ध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को भारत का एक नया राज्य बना। छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्र 135,191 वर्ग किमी है जो कि मध्य प्रदेश का सिर्फ 30 प्रतिशत है। इस नए राज्य की मांग सन् 1924 में रायपुर जिला कांग्रेस की बैठक से उठी थी, जहां अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का विचार रखा गया था। इस बैठक में आए नेताओं का विचार था कि छत्तीसगढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रुप से मध्य प्रदेश से बहुत अलग है।
इस राज्य की राजधानी रायपुर है और इसका उच्च न्यायालय बिलासपुर में है। छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं।
छत्तीसगढ़ की विधान सभा में 90 सदस्य हैं। इस राज्य से 11 सदस्य लोक सभा और पांच सदस्य राज्य सभा में जाते हैं।
छत्तीसगढ़ का इतिहास
छत्तीसगढ़ का पहले नाम दक्षिण कोशल था और इसका इतिहास 4 शताब्दी ईस्वी तक पुराना है। इसका पौराणिक इतिहास रामायण और महाभारत काल तक से जुड़ा है। हैहय राजवंश ने छत्तीसगढ़ पर 14वीं सदी के आसपास लगभग छह सदियों तक राज किया। मध्य युग में चालुक्य साम्राज्य ने खुद को बस्तर में स्थापित किया। अन्नमदेव नाम के पहले चालुक्य शासक थे, जिन्होंने सन् 1320 में बस्तर में राजवंश स्थापित किया। सन् 1741 में मराठों ने हैहय शासकों से यह राजवंश छीन लिया। मराठों ने राज्य जीतने के बाद वर्ष 1745 में रतनपुर घराने के अंतिम वंशज रघुनाथ सिंह जी को क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर किया। आखिरकार सन् 1758 में मराठों ने छत्तीसगढ़ पर विजय हासिल की और बिंबाजी भोंसले को शासक घोषित किया गया। बिंबाजी भोंसले के देहांत के बाद मराठों ने सूबा प्रणाली का पालन करना शुरु कर दिया। यह वो दौर था जब सब तरफ अशांति और कुशासन था। मराठा सेना ने तब बड़े पैमाने पर लूट पाट की थी।
भूगोल
छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण मध्य प्रदेश के उन 16 जिलों को मिला कर किया गया जो भाषाई बाधा के आधार पर मजबूती से जुड़े थे। हालांकि बाद में इसमें और जिले जोड़े गए और अब यहां कुल 27 जिले हैं। यह राज्य नई सहस्त्राब्दी में 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। मध्य प्रदेश के अलाबा छत्तीसगढ़ के अन्य पडोसी राज्य है उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, ओडिसा , महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्र अनुमानित तौर पर 135,191 वर्ग किमी है। छत्तीसगढ़ का विस्तार उत्तर में 17˚46‘ से 24˚05‘ अक्षंाशीय और पूर्व में 80˚15 से 84˚20‘ तक अधोमुखी है। राज्य का वनक्षेत्र 44 प्रतिशत है, जो यहां की विभिन्न टोपोग्राफी को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ में भारत के कुल वन क्षेत्र का लगभग 12 प्रतिशत है, जिससे इसकी विशाल जैवविविधता का पता चलता है और यह इमारती लकड़ी और विभिन्न वन्य प्रजातियों से समृद्ध है।
छत्तीसगढ़ की जनसंख्या
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ की आबादी लगभग 2.55 करोड़ है। राज्य की जनसंख्या घनी है और यह 189 प्रति वर्ग किमी है। इसके चार मुख्य जिले रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बिलासपुर हैं, जिनमें राज्य की अधिकतम आबादी रहती है। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जिलों में शहरों से ज्यादा आबादी रहती है। हालांकि पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों ने अच्छी नौकरी और बेहतर जीवन के लिए शहरों की ओर पलायन किया है। औद्योगीकरण की कमी के चलते छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिले कृषि पर निर्भर हैं।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था
यह नवगठित राज्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। इसका वन राजस्व राज्य के कुल वन राजस्व का 44 प्रतिशत है। यहां चूना पत्थर, लौह-अयस्क, तांबा अयस्क, राॅक फाॅस्फेट, मैंगनीज़ अयस्क, बाॅक्साइट, कोयला, एस्बस्टस और माइका का प्रचुर भंडार है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से घिरे इस राज्य में कृषि लोगों की मुख्य गतिविधि है। यहां की 80 प्रतिशत आबादी कृषि करती है। छत्तीसगढ़ को भारत का धान का कटोरा भी कहा जाता है और यहां से 600 चावल मिलों को आपूर्ति की जाती है। स्टील और बिजली राज्य के प्रमुख उद्योग हैं। देश का 15 प्रतिशत स्टील छत्तीसगढ़ में उत्पादित होता है।
सरकार और राजनीति
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बँटवारे की प्रक्रिया शांतिपूर्ण थी पर फिर भी जातीय आधार पर अलग राज्य की मांग ने भारत के इतिहास में नए अध्याय जोड़े। इस वजह से ही देश में नए राज्यों का गठन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया। छत्तीसगढ़ सरकार के विधायी प्रमुख राज्यपाल और कार्यकारी प्रधान मुख्यमंत्री हैं।
वन्यजीव अभयारण्य
छत्तीसगढ़ के वन्यजीव अभयारण्यों की वजह से यह भारत का महत्वपूर्ण पयर्टन केन्द्र है। छत्तीसगढ़ में तीन राष्ट्रीय उद्यान और 11 वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो इसे अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता देते हैं और वनस्पतियों से समृद्ध बनाते हैं। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। यहां कई वन्यजीव अभयारण्य हैं, जैसे बरनावपारा वन्यजीव अभयारण्य, तैमूर पिंगला, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, पेम्ड, संजय राष्ट्रीय उद्यान, सेमरसोत, सीतानाड़ी वन्यजीव अभयारण्य, उदंति वन्यजीव अभयारण्य, अचानकुमार वन्यजीव अभयारण्य, बादलखोल, भैरामगढ़, गोमर्दा वन्यजीव अभयारण्य आदि।
लोग, संस्कृति और त्यौहार
मनमोहक छत्तीसगढ़ राज्य प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है और यहां शहरी और ग्रामीण जीवन का अद्भुत मिश्रण है। यह मध्य भारत की सांस्कृतिक भव्यता का केन्द्र है और ये यहां के लोगों, संस्कृति और त्यौहारों में झलकता है। यह राज्य मध्य प्रदेश के उन जिलों को जोड़ कर बना है जहां छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है। यहां ज्यादातर लोग आदिवासी हैं, जो हिंदी और छत्तीसगढ़ी बोलते हैं। ये लोग बहुत मेहनती हैं और खदानों और कारखानों में काम करते हैं। आदिवासी लोग बहुत प्रतिभाशाली और रचनात्मक होते हैं और उनकी यह विशेषता उनके पारंपरिक हस्तशिल्प में झलकती है।
भाषा
छत्तीसगढ़ की आधिकारिक भाषा हिंदी है। हालांकि राज्य की ज्यादातर आबादी छत्तीसगढ़ी बोलती है जो कि हिंदी की ही बोली है। छत्तीसगढ़ी भाषा की कई विशेषताएं हैं और इसकी शब्दावली मुंडा और द्रविड़ीयन से ली गई है। राज्य में कुछ लोग तेलगु भी बोलते हैं। उडि़या, भोजपुरी और कोसाली भी राज्य के कुछ भागों में बोली जाती है।
शिक्षा
छत्तीसगढ़ की साक्षरता दर 71 प्रतिशत है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई कार्यक्रम शुरु किए हैं। यहां कई सरकारी और निजी स्कूल हैं जो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल या सीआईएससीई से संबद्ध हैं। यहां कई विश्वविद्यालय हैं जो कई क्षेत्रों में उच्च शिक्षा देते हैं जैसे छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, सरगुजा विश्वविद्यालय आदि।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के कई आकर्षण हैं और यह तेजी से एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र के तौर पर विकसित हो रहा है। राज्य के मुख्य पर्यटन केन्द्र अमरकंटक, चित्रकूट, दूधधारीमठ, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जगदलपुर, बस्तर, दंतेश्वरी मंदिर आदि हैं।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के आकर्षण केन्द्र
चित्रकोट झरनाः
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले का चित्रकोट झरना प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। झरने की लंबाई 29 मीटर है। इसकी मुख्य बात यह है कि इसके पानी का रंग हर मौसम में बदलता है।
कांकेर
कांकेर छत्तीसगढ़ के ताज का खरा रत्न है। कांकेर एक निराला पुराना शहर है जिसमें अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता है। यह शहर लगभग 1,000 साल पुराना है। देश भर से लोग इस शहर के सुंदर जंगल, झरने और प्राकृतिक सुंदरता देखने आते हैं। कांकेर में एक प्राचीन महल भी है जो कि एक समय में यहां के राजघराने का था।
भोरमादेव
खजुराहो से अपनी समानता के लिए इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है। भोरमादेव मंदिर राज्य के कबीरधाम जिले में है। यह एक शिव मंदिर है और बाहरी भाग में मूर्तियों की सुंदर नक्काशी है।
गर्म पानी का झरना - तात पानी
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में तात पानी नाम का गर्म झरना है। माना जाता है कि इस झरने में कई औषधीय गुण हैं और यह सालभर बहता है।
परिवहन
छत्तीसगढ़ रेलवे, सड़क और हवाई माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा है।
रेल से
छत्तीसगढ़ में रेल से यात्रा करना बहुत आसान है। बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर छत्तीसगढ़ को लगभग हर बड़े शहर से जोड़ते हैं। राज्य के रेल नेटवर्क का केन्द्र बिलासपुर है क्योंकि यह दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे का जोनल मुख्यालय भी है।
सड़क से
पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के सड़क नेटवर्क में बहुत सुधार हुआ है। यहां कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग हैं, जो कि छत्तीसगढ़ को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले कुछ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग हैं: राष्ट्रीय राजमार्ग 6, राष्ट्रीय राजमार्ग 43, राष्ट्रीय राजमार्ग 78। राज्य में 11 राष्ट्रीय राजमार्ग है।
हवाई नेटवर्क
नया राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ का हवाई नेटवर्क कमजोर है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ही एकमात्र ऐसा शहर है जो हवाई मार्ग से जुड़ा है। रायपुर हवाई मार्ग से दिल्ली, मुंबई, जयपुर, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, अहमदाबाद, विशाखापत्तनम, हैदराबाद और बंगलौर से जुड़ा है।
ध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को भारत का एक नया राज्य बना। छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्र 135,191 वर्ग किमी है जो कि मध्य प्रदेश का सिर्फ 30 प्रतिशत है। इस नए राज्य की मांग सन् 1924 में रायपुर जिला कांग्रेस की बैठक से उठी थी, जहां अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का विचार रखा गया था। इस बैठक में आए नेताओं का विचार था कि छत्तीसगढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रुप से मध्य प्रदेश से बहुत अलग है।
इस राज्य की राजधानी रायपुर है और इसका उच्च न्यायालय बिलासपुर में है। छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं।
छत्तीसगढ़ की विधान सभा में 90 सदस्य हैं। इस राज्य से 11 सदस्य लोक सभा और पांच सदस्य राज्य सभा में जाते हैं।
छत्तीसगढ़ का इतिहास
छत्तीसगढ़ का पहले नाम दक्षिण कोशल था और इसका इतिहास 4 शताब्दी ईस्वी तक पुराना है। इसका पौराणिक इतिहास रामायण और महाभारत काल तक से जुड़ा है। हैहय राजवंश ने छत्तीसगढ़ पर 14वीं सदी के आसपास लगभग छह सदियों तक राज किया। मध्य युग में चालुक्य साम्राज्य ने खुद को बस्तर में स्थापित किया। अन्नमदेव नाम के पहले चालुक्य शासक थे, जिन्होंने सन् 1320 में बस्तर में राजवंश स्थापित किया। सन् 1741 में मराठों ने हैहय शासकों से यह राजवंश छीन लिया। मराठों ने राज्य जीतने के बाद वर्ष 1745 में रतनपुर घराने के अंतिम वंशज रघुनाथ सिंह जी को क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर किया। आखिरकार सन् 1758 में मराठों ने छत्तीसगढ़ पर विजय हासिल की और बिंबाजी भोंसले को शासक घोषित किया गया। बिंबाजी भोंसले के देहांत के बाद मराठों ने सूबा प्रणाली का पालन करना शुरु कर दिया। यह वो दौर था जब सब तरफ अशांति और कुशासन था। मराठा सेना ने तब बड़े पैमाने पर लूट पाट की थी।
भूगोल
छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण मध्य प्रदेश के उन 16 जिलों को मिला कर किया गया जो भाषाई बाधा के आधार पर मजबूती से जुड़े थे। हालांकि बाद में इसमें और जिले जोड़े गए और अब यहां कुल 27 जिले हैं। यह राज्य नई सहस्त्राब्दी में 1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। मध्य प्रदेश के अलाबा छत्तीसगढ़ के अन्य पडोसी राज्य है उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, ओडिसा , महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्र अनुमानित तौर पर 135,191 वर्ग किमी है। छत्तीसगढ़ का विस्तार उत्तर में 17˚46‘ से 24˚05‘ अक्षंाशीय और पूर्व में 80˚15 से 84˚20‘ तक अधोमुखी है। राज्य का वनक्षेत्र 44 प्रतिशत है, जो यहां की विभिन्न टोपोग्राफी को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ में भारत के कुल वन क्षेत्र का लगभग 12 प्रतिशत है, जिससे इसकी विशाल जैवविविधता का पता चलता है और यह इमारती लकड़ी और विभिन्न वन्य प्रजातियों से समृद्ध है।
छत्तीसगढ़ की जनसंख्या
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार छत्तीसगढ़ की आबादी लगभग 2.55 करोड़ है। राज्य की जनसंख्या घनी है और यह 189 प्रति वर्ग किमी है। इसके चार मुख्य जिले रायपुर, दुर्ग, सरगुजा और बिलासपुर हैं, जिनमें राज्य की अधिकतम आबादी रहती है। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण जिलों में शहरों से ज्यादा आबादी रहती है। हालांकि पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों ने अच्छी नौकरी और बेहतर जीवन के लिए शहरों की ओर पलायन किया है। औद्योगीकरण की कमी के चलते छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिले कृषि पर निर्भर हैं।
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था
यह नवगठित राज्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है। इसका वन राजस्व राज्य के कुल वन राजस्व का 44 प्रतिशत है। यहां चूना पत्थर, लौह-अयस्क, तांबा अयस्क, राॅक फाॅस्फेट, मैंगनीज़ अयस्क, बाॅक्साइट, कोयला, एस्बस्टस और माइका का प्रचुर भंडार है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से घिरे इस राज्य में कृषि लोगों की मुख्य गतिविधि है। यहां की 80 प्रतिशत आबादी कृषि करती है। छत्तीसगढ़ को भारत का धान का कटोरा भी कहा जाता है और यहां से 600 चावल मिलों को आपूर्ति की जाती है। स्टील और बिजली राज्य के प्रमुख उद्योग हैं। देश का 15 प्रतिशत स्टील छत्तीसगढ़ में उत्पादित होता है।
सरकार और राजनीति
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बँटवारे की प्रक्रिया शांतिपूर्ण थी पर फिर भी जातीय आधार पर अलग राज्य की मांग ने भारत के इतिहास में नए अध्याय जोड़े। इस वजह से ही देश में नए राज्यों का गठन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया। छत्तीसगढ़ सरकार के विधायी प्रमुख राज्यपाल और कार्यकारी प्रधान मुख्यमंत्री हैं।
वन्यजीव अभयारण्य
छत्तीसगढ़ के वन्यजीव अभयारण्यों की वजह से यह भारत का महत्वपूर्ण पयर्टन केन्द्र है। छत्तीसगढ़ में तीन राष्ट्रीय उद्यान और 11 वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो इसे अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता देते हैं और वनस्पतियों से समृद्ध बनाते हैं। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। यहां कई वन्यजीव अभयारण्य हैं, जैसे बरनावपारा वन्यजीव अभयारण्य, तैमूर पिंगला, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, पेम्ड, संजय राष्ट्रीय उद्यान, सेमरसोत, सीतानाड़ी वन्यजीव अभयारण्य, उदंति वन्यजीव अभयारण्य, अचानकुमार वन्यजीव अभयारण्य, बादलखोल, भैरामगढ़, गोमर्दा वन्यजीव अभयारण्य आदि।
लोग, संस्कृति और त्यौहार
मनमोहक छत्तीसगढ़ राज्य प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है और यहां शहरी और ग्रामीण जीवन का अद्भुत मिश्रण है। यह मध्य भारत की सांस्कृतिक भव्यता का केन्द्र है और ये यहां के लोगों, संस्कृति और त्यौहारों में झलकता है। यह राज्य मध्य प्रदेश के उन जिलों को जोड़ कर बना है जहां छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है। यहां ज्यादातर लोग आदिवासी हैं, जो हिंदी और छत्तीसगढ़ी बोलते हैं। ये लोग बहुत मेहनती हैं और खदानों और कारखानों में काम करते हैं। आदिवासी लोग बहुत प्रतिभाशाली और रचनात्मक होते हैं और उनकी यह विशेषता उनके पारंपरिक हस्तशिल्प में झलकती है।
भाषा
छत्तीसगढ़ की आधिकारिक भाषा हिंदी है। हालांकि राज्य की ज्यादातर आबादी छत्तीसगढ़ी बोलती है जो कि हिंदी की ही बोली है। छत्तीसगढ़ी भाषा की कई विशेषताएं हैं और इसकी शब्दावली मुंडा और द्रविड़ीयन से ली गई है। राज्य में कुछ लोग तेलगु भी बोलते हैं। उडि़या, भोजपुरी और कोसाली भी राज्य के कुछ भागों में बोली जाती है।
शिक्षा
छत्तीसगढ़ की साक्षरता दर 71 प्रतिशत है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई कार्यक्रम शुरु किए हैं। यहां कई सरकारी और निजी स्कूल हैं जो छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल या सीआईएससीई से संबद्ध हैं। यहां कई विश्वविद्यालय हैं जो कई क्षेत्रों में उच्च शिक्षा देते हैं जैसे छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, सरगुजा विश्वविद्यालय आदि।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के कई आकर्षण हैं और यह तेजी से एक महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र के तौर पर विकसित हो रहा है। राज्य के मुख्य पर्यटन केन्द्र अमरकंटक, चित्रकूट, दूधधारीमठ, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जगदलपुर, बस्तर, दंतेश्वरी मंदिर आदि हैं।
छत्तीसगढ़ में पर्यटन के आकर्षण केन्द्र
चित्रकोट झरनाः
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले का चित्रकोट झरना प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। झरने की लंबाई 29 मीटर है। इसकी मुख्य बात यह है कि इसके पानी का रंग हर मौसम में बदलता है।
कांकेर
कांकेर छत्तीसगढ़ के ताज का खरा रत्न है। कांकेर एक निराला पुराना शहर है जिसमें अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता है। यह शहर लगभग 1,000 साल पुराना है। देश भर से लोग इस शहर के सुंदर जंगल, झरने और प्राकृतिक सुंदरता देखने आते हैं। कांकेर में एक प्राचीन महल भी है जो कि एक समय में यहां के राजघराने का था।
भोरमादेव
खजुराहो से अपनी समानता के लिए इसे छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है। भोरमादेव मंदिर राज्य के कबीरधाम जिले में है। यह एक शिव मंदिर है और बाहरी भाग में मूर्तियों की सुंदर नक्काशी है।
गर्म पानी का झरना - तात पानी
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में तात पानी नाम का गर्म झरना है। माना जाता है कि इस झरने में कई औषधीय गुण हैं और यह सालभर बहता है।
परिवहन
छत्तीसगढ़ रेलवे, सड़क और हवाई माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा है।
रेल से
छत्तीसगढ़ में रेल से यात्रा करना बहुत आसान है। बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर छत्तीसगढ़ को लगभग हर बड़े शहर से जोड़ते हैं। राज्य के रेल नेटवर्क का केन्द्र बिलासपुर है क्योंकि यह दक्षिण पूर्वी मध्य रेलवे का जोनल मुख्यालय भी है।
सड़क से
पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ के सड़क नेटवर्क में बहुत सुधार हुआ है। यहां कई राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग हैं, जो कि छत्तीसगढ़ को भारत के अन्य हिस्सों से जोड़ते हैं। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले कुछ प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग हैं: राष्ट्रीय राजमार्ग 6, राष्ट्रीय राजमार्ग 43, राष्ट्रीय राजमार्ग 78। राज्य में 11 राष्ट्रीय राजमार्ग है।
हवाई नेटवर्क
नया राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ का हवाई नेटवर्क कमजोर है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ही एकमात्र ऐसा शहर है जो हवाई मार्ग से जुड़ा है। रायपुर हवाई मार्ग से दिल्ली, मुंबई, जयपुर, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, अहमदाबाद, विशाखापत्तनम, हैदराबाद और बंगलौर से जुड़ा है।
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Mor c.g per nibadh
Nice
Question is why bastar is very dangerous place
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डोमकच लोकनतय
Jai chhattisgarh
Cg me kitne dipti calecter kary rt h vartman me
very nice
Chhattisgarh rajya aur kisan per nibandh likhiye
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