Sabse Jyada Oxygen Dene Wale Ped सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पेड़

सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देने वाले पेड़



Pradeep Chawla on 30-10-2018


पेड़ या पौधे ऑक्सीजन तैयार नहीं करते बल्कि वे फोटो सिंथेसिस या प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को पूरा करते हैं. पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं और उसके दो बुनियादी तत्वों को अलग करके ऑक्सीजन को वातावरण में फैलाते हैं. एक माने में वातावरण को इंसान के रहने लायक बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं. कौन सा पेड़ सबसे ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करते है? इसे लेकर अधिकार के साथ कहना मुश्किल है, पर तुलसी, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ काफी ऑक्सीजन तैयार करते हैं और हमारे परम्परागत समाज में इनकी पूजा होती है. यों पेड़ों के मुकाबले काई ज्यादा ऑक्सीजन तैयार करती है.

प्रकाश संश्लेषण वह क्रिया है जिसमें पौधे अपने हरे रंग वाले अंगों जैसे पत्ती,द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बन डाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं. इस प्रक्रिया में आक्सीजन एवं ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (सूक्रोज, ग्लूकोज, स्टार्च आदि) का निर्माण होता है तथा आक्सीजन गैस बाहर निकलती है. प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रियाओं में से एक है. सीधे या परोक्ष रूप से दुनिया के सभी सजीव इस पर आश्रित हैं.

हमारे फ्रिज में आइस क्यूब का आविष्कार कैसे हुआ?
आइस क्यूब के पहले आइस या बर्फ का आविष्कार हुआ था. यों तो बर्फ प्राकृतिक रूप से हमें मिलती है. उसके आविष्कार की बात सोची नहीं जा सकती. पर खाने-पीने की चीज़ों को सुरक्षित रखने के लिए और गर्म इलाकों में कमरे को ठंडा रखने के लिए बर्फ की ज़रूरत हुई. शुरू के दिनों में सर्दियों की बर्फ को जमीन के नीचे दबाकर या मोटे कपड़े में लपेट कर उसे देर तक सुरक्षित रखने का काम हुआ. फिर आइस हाउस बनाने का चलन शुरू हुआ. ज़मीन के नीचे तहखाने जैसे बनाकर उनमें बर्फ की सिल्लियाँ रखी जाती थीं, जो या तो सर्दियों में सुरक्षित कर ली जाती थीं या दूर से लाई जाती थीं. उधर चीन में आइसक्रीम बनाने की कला का जन्म भी हो गया था. सन 1295 में जब मार्को पोलो चीन से वापस इटली आया तो उसने आइस क्रीम का जिक्र किया. आइस हाउस के बाद आइस बॉक्स बने. फिर कृत्रिम बर्फ बनाने की बात सोची गई. इसके बाद रेफ्रिजरेटर की अवधारणा ने जन्म लिया. सन 1841 में अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन गोरी ने बर्फ बनाने वाली मशीन बना ली. आइस क्यूब ट्रे बीसवीं सदी की देन है. इस ट्रे ने आइस क्यूब को जन्म दिया.

शीशे का आविष्कार कब और कैसे हुआ और इसका पहली बार किस रूप में उपयोग किया गया?

शीशे से आपका आशय दर्पण से है तो वह प्रकृति ने हमें ठहरे हुए पानी के रूप में दिया था. पत्थर युग में चिकने पत्थर में भी इंसान को अपना प्रतिबिंब नज़र आने लगा था. इसके बाद यूनान, मिस्र, रोम, चीन और भारत की सभ्यताओं में धातु को चमकदार बनाकर उसका इस्तेमाल दर्पण की तरह करने की परंपरा शुरू हुई. पर प्रकृति ने उससे पहले उन्हें एक दर्पण बनाकर दे दिया था. यह था ऑब्सीडियन. ज्वालामुखी के लावा के जमने के बाद बने कुछ काले चमकदार पत्थर एकदम दर्पण का काम करते थे. बहरहाल धातु युग में इंसान ने ताँबे की प्लेटों को चमकाकर दर्पण बना लिए. प्राचीन सभ्यताओं को शीशा बनाने की कला भी आती थी. ईसा की पाँचवीं सदी में चीन के लोगों ने चाँदी और मरकरी से शीशे के एक और कोटिंग करके दर्पण बना लिए थे. हमारे यहाँ स्त्रियों के गहनों में आरसी भी एक गहना है, जो वस्तुतः चेहरा देखने वाला दर्पण है.

रेशम का आविष्कार कब और कैसे हुआ?
रेशम प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है. यह प्रोटीन रेशों में मुख्यतः फिब्रोइन (fibroin) होता है. ये रेशे कुछ कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाए जाते हैं. सबसे उत्तम रेशम शहतूत के पत्तों पर पलने वाले कीड़ों के लार्वा द्वारा बनाया जाता है. moth caterpillars. रेशम का आविष्कार चीन में ईसा से 3500 साल पहले हो गया था. इसका श्रेय चीन की महारानी लीज़ू को दिया जाता है. प्राचीन मिस्र की ममियों में और प्राचीन भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में भी रेशम मिलता है. रेशम कला या सेरीकल्चर को चीनी महारानी ने छिपाने की कोशिश की, पर पहले कोरिया और फिर यह कला भारत पहुँची.

रेशम एक प्रकार का महीन चमकीला और दृढ़ तंतु या रेशा जिससे कपड़े बुने जाते हैं . यह तंतु कोश में रहनेवाले एक प्रकार के कीड़े तैयार करते हैं. रेशम के कीड़े कई तरह के होते हैं. अंडा फूटने पर ये बड़े पिल्लू के आकार में होते हैं और रेंगते हैं. इस अवस्था में ये पत्तियाँ बहुत खाते हैं. शहतूत की पत्ती इनका सबसे अच्छा भोजन है. ये पिल्लू बढ़कर एक प्रकार का कोश बनाकर उसके भीतर हो जाते हैं. उस समय इन्हें 'कोया' कहते हैं. कोश के भीतर ही यह कीड़ा वह तंतु निकालता है, जिसे रेशम कहते हैं. कोश के भीतर रहने की अवधि जब पूरी हो जाती है, तब कीड़ा रेशम को काटता हुआ निकलकर उड़ जाता है. इससे कीड़े पालने वाले निकलने के पहले ही कोयों को गरम पानी में डालकर कीड़ों को मार डालते हैं और तब ऊपर का रेशम निकालते हैं.




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Vikash Kumar on 24-03-2021

Jayada oxygen dene wala ped ka naam batao

Rakesh yadav on 14-11-2019

Sobse jyada oxysijan dene vala potha konsa hai





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment