Bal Adhikar Sanrakhshan Par PratiVedan बाल अधिकार संरक्षण पर प्रतिवेदन

बाल अधिकार संरक्षण पर प्रतिवेदन



GkExams on 06-03-2023


बाल देखभाल एवं संरक्षण : बच्चों को मानवीय अधिकारों के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए जिन अधिकारों की प्राथमिक आवश्यकता होती है या यूं माने कि बच्चों को मानव और बच्चे होने के कारण जो अधिकार आवश्यक होते हैं वे बाल अधिकार की श्रेणी में आते हैं और बच्चों को किसी भी प्रकार के खतरे व जोखिम की स्थिति में सुरक्षा का अधिकार है। इन बच्चों के मानवाधिकारो और बाल अधिकारों के संरक्षण को ही बाल संरक्षण कहा जाता है।

Bal-Adhikar-Sanrakhshan-Par-PratiVedan


आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की भारत (child rights in india) में वर्ष 1959 में बाल अधिकारों की घोषणा की गई थी लेकिन इन्हें 20 नवम्बर 2007 को स्वीकार्य किया गया। वैसे बच्चो को शिक्षा का अधिकार, जीने का अधिकार, भागीदारी का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, विकास का अधिकार आदि जैसे कई अधिकार प्राप्त हैं।


इसके अलावा भारत सरकार के द्वारा बाल शोषण (what are the 12 rights of a child) को रोकने के लिए बाल संरक्षण आयोग भी बनाया गया है। वैसे तो सभी बालक उन अधिकारों को पाने के हकदार हैं, जो कि एक वयस्क को मिलते हैं। केवल एक मतदान को छोड़कर।


माता-पिता की जिम्मेदारी :




बच्चों के संरक्षण (child rights act) में माता-पिता की जिम्मेदारी अहम् है, वो इस तरह की वह अपने बच्चे की परवरिश अच्छे से करें। तथा वह अपने बच्चे को किसी भी गलत आदत का शिकार ना होने दे।


अगर बच्चे के माता-पिता अपने बच्चे की हर एक गतिविधि पर नजर रखेंगे तो बच्चा कभी भी कोई गलत आदत का शिकार या किसी द्र्व्यव्हार का शिकार नही होगा।


बाल अधिकार के बारें में :




बाल अधिकार उन अधिकारों (importance of child rights) को कहा जाता है जो कि नाबालिग़ों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। इन अधिकारों में जीवन का अधिकार, पोषण, स्वास्थ्य का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, परिवार और पारिवारिक पर्यावरण से उपेक्षा की सुरक्षा का अधिकार, बदसलूकी, दुर्व्यवहार और बच्चों के शोषण के विरुद्ध अधिकार शामिल है।


छीनता जा रहा बच्चों का भविष्य :




ये भी सच है की छोटे छोटे बच्चों के मूल अधिकार छीन कर उन्हें काम में लगा दिया जता है। जैसे - कोई चाय ई दूकान पर, कोई परचून की दूकान पर, कोई मजदूरी कर रहा है कोई दूसरों के घरों में नौकर बना है कोई दूसरों के घरों के बर्तन साफ़ कर रहा है आदि। इन सबसे उनका बचपन छिनता है, उनके अधिकार छिनते हैं उनका नैसर्गिक संरक्षण छिनता है।


और इन सब वजहों से बच्चे नशा, ड्रग, शराब आदि का भी सेवन करने लगते हैं जो उन्हें अआत्मिक रूप से और कमज़ोर बना देता है। माँ-बाप अगर बच्चों के सामने पार्टी करेंगे, शराब पियेंगे तो बच्चे पर क्या असर पडेगा।


जैसा की हम हमेशा बाजार में देखते है छोटे-छोटे बच्चे भीख मांगते है। क्योंकि वह ऐसी गंदी लत के शिकार हो चुके है। चूँकि उनके लिए कई NGO वगेरह है जो अगर वह अनाथ है तो उनका पेट भरकर पढाई लिखाई करवा सकते है। लेकिन वो बच्चे उन NGO में जाना पंसंद नही करेंगे। वो इसलिए क्योंकि वह एक गलत आदत के आदी बन चुके है।




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Laxmi on 16-11-2019

Bal Bosch or gk

Ravendra on 20-09-2018

Ladki ho ya ladka uski esi kon si chij h jo nahane ke baad bhi nahi bhigti h.





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment