Pracheen Kaal Me Nari Ki Sthiti प्राचीन काल में नारी की स्थिति

प्राचीन काल में नारी की स्थिति



GkExams on 12-05-2019

जहाँ राष्ट्रवादी विचारक यह मानते हैं कि वैदिक-युग में भारत में नारी को उच्च-स्थिति प्राप्त थी. नारी की स्थिति में विभिन्न बाह्य कारणों से ह्रास हुआ. परिवर्तित परिस्थितियों के कारण ही नारी पर विभिन्न बन्धन लगा दिये गये जो कि उस युग में अपरिहार्य थे. इसी प्रकार वर्ण-व्यवस्था को भी कर्म पर आधारित और बाद के काल की अपेक्षा लचीला बताते हुये ये विचारक उसका बचाव करते हैं. वामपंथी विचारक राष्ट्रवादी विद्वानों के इन विचारों से सर्वथा असहमत हैं. उनके अनुसार स्त्रियों तथा शूद्रों की अधीन स्थिति तत्कालीन उच्च-वर्ग का षड्‌यंत्र है, जिससे वे वर्ग-संघर्ष को दबा सकें. उच्च-वर्ग अर्थात्‌ मुख्यतः ब्राह्मण (क्योंकि समाज के लिये नियम बनाने का कार्य ब्राह्मणों का ही था) शूद्रों को अस्पृश्यता के नाम पर तथा नारियों को परिवारवाद के नाम पर संगठित नहीं होने देना चाहते थे.

नारीवादी विचारक भी राष्ट्रवादी दृष्टिकोण का विरोध करते हैं. उनके अनुसार तत्कालीन सामाजिक ढाँचा पितृसत्तात्मक था और धर्मगुरुओं ने जानबूझकर नारी की अधीनता की स्थिति को बनाये रखा. ये विचारक यह भी नहीं मानते कि वैदिक युग में स्त्रियों की बहुत अच्छी थी, हाँ स्मृतिकाल से अच्छी थी, इस बात पर सहमत हैं. दलित विचारक स्मृतियों और विषेशत मनुस्मृति के कटु आलोचक हैं. वे यह मानते हैं कि शूद्रों की युगों-युगों की दासता इन्हीं स्मृतियों के विविध प्रावधानों का परिणाम है. वे मनुस्मृति के प्रथम अध्याय के ३१वें[i] और ९१वें[ii] श्लोक का मुख्यतः विरोध करते हैं जिनमें क्रमशः शूद्रों की ब्रह्मा की जंघा से उत्पत्ति तथा सभी वर्णों की सेवा शूद्रों का कर्त्तव्य बताया गया है.

प्राचीन भारत में नारी की स्थिति के विषय में सबसे अधिक विस्तार से वर्णन राष्ट्रवादी विचारक ए.एस. अल्टेकर ने अपनी पुस्तक में किया है. उन्होंने नारी की शिक्षा, विेवाह तथा विवाह-विच्छेद, गृहस्थ जीवन, विधवा की स्थिति, नारी का सार्वजनिक जीवन, धार्मिक जीवन, सम्पत्ति के अधिकार, नारी का पहनावा और रहन-सहन, नारी के प्रति सामान्य दृष्टिकोण आदि पर प्रकाश डाला है. अल्टेकर के अनुसार प्राचीन भारत में वैदिक काल में स्त्रियों की स्थिति समाज और परिवार में उच्च थी, परन्तु पश्चातवर्ती काल में कई कारणों से उसकी स्थिति में ह्रास होता गया. परिवार के भीतर नारी की स्थिति में अवनति का प्रमुख कारण अल्टेकर अनार्य स्त्रियों का प्रवेश मानते हैं. वे नारी को संपत्ति का अधिकार न देने, नारी को शासन के पदों से दूर रखने, आर्यों द्वारा पुत्रोत्पत्ति की कामना करने आदि के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास करते हैं तथा उन्होंने कई बातों का स्पष्टीकरण भी दिया है. उदाहरण के लिये उनके अनुसार महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार न देने का कारण यह है कि उनमें लड़ाकू क्षमता का अभाव होता है, जो कि सम्पत्ति की रक्षा के लिये आवश्यक होता है. इस प्रकार अल्टेकर ने उन अनेक बातों में भारतीय संस्कृति का पक्ष लिया है, जिसके लिये हमारी संस्कृति की आलोचना की जाती है. उन्होंने अपनी पुस्तक के प्रथम संस्करण की भूमिका में स्वयं यह स्वीकार किया है कि निष्पक्ष रहने के प्रयासों के पश्चात्‌ भी वे कहीं-कहीं प्राचीन संस्कृति के पक्ष में हो गये हैं. प्रसिद्ध राष्ट्रवादी इतिहासकार आर. सी. दत्त ने भी अल्तेकर के दृष्टिकोण का समर्थन किया है उनके अनुसार, महिलाओं को पूरी तरह अलग-अलग रखना और उन पर पाबन्दियाँ लगाना हिन्दू परम्परा नहीं थी. मुसलमानों के आने तक यह बातें बिल्कुल अजनबी थीं... . महिलाओं को ऐसी श्रेष्ठ स्थिति हिन्दुओं के अलावा और किसी प्राचीन राष्ट्र में नहीं दी गयी थी.[iii] शकुन्तला राव शास्त्री ने अपनी पुस्तक ‘वूमेन इन सेक्रेड लॉज़’ में इसी प्रकार के निष्कर्ष प्रस्तुत किये हैं.




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Shakir baliyan on 18-11-2022

Wahan prasth thata sannyash ke niyam

Deepshika on 01-03-2022

Prachin Bharat mai naribad ka vardan

Ganga Sarathe on 07-01-2022

Tenokal mi mahilao ki kese ishtiti thi






नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment