Mantri Parishad Ka Gathan मंत्री परिषद का गठन

मंत्री परिषद का गठन



Pradeep Chawla on 21-10-2018

भारतीय संविधान में मंत्रिपरिषद के संगठन के विषय में अधिक चर्चा नहीं की गई है. केवल इतना ही कहा गया है कि राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा. प्रधानमन्त्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा और उसके परामर्श से मंत्रिपरिषद व अन्य सदस्यों की नियुक्ति होगी. परन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि व्यवहार में राष्ट्रपति अपनी स्वेच्छा से प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर सकता है. वास्तव में लोकसभा के बहुमत दल का नेता ही मंत्रिपरिषद के गठन के लिए राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित किया जाता है. यदि यह ठीक प्रकार से स्पष्ट नहीं हो रहा कि बहुमत किस दल का है तो राष्ट्रपति अपनी इच्छा के अनुकूल व्यक्ति को मंत्रिपरिषद के निर्माण के लिए आमंत्रित कर सकता है. परन्तु इस स्थिति में भी राष्ट्रपति के अधिकार सीमित होते हैं.


राष्ट्रपति बहुमत दल के नेता को मंत्रिपरिषद बनाने के लिए आमंत्रित करता है और उसके बाद भावी प्रधानमंत्री अपने साथियों का चुनाव करता है. प्रधानमंत्री अपने साथियों का चुनाव करने में पूर्णतः स्वतंत्र होता है. वह किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद के लिए चुन सकता है. अपने सहयोगियों का चुनाव करने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को उनकी नामावली भेज देता है. पर यदि राष्ट्रपति उस नामावली से किसी प्रकार से भी सहमत नहीं है तो वह पुनर्विचार के लिए प्रधानमंत्री को इस बात को लेकर सूचित करता है. परन्तु प्रधानमंत्री इस बात के लिए बाध्य नहीं होता कि वह राष्ट्रिपति की राय मान ले. यदि प्रधानमंत्री चाहे तो किसी ऐसे व्यक्ति को भी मंत्रिपरिषद में चुन सकता है जो संसद का सदस्य ही न हो. परन्तु मंत्री नियुक्त होने के 6 महीने के भीतर उस व्यक्ति को संसद के किसी न किसी सदन का सदन अवश्य ही बनना पड़ता है.

संविधान में यह उल्लेख है कि राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह प्रधानमंत्री को अपने पद से हटा दे. परन्तु व्यवहार में राष्ट्रपति के लिए यह संभव नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री और उसकी मंत्रिपरिषद मुख्य रूप से संसद के प्रति उत्तरदायी होती है. यदि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को पदच्युत करता है तो एक बड़ा भारी वैधानिक संकट उत्पन्न हो जायेगा और राष्ट्रपति के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसलिए राष्ट्रपति इस तरह का कार्य नहीं करता.

मंत्री पद के लिए योग्यता

मंत्रि पद के लिए कोई शैक्षिक योग्यता अनिवार्य नहीं रखी गई है. भारत के किसी भी नागरिक को मंत्री नियुक्त किया जा सकता है. साधारनतया यह देखा जाता है कि संसद के सदस्यों में से ही मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं, परन्तु उनके लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह 6 मास के अन्दर संसद के सदस्य अवश्य बन जाएँ अन्यथा उन्हें अपने पद का परित्याग करना पड़ता है. इस व्यवस्था का उद्देश्य यह है कि लोकप्रिय व्यक्ति ही मंत्री बन सके जिससे कि शासन का सञ्चालन सुचारू रूप से हो सके.

मंत्रियों के विभिन्न प्रकार

मंत्रिपरिषद के विभिन्न सदस्यों के महत्त्व को दृष्टि में रखते हुए मंत्रियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है –

  1. कैबिनेट मंत्री (Cabinet Ministers) – ये मंत्रिपरिषद की प्रत्येक बैठक में भाग लेकर अपनी राय प्रकट करते हैं.
  2. राज्य मंत्री (State Ministers)
  3. उपमंत्री (Deputy Ministers)

राज्य मंत्री और उपमंत्री मंत्रिपरिषद की रोजमर्रा की बैठकों में भाग नहीं लेते. उन्हें मंत्रिपरिषद की बैठक में तभी बुलाया जाता है जब उनके विभाग के कार्यों की जाँच पड़ताल की जाती है या सामूहिक कार्य की योजना बनाई जाती है. राज्य मंत्री और उपमंत्री कैबिनेट मंत्री को देख-रेख में कार्य करते हैं.

प्रमुख मंत्रालय

भारत सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के नाम इस प्रकार से हैं – गृह, वित्त, रक्षा, खाद्य और कृषि, शिक्षा, परिवहन और संचार, कानून, रेल, सूचना और ब्राडकास्टिंग आदि. इनमें से प्रत्येक मंत्रालय किसी न किसी मंत्री के अधीन अवश्य ही रहता है.

पद की शपथ

“मैं …(अमुक) ईश्वर की शपथ लेता हूँ या सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखूँगा. संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्त्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अन्तः करण से पालन करूँगा, तथा भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना मैं सब प्रकार के लोगों के प्रति संविधान के अनुसार न्याय करूँगा.”

मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते

मंत्रियों को वेतन एवं भत्ते आदि निर्धारित करने का अधिकार संसद को प्रदान किया गया है. समय-समय पर संसद मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते निर्धारित कर सकती है. संसद इनके वेतन एवं भत्ते को बढ़ा भी सकती है और घटा भी सकती है. मंत्रियों को रहने के लिए बंगला और फर्नीचर प्रदान किया जाता है और उनकी सुख-सुविधा का ध्यान रखा जाता है. वैसे अभी के समय मंत्रियों का वेतन Rs.50,000 प्रति माह है, निर्वाचन क्षेत्र का भत्ते के रुप में उन्हें Rs.45,000 मिलता है. ऑफिस के खर्च के लिए उन्हें Rs. 15, 000 मिलता है और Rs.30,000 सचिवालय सहायता के नाम पर मिलता है. ऊपर से उन्हें Rs. 2000 का रोजाना भत्ता मिलता है. मंत्रियों को 34 flight trips के लिए छूट मिलती है और रेल और सड़क यात्रा असीमित रूप से बिना खर्च किये कर सकते हैं.






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Qus...Rajya Mantri Parishad Ka gathan Kaun karta hai
Ans.. rajyapal

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Mera paper 17 tarikh ko tha mene 70 questions kare the mera number ajye ga


Dikshu on 09-11-2022

Mantri Parishad ka ghadhan

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Rahul

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Mantri paresad ke bathko ke adekhsakta kon karta hai

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Mantriparishad me sirf ek hi mantri sja kb paata h


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Pradhan mantri ko mantari parishad ka gathan krna ha wah kya krega

Shivani kartikey on 25-04-2021

Rajy mantriparisad ke gathan



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