दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
वीडियो देखें:क्या आप HbA1C टेस्ट के बारे में जानते हैं?
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
वीडियो देखें:क्या आप HbA1C टेस्ट के बारे में जानते हैं?
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
वीडियो देखें:क्या आप HbA1C टेस्ट के बारे में जानते हैं?
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
वीडियो देखें:क्या आप HbA1C टेस्ट के बारे में जानते हैं?
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए.
2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
वीडियो देखें:क्या आप HbA1C टेस्ट के बारे में जानते हैं?
अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
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अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
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अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
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अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
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अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
दूध हम में से ज़्यादातर लोगों के आहार का अहम हिस्सा होता है. क्योंकि हम दूध को कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत समझते हैं. पर इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि दूध में कार्बोहाइड्रेट्स भी होता है, ऐसे में अगर आप मधुमेह यानी डायबिटीज़ के हिसाब से आहार लेते हैं तो आपको दूध, दही, चीज़, मक्खन, घी, पनीर से बनी चीज़ों से कितनी कैलोरी मिल रही है इसपर ध्यान देना चाहिए.
अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन के मुताबिक़, डायबिटिक लोगों को 45 से 60 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रति भोजन अपने आहार में शामिल करना चाहिए. अगर आप ब्रेकफ़ास्ट में एक ग्लास दूध भी पीते हैं (इसमें लगभग 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स होता है) तो आपके भोजन में ये कितना कैलोरी बढ़ा रहा है, इस बात पर ग़ौर करना चाहिए. जानें, आप अपने खाने को कैसे संतुलित और डायबिटीज़ फ़्रेंडली बना सकते हैं.
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2013 में कई शोधों पर की गई एक समीक्षा में ये सुझाव दिया गया कि दरअसल, कच्चे दूध (होल मिल्क) का इस्तेमाल करने से डायबिटीज़ और दिल की बीमारी से सुरक्षा होती है. ऐसा दूध के वसा में मौजूद ट्रांस पामिटोलेक एसिड नाम के कंपाउंड की वजह से होता है, जो शरीर की इन्सुलिन सेंसिटिविटी को सुधारता है.,
30 से 75 साल की उम्र के 3,300 हेल्दी लोगों पर 15 वर्षों तक स्टडी की गई जिसका नतीजा 2016 में पेश किया गया. इस प्रकाशन में बताया गया कि हाई फ़ैट युक्त डेरी उत्पादों का इस्तेमाल करने वालों में, लो फ़ैट फूड्स का सेवन करने वालों के मुक़ाबले टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा 44% कम होता है. लेखकों ने सलाह देते हुए कहा है कि डेरी उत्पादों से मिलने वाले इस फ़ैट के चौकाने वाले परिणाम को समझने के लिए इसपर और स्टडी करने की ज़रूरत है.(3)
ऊंटनी के दूध पर किए गए शोध की समीक्षा में एक दिलचस्प बात सामने आई, इसमें ये पता चला कि ऊंटनी का दूध पीने से टाइप 1 डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन की ज़रूरत को कम करने में मदद मिलती है.(4) इसी प्रकाशन में ये बात भी कही गई है कि ऊंटनी के दूध का इस्तेमाल करने पर डायबिटीज़ से जुड़ी किडनी, लीवर और घाव देर से भरने जैसी परेशानियों से बचने या इससे उबरने में मदद मिल सकती है.
यूएस में की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि ज़्यादा दही खाने वाले वयस्कों को टाइप 2 डायबिटीज़ के होने का ख़तरा कम होता है.(5) डेरी उत्पादों पर की गई स्टडी के रिव्यू में कहा गया कि दूध से बने उत्पादों और पनीर का इस्तेमाल करने से असरदार ढंग से टाइप 2 डायबिटीज़ के होने के ख़तरे को कम किया जा सकता है.(6)
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अब आपका सवाल ये हो सकता है कि इन आंकड़ों के मुताबिक़ मैं डायबिटीज़ में दूध और इससे बनी चीज़ें खा सकता/सकती हूँ? वो भी इस बात की फ़िक्र किए बिना कि इसका मेरे डायबिटीज़ पर कैसा असर होगा. तो फ़िलहाल इस सवाल का साफ़ तौर पर कोई जवाब मौजूद नहीं है; हम आपको एक साधारण मशवरा ये दे सकते हैं कि अपने आहार में इन चीज़ों को सीमित मात्रा में शामिल करें. इन चीज़ों से कितनी कैलोरी आपको मिल रही है इसका ध्यान रखें और अगर ज़रूरत पड़े, तो सावधानी बरतें, जिससे आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित बना रहे.
Kya rat mai Dudh pi sakte hai
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शुगर मे दुध पी सकते है