Samudayik Vikash Ke उद्देश्य} सामुदायिक विकास के उद्देश्य}

सामुदायिक विकास के उद्देश्य}



Pradeep Chawla on 12-05-2019

सामुदायिक विकास योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जीवन का सर्वागीण विकास करना तथा ग्रामीण समुदाय की प्रगति एवं श्रेश्ठतर जीवन-स्तर के लिए पथ प्रदर्शन करना है। इस रूप में सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्य इतने व्यापक है कि इनकी कोर्इ निश्चित सूची बना सकना एक कठिन कार्य है। इसके पश्चात भी विभिन्न विद्वानों ने प्राथमिकता के आधार पर सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अनेक उद्देश्यों का उल्लेख किया है।



प्रो.ए.आर. देसार्इ ने इस योजना के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए बताया है कि सामुदायिक विकास योजना का उद्देश्य ग्रामीणों में एक मनोवैज्ञानिक परिवर्तन उत्पन्न करना है। साथ ही इसका उद्देश्य ग्रामीणों की नवीन आकांक्षाओं, प्रेरणाओं, प्रविधियों एवं विश्वासों को ध्यान में रखते हुए मानव शक्ति के विशाल भण्डार को देश के आर्थिक विकास में लगाना है। लगभग उसी उद्देश्य को प्राथमिकता देते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिवेदन मे डंग हैमरशोल्ड ने स्पष्ट किया है कि ‘‘सामुदायिक विकास योजना का उद्देश्य ग्रामीणों के लिए केवल भोजन वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य और सफार्इ की सुविधाएँ देना मात्र नहीं है बल्कि भौतिक साधनों के विकास से अधिक महत्वपूर्ण इसका उद्देश ग्रामीणों के दृष्टिकोण तथा विचारों में परिर्वतन उत्पन्न करना है’’ वास्तविकता यह है कि ग्रामवासियों में जब तक यह विश्वास पैदा न हो कि वे अपनी प्रगति स्वयं कर सकते हैं तथा अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझा सकते हैं, तब तक ग्रामों का चतुर्दिक विकास किसी प्रकार भी सम्भव नहीं है। इस दृष्टिकोण से ग्रामीण समु दाय की विचारधारा एवं मनोवृत्ति में परिर्वतन लाना निश्चित ही इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।



डॉ. दुबे ने (S.C. Dube) सामुदायिक विकास योजना के उद्देश्य को भागों में विभाजित करके स्पष्ट किया है: (1) देश का कृषि उत्पादक प्रचुर मात्रा में बढ़ाने का प्रयत्न करना, संचार की सुविधाओं में वृद्धि करना, शिक्षा का प्रसार करना तथा ग्रामीण स्वास्थ्य और सफार्इ की दशा में सुधार करना। (2) गाँवों में सामाजिक तथा आर्थिक जीवन को बदलने के लिए सुव्यवस्थित रूप से सांस्कृतिक परिवर्तन की प्रक्रिया का आरम्भ करना। इससे स्पष्ट होता है कि डॉ. श्यामाचरण सामुदायिक विकास योजना के प्रमुख उद्देश्य के रूप में कृषि के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के पक्ष में है। आपकी यह धारणा है कि कृषि के समुचित विकास के अभाव में ग्रामीण समुदाय का विकास सम्भव नहीं है क्योंकि ग्रामिण समुदाय का सम्पूर्ण जीवन किसी न किसी रूप में कृषि से ही प्रभावित है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि कृषि के विकास की अपेक्षा ‘दृष्टिकोण में परिवर्तन’ का उद्देश्य गौण है। यदि कृषि के विकास से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो जाये तो उनके दृष्टिकोण में तो स्वत: ही परिवर्तन हो जायेगा। भारत सरकार के सामुदायिक विकास मंत्रालय द्वारा इस योजना के 8 उद्देश्यों को स्पष्ट किया गया है। ये उद्देश्य इस प्रकार हैं: -



ग्रामीण जनता के मानसिक दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना।

गाँवों में उत्तरदायी तथा कुशल नेतृत्व का विकास करना।

सम्पूर्ण ग्रामीण जनता को आत्मनिर्भर एवं प्रगतिशील बनाना।

ग्रामीण जनता के आर्थिक स्तर को ऊँचा उठाने के लिए एक ओर कृषि का आधुनिकीकरण करना तथा दूसरी ओर ग्रामीण उद्योगों को विकसित करना।

इन सुधारों को व्यावहारिक रूप देने के लिए ग्रामीण स्त्रियों एवं परिवारों की दशा में सुधार करना।

राष्ट्र के भावी नागरिकों के रूप में युवकों के समुचित व्यक्तित्व का विकास करना।

ग्रामीण शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखना।

ग्रामीण समुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा करना।



इन प्रमुख उद्देश्य के अतिरिक्त इस योजना में अन्य कुछ उद्देश्यों का भी उल्लेख किया गया है। उदाहरण के लिए, (क) ग्रामीण जनता का आत्मविश्वास तथा उत्तरदायित्व बढ़ाकर उन्हें अच्छा नागरिक बनाना, (ख) ग्रामीणों को श्रेश्ठकर सामाजिक एवं आर्थिक जीवन प्रदान करना, तथा (ग) ग्रामीण युवकों में संकीर्ण दायरे के बाहर निकलकर सोचने और कार्य करने की शक्ति विकसित करना आदि भी इस योजना के कुछ सहयोगी उद्देश्य हैं। इस सभी उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए यदि व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जाय तो यह कहा जा सकता है कि सामुदायिक विकास कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय के अन्दर सोर्इ हुर्इ क्रान्तिकारी शक्ति को जाग्रत करना है जिसमें ग्रामीण समुदाय अपने विचार करने और काय्र करने के तरीकों को बदलकर अपनी सहायता स्वयं करने की शक्ति को विकसित कर सकें।



सामुदायिक विकास योजना के सभी उद्देश्य कुछ विशेष मान्यताओं पर आधारित हैं। सर्वप्रमुख मान्यता यह है कि सामुदायिक विकास योजनाएँ स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित होनी चाहिए। दूसरे,, उद्देश्य-प्राप्ति के लिए योजना में जन-सहभाग केवल प्रेरणा और समर्थन द्वारा प्राप्त किया जा सकता है, शक्ति के प्रयोग द्वारा नहीं। इसके लिए सामुदायिक विकास कार्यकर्ताओं के चयन और प्रशिक्षण में विशेष सावधानी रखना आवश्यक है। अन्तिम मान्यता यह है कि वह पूर्णतया नौकरशाही व्यवस्था द्वारा संचालित न होकर अन्तत: ग्रामीण समुदाय द्वारा संचालित होना चाहिए जिसके लिए योजना के आरम्भ से अन्त तक इसमें ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।






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Comments Raju on 12-05-2019

Principal of community development





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