Mangal Grah Par Jeevan Sambhav Hai मंगल ग्रह पर जीवन संभव है

मंगल ग्रह पर जीवन संभव है



Pradeep Chawla on 12-05-2019

हाल की ग्रहीय वासयोग्यता की हमारी समझ उन ग्रहों के पक्ष में है जिनके पास अपनी सतह पर तरल पानी है। ग्रहीय वासयोग्यता, दुनिया को विकसित करने और जीवन को बनाए रखने के लिए ग्रह की एक क्षमता है। प्रायः इसकी मुख्य मांग है कि ग्रह की कक्षा वासयोग्य क्षेत्र के भीतर स्थित हो, जिसके लिए सूर्य वर्तमान में इस दायरे को शुक्र से थोड़े से परे से लेकर लगभग मंगल के अर्ध्य-मुख्य अक्ष तक विस्तारित करता है।[104] सूर्य से निकटता के दौरान मंगल इस क्षेत्र के अन्दर डुबकी लगाता है, परन्तु ग्रह का पतला (निम्न-दाब) वायुमंडल, इन विस्तारित अवधियों से बड़े क्षेत्रों पर विद्यमान तरल पानी की रक्षा करता है। तरल पानी के पूर्व प्रवाह वासयोग्यता के लिए ग्रह की क्षमता को दर्शाता है। हाल के कुछ प्रमाण ने संकेत दिया है कि नियमित स्थलीय जीवन को आधार हेतू मंगल की सतह पर किंचित पानी बहुत ज्यादा लवणीय औए अम्लीय रहा हो सकता है।[105]



चुम्बकीय क्षेत्र की कमी और मंगल का अत्यंत पतला वायुमंडल एक चुनौती है: इस ग्रह के पास, अपनी सतह के आरपार मामूली ताप संचरण, सौर वायु के हमले के खिलाफ कमजोर अवरोधक और पानी को तरल रूप में बनाए रखने के लिए अपर्याप्त वायु मंडलीय दाब है। मंगल भी करीब करीब, या शायद पूरी तरह से, भूवैज्ञानिक रूप से मृत है ज्वालामुखी गतिविधि के अंत ने उपरी तौर पर ग्रह के भीतर और सतह के बीच में रसायनों और खनिजों के पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) को बंद कर दिया है।[106]



प्रमाण सुझाव देते है कि यह ग्रह जैसा कि आज है कि तुलना में एक समय काफी अधिक रहने योग्य था, परन्तु चाहे जो हो वहां कभी रहे जीवों की मौजूदगी अनजान बनी हुई है। मध्य १९७० के वाइकिंग यान ने अपने संबंधित अवतरण स्थलों पर मंगल की मिट्टी में सूक्ष्मजीवों का पता लगाने के लिए जान-बूज कर परीक्षण किये और परिणाम सकारात्मक रहा, जिसमे पानी और पोषक तत्वों पर से अनावरित CO2 के उत्पादन की एक अस्थायी वृद्धि भी शामिल है। जीवन का यह चिन्ह बाद में कुछ वैज्ञानिकों के द्वारा विवादित रहा था, जिसका परिणाम निरंतर बहस के रूप में हुआ, नासा के वैज्ञानिक गिल्बर्ट लेविन ने जोर देते हुए कहा कि वाइकिंग ने जीवन पाया हो सकता है। आधुनिक ज्ञान के प्रकाश में, जीवन के चरमपसंदी रूपों के वाइकिंग आंकड़ो के एक पुनः विश्लेषण ने सुझाव दिया है कि जीवन के इन रूपों का पता लगाने के लिए वाइकिंग के परीक्षण पर्याप्त परिष्कृत नहीं थे। इस परीक्षण ने एक जीवन रूप (कल्पित) को भी मार डाला है।[107] फीनिक्स मार्स लैंडर द्वारा किए गए परीक्षणों से पता चला है कि मिट्टी की एक बहुत क्षारीय pH है और यह मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड शामिल करता है।[108] मिट्टी के पोषक तत्व जीवन को आधार देने के लिए समर्थ हो सकते है लेकिन जीवन को अभी भी गहन पराबैंगनी प्रकाश से परिरक्षित करना होगा।[109]



जॉनसन स्पेस सेंटर प्रयोगशाला में, उल्का ALH84001 में कुछ आकर्षक आकार पाए गए है, जो मंगल ग्रह से उत्पन्न हुए माने गए है। कुछ वैज्ञानिकों का प्रस्ताव है कि मंगल पर विद्यमान यह ज्यामितीय आकृतियां अश्मिभूत रोगाणुओं की हो सकती है, इससे पहले एक उल्का टक्कर ने इस उल्कापिंड को अंतरिक्ष में विष्फोटित कर दिया था और इसे एक १.५ करोड़-वर्षीय यात्रा पर पृथ्वी के लिए भेज दिया।[110]



हाल ही में मार्स ऑर्बिटरों द्वारा मीथेन और फोर्मेल्ड़ेहाईड की छोटी मात्रा का पता लगाया गया और दोनों ने जीवन के लिए संकेत के होने का दावा किया है, उनके अनुसार ये रासायनिक यौगिक मंगल के माहौल में जल्दी से टूट जाएंगे।[111][112] यह दूर से संभव है कि इन यौगिकों के स्थान की भरपाई ज्वालामुखी या भूगर्भीय माध्यम से हो सकती है अर्थात् जैसे कि सर्पेंटाइनीजेसन।[90]





हमारे सौरमंडल में धरती एक ऐसा मात्र ग्रह है जहां पर अभी तक जीवन संभव हो पाया है. धरती के अलावा दूसरे ग्रहों पर अभी खोज चल रही है और वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन ग्रहों पर भी जीवन हो सकता है या जीवन रहने लायक उन ग्रहों को बनाया जा सकता है. जिसमें सबसे पहला नाम आता है मंगल ग्रह का जो कि पृथ्वी के बिल्कुल निकट है. और इस पर जीवन होने की संभावना दूसरे घरों की बजाए काफी ज्यादा है. क्योंकि यह पृथ्वी के पास ही है और सूर्य से काफी दूर है जिसके कारण इस पर ज्यादा गर्मी भी नहीं होती लेकिन इसके ऊपर सर्दी बहुत ज्यादा होती है इसीलिए इसके ऊपर जीवन पनपने के लिए उचित वातावरण अभी तक नहीं है .



हम सब जानते हैं कि जीने के लिए ऑक्सीजन बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है जिसके बिना व्यक्ति शायद कुछ ही सेकंड के लिए जी पाए. और ऐसे ग्रहों पर जीवन में होने का सबसे बड़ा कारण यही है कि वहां पर ऑक्सीजन की भारी कमी है. और पृथ्वी पर ऑक्सीजन काफी मात्रा में उपलब्ध है इसलिए यहां पर जीवन संभव है. लेकिन विज्ञानिकों के अनुसार आने वाले सालों में वह चांद और मंगल जैसे घरों पर मनुष्य के रहने लायक वातावरण बना देंगे और वहां पर भी मनुष्य रह सकेंगे .



मंगल ग्रह पर जीवन ढूंढने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि पृथ्वी कभी ना कभी नष्ट हो जाएगी इसीलिए मानव जाति को बचाने के लिए वैज्ञानिक अन्य ग्रहों पर जीवन तलाश रहे हैं ताकि जब पृथ्वी नष्ट हो तब मनुष्य जाति बची रहे. पृथ्वी नष्ट होने के कई कारण हो सकते हैं आज का मानव पृथ्वी को खुद नष्ट कर रहा है और इसकी मौत मनुष्य के हाथों में होगी लेकिन जैसे ही पृथ्वी नष्ट होगी वैसे ही पूरी मानव जाति नष्ट हो जाएगी. तो इसी डर से हम अन्य ग्रहों पर जीवन की तलाश कर रहे हैं और शायद वैज्ञानिक अन्य ग्रहों पर जीवन जीने लायक वातावरण बना सकें. लेकिन दूसरे ग्रहों पर जीवन संभव नहीं है और इसका कारण है कि या तो वह सूर्य से बहुत ज्यादा दूर है या वह सूर्य के नजदीक हैं पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जो सूर्य से बिल्कुल सही जगह पर स्थित है इसीलिए यहां पर ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही ज्यादा सर्दी होती है यहां पर बिल्कुल जीवन जीने लायक वातावरण है.



और ऐसा वातावरण किसी अन्य ग्रह पर बनाना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि हम किसी भी ग्रह को सूर्य के पास या उससे दूर नहीं लेकर जा सकते और इसी कारण उस ग्रह पर जीवन की संभावना कम हो जाती है. हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं जिसके अंदर बृहस्पति शनि अरुण और वरुण ग्रह सिर्फ गैसीय है. जिस पर सिर्फ और सिर्फ गैस ही गैस है और इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रह सूर्य के काफी नजदीक है जिसका तापमान 250 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा रहता है अब बच गया मंगल ग्रह जो कि पृथ्वी के पास है लेकिन इसकी भी एक समस्या है कि इस पर तापमान में भारी गिरावट आती है क्योंकि यह सूर्य से काफी ज्यादा दूर है तो इसका मतलब यहां पर तापमान पृथ्वी के मुकाबले और भी ज्यादा कम हो जाता है .



मंगल ग्रह पर जीवन संभव नहीं होने का सिर्फ एक ही कारण नहीं है कि वहां का तापमान कम है इसके और भी कई कारण है आखिर क्यों मंगल ग्रह पर अभी जीवन संभव नहीं है या आगे आने वाले समय में कैसे इसके ऊपर जीवन संभव किया जा सकता है यही जानकारी आपको इस पोस्ट में दी जाएगी.

मंगल ग्रह



अब तक मंगल ग्रह के ऊपर 55 मिशन किए जा चुके हैं. उनमें से 15 मिशन को सफलता मिली है और आप अभी भी चल रहे हैं 2 सबसे ज्यादा सफलतापूर्वक रहे हैं वह सबसे ज्यादा जानकारी हासिल कर के लाए हैं .



व्यास के आधार पर देखा जाए तो मंगल ग्रह हमारे पृथ्वी से आधा है. मंगल ग्रह के घूमने की प्रक्रिया और मौसम चक्र पृथ्वी के मौसम चक्र और पृथ्वी की घूमने की गति के बराबर ही है. सौर मंडल में हमारी पृथ्वी के अलावा मंगल ग्रह पर हमारे जीवन की संभावना ज्यादा है और पानी की भी संभावना है. हालांकि अभी तक मंगल के ऊपर तरल पानी नहीं पाया गया है. लेकिन इसके ऊपर दक्षिणी ध्रुव में बर्फ की बहुत बड़ी चोटी है अगर यह पूरी बर्फ पिघल जाए तो मंगल ग्रह की सतह 11 फीट तक पानी के अंदर डूब जाएगी भू वैज्ञानिकों द्वारा मिले प्रमाण के अनुसार पहले मंगल ग्रह के ऊपर तक पानी बड़ी अवस्था में मात्रा थी.



मंगल की वायुमंडल में 95.32 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड 0.30% ऑक्सीजन की उपस्थिति है और वैज्ञानिक इसके ऊपर ऑक्सीजन की उपस्थिति को 20% तक बढ़ाने की खोज कर रहे हैं इसके साथ-साथ मंगल के ऊपर यूरेनियम थोरियम जैसे तत्व मिले हैं जो कि इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं



विषय पर एक विज्ञानिक का मानना है कि मंगल ग्रह के ऊपर पहले कोई एलियन सभ्यता रहती थी लेकिन उस सभ्यता को किसी एडवांस एलियंस सभ्यता ने न्यूक्लियर बम से खत्म कर दिया लेकिन इस बात को साबित करने के लिए डॉक्टर जो नंबर उस वैज्ञानिक के पास अभी तक कोई खास बड़ा प्रमाण नहीं है .



और उसके अलावा और वैज्ञानिकों ने भी ऐसी कोई खोज नहीं है जिसके बाद यह पता चल जाए कि यह बात सत्य है उन्हें यह महसूस हो जाएगी पहले यहां पर कोई सभ्यता रहती थी हालांकि इन सभी सवालों का जवाब हमें ना सके 2030 के मिशन जर्नी 2 मार्स में मिल जाएंगे जिसके अंदर नासा इंसानों को मंगल ग्रह के ऊपर भेजने के लिए पूरी तरह से काम कर रहा है इस मिशन के ऊपर नासा के वैज्ञानिक चांद के ऊपर भी इंसानों को कई महीनों तक खोज करने के लिए भेजने वाली है नासा ने इस मिशन के ऊपर अब तक अपने करोड़ों खर्च कर दिए हैं.



और इस मिशन के लिए नासा बहुत ज्यादा मेहनत कर रहा है वह लोग दिन-रात इस काम के लिए जुटे हुए हैं और शायद बहुत ही जल्दी नशा के द्वारा लोगों को चांद और मंगल ग्रह के ऊपर जीवन संभोग करने के लिए भेजा जाएगा और हम आशा करते हैं कि वहां पर बहुत ही जल्द हमारी मनुष्य जाति जीवन को संभव कर पाएगी और वहां पर भी हम रहेंगे और इससे हम अगर हमारी धरती के ऊपर कुछ भी विनाशकारी होता है तो उसके ऊपर मंगल या चांद ग्रह के ऊपर हम बिना किसी दिक्कत के या बिना किसी परेशानी के रह सकते हैं और बिल्कुल सुरक्षित हम उस कहे के ऊपर रहेंगे और हमारी मनुष्य जाति कभी खत्म नहीं होगी.



और आने वाले कुछ ही सालों में चांद और मंगल ग्रह के ऊपर सभी लोग आसानी से जीवन यापन कर रहे होंगे क्योंकि वहां पर जीवन को संभोग करने के लिए बहुत सी चीजें हमें मिलती है सब से ज्यादा हमें पानी की आवश्यकता होती है लेकिन चांद और मंगल दोनों ग्रह के ऊपर हमें पानी बहुत मात्रा में मिलता है इन ग्रहों के ऊपर हमें तरुण मात्रा में तो पानी नहीं मिलता है लेकिन वहां पर जो बर्फ है वह हमारे जीवन के लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकती हैं उस बर्फ का पानी हमारे लिए बहुत काम की चीज है और वह बड़ा हमारे लिए बहुत ही महत्व रखेगी जब हम मंगल ग्रह पर कभी हमारा जीवन संभव कर रहे होंगे.




सम्बन्धित प्रश्न



Comments bicky chetry on 12-05-2019

ky mangal grahama prani have?





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment