Bangal Ka Pracheen Itihas बंगाल का प्राचीन इतिहास

बंगाल का प्राचीन इतिहास



GkExams on 12-05-2019

बंगाल का इतिहास

भारत के प्रागैतिहासिक काल के इतिहास में भी बंगाल का विशिष्‍ट स्‍थान है। सिकंदर के आक्रमण के समय बंगाल में गंगारिदयी नाम का साम्राज्‍य था। गुप्‍त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। बाद में शशांक बंगाल नरेश बना। कहा जाता है कि उसने सातवीं शताब्‍दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर-पूर्वी भारत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके बाद गोपाल ने सत्ता संभाली और पाल राजवंश की स्‍थापना की। पालों ने विशाल साम्राज्‍य खड़ा किया और चार शताब्‍दियों तक राज्‍य किया। पाल राजाओं के बाद बंगाल पर सेन राजवंश का अधिकार हुआ, जिसे दिल्‍ली के मुस्‍लिम शासकों ने परास्‍त किया। सोलहवीं शताब्‍दी में मुगलकाल के प्रारंभ से पहले बंगाल पर अनेक मुस्‍लमान राजाओं और सुल्तानों ने शासन किया।


मुगलों के पश्‍चात् आधुनिक बंगाल का इतिहास यूरोपीय तथा अंग्रेजी व्‍यापारिक कंपनियों के आगमन से आरंभ होता है। सन् 1757 में प्‍लासी के युद्ध ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया जब अंग्रेजों ने पहले-पहल बंगाल और भारत में अपने पांव जमाए। सन् 1905 में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेजों ने बंगाल का विभाजन कर दिया लेकिन कांग्रेस के नेतृत्‍व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए 1911 में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे स्‍वतंत्रता आंदोलन की ज्‍वाला और तेजी से भड़क उठी, जिसका पटाक्षेप 1947 में देश की आजादी और विभाजन के साथ हुआ। 1947 के बाद देशी रियासतों के विलय का काम शुरू हुआ और राज्‍य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की सिफारिशों के अनुसार पड़ोसी राज्‍यों के कुछ बांग्‍लाभाषी क्षेत्रों को भी पश्‍चिम बंगाल में मिला दिया गया।


बंगाल के स्वाधीन बौद्ध व हिन्दू राजा

पाल वंश

  • प्रथम गोपाल (756-781)
  • धर्मपाल (781-821)
  • देबपाल (821-861)
  • प्रथम बिग्रहपाल, महेन्द्रपाल ओ प्रथम शूरपाल (861-866)
  • नारायनपाल (866-920)
  • राज्यपाल (920-952)
  • द्बितीय गोपाल (952-969)
  • द्बितीय बिग्रहपाल (969-995)
  • प्रथम महीपाल (995-1043)
  • नयापाल (1043-1058)
  • तृतीय बिग्रहपाल (1058-1075)
  • द्बितीय महीपाल (1075-1080)
  • द्बितीय शूरपाल (1075-1077)
  • रामपाल (1082-1124)
  • कुमारपाल (1124-1129)
  • तृतीय गोपाल (1129-1143)
  • मदनपाल (1143-1162)

सेन बंश

  • हेमन्त सेन (1097)
  • बिजय सेन (1097-1160)
  • बल्लाल सेन (1160-1178)
  • लक्ष्मन सेन (1178-1206)
  • बिश्बरूप सेन (1206-1220)
  • केशब सेन (1220-1250)

बंगाल के स्वाधीन सुल्तान

इलियास वंश (प्रथम पर्व)

  • शामसुद्दीन इलियास शाह (1342-1358) (1342 थेके पश्चिम बांलार लखनौति राज्येर सुलतान एबं 1352 थेके पुरो बांलाय)
  • प्रथम सिकान्दर शाह (1358-1390)
  • गियासुद्दीन आजम शाह (1390-1411)
  • साइफुद्दीन हामजा शाह (1411-1413)
  • मुहाम्मद शाह (1413)

बायाजिद बंश

  • शिहाबुद्दिन बायाजिद शाह (1413-1414)
  • प्रथम आलाउद्दीन फिरोज शाह (1414-1415)

गणेश बंश

  • राजा गणेश (1414-1415 एबं 1416-1418)
  • जालालुद्दीन मुहाम्मद शाह (1415-1416 एबं 1418-1433)
  • शामसुद्दीन आहमद शाह (1433-1435)

इलियास वंश (द्बितीय पर्व)

  • प्रथम नासिरुद्दिन माहमुद शाह (1435-1459)
  • रुकनुद्दीन बारबक शाह (1459-1474)
  • शामसुद्दीन इउसुफ शाह (1474-1481)
  • द्बितीय सिकान्दर शाह (1481)
  • जालालुद्दीन फतेह शाह (1481-1487)

हाबसि बंश

  • बारबक शाह (1487)
  • साइफुद्दीन फिरोज शाह (1487-1490)
  • द्बितीय नासिरुद्दिन माहमुद शाह (1490)
  • शामसुद्दीन मुजाफ्फर शाह (1490-1493)

हुसेन बंश

  • आलाउद्दिन हुसेन शाह (1493-1519)
  • नासिरुद्दीन नुसरत शाह (1519-1532)
  • द्बितीय आलाउद्दीन फिरोज शाह (1532-1533)
  • गियासुद्दीन माहमुद शाह (1533-1538)

उत्तर भारत के शूरी राजाओं के अधीन बंगाल

शूर बंश

  • शेर शाह शूरि (1540-1545)
  • इसलाम शाह शूरि (1545-1553)
  • फिरोज शाह शूरि (1553)
  • आदिल शाह शूरि (1553-1557)-

बंगाल के स्वाधीन सुलतान

  • शामसुद्दीन मुहाम्मद शाह (1555)
  • प्रथम गियासुद्दीन बाहादुर शाह (1555-1560)
  • गियासुद्दीन जालाल शाह (1560-1562)
  • द्बितीय गियासुद्दीन बाहादुर शाह (1562-1563)

कररानि बंश

  • ताज खान कररानि (1563)
  • सुलायमान कररानि (1563-1572)
  • बायाजिद कररानि (1572-1573)
  • दाउद खान कररानि (1573-1576)

बंगाल के मुगल शाशक

बंगाल के मुगल सूबेदार

सूबेदार मुग़ल शासक के द्वारा नियुक्त किया गया प्रशासनिक अधिकारी होता था जो प्रायः राजघराने से सम्बंधित होता था और वह प्रायः दिल्ली में रहता था। दीवानी (राजस्व ) सम्बन्धी कार्य मुग़ल शासक द्वारा नियुक्त किया गया दीवान देखता था जो सूबेदार कि अनुपस्थिति में प्रशासनिक कार्य भी देखता था। 1700 ई. में औरंगजेब ने मुर्शीद्कुली खां को बंगाल का दीवान नियुक्त किया गया ,जो 1707 ई.में औरंगजेब कि मृत्यु के बाद बंगाल का पहला नबाव बना। अतः यही से बंगाल में वंशानुगत शासन कि शुरुआत हुयी जो 23 जून 1757 ई. को समाप्त हुयी और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का बंगाल पर अधिकार हुआ।

बंगाल के नबाब

बंगाल के नबाब

  • मुर्शिदकुलि जाफर खान 1703-1727
  • सुजा उद्दिन 1727-1739
  • सफरराज खान 1739-1740
  • आलिबर्दी खान 1740-1756
  • सिराजद्दौला 1756-1757

ब्रिटिश काल के नवाब

  • मीरजाफर 1757-1760
  • मीरकासिम 1760-1763
  • मीरजाफर (द्बितीय बार) 1763-1765
  • नाजम उद दौला 1765-1766
  • सइफ उद दौला 1766-1770



Comments Mitranjan on 27-04-2023

West bangal ka Gk mcq me please important hai bhai

Sp singh on 13-06-2022

Angraj Doctor bottan ne kiss mugal stri ki chikitsa ki thi

devend on 21-03-2022

मुझे कामिया सिंदूर चाहिए है


Sunny on 06-02-2022

Bangal mai jotdaar the





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