Akbar Ki Dharmik Neeti Ka Varnnan Karein अकबर की धार्मिक नीति का वर्णन करें

अकबर की धार्मिक नीति का वर्णन करें



GkExams on 03-04-2022


अकबर के बारें में : अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। बता दे की सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे और मातृपक्ष का संबंध चंगेज खां से था।


अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था इसलिए उनका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया था। कहा जाता है कि काबुल पर विजय मिलने के बाद उनके पिता हुमायूँ ने बुरी नज़र से बचने के लिए अकबर की जन्म तिथि एवं नाम बदल दिए थे।


अकबर की धार्मिक नीति :




बादशाहों में अकबर ही एक ऐसा बादशाह था, जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों वर्गों का बराबर प्यार और सम्मान मिला। अकबर एक मुसलमान था लेकिन दूसरे धर्म एवं सम्प्रदायों के लिए भी उसके मन में आदर था।


जैसे-जैसे अकबर की आयु बढ़ती गई वैसे-वैसे उसकी धर्म के प्रति रुचि बढ़ने लगी। उसे विशेषकर हिंदू धर्म के प्रति अपने लगाव के लिए जाना जाता हैं। इसका नतीजा ये हुआ की अकबर ने अपने पूर्वजो से विपरीत कई हिंदू राजकुमारियों से शादी की।


इसके अलावा अकबर ने अपने राज्य में हिन्दुओ को विभिन्न राजसी पदों पर भी आसीन किया जो कि किसी भी भूतपूर्व मुस्लिम शासक ने नही किया था। वह यह जान गया था कि भारत में लम्बे समय तक राज करने के लिए उसे यहाँ के मूल निवासियों को उचित एवं बराबरी का स्थान देना चाहिये।


अकबर की धार्मिक नीति गैर इस्लामीयों के प्रति सहिष्णुता (सहन करने वाला) की नीति थी। उसने दिल्ली सल्तनत कालीन सुल्तानों और अपने परवर्ती मुगल सम्राटों के प्रति कठोर क्रूर शत्रुता पूर्ण नीति का शीघ्र ही परित्याग कर दिया।


आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की अकबर पहला राष्ट्रीय शासक था जो अपने साम्राज्य की न्यू हिंदू तथा मुस्लिम दोनों संप्रदायों की सद्भावना पर रखना चाहता था। उसकी धार्मिक नीति ने देश में शांति समृद्धि और एकता के नए युग का सूत्रपात किया। उसने हिंदू मुस्लिम जनता को एक सामान्य रंगमंच प्रदान करने के लिए "दीन ए इलाही" नामक संघ या धर्म की स्थापना की थी।


अकबर के धार्मिक विचारों का विकास एकाएक नहीं हुआ। निसंदेह हुआ प्रारंभ में अकबर कट्टर परंपरावादी मुसलमान रहा। 1562 ई. से 1582 ई. तक उसके धार्मिक विचारों में निरंतर परिवर्तन आता रहा।





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Comments Sabya kumari on 30-01-2023

Akbar ki darmik niti

Humayu ko kisne mara tha on 19-12-2022

Humayu ko kisne maar dala tha

Soni on 17-12-2022

Akbar ki dharmik niti ka varnan kare


Plavi Kurrey on 02-12-2022

Akabr Ki dharmik niti keeps bare me pura ditel Janna hai

Md Haider on 11-02-2022

अकबर की रस्तियसासन नीति किया है

Dharam Veer Nishad on 16-03-2021

Akbar ki Dharmik Niti ka varnan i

Avinash Tiwary on 06-03-2021

Akbar ki dharmik niti ka varnan kijiye




Akbar ki darmi niti on 06-10-2018

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Satish on 14-11-2019

Mohanjodaro was excavated by

Mahila raj on 27-11-2020

Akabr ki dharmik niti ka vrann kre

Mahi sharraf on 07-12-2020

Discuss the religious policy of akbar



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