Shwasochhwas Ki Prakriya श्वासोच्छवास की प्रक्रिया

श्वासोच्छवास की प्रक्रिया



Pradeep Chawla on 14-10-2018

श्‍वसन की प्रक्रिया को चार भागों में बांटा जा सकता है:


बाह्य श्‍वसनगैसों का परिवहनआंतरिक श्‍वसनकोशिकीय श्‍वसन


1. बाह्य श्‍वसन: इसे दो भागों में बांटा जा सकता है


(a) श्‍वासोच्‍छवास,


(b) गैसों का विनिमय


श्‍वासोच्‍छवास की क्रिया-विधि-


वायु को अंदर लेने और फेफड़ों द्वारा इसे बाहर निकालने की क्रिया को श्‍वासोच्‍छवास कहते हैं।


निश्‍वसन:


इस अवस्‍था में वायु वातावरण से वायु-पथ द्वारा फेफड़ें में प्रवेश करती है, जिससे वक्ष गुहा का आयतन बढ़ जाता है और फेफड़ों में एक निम्‍न दाब के केन्‍द्र का निर्माण होता है और वायु वातावरण से फेफड़ों में प्रवेश करती है। हवा का यह प्रवाह तब तक बना रहता है, जब तक वायु का दाब शरीर के भीतर और बाहर बराबर न हो जाए।


उच्‍छश्‍वसन: इस प्रक्रिया में वायु फेफड़ों से बाहर आती है।


गैसों का विनिमय:


गैसों का विनिमय फेफड़ों के अंदर होता है। गैसों का विनिमय प्रवणता संकेन्‍द्रता के आधार पर साधारण विसरण माध्‍यम से पूर्ण होता है।ऑक्‍सीजन और कार्बन डाई ऑक्‍साइड मे विनिमय उनके आंशिक दवाब में अंतर के कारण होता है।


2. गैसों का परिवहन:


ऑक्‍सीजन का फेंफड़े से कोशिका की ओर परिवहन एवं कार्बन डाई ऑक्‍साइड का फेंफड़े से कोशिका की ओर परिवहन की प्रक्रिया को गैसों का परिवहन कहते हैं।गैसों का परिवहन रक्‍त के माध्‍यम से होता है।


(i) प्‍लाजमा के साथ घुलकर: कार्बन डाई ऑक्‍साइड प्‍लाजमा के साथ घुलकर कार्बोनिक अम्‍ल बनाती है। इस रूप में 7% कार्बन डाई ऑक्‍साइड का परिवहन होता है।


(ii) बाई कार्बोनेट के रूप में – कार्बन डाई ऑक्‍साइड की 70% भाग का परिवहन इस रूप में होता है। यह रक्‍त में उपस्थित पोटैशियम और सोडियम के साथ घुलकर पोटैशियम बाईकार्बोनेट और सेाडियम बाईकार्बोनेट बनाती है।


3. आंतरिक श्‍वसन


शरीर के भीतर, रक्‍त और ऊत्‍तक द्रव्‍य के मध्‍य होने वाले गैसीय विनिमय को आंतरिक श्‍वसन कहते हैं।


4. कोशिकीय श्‍वसन : ग्‍लूकोज के ऑक्‍सीकरण की प्रक्रिया को कोशिकीय श्‍वसन कहते हैं।


श्‍वसन के प्रकार: श्‍वसन दो प्रकार का होता है, जैसे अनॉक्‍सी श्‍वसन और ऑक्‍सी श्‍वसन


1. अनॉक्‍सी श्‍वसन:


जब भोजन का ऑक्‍सीकरण ऑक्‍सीजन की अनुपस्थिति में होता है, तो इसे अनॉक्‍सी श्‍वसन कहते हैं।इसके दौरान ग्‍लूकोज के एक अणु से 2 एटीपी अणु बनते हैं।अनॉक्‍सी श्‍वसन का अंतिम उत्‍पाद जंतु ऊत्‍तक जैसे मांसपेशी कोशिकाओं में लैक्टिक अम्‍ल है।जब हम अधिक व्‍यायाम कर लेते हैं तो लैटिक्‍ट अम्‍ल के कारण मांसपेशियों में दर्द होता है।





Comments Glucose ka formula on 06-07-2021

Glucose ka formula

Ashok kumar on 10-05-2021

श्वासोच्छ्वास प्रक्रिया क्या है

Mamta basena on 24-02-2021

Svasochvas pkriya kya h






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