प्राचीन समय से ही अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेदिक पद्धति में औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इस पौधे में कई ऐसे गुण है जो अनेकों बीमारियों से हमारा बचाव करती है।आयुर्वेद में बताया गया है कि इसके सेवन से मानसिक और शारीरिक क्षमता दोनों बढती है खासतौर पर ये पॉवर बढ़ाने में काफी मददगार है।आज के समय में लोग अलग अलग तरीकों से इसका सेवन करते हैं। कुछ लोग अभी भी अश्वगंधा पाउडर खरीदकर उसका सेवन करते हैं तो कुछ लोग बाज़ार में मिलने वाले कैप्सूल को खाते हैं।अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आखिर कितनी मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करना चाहिए तो इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि अश्वगंधा को कैसे और कितनी मात्रा में खाएं।1- अश्वगंधा की जड़ या पत्तियों का पाउडर :1- अश्वगंधा की जड़ या पत्तियों का पाउडर :अश्गंधा के पाउडर का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार रोजाना एक या दो चम्मच (3-6 ग्राम) ही पर्याप्त है। आमतौर पर इसे पानी में उबालकर सेवन किया जाता है या फिर आप दूध में मिलाकर इसका काढ़ा बना ले और फिर पियें।2- अश्वगंधा टी रेसिपी :2- अश्वगंधा टी रेसिपी : दो चम्मच अश्गंधा की जड़ लें। इसे तीन कप उबलते हुए पानी में डालें। लगभग 15 मिनट तक इसे उबालें। अब आंच बंद कर दें और मिश्रण को छान लें। अब रोजाना एक चौथाई कप इसका सेवन करें।3- अश्वगंधा और घी का मिश्रण :3- अश्वगंधा और घी का मिश्रण : आधा कप घी में दो चम्मच अश्वगंधा की जड़ें डालकर भूनें अब इसमें एक चम्मच डेट शुगर मिलाएं। इसे फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें। अब एक चम्मच इस मिश्रण को दूध में मिलाकर पियें।4-अश्वगंधा लीफ एक्सट्रेक्ट :4-अश्वगंधा लीफ एक्सट्रेक्ट :एक चम्मच अश्वगंधा रूट या पत्तियों के पाउडर से लगभग 300 मिलीग्राम कंसन्ट्रेटेड एक्सट्रेक्ट बनाएं। अश्वगंधा पर कई शोधों से यह निष्कर्ष निकला गया है कि रोजाना 600-1200 मिलीग्राम अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट का सेवन करना सही रहता है।5- अश्वगंधा टिंचर रेसिपी :5- अश्वगंधा टिंचर रेसिपी : आधा कप अश्वगंधा की सूखी जड़ें लें और इसे जार में रखें और उसमें दो कप नॉन जीएमओ वोडका या रम डालें। अब इस जार को बंद करके 2 से 4 हफ़्तों के लिए किसी कोने में रख दें। बीच बीच में ढक्कन हटाकर इसे चला लें। जब आपका टिंचर तैयार हो जाए तो इसे जार में से निकालकर किसी दूसरी कांच की बोतल में रख लें। इस अश्वगंधा टिंचर की 40-50 बूंदे लगभग 120 एम एल पानी में डालकर इसका सेवन करें।6- अश्वगंधा कैप्सूल :6- अश्वगंधा कैप्सूल :आजकल के समय में बाज़ार में अश्वगंधा के कैप्सूल आसानी से मिल जाते हैं। इनमें अश्वगंधा एक्सट्रेक्ट की स्टैण्डर्ड मात्रा का इस्तेमाल होता है और इनकी गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। डॉक्टर की सलाह पर आप रोजाना एक या कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।अश्वगंधा के साइड इफ़ेक्ट :अश्वगंधा के साइड इफ़ेक्ट :अगर आप सीमित मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करें तो इससे कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। अगर आप ज़रूरत सेज्यादा इसका सेवन करे हैं तो इससे एसिडिटी, अल्सर, स्किन रैशेज और एंग्जायटी का खतरा हो सकता है। गर्भवती महिलायें, हाइपरटेंशन और लीवर से जुड़े रोगों के मरीजों को इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए।
Ashwaganda kese le