ग्रामीण जीवन के बारे में (About Village Life In Hindi) : जैसा की हम सब जानते है की हमारा देश एक विशाल जनसंख्या वाला देश है जिसका एक बहुत बड़ा भाग आज भी गाँवों में निवास करता है। ये लोग आज भी अपनी आजीविका के लिए पूर्ण रूप से कृषि पर निर्भर हैं। वास्तविक रूप में यदि देखा जाए तो भारत की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि ही है।
Village Life Drawing :
गाँवों में लोग प्राय: सादा जीवन व्यतीत करते हैं। भारतीय ग्राम्य जीवन
(village life in india) की जब भी बात होती है तो तपती हुई धूप में खेती करता हुआ किसान, दूर-दूर तक फैले हुए खेत और उन पर लहलहाती हरी – भरी फसल घर का काम-काज सँभालती हुई औरतें तथा हाट (बाजार) व मेले के दृश्य स्वत: ही मन-मस्तिष्क पर उभर आते हैं।
यहाँ के मनोरंजन की बात करें तो ग्रामीण जीवन
(village life essay) में मनोरंजन हेतु अनुपम व अनूठे साधन उपलब्ध हैं। लोग तरह-तरह से अपना व दूसरों का मनोरंजन करते हैं। प्राय: दिन में कार्य करने के पश्चात् सायंकाल को लोग चौपाल अथवा किसी प्रांगण आदि पर एकत्र होते हैं जहाँ वे तरह-तरह की बातों से अपना मन बहलाते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग धार्मिक कथाओं जैसे श्रीराम अथवा श्रीकृष्ण आदि के जीवन-चरित्र पर चर्चा करते हैं। प्राय: लोग मंडली बनाकर ढोल मजीरे आदि वाद्य यंत्रों के साथ बैठकर संगीत व नृत्य का आनंद उठाते हैं। गायन में लोकगीत व भजन आदि प्राय: सुनने को मिलते हैं।
ग्रामीण विकास (Rural development) के बारें में :
ग्रामीण विकास शब्द
(rural development definition) का मतलब है गाँव के लोगों का आर्थिक सुधार और बड़ा समाजिक बदलाव लाना। और ये सब गाँव की पंचायत के मुखिया सरपंच के पास होते है। आपको बता दे की ग्रामीण विकास कार्यक्रमों में लोगों का बढ़ी हुई भागीदारी, योजनाओं का विकेन्द्रीकरण, भूमि सुधारों को बेहतर तरीके से लागू करना और ऋण की आसान उपलब्धि करवाकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का लक्ष्य होता है।
भारत में ग्रामीण विकास (Rural development in india) :
हमारे देश के विभिन्न ग्रामीण विकास कार्यक्रमों का उद्देश्य गरीबी दूर करना है। इसके लिए कोष को अधिक से अधिक बढ़ाना ही पर्याप्त नहीं है। बेहतर परिणामों के लिए बुनियादी स्तर पर कुछ परिवर्तन लाना आवश्यक है। इस पूरी प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है उन लोगों की पहचान करना जिन्हें इन कार्यक्रमों से लाभ पहुँचाया जाना है।
जैसा की हम सब जानते है भारत एक ग्राम-प्रधान देश है और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के बिना राष्ट्रीय विकास सम्भव नहीं है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व भी हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नेताओं की यही मान्यता थी। और वास्तव में स्वतन्त्रता संग्राम का एक आधार यह भी था कि ब्रिटिश राज के दौरान ग्रामीण भारत की अनदेखी की जा रही थी। महात्मा गाँधी ने तो ‘ग्राम-स्वराज’ को ही स्वतन्त्र भारत के आर्थिक विकास के केन्द्र-बिन्दु के रूप में देखा।
ऐसा नहीं है कि विकास कार्यक्रमों में कोई प्रगति नहीं हुई है लेकिन उनकी गति और उपलब्धियाँ वाँछित स्तर की नहीं है। ग्रामीण विकास को हमेशा कृषि विकास के साथ जोड़ा गया और यह मान लिया गया कि कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि आ जाएगी।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के एक दशक बाद वैचारिक परिवर्तन हुआ। ‘अधिक अन्न उपजाओ’ जाँच समिति ने केवल कृषि या कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों जैसे पशुपालन आदि को ही नहीं अपितु इसके साथ-साथ ग्रामीणों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के समन्वित कार्यक्रम को भी बढ़ावा दिया।
ग्रामीण विकास की आवश्यकता :
भारत आज भी अनेक समस्याओं से जूझ रहा है देश की एक तिहाई से अधिक आबादी गरीबी रेखा
(rural development administration) के नीचे जीवन यापन करती है। वर्तमान मे देश में करोड शिक्षित बेरोजगार है। योजना गत विकास में राष्ट्रीय आय तो बड़ी है लेकिन इस वृद्धि का लाभ लोगों को समान रूप से प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए नई आर्थिक नीतियों पर अमल के बाद उन वस्तुओं का ही उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है जो धनी लोगों के काम आती है।
दरअसल हमारी अर्थव्यवस्था ऐसी है जो मूलतः कृषि पर ही निर्भर है। इसलिए यह कहना अनुचित नहीं होगा कि निरंतर ग्रामीण विकास के बिना हमारा राष्ट्रीय विकास अधूरा एवं निरर्थक ही साबित होगा। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि ग्रामीण उत्थान राष्ट्र के जीवन का मूल आधार है।
ग्रामीण विकास कार्यक्रम (rural development project) :
यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको ग्रामीण विकास कार्यक्रमों
(rural development projects list) से अवगत कराने वाले है, जिन्हें हमारे देशभर में ग्रामीण लोगों के हित के लिए चलाया जा रहा है...
रोज़गार देने के लिए महात्मा गाँधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (मनरेगा) स्व रोज़गार और कौशल विकास के लिए नेशनल रूरल लाइवलीहूडस मिशन (एनआरएलएम) गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को आवास देने के लिए इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) अच्छी सड़कें बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) सामाजिक पेंशन के लिए नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम (एनएसएपी) आदर्श ग्रामों के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई)
गामीण जनाना दिनचर्या निबंध