Gehun Ki Unnat Kismein 343 गेहूं की उन्नत किस्में 343

गेहूं की उन्नत किस्में 343



GkExams on 17-11-2022


गेहूं की खेती (About Wheat Crop In Hindi) : सबसे पहले तो आपको बता दे की गेंहू दुनियाभर में प्रतिदिन खाद्य प्रदार्थ के रूप में काम में लिए जाने वाला बीज है। इसका वैज्ञानिक नाम "Triticum aestivum" है।

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भारत में गेहूँ एक मुख्य फसल (wheat crop in india) है। गेहूँ का लगभग 97% क्षेत्र सिंचित है। गेहूँ का प्रयोग मनुष्य अपने जीवनयापन हेतु मुख्यत रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं, जिसमे प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। भारत में पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश मुख्य फसल उत्पादक क्षेत्र हैं।


अगर किसान गेहूं की उन्नत किस्मों (wheat crop season) और वैज्ञानिक विधि से बुवाई करते हैं, तो इसके उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इसलिए यहाँ हम आपको निचे गेहूं की वैज्ञानिक खेती करने की विधि बता रहे है, जो इस प्रकार है...


हाइब्रिड गेहूं के बीज चुने :




दोस्तों आज के ज़माने में किसान भाई कमाई के लिए अलग - अलग चीजों को अपनाने लगे है या यूँ कहें की अलग - अलग परीक्षण कर रहे है ताकि उनको ज्यादा मुनाफा हासिल हो सकें इसी कड़ी में यहाँ हम आपको गेंहूँ के हाइब्रिड बीजों के नामों बारें में बता रहे जिन्हें उगाकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है....


  • एचडीटी-86
  • डब्ल्यूएच-1105
  • डब्ल्यूएच-1080
  • एचएस-542
  • एचएस-507
  • एचएस-562



  • जब आप इनमे से कोई एक किस्म काम में लेते है तो इसके बाद दोमट या बलुई दोमट, बलुई, भारी चिकनी मिट्टी में बुवाई कर दें। जिसके 1 महीने के बाद इसकी खरपतवार की कटाई करें और समय - समय पर गेंहू की फसल का ध्यान रखें ताकि इसके जमीनी कीड़ों से बचाया जा सकें।


    हालाँकि एक बात का आप जरूर ध्यान रखें की बुवाई (Wheat Crop Information and Production) के 15 दिन पहले मिट्टी की जाँच अवश्य करवानी चाहिए, जिससे किसान को मालूम चल सके की मिट्टी में किन तत्वों की अधिकता व कमी है। कौनसी बीज की किस्म का उपयोग किया जाना चाहिए साथ ही कौनसे उर्वरक कितनी मात्रा में आवश्यकता है।


    इसके साथ साथ सिंचाई के समय का भी ध्यान रखते रहे जो की आमतौर पर 10 के अन्तराल का होता है जब तक फसल के पकने का समय ना आयें। वैसे तो गेंहू की फसल 120-130 दिन में पककर तैयार हो जाती है। लेकिन कुछ जगहों पर यह कम समय या फिर ज्यादा समय भी ले लेती है।


    फसल पकते ही बिना प्रतीक्षा किये हुए कटाई (Wheat Farming Information Detailed Guide) करके तुरंत ही मड़ाई कर दाना निकाल लेना चाहिए, और भूसा व दाना यथा स्थान पर रखना चाहिए, अत्यधिक क्षेत्री वाली फसल कि कटाई कम्बाईन से करनी चाहिए इसमे कटाई व मड़ाई एक साथ ही जाती है जब कम्बाईन से कटाई कि जाती है।



    Comments manvendra on 04-11-2022

    kitna pani dena parda hai 343 genhu ki fasal me

    Jagraj singh on 12-10-2018

    Hame bej lena hai unnat 343 ka





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