Kalpna Chawla Par Kavita
कल्पना चावला पर कविता
‘कल्पना’
नहीं हकीकत थी वो
धरा पर नहीं
आकाश में घुमती थी वो
अपनी अथक मेहनत
और अपने बुलंद इरादों से
जमीं-आसमां एक कर गयी वो
अब बनकर एक नक्षत्र
रहने लगी हमसे बहुत दूर वो
आज भी सातों आसमान के पार से
अपनी जन्मभूमि को निहारती वो
जो जन्मी तो ‘भारत’ में
लेकिन भरकर बड़ी ऊंची उड़ान
पहुंच गयी थी विदेश में वो
आज भी दूर से हर बेटी को
खुद पर गर्व करने का
संदेश दे रही वो
कि कोई आम लडकी नहीं
देश की बेटी ‘कल्पना चावला’ थी वो
आज पुण्य तिथि पर...
उसको श्रद्धांजलि दे रहे हम लोग ॥
Calpna chawla ka result of class 10th Aure unhone inter Kebaad koon koon si degree hasil ki aur 12th ka result
Kalpna chawla ka janm kab hua ttha
कल्पना.चावला के कितने बच्चे थे
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