Rajasthan Ki Visheshta राजस्थान की विशेषता

राजस्थान की विशेषता



GkExams on 27-11-2022


राजस्थान की विशेषता : राजस्थान कला एवं संस्कृति (art of rajasthan) की पूरी दुनिया में एक अलग पहचान है। यहां के लोक देवी देवता, राजस्थान के मंदिर, धर्म सम्प्रदाय, लोक नृत्य आदि को देखने एवं जानने दूर देशो से सैलानी (art and culture of rajasthan in hindi) आते रहते है।

Rajasthan-Ki-Visheshta


लोक नाट्य कलाएँ :




ख्याल :




इसका शाब्दिक अर्थ हैं खेल-तमाशा। इसका प्रारम्भ अठारहवी शताब्दी से माना जाता हैं। राजस्थान में लोकनाट्य की सबसे लोकप्रिय विद्या ख्याल हैं।


रम्मत :


बीकानेर व जैसलमेर की प्रसिद्ध हैं। रम्मत खेलने वालों को खेलार और रम्मतिये कहते हैं। ‘‘स्वतन्त्र बावनी की रम्मत’’ प्रसिद्ध हैं। पाटा संस्कृति बीकानेर की देन है। रम्मत का मूल स्थान जैसलमेर है,यंहा तेज कवि ने स्वतंत्रता बावनी, मूमल, छेले, भर्तहरि, तम्बोलन आदि रम्मतों को लोकप्रिय बनाया। रम्मत खेलते समय नगाड़े व ढ़ोलक बजाते हैं।


तमाशा :


यह जयपुर का प्रसिद्ध हैं। महाराजा सवाई प्रतापसिंह के समय इसका प्रारम्भ जयपुर से हुआ था। तमाशा खुले मंच पर होता है।


स्वांग :


यह होली के अवसर पर खेले जाते हैं। इसका प्रारम्भ 13 वी 14 वीं शताब्दी में हुआ था। स्वांग रचने वाले कों स्वांगिया या बहरूपिया कहते हैं।


गवरी :


भीलों का लोकनृत्य हैं जो नाटिका के रूप में मंचित किया जाता हैं। गवरी को मरू नाट्य के नाम से भी जाना जाता हैं।


नौटंकी :


राजस्थान के पूर्वी भाग भरतपुर, धौलपुर, अलवर, करौली की प्रसिद्ध हैं। राजस्थान में नोटकी को प्रसिद करने का श्रेय डींग के भूरेलाल को है। इसमें नौ प्रकार के वाद्य यंत्र बजते हैं। ढ़ोलक व सारंगी प्रमुख होते हैं।


भवाई :


भवाई व्यावसायिक लोकनाट्य है इस लोक नृत्य को लोक नाटक के रूप में खेला जाता हैं। इसके जन्मदाता वाघाजी थे, गुजरात के छटे क्षेत्रो में भवाई जाति द्वारा यह नाट्य प्रस्तुत किया जाता है।


लीलाए :


श्री कृष्ण से समन्धित रास लीलाओ का प्रमुख केंद्र फुलेरा(जयपुर) है। और श्री राम से समन्धित लीलाओ के लिए बिसाऊ (मूकाभिनय),पाटूदा व भरतपुर प्रसिद है।


राजस्थानी वेशभूषा :




यहाँ महिलाओं द्वारा कटकी/ पावली भांत की ओढ़नी, जाम साई, नादंणा, रेनसाई, सिंदरी, पिरिया, तिलका, कछाबू, कवर जोड़, बाला चुनड़ी, पोमचा, चीड़/चीढ़ का पोमचा आदि पहना या ओढा जाता है। इसके अलावा पुरुषो द्वारा अंगरखी/ बुगतरी, ठेपाड़ा/ढेपाड़ा, पोत्या, खोयतू/खयोतू आदि पहना जाता है।


राजस्थान के लोकवाद्य यन्त्र :




तत् वाद्य यन्त्र :


इनमे सारंगी (यह तत वाद्य में सर्वश्रेष्ठ है) रावणहत्था, जंतर, इकतारा, भपंग(अलवर के जहूर खान मेवाती को भपंग का जादूगर कहते है), कामायचा, दुकाका, सुरिंदा, रवाज, रबाब, चिकारा, अपंग, सुरमंडल, तन्दुरा, कमठ, निशान, केनरा आदि होते है।


सुषिर वाद्य :




इनमे बांसुरी, अलगोजा, पुंगी, शहनाई(यह सुषिर वाद्य यंत्रों में सर्वश्रेष्ठ और मांगलिक वाद्य यंत्र है) सतारा, करणा, मशक, मोरचंग, तुरही, सुरणाई, नड़,नागफनी आदि होते है।


अवनद वाद्य :




इनमे मृदंग (पखावज), मांदल, ढोलक, नोबत, नगाड़ा, खँजरी, चंग, ढप, डप, चंगड़ी, दमामा, डपड़ी, ढोल, ताशा , माठ, डेरु, ढाक आदि होते है।


घन वाद्य :


इनमे मंजीरा, झांझ, झालर, खड़ताल, श्रीमण्डल, रमझोल, भरनी, टोकरियां, चिमटा, ताल ,घण्टा, हांकल आदि होते है।

राजस्थान में पर्यटन :




राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहाँ पर पुरानी संस्कृति आज भी मौजूद है चाहे वह इंसानों में हो या चीजों में आज भी वह मौजूद ही है। इसी तरह पुराने स्थल (Tourism In Rajasthan) जो आज के समय में जहाँ पुरे वर्ष में सैकड़ों लोग उन्हें देखने आते है उनकी तो बात ही निराली है।


यहाँ की ख़ास बात यह है की राजस्थान के लोग बोल चाल के अच्छे होते है। और किसी भी अतिथि का ऐसा सम्मान करते है जिसे वह जिंदगी भर याद रखता है। और फिर से राजस्थान आने के बारें में विचार करता है।


राजस्थान पर्यटन स्थलों का नक्शा :




Rajasthan-Ki-Visheshta


उपरोक्त तस्वीर के माध्यम से आप राजस्थान के पर्यटन स्थलों का नक्शा (Rajasthan Travel Map In Hindi) समझ सकते है।


राजस्थान के प्रसिद्ध स्थान :




यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा राजस्थान के प्रसिद्ध स्थानों की सूची बता रहे है, जिनके बारें में आप जानकर इन्हें घुमने के लिए आ सकते है...


  • जयपुर : हवा महल, आमेर किला, जंतर-मंतर, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, चोखी धानी, अल्बर्ट हॉल म्यूज़ियम व बिरला मंदिर आदि।
  • जोधपुर : मेहरनगढ़ किला
  • जैसलमेर : जैन मंदिर, राष्ट्रीय उद्यान, गदीसर झील, बड़ा बाग आदि।
  • उदयपुर : सज्जनगढ़ किला, फतह सागर झील, विंटेज कार म्यूज़ियम, इकलिंग्जी मंदिर, दूध तलाई म्यूज़िकल गार्डन, जैसामंद झील आदि।
  • माउंट आबू : दिलवारा मंदिर और नक्की झील इत्यादि प्रसिद्द है।
  • अजमेर : ख्वाजा मुईनुद्दीन चिशती की दरगाह


  • Pradeep Chawla on 14-09-2018


    Check link below -


    http://ignca.nic.in/coilnet/rj015.htm


    Comments Taran on 05-12-2023

    Rajasthan ki Ek visheshta btae

    Jidnya on 29-11-2023

    rasasthan ki visesta

    Y. J. on 17-11-2023

    राजस्थान की विशेषताएं


    pagal on 10-10-2023

    ksjjh

    Surendra Mehra on 20-03-2023

    Rajsathan ki visesta

    Manisha on 26-12-2022

    Rajasthan ki vishesta

    Rajasthan ki visheshtaye on 30-07-2021

    Rajasthan ki visheshtaye




    Rampal nayak on 24-05-2020

    Rajasthan me first train kab chalayi



    नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

    Labels: , , , , ,
    अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






    Register to Comment