European samrajyawaad यूरोपीय साम्राज्यवाद

यूरोपीय साम्राज्यवाद



GkExams on 20-01-2023


साम्राज्यवाद (Imperialism) क्या है : साम्राज्यवाद (imperialism meaning in hindi) को अगर सरल भाषा में समझे तो ये राजनीतिक वर्चस्व का एक शासन है जिसमें एक सैन्य शक्ति बल या आर्थिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक प्रभाव के माध्यम से अन्य लोगों या राज्यों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाती है।


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साम्राज्यवाद (define imperialism) का विज्ञानसम्मत सिद्धांत लेनिन ने विकसित किया था। लेनिन ने 1916 में अपनी पुस्तक "साम्राज्यवाद पूंजीवाद का अंतिम चरण" में लिखा कि साम्राज्यवाद एक निश्चित आर्थिक अवस्था है जो पूंजीवाद के चरम विकास के समय उत्पन्न होती है। जिन राष्ट्रों में पूंजीवाद का चरमविकास नहीं हुआ वहाँ साम्राज्यवाद को ही लेनिन ने समाजवादी क्रांति की पूर्ववेला माना है।


यूरोपीय साम्राज्यवाद :




1870 ई. से पूर्व यूरोपीय देशों के साम्राज्यवाद का मुख्य आधार वाणिज्यवाद (European Imperialism History & Characteristics) था। व्यापार और उद्योग को राज्य द्वारा नियन्त्रित करके स्वर्ण और रजत का संकलन करने की नीति ही 'वाणिज्यवाद' कहलाती थी। 1870 ई. के पश्चात् यूरोपीय राष्ट्रों ने एशिया व अफ्रीका महाद्वीप में अपने साम्राज्य का विस्तार करना प्रारम्भ किया।


वैसे आपको बता दे की कई अलग - अलग इतिहासकार साम्राज्य विस्तार को नवीन साम्राज्यवाद के रूप में परिभाषित करते हैं। नवीन साम्राज्यवाद का उदय पन्द्रहवीं शताब्दी के अन्त तथा 16वीं शताब्दी के प्रारम्भ में हुआ। नवीन मुक्त व्यापार के सिद्धान्तों की लोकप्रियता के कारण यूरोपीय औपनिवेशिक साम्राज्य की नींव हिलने लगी। इसीलिए यूरोप में 1870 ई. के उपरान्त जिस नवीन साम्राज्यवाद का प्रचार और प्रसार हुआ वह पुराने साम्राज्यवाद से बिल्कुल अलग था।


साम्राज्यवाद की विशेषता :




यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं के जरिये आपको साम्राज्यवाद की विशेषताओं (imperialism examples) के बारें में अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • यह एक प्रकार का वह दृष्टिकोण है जिसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी शक्ति और गौरव को बढ़ाने के लिए अन्य देशों के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लेता है।
  • इसके अलावा यह हस्तक्षेप राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक या अन्य किसी भी प्रकार का हो सकता है।
  • और इसका सबसे प्रत्यक्ष रूप किसी क्षेत्र को अपने राजनीतिक अधिकार में ले लेना एवं उस क्षेत्र के निवासियों को विविध अधिकारों से वंचित करना है।
  • साम्राज्यवादी नीति के अन्तर्गत एक राष्ट्र-राज्य अपनी सीमाओं के बाहर जाकर दूसरे देशों और राज्यों में हस्तक्षेप करता है।



  • साम्राज्यवाद के उदय के कारण :




    यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं के जरिये आपको साम्राज्यवाद के उदय के कारणों (The following are the causes for the rise of Imperialism) के बारें में अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • आर्थिक कारण
  • जनसंख्या में वृद्धि
  • राजनीतिक कारण
  • साहसिक व्यक्तियों का योगदान
  • ईसाई धर्म-प्रचारकों का योगदान
  • जनशक्ति प्राप्त करना
  • सभ्य बनाने का अभियान



  • Comments Yash chauhan on 27-12-2022

    Class 11 ke project file chahie Hindi medium mein Mul nivasi ka visthapna ke upar

    Sakshi on 07-10-2022

    Eurpiye samrajya badh Kya h





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