Bikaner Sthapanaa Diwas बीकानेर स्थापना दिवस

बीकानेर स्थापना दिवस



GkExams on 22-05-2022


सही उत्तर : अक्षय तृतीया के दिन


आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की विक्रम संवत 1543 में अक्षय तृतीया के दिन (bikaner established date) राव बीकाजी ने बीकानेर नगर की स्थापना की थी। इतिहासकार बताते है की एक ताने के चलते यह शहर बसा दिया गया था। राव बीका अपने चाचा से जोधपुर दरबार में बैठकर किसी बात पर चर्चा कर रहे थे और इसी दौरान जोधपुर के महाराजा ने उन्हें ताना देते हुए कहा कि चाचा भतीजा इतनी गंभीर चर्चा कर रहे हो क्या कोई नया शहर बसा रहे हो।


बस बस यही बात राव बीकाजी के मन मे बैठ गई और उन्होंने रास्ता तय किया और तब जांगल प्रदेश पहुंचे और मां करणी के आशीर्वाद से बीकानेर की स्थापना हुई। इसका मतलब है कि सन 1545 में वैशाख महीने में शनिवार के दिन राव बीकाजी ने बीकानेर की स्थापना की।


बीकानेर का नक्शा :


Bikaner-Sthapanaa-Diwas


उपरोक्त तस्वीर से आप बीकानेर का नक़्शे को समझ सकते है।


बीकानेर जिले के बारें में :




बीकानेर राज्य के उत्तर में वहाबलपुर (पाकिस्तान), दक्षिण-पश्चिम में जैसलमेर, दक्षिण में जोधपुर, दक्षिण-पूर्व में लोहारु व हिसार जिला एवं उत्तर पूर्व में फिरोजपुर जिले से घिरी हुई थी। ध्यान रहे की बीकानेर शैली (famous art of rajasthan) के प्रारंभिक चित्र महाराजा राय सिंह के समय चित्रित भागवत् पुराण के माने जाते हैं।


राजा राय सिंह अकबर का बहादुर सेनापति था तथा उसने मुगलों की ओर से कई लड़ाईयाँ लड़ी थी। मुगल दरबार में उसका सम्मान था तथा उसने अपनी पुत्री की शादी शहजादा सलीम से कर मुगल दरबार से संबंध सुदृढ़ किए।


बीकानेर चित्रशैली की विशेषताएँ :




यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको बीकानेर चित्रशैली की विशेषताओं (rajasthan art and culture book) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • इस शैली की सबसे प्रमुख विशेषता है मुस्लिम कलाकारों द्वारा हिन्दू धर्म से सम्बन्धित एवं पौराणिक विषयों पर चित्रांकन करना।
  • यहाँ भवनों के गुम्बदों को विशेष रुप से चित्रित किया गया है।
  • व्यक्ति चित्रों में टीलों का प्रतीकात्मक अंकन है। चित्रों की पृष्ठभूमि का अंकन कोमल एवं वातावरण के अनुसार परिप्रेक्ष्य का चित्रांकन किया गया है। शाल भंजिका चित्रों में वृक्षों एवं मानव आकृतियों में अधिक लोच व आकर्षण है।
  • बीकानेर शैली में सर्वाधिक चित्र चित्रकारों के नाम संवत् के साथ बनाए गए हैं।
  • इस शैली के चित्रों में लघु चित्र एवं भित्ति चित्र दोनों का समान अंकन हुआ है।
  • बीकानेर शैली में रेखाओं की गत्यात्मकता, कोमलांकन एवं बारीक रेखांकन दर्शनीय है। रेखाओं का संयोजन प्रभावशाली है।
  • बीकानेर शैली की मानवकृतियाँ जोधपुर की ही परंपरा पर लंबे कद की है, जिनके सिर पर खिड़कियाँ, पगड़ी, तुर्रे लगे निर्मित है। चेहरा भूरा, मूछों से ढका हुआ, भारी मांसल शरीर, विशाल वक्ष पर मोतियों की कंठी, नीचे जामा, कमर में कटार दुपट्टे में रखी बनाई गई है।






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    Comments Rahul kumar on 29-11-2020

    Bikaner Divas kab Manaya jata h





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