इस लेख के जरिये हम आपको गोबर गैस बनाने (biogas production) का तरीका बताने वाले है। दोस्तों जैसा की आप सब लोग जानते है बायोगैस एक प्रकार का गैस है जिसमे कई तरह के गैस मिश्रित है।
इसे हम सरल भाषा में समझे तो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में जैविक सामग्री जैसे किसानो द्वारा फेकी गई कचरा, घर से निकले कचरे, गोबर, बेकार होता खाना, व अन्य कचरे के सड़ने से जिस गैस का निर्माण होता है बायोगैस कहलाता है।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की बायोगैस (biogas composition) को पवन उर्जा और सौर्य उर्जा की श्रेणी में रखा जाता है, क्योंकी Bio गैस भी अन्य उर्जा श्रोतो के प्रकार ये भी नविकरणीय उर्जा का श्रोत है।
गोबर गैस संयत्र बनाने की विधि (How Is Biogas Produced) :
सबसे पहले आपको गोबर गैस बनाने के लिए निम्नलिखित जरूरी सामान अपने पास रखने होंगे...
ईंट सीमेंट बजरी रेत पाइप काला पेंट गैस पाइप और बर्नरजब आप ये सामान अपने पास रख लेते है तब आपको जरूरत है बायोगैस के लिए इसका आकार सही निर्माण विधि से बनाया जाना आवश्यक। अधिकतर बायोगैस प्लांट 4 से लेकर 20 क्यूबिक मीटर की कैपेसिटी के होते हैं। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की हर प्लांट की कैपेसिटी के आधार पर ही उसकी उत्पादन क्षमता तय की जा सकती है।
जब आप ये बना लेते है फिर बायोगैस प्लांट में गोमूत्र, गोबर और पानी को इनलेट टैंक में मिलाया जाता है। यह मिश्रित तैयार होने के बाद फीड स्टॉक डाइजेस्टर वेसल में जाता है। इसी डाइजेस्टर में मीथेन गैस द्वारा उत्पन गुबंद में जमा कर लिया जाता है और फिर इसी गुबंद में लगे पाइप के माध्यम से गैस की निकासी करके उसको इस्तेमाल करने लायक बनाया जाता है।
अब डाइजेस्टर में बचा हुआ घोल मैनहोल से आउटलेट चैंबर में जमा हो जाता है और अधिक बहाव के चलते कम्पोस्ट पिट्स में पहुंच जाता है। जिसको आप निकाल कर खेतों में खाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गोबर गैस से बिजली बनाना :
अगर आप भी गोबर गैस से बिजली बनाना चाहते तो जब आप अपना पूरा Gobar gas plant setup कर लेंगे तो उसके बाद आपको गोबर लेकर उसे roadway bridge का यूज करके तोलना होगा। ध्यान रहे की जितना आपको बिजली का प्रोडक्शन करना है उसके अनुसार ही आपको गोबर लेना होगा।
अब गोबर को गोबर गैस प्लांट के टैंक में डालकर उसे पानी और घोल के साथ mix करना होता है। इस प्लांट में जो गड्ढे बने हुए होते हैं उनमें agitator और motor पहले ही लगी होती है। इस प्रकार से फिर मोटर की सहायता से slurry को Digester में भेजने का काम किया जाता है।
इसके अंदर कुल 4 submersible agitator लगे होते हैं। उनका use ज्यादा से ज्यादा गोबर गैस बनाने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि इसके द्वारा ही methane का production अधिक मात्रा में किया जाता है। फिर कच्चा माल Digester में मौजूद रूफ के द्वारा purification system के अंदर जाता है।
इस प्रकार से purification system CO2 को अवशोषित कर लेता है और CH4 (मीथेन) को शुद्ध करके उससे separate कर देता है। उसके बाद carbon dioxide को methane से separate करने के बाद कंप्रेशर की सहायता से सिलेंडर में डाला जा सकता है। इस प्रकार आप आसानी से इस संयत्र से बिजली बना सकते है।
गोबर गैस के उपयोग (biogas uses) :
यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा बायोगैस के उपयोगों
(biogas uses in hindi) से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
खाना पकाने के लिए घर की बिजली के लिए वाहनों के लिए है उपयोगीबायोगैस के घटक :
यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा बायोगैस के घटकों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...
मीथेन (55-75%) कार्बन डाइऑक्साइड (25-50%) हाइड्रोजन नाइट्रोजन हाइड्रोजन सल्फाइड कार्बन मोनोऑक्साइड अमोनियागोबर गैस प्लांट सब्सिडी :
इस प्लांट के लिए कई राज्यों की सरकारें सब्सिडी भी देती है ताकि इस प्रकार की योजना को और आगे बढाया जा सके और लोगों को उर्जा के बारें जागरूक किया जा सके।
इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश राज्य सरकार जहाँ संयंत्र को स्थापित करने में 22 हजार रुपए की लागत आती है जिसमे से राज्य सरकार द्वारा सामान्य जाति के लाभार्थियों को 9000 रुपए एवं अनुसूचित जाति के आवेदकों को 11000 रुपए सब्सिडी प्रदान की जाती है।
1 kg gobar gas se kitni bijali banti h