गति के समीकरण का निगमन
Pradeep Chawla on 16-10-2018
गति नियम तीन भौतिक नियम हैं जो चिरसम्मत यांत्रिकी के आधार हैं। ये नियम किसी वस्तु पर लगने वाले बल और उससे उत्पन्न उस वस्तु की गति के बीच सम्बन्ध बताते हैं। इन्हें तीन सदियों में अनेक प्रकार से व्यक्त किया गया है। न्यूटन के गति के तीनों नियम, पारम्परिक रूप से, संक्षेप में निम्नलिखित हैं -
- प्रथम नियम : प्रत्येक पिंड तब तक अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में रहता है जब तक कोई बाह्य बल उसे अन्यथा व्यवहार करने के लिए विवश नहीं करता। इसे जड़त्व का नियम भी कहा जाता है।
- द्वितीय नियम : किसी भी पिंड की संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के समानुपाती होती है और उसकी (संवेग परिवर्तन की) दिशा वही होती है जो बल की होती है।
- तृतीय नियम : प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
सबसे पहले न्यूटन ने इन्हे अपने ग्रन्थ फिलासफी नेचुरालिस प्रिंसिपिआ मैथेमेटिका (सन 1687) मे संकलित किया था। न्यूटन ने अनेक स्थानों पर भौतिक वस्तुओं की गति से सम्बन्धित समस्याओं की व्याख्या में इनका प्रयोग किया था। अपने ग्रन्थ के तृतीय भाग में न्यूटन ने दर्शाया कि गति के ये तीनों नियम और उनके सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम सम्मिलित रूप से केप्लर के आकाशीय पिण्डों की गति से सम्बन्धित नियम की व्याख्या करने में समर्थ हैं।प्रथम नियम
न्यूटन के मूल शब्दों में
- Corpus omne perseverare in statu suo quiescendi vel movendi uniformiter in directum, nisi quatenus a viribus impressis cogitur statum illum mutare.
हिन्दी अनुवाद
"प्रत्येक वस्तु अपने स्थिरावस्था अथवा एकसमान वेगावस्था मे तब तक रहती है जब तक उसे किसी बाह्य कारक (बल) द्वारा अवस्था में बदलाव के लिए प्रेरित नहीं किया जाता।"
न्यूटन का प्रथम नियम पदार्थ के एक प्राकृतिक गुण जड़त्व को परिभाषित करत है जो गति मे बदलाव का विरोध करता है। इसलिए प्रथम नियम को जड़त्व का नियम भी कहते है। यह नियम अप्रत्क्ष रूप से जड़त्वीय निर्देश तंत्र (निर्देश तंत्र जिसमें अन्य दोनों नियमों मान्य हैं) तथा बल को भी परिभाषित करता है। इसके कारण न्यूटन द्वारा इस नियम को प्रथम रखा गया। इस नियम का सरल प्रमाणीकरण मुश्किल है क्योंकि घर्षण और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को ज्यादातर पिण्ड महसूस करते हैं। असल में न्यूटन से पहले गैलीलियो ने इस प्रेक्षण का वर्णन किया। न्यूटन ने अन्य शब्दों में इसे व्यक्त किया।
द्वितीय नियम
न्यूटन के मूल शब्दो में :
- Lex II: Mutationem motus proportionalem esse vi motrici impressae, et fieri secundum lineam rectam qua vis illa imprimitur.
हिन्दी में अनुवाद
" किसी वस्तु के संवेग मे आया बदलाव उस वस्तु पर आरोपित धक्के (Impulse) के समानुपाती होता है तथा समान दिशा में घटित होता है। "
न्यूटन के इस नियम से अधोलिखित बिन्दु व्युपत्रित किए जा सकते है :
- ,
जहाँबल,संवेग औरसमय हैं। इस समीकरण के अनुसार, जब किसी पिण्ड पर कोई बाह्य बल नही है, तो पिण्ड का संवेग स्थिर रहता है। जब पिण्ड का द्रव्यमान स्थिर होता है, तो समीकरण ज़्यादा सरल रूप में लिखा जा सकता है:
जहाँद्रव्यमान है औरत्वरण है। यानि किसी पिण्ड का त्वरण आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती है। आवेग
आवेग द्वितीय नियम से संबंधित है। आवेग का मतलब है संवेग में परिवर्तन। अर्थात:
जहाँ I आवेग है। आवेग टक्करों के विश्लेषण में बहुत अहम है।
तृतीय नियम
तृतीय नियम का अर्थ है की किसी बल के संगत एक और बल है जो उसके समान और विपरीत है। न्यूटन ने इस नियम को इस्तेमाल करके संवेग संरक्षण के नियम का वर्णन किया, लेकिन असल में संवेग संरक्षण एक अधिक मूलभूत सिद्धांत है। कई उदहारण हैं जिनमें संवेग संरक्षित होता है लेकिन तृतीय नियम मान्य नही है।
Comments
UN on 09-09-2023
Pranjal on 23-06-2023
Vinay kumar on 20-10-2022
Avi on 28-08-2022
Ajay on 13-07-2022
Anushka on 29-05-2022
V.s.p on 19-12-2021
Nikhil gati ka samikaran on 20-10-2021
Harsh
Hsrsh on 01-01-2019
जीवाणुओं द्वारा मनुष्य में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों के नाम के नाम कारक Rog रोग के लक्षण रोकथाम तथा उ उपचार
himanshu sharma on 12-05-2019
Gati ke samikaran Ka Nagma
Aman yadav on 12-05-2019
Virendra on 12-05-2019
What is applications and use of motion equation
Shikha on 12-05-2019
Isko kisne Diya Tha gati ka samikaran
Dipanshu on 12-05-2019
Gati ki tino samikaran ka nigman on 18-05-2019
Gati ki tino samikaran ka nigman
Vipul maurya on 17-06-2019
Calculation method dwara gati ke tino samikaran ka nigman
Ashok kumar rajwade on 05-12-2019
F vector ma vactor kaise aya
Vikas yadav on 22-01-2020
Vikas yadav on 22-01-2020
Vikas yadav on 23-01-2020
2 liter ke patar me 84 gram naitrojan aur 68 gram ammonia hai make sakriy mass ki gana kijie
Muskan Soni on 30-01-2020
Gati ke Dvitiy Samikarn ka Nigman Ghat Kijiy
vikash kushwaha on 05-02-2020
MAMTA BHARTI on 07-10-2020
lokeshgangwa on 20-10-2020
Gati ke Pratham samikaran ka nigman
kijiye
नियम बताओ on 26-10-2020
Om Singh rana on 26-10-2020
Graphye vidhe dwara gati ke dusre samekarn ka nigman
Radhika on 21-11-2020
Saroj Ahirwar on 22-11-2020
GAti ka pahla samikaran ki visthapna
Aayushi on 27-11-2020
बल आघूर्ण तथा जड़त्व आघूर्ण मे अन्तर
Pawara teta on 04-12-2020
Ek saman tvarit gati ke liye samikaran S= ut+1/2 at2 ki sthapna kijiye
Sangam singh on 04-01-2021
Gati ke samikaran v=u+at ka nigaman kere
Himanshu on 05-01-2021
Gati ke 2 samikard ka nigman
Shani chaurasiya on 29-01-2021
Gati ki samikaran v=u+at ka Nigam kijiye
Yogendra sahu on 10-02-2021
समीकरण vsquare=usquare+2as का निगमन कीजिये
Suraj gupta on 11-03-2021
Gati ke tisre samikaran Ka nigman
Tanu jain on 26-03-2021
Kajal on 04-10-2021
V=u+at gati ke samikaran ka nirman
नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें
Culture
Current affairs
International Relations
Security and Defence
Social Issues
English Antonyms
English Language
English Related Words
English Vocabulary
Ethics and Values
Geography
Geography - india
Geography -physical
Geography-world
River
Gk
GK in Hindi (Samanya Gyan)
Hindi language
History
History - ancient
History - medieval
History - modern
History-world
Age
Aptitude- Ratio
Aptitude-hindi
Aptitude-Number System
Aptitude-speed and distance
Aptitude-Time and works
Area
Art and Culture
Average
Decimal
Geometry
Interest
L.C.M.and H.C.F
Mixture
Number systems
Partnership
Percentage
Pipe and Tanki
Profit and loss
Ratio
Series
Simplification
Time and distance
Train
Trigonometry
Volume
Work and time
Biology
Chemistry
Science
Science and Technology
Chattishgarh
Delhi
Gujarat
Haryana
Jharkhand
Jharkhand GK
Madhya Pradesh
Maharashtra
Rajasthan
States
Uttar Pradesh
Uttarakhand
Bihar
Computer Knowledge
Economy
Indian culture
Physics
Polity
गति के तृतीय समीकरण का निगमन कीजिए या व्युत्पत्ति कीजिए