राजस्थान में भौतिक दृष्टि से तीन मरु, मेरु व माल भू- आकृतियों का विशेष महत्व है। राजस्थान में अरावली प्रदेश खनिज संसाधनों की दृष्टि से धनी है। पश्चिमी राजस्थान में अधात्विक खनिज व शक्ति के स्रोत पाए जाते हैं। पूर्वी राजस्थान के खनिज की कमी पाई जाती हैं। खानो कि दृष्टि से राजस्थान का प्रथम स्थान है। राजस्थान में सर्वाधिक कुल 79 प्रकार के खनिज पाये जाते है। जिनमें 44 प्रकार के बड़े खनिज व 23 प्रकार के लघु खनिज एवं 12 अन्य गौण खनिज पाए जाते हैं, इसलिए राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहते हैं।
खनिजों उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान भारत का तीसरा बड़ा राज्य हैं। (झारखंड और मध्य प्रदेश के बाद) राजस्थान का खनिज भंडारो कि दृष्टि से भारत में झारखण्ड के बाद राजस्थान का दूसरा स्थान है। खनिजो से होने वाली आय की दृष्टि से पांचवा स्थान है लोह खनिज उत्पादन मूल्य में 4th स्थान हे ओर अलोह उत्पादन में 1st हे
देश के कुल खनिज उत्पादन में राज्य का भाग 22 प्रतिशत है। देश देश के कुल खनिजों में राज्य का 15% धात्विक, 25% अधात्विक एवं 26% लघु श्रेणी के खनिजों का योगदान है। राजस्थान में धात्विक और अधात्विक खनिज पाए जाते हैं, परंतु धात्विक खनिजों की कमी पाई जाती हैं।
नागौर जिले के डेगाना (भाकरी) में एशिया की सबसे बड़ी टंगस्टन की खदान है। राजस्थान के झुंझुनू को भारत का तांबा जिला कहा जाता है।
राजस्थान के मकराना का संगमरमर (केल्साइटिक प्रकार का) विश्वविख्यात है। जिसका प्रयोग ताजमहल (आगरा) व ‘विक्टोरिया मेमोरियल’ (कोलकाता) के निर्माण में हुआ है। राजस्थान में हिरा केसरपुरा (प्रतापगढ़) है पर अभी वहां संभावनाएं व्यक्त की गई है
भारत की सबसे बड़ी खदान रॉक फॉस्फेट झामर कोटड़ा (उदयपुर) में है। राजस्थान में भारत का सर्वाधिक सीसा-सस्ता मिलता है राजस्थान में काला मार्बल जयपुर भैंसलाना में मिलता है। तामडा उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है यह’लालमणि’व् ‘रक्तमणि’ के नाम से जानी जाती है तामड़ा उत्पादन में राजस्थान में टोंक जिले का प्रथम स्थान है.
राजस्थान के नागौर को राज्य का धातु नगर कहा जाता है। राजस्थान राज्य टंगस्टन विकास निगम लिमिटेड की स्थापना 22 नवंबर 1983 में की गई। राजस्थान में खनिज विकास निगम की स्थापना 1979 ईं. में की गई है। राज्य की प्रथम खनिज नीति 1978 में तत्कालीन मुख्य मंत्री भैरो सिंह शेखावत के काल में बनी. द्वितीय खनिज नीति 1991में बनी.
राजस्थान के खान एवं भू-विज्ञान निदेशालय ने राज्य में खनन क्षेत्र का विकास करने के लिए “विजन-2020” नामक योजना शुरू की। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा “भू-वैज्ञानिक पार्क” के रूप में राजपुरा-दरीबा-बामनिया कला क्षेत्र को सुरक्षित एवं संरक्षित किया गया है। राजस्थान की सीसे की सबसे बड़ी खदान जावर खदान (उदयपुर) में है। खनिज नीति, 2006 ई. सर्वोच्च प्राथमिकता को पर्यावरण मित्र तथा खनिज आधारित उद्योगों के लिए उचित वातावरण तैयार करने पर दी गई।
राजस्थान में प्रथम मार्बल नीति की घोषणा अक्टूबर 1994 ई., तथा प्रथम ग्रेनाइट नीति 1991ई. में घोषित की गयी। राजस्थान की नवीनतम मार्बल नीति व ग्रेनाइट नीति की घोषणा 8 जनवरी 2002 को की गई। राजस्थान के खनिज विभाग ने 15 अगस्त 1999 को “विजन 2020” घोषित किया। राजस्थान राज्य खान एंव खनिज लि.की स्थापना 2003 में की गयी.राजस्थान में नई खनन नीति को प्रदेश मंत्रिमंडल ने 28 जनवरी 2011 को अनुमोदित कर दिया। राजस्थान जास्पर, गारनेट जैम व वोलेस्टोनाईट का समस्त देश में एकमात्र उत्पादक राज्य है राज्य की नई खनिज नीति 4 जून 2015 को जारी की गई
नागौर के खींवसर उदयपुर के कोटडा डूंगरपुर के आसपुर चित्तौड़गढ़ के कपासन के अंजनी खेड़ा में लाइमस्टोन की विस्तृत पट्टी का आंकलन किया गया है राज्य में पाईराइट की एक मात्र खान सलादीपुर(सीकर)में है
जैतून की रिफाइनरी बीकानेर जिले के लूणकरणसर में लगाई गई है राजस्थान ओलिव कल्टीवेशन लिमिटेड द्वारा संस्थापित यह देश की पहली रिफाइनरी है जैतून के तेल का उत्पादन करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है
सिरोही में चंद्रावती में उत्खनन के दौरान लाजवर्त पत्थर मिला है यह पत्थर अफगानिस्तान में हिंदू कुश के पास स्थित बदक शा की पहाड़ियों में पाया जाता है इससे अफगानिस्तान व चंद्रावती के मध्य व्यापार का पता चलता है
केयर्न इंडिया ने गुडामालानी सांचौर में 1 खरब घन फीट गैस भंडार मिलने का दावा किया गया है बीकानेर जिले के खाजूवाला तहसील के आनंदगढ़ एवं फरीदसर क्षेत्र में जिप्सम की परत पाई गई है ऑस्ट्रेलियाई कंपनी इंडो गोल्ड ने फरवरी 2007 में बांसवाड़ा जिले के मुखिया जगपुरा में 3. 85 करोड़ टन स्वर्ण स्वर्ण भंडार की खोज की
राज्य में चार पेट्रोलियम संभाव्य क्षेत्र है
ऐसे खनिज जिन पर राजस्थान का एकाधिकार है
पन्ना, जास्पर, तामड़ा, रक्त मणि, वोलेस्टेनाइट
वे खनिज जिनके उत्पादन में राज्य प्रथम स्थान पर है
जस्ता (97%), फ्लोराइट(96%), एस्बेटोस(96%), रॉक फॉस्फेट, जिप्सम चूना पत्थर , खड़िया मिट्टी घीया पत्थर, चांदी मार्बल सीसा , फेल्सफार टंगस्टन कैल्साइट, फायर क्ले इमारती पत्थर
वो खनिज जिनकी राजस्थान मे कमी है
लौहा, कोयला , मैंगनीज, खनिज तेल, ग्रेफाइट कुल
स्थापना कम्पनी अधिनियम 1956 के तहत 27 सितम्बर 1979 को की गई 20 फरवरी 2003 को इसका विलय राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड मे कर दिया
इसकी स्थापना 1948 में बीकानेर जिप्सम लिमिटेड के नाम से की गई 1974 में इसका नाम राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड कर दिया
इसके प्रमुख कार्य
Special Note-
1. सीसा, जस्ता, चाँदी ( Lead, zinc, silver )
जावर -उदयपुर, राजपुरा दरीबा -राजसमंद, रामपुरा , आगूँचा-भीलवाड़ा, चौथ कबरवाड़ा -सवाई माधोपुर
राजस्थान में सीसा जस्ता शोधन के लिए हिदुस्तान जिंक लिमिटेड कि स्थापना 1966 में कि गई परन्तु यहा हो रहे अवैध खनन के कारण उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी है। वर्त्तमान में जस्ता शोधन का कार्य सुपर जिंक स्मेल्टर चंदेरिया चितोडगढ़ में किया जाता है यह ब्रिटेन कि सहायता से स्थापित गया है। यह एशिया का सबसे बड़ा जिंक स्मेल्टर है
2. लोहा ( Iron )
मोरीजा बनेरा -जयपुर , नीमला राइसेला -दौसा, खेतड़ी सिंघाना -झुंझुंनू, थुर हुण्डेर -उदयपुर
3. ताँबा ( Copper )
खेतड़ी सिंघाना झुंझुंनू , खोदरीबा -अलवर, बन्नी कि ढाणी -सीकर
4. रॉक फास्फेट ( Rock Phosphate )
सर्वाधिक उत्पादन – झामर कोटड़ा -उदयपुर
इसका उपयोग उवर्रक उधोग में किया जाता है। इससे सुपर फास्फेट का निर्माण होता है। बिरमानिया जैसलमेर भारत कि रॉक फास्फेट कि सबसे बड़ी खान है
सर्वाधिक उत्पादन – डेगाना-नागौर, वालदा -सिरोही
राजस्थान का इस खनिज पर एकाधिकार है।
सर्वाधिक उत्पादन – भदवासी क्षेत्र -नागौर, सबसे बड़ी जिप्सम कि खान -जामसर -बीकानेर
सर्वाधिक उत्पादन -राजसमंद
यह बहुमूल्य पत्थरो में सर्वाधिक आय प्रदान करने वाला पत्थर है। मकराना नागौर के सफेद संगमरमर से विश्व प्रसिद ताजमहल का निर्माण किया गया है
1. राज्य की खनिज नीति 2015 के अनुसार राज्य में कितने प्रकार के खनिज पाए जाते हैं ?
उत्तर- राज्य की खनिज नीति 2015 के अनुसार राज्य में 79 प्रकार के खनिज पाए जाते है जिसमे से 57 प्रकार के खनिजों का दोहन किया जाता है।
2. देश मे किस खनिजों का राजस्थान एकमात्र उत्पादक राज्य है ?
उत्तर- जास्पर, वोलस्टोनाइट, गार्नेट(तामड़ा) का समस्त देश में एकमात्र उत्पादक राज्य राजस्थान है।
3. राजस्थान का देश मे कुल खनिज मूल्य में कितना योगदान है। तथा कोनसा स्थान रखता है ?
उत्तर – राजस्थान का देश के कुल खनिज मूल्य में 22% योगदान है। देश मे खनिजो की सर्वाधिक खाने राजस्थान में है। खनिज भंडारों की दृष्टि से राजस्थान, झारखंड के बाद देश में दूसरा स्थान है। खनिज संसाधनों से होने वाली आय की दृष्टि से राजस्थान का देश मे पांचवा स्थान है तथा पहला स्थान महाराष्ट्र का आता है।
4. राजस्थान में पेट्रोलियम संभाव्य क्षेत्र कौन कौन से है ?
उत्तर- राजस्थान में 4 पेट्रोलियम संभाव्य क्षेत्र है।
(1)राजस्थान शेल्फ:- जिला जैसलमेर एवं अंशतः बीकानेर
(2)बाड़मेर-सांचौर बेसिन:- जिला बाड़मेर एवं सांचौर
(3)बीकानेर-नागौर बेसिन:- जिला बीकानेर, नागौर, श्री गंगानगर एवं चूरू
(4) विंध्य बेसिन:-जिला कोटा, बारा, झालावाड़ एवं अंशतः बूंदी ,चित्तौड़गढ़ एवं भीलवाड़ा।
5. राजस्थान में सोना विस्तार से बताइये ?
उत्तर – राजस्थान में सोने का उत्खनन कार्य जगपुरा, बांसवाड़ा में किया जा रहा है।जगपुरा, बांसवाड़ा में हिंदुस्तान जिंक लि. द्वारा ही उत्खनन किया जा रहा है।इसके अतिरिक्त बांसवाड़ा के आनंदपुरा भूमिया क्षेत्र में सोने की विशाल भंडार मिले हैं।
दक्षिण अफ्रीका विश्व मे प्रथम स्थान पर सोना उत्पादक देश है। भररत में कोलार हट्टी की खाने चैम्पियन रीक और ओरेगन रीक प्रमुख सोने की खाने है। भूगर्भीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण से आनंदपुरा-भुकिया (बांसवाड़ा) क्षेत्र में स्वर्ण भंडारों का पता लगाया है।
सिरोही व डूंगरपुर में भी भू-सर्वेक्षण विभाग द्वारा सोने के भंडारों के मिलने के संकेत दिये गए हैं। बांसवाड़ा में स्वर्ण भंडार आस्ट्रेलियाई कंपनी इंडो गोल्ड ने फरवरी 2007 में बांसवाड़ा जिले के जगपुरा भुकिया क्षेत्र में 3.85 करोड़ टन स्वर्ण भंडार की खोज की है।
राजस्थान में सोने की खान- जगपुरा, आनंदपुरा, भुकिया (बांसवाड़ा), रायपुर(उदयपुर), व तिमरन माता (सिरोही)
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