Harijan Jati Ka Itihas हरिजन जाति का इतिहास

हरिजन जाति का इतिहास



GkExams on 06-03-2023


हरिजन जाति का इतिहास : हरिजन जाति के इतिहास को लेकर अलग - अलग लोगों के अलग - अलग प्रकार के मत है। और इस विषय पर आये दिन सोशल मीडिया या समाचार चैनल पर चर्चाएँ चलती रहती है। उन्ही चर्चाओं में से कई लोग मानते है की प्राचीन काल मे दक्षिणी भारत मे एक परम्परा थी। शादी विवाह के उपरांत पति पत्नी मन्दिर मे जाकर वहां संतानोत्पति की कामना करते थे।


समय संयोग से उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती थी, परंतु यदि संतान के रूप मे कन्या प्राप्त होती थी तो वे उसे मन्दिर मे देवता के आगे भेट रूप मे चढाकर वहां के पण्डे पुजारियो को दे आते थे। मन्दिर देवालियो मे देवताओं की पत्थर की मूर्तियो के आगे भेट रूप मे चढाई गई बालाए जब बडी होती थी, वहां के पण्डे पुजारी और प्रबंधक लोगो की निगाहें पडती थी, उनके मन गन्दे होने लगते थे,वे हो उठते थे,तो फिर वे उन यौवनाऔ को अपनी काम वासना का शिकार बना बैठते थे।


ऐसी स्थिति मे बेचारी ये युवतियां गर्भवती हो जाती थी। अब मन्दिर के पण्डे पुजारी के सामने यह समस्या खड़ी हो जाती थी कि उन युवतियों द्वारा उत्पन्न उन संतानो के पिता किसे बताया जाये? यदि वे उन्हें अपने से उत्पन्न होना बताए, तो ऐसा करने से कुलीनता और पापो का भंडाफोड होता था।


इससे बचने के लिए उन अबलाओ को मन्दिर की मूर्तियो के साथ फेरे करवाकर उनका विवाह रचने का नाटक कर देते थे और उन्हें यह कह देते थे कि अब तुम्हारे पति ये देवता(हरि)ही है और तुमसे जो संताने पैदा हुई है वे
देवताओं (हरि) द्वारा पैदा की गई है इसलिए उनके पिता हरि है।


इसका सीधा अर्थ यही हुआ कि इन संभ्रात कहे जाने वाले दुराचारियो द्वारा इन अबलाऔ के साथ कुकर्म करने, पाप कर्म करने से जो संताने उत्पन्न हुई, वे हरिजन नाम से पुकारी गई । इसलिए हरिजन शब्द पवित्र नही है : वर्ण भेद और जाति भेद हिंदू धर्म एक संस्था है ।


हरिजन शब्द के बारें में :




हरि का अर्थ - "ईश्वर या भगवान" और जन का अर्थ - "लोग" होता है। इसलिए हमारे देश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गाँधी जी ने "हरिजन" शब्द का प्रयोग हिन्दू समाज के उन समुदायों के लिये करना शुरु किया था जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत माने जाते थे। इनके साथ ऊँची जाति के लोग छुआछूत का व्यवहार करते थे अर्थात उन्हें अछूत समझा जाता था।


सामाजिक पुर्ननिर्माण और इनके साथ भेदभाव समाप्त करने के लिये गाँधी ने उन्हें ये नाम दिया था और बाद में उन्होंने "हरिजन" नाम से एक समाचार-पत्र भी निकाला जिसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे।


दिल्ली सरकार ने हरिजन शब्द को किया बैन :




वर्तमान समय में दिल्ली सरकार द्वारा एक नई पहल करते हुए हरिजन शब्द को प्रतिबन्धित कर दिया गया है। हरिजन शब्द के स्थान पर "अनुसूचित जाति" का इस्तेमाल करना अनिवार्य कर दिया गया है।


अपील :


GKEXAMS.COM की आप सभी पाठकों से यहीं अपील है की हरिजन के इतिहास को लेकर हमने किसी भी प्रकार की टिप्पणी अपनी तरफ से नही की है। जो भी टिप्पणी आपने पढ़ी है वो सोशल मीडिया के माध्यम से लोग आपस में बतलाते रहते है।




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