्यान रहे की विधान सभा के सदस्य राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है।
विधानसभा चुनाव प्रक्रिया :
सबसे पहले तो आप यह ध्यान में रखें की विधानसभा
(assembly constituency) चुनाव भारत के राज्यों में कराए जाने वाले राज्य-स्तरीय चुनाव हैं। इन चुनावों में हर राज्य की जनता अपने राज्य-स्तर के शासन के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है जिन्हें विधायक कहा जाता है। यहाँ आम चुनावों से अलग इन चुनावों में चुने हुए विधायक राज्य-स्तर पर सरकार का गठन करते हैं।
आपको बता दे की प्रत्येक विधान सभा का कार्यकाल पाँच वर्षों का होता है जिसके बाद दोबारा चुनाव होता है। हालाँकि यहाँ आपातकाल के दौरान, इसके सत्र को बढ़ाया जा सकता है या इसे भंग किया जा सकता है।
इसका मतलब ये हुआ की विधान सभा
(how many legislative assembly in india) का एक सत्र वैसे तो पाँच वर्षों का होता है। लेकिन मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्यपाल द्वारा इसे पाँच साल से पहले भी भंग किया जा सकता है। विधानसभा का सत्र आपातकाल के दौरान बढ़ाया जा सकता है लेकिन एक समय में केवल छः महीनों के लिए।
वैसे राज्य विधानसभा चुनाव कराने की जिम्मेदारी केन्द्रीय चुनाव आयोग की होती है। जैसा की हमने ऊपर बताया की विधानसभा चुनाव का आयोजन निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल में किया जाता है, हालाँकि राज्यों के आकार और जनसँख्या के आधार पर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग विधानसभा सीटें हैं और इन्ही विधानसभा सीटों से राष्ट्रीय पार्टियों, क्षेत्रीय पार्टी और निर्दलीय पार्टियों के प्रतिनिधि चुनाव में भाग लेते है।
विधायक बनने के लिए योग्यता :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको किसी भी व्यक्ति को विधायक बनने के लिए क्या - क्या योग्यता जरूरी ये बता रहे है, जो इस प्रकार है...
उम्मीदवार को भारत का नागरिक होना चाहिए। उम्मीदवार की आयु 25 वर्ष और उससे ज्यादा होनी चाहिए। लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार, उम्मीदवार को उस राज्य में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए जहाँ का वह प्रतिनिधित्व कर रहा है। उम्मीदवार को भारत सरकार के तहत किसी भी लाभ पद पर नहीं होना चाहिए। उम्मीदवार मानसिक रूप से ठीक होना चाहिए। लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में बताया गया है कि यदि कोई भी विधायक दोषी पाया जाता है और अदालत द्वारा दोषी ठहराया जाता है तो उसे उस पद से हटाया जा सकता है।विधानसभा के कार्य एवं शक्तियाँ :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको विधानसभा के कार्य एवं शक्तियों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है....
विधायी शक्तियां वित्तीय विषयों पर शक्तियां कार्यपालिका नियंत्रण शक्तियां निर्वाचन संबंधी शक्तियांकुल मिलाकर देखें तो जिन राज्यों में विधान मंडल
(state legislative assembly in hindi) एक सदन है वहां पर विधानमंडल की सभी शक्तियों का प्रयोग विधानसभा द्वारा किया जाता है तथा जिन राज्यों में विधान मंडल दो सदनीय है वहां पर भी विधानसभा अधिक प्रभावशाली है।
चुनाव की जरूरत क्यों है?
किसी भी लोकतान्त्रिक देश में जिसमें लोग अपना शासक प्रतिनिधि चुनते है वह बिना चुनाव के कैसे संभव है। चुनाव का सीधा सा अर्थ है चयन करना। अब बिना चुनाव के कोई अपने प्रतिनिधि का चयन कैसे करेगा। चुनाव की प्रक्रिया या विधि कुछ भी हो सकती है। पर जहा शासक का चुनाव होता है वहीं लोकतांत्रिक सरकार है।
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