बल (Force): बल एक प्रकार का धक्का या खिंचाव है जिसमें किसी वस्तु की अवस्था में परिवर्तन करने की प्रवृति होती है |
दुसरे शब्दों में
किसी वस्तु पर लगने वाले धक्का, खिंचाव या चोट को बल कहते है | इसमें वस्तु में गति ला सकने की क्षमता होती है |
बल का S.I मात्रक न्यूटन (N) या kgm-2. है |
यह एक सदिश राशि है | इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं |
बल के कारण ही किसी वस्तु में गति आती है |
बल के प्रकार (Type of forces):
1. घर्षण बल (Friction force): Thisयह वह बल है जो किसी वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है | यह दो सतहों के बीच कार्य करता है |
उदाहरण:
(i) जब हम चलते हैं तो यह बल हमारे चप्पल या जूते और धरती के बीच कार्य करता है |
(ii) जब सड़क पर कोई कार दौड़ती है तो यह बल सड़क और कार के टायर के बीच कार्य करता है |
घर्षण बल को कम करना (Reducing the friction force):
घर्षण बल को कम करने के लिए हम निम्न चीजों का उपयोग करते हैं :
(i) चिकनी गोली (Smooth marble) जैसे- चक्कों में बॉल बैरिंग का उपयोग
(ii) चिकनी समतल (Smooth plane)
(iii) समतल की सतह पर चिकनाई युक्त पदार्थ (लुब्रिकेंट) का उपयोग
2. अभिकेन्द्रीय बल (Centripital force): जब कोई वस्तु वृतीय पथ पर गति करता है तो उसके केंद्र से उस पर एक बल लगता है जो उसे प्रत्येक बिंदु पर केंद्र की ओर खींचता है | इस बल को अभिकेन्द्रीय बल कहते हैं |
जैसे - सूर्य के चारो ओर पृथ्वी की गति
3. चुम्बकीय बल (Magnetic force): चुम्बक द्वारा किसी चुम्बकीय धातु पर लगाया गया बल चुम्बकीय बल कहलाता है | अथवा विद्युत चुम्बक द्वारा अपने चारों फैले चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय धातु द्वारा बल का अनुभव करना |
4. गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational force): दो पिंडो के बीच लगने वाले बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते है | जैसे - पृथ्वी और सूर्य के बीच लगने वाला बल |
बल की प्रबलता के आधार पर बल दो प्रकार के होते हैं |
(i) संतुलित बल (Balanced force): किसी वस्तु पर लगने वाले अनेक बलों का यदि परिणामी बल शून्य हो तो ऐसे बल को संतुलित बल कहते हैं |
(ii) असंतुलित बल (Unbalanaced force): किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बालों का परिणामी बल शून्य नहीं है तो ऐसे बल को असंतुलित बल कहते हैं |
यदि किसी वस्तु पर असंतुलित बल लगाया जाता है तो वस्तु की चाल में या तो उसके गति की दिशा में परिवर्तन होता है |
किसी वस्तु की गति में त्वरण उत्पन्न करने के लिए असंतुलित बल की आवश्यकता होती है |
वस्तु की चाल में परिवर्तन तब तक बनी रहेगी जब तक वस्तु पर असंतुलित बल लग रहा है |
गति के नियम को प्रस्तुत करने का श्रेय महान वैज्ञानिक सर आइजक न्यूटन को जाता है | इन्होने ने गति के तीन नियम दिए जिसे न्यूटन का गति का नियम कहा है |
(1) गति का प्रथम नियम (The First Law of Motion)
(2) गति का द्वितीय नियम (The Second Law of Motion)
(3) गति का तृतीय नियम (The Third Law of Motion)
chumbakeey bal ki paribhasha
Mukesh porwal
Centripital force
pind ki parivartit karne ke liye lagana padta hai
Bhala phenke mai konsa bal lgta hai
Iti
Beroopak bal
जमीन पर पड़ी कील को उठाने में कौन सा बल लगता है
Jadato
Types of motion
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Biroopak Bal ki dieenesab
Bal ke kenhi two name baetya
पानी के अंदर उलटे जग को दबाने पर कौन सा बल कार्य करेगा ?
बल का विमीय सूत्र क्या ह
बल का S.I. matrak neutan or kg /m
Dono 1 hi h yaar missing h kuchh
dal agorn kesy khty h
गति के सवाल
bd
Biddhut bal kise kahte h
Bal ka Bima kya hota hai
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बल की विवेचना किस नियम से प्राप्त होती है