Garibi Unmoolan Ke Upay गरीबी उन्मूलन के उपाय

गरीबी उन्मूलन के उपाय



GkExams on 25-05-2019


गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाऐं

पृष्ठभूमि
  • योजना का नाम
  • परिभाषाएं
  • योजना का लक्ष्य
  • गरीबी उन्मूलन योजनाओं की पहचान
  • जागरूकता कार्यकलापों का संयोजन
  • विधिक सहायता प्राधिकारी गण एवं अर्ध्-विधिक स्वयंसेवी
  • गरीबी उन्मूलन योजनाओं तक पहुँच हेतु विधिक सहायता
  • शिकायतों पर विधिक सहायता प्राधिकरण द्वारा कार्य करना
  • शिकायतों पर जिला प्राधिकरण व राज्य प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही
  • योजना का मूल्यांकन
  • पृष्ठभूमि

    विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा (41) के अंतर्गत, अधिनियम के राष्ट्रीय प्राधिकरण के रूप में परिकल्पित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का दायित्व है कि वो लोगों के बीच विधिक जागरूकता एवं विधिक साक्षरता फैलाने के विषय में उचित उपाय करे एवं विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को समाज कल्याण अध्नियमों एवं अन्य विधियों व साथ ही साथ प्रशासनिक कार्यक्रम एवं उपायों के अंतर्गत दिए गए अधिकार, लाभ एवं विशेषाधिकार के विषय में जागरूक करें। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की भूमिका यह रेखांकित करती है कि विधिक सेवा संस्थाएं समाज के दुर्बल वर्ग से संबंध रखते है एवं उन पर ये सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी अधिरोपित करती है कि किसी भी नागरिक को उसकी आर्थिक या अन्य असमर्थताओं के कारण न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रहे। अधिकांश रूप से गरीबी उन्मूलन एवं सामाजिक सुरक्षा उपायों के आशयित लाभार्थी व्यक्ति, सामजिक संरचना के सख्त अभाव एवं आर्थिक पिछड़ेपन एवं शोषण एवं सामाजिक मूल्यों एवं सांस्कृतिक पद्धतियों , पक्षपात इत्यादि के कारणवश इनका लाभ नहीं ले पाते इसी सन्दर्भ में, विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका अति सक्रिय होनी चाहिए कि गरीबी उन्मूलन हेतु परिकल्पना किये गए उपाय, आशयित लाभार्थियों के ध्यान में लाया जाए। आगे अपने अंतिम चरणों तक उपस्थिति के कारणवश विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे गरीबी उन्मूलन उपायों तक पहुँच को सरल बनाने हेतु अत्यधिक उचित है।


    अतः यह योजना गरीबी उन्मूलन एवं सामाजिक सुरक्षा उपायों की पहचान हेतु एक प्रक्रिया प्रस्तुत करती है एवं आशयित लाभार्थियों द्वारा ऐसे उपायों तक पहुँच को सरल बनाने हेतु पद्धति प्रदान करती है तथा इन प्रतिक्रियाओं के प्रभावी पुनरीक्षण का तरीका बताती है। इस योजना की कल्पना करते समय ये ख्याल कि क्षेत्रीय भिन्नताएं एवं आवश्यकताएं हो सकतीं हैं को भी विशेष रूप से विचार में रखा गया है एवं पर्याप्त लचीलापन रखा गया है कि स्थानीय विधिक सहायता प्राधिकरण अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इस राष्ट्रीय योजना को लागू कर सके।


    ये योजना इस आधार पर बनाई गई है कि गरीबी एक बहु-आयामी अनुभव है और केवल आय संबंधित समस्याओं तक सीमित नहीं होती है। बहु-आयामी गरीबी, स्वास्थ्य (मानसिक स्वास्थ्य को शामिल करते हुए) घर, आहार, रोजगार, पेंशन, मैत्रिक देख-रेख, शिशु-मरण, पानी, शिक्षा, सफाई, सहायता एवं मौलिक सेवाओं, सामाजिक निष्कासन, पक्षपात, इत्यादि जैसी समस्याओं को शामिल किये हुए हैं। आगे, राज्य एवं जिला स्तर पर विशेष योजनाओं को लागू करने हेतु पहचान करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण से अपेक्षित है कि वो इस तथ्य का संज्ञान रखें कि भिन्न निर्बल एवं पिछड़े समूह गरीबी का अदभुत ढंग से अनुभव करते हैं।

    योजना का नाम

    यह योजना नालसा गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाऐं योजना, 2015 कहलाएगी।

    परिभाषाएं

    • अधिनियम से अभिप्रेत विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 है।
    • केन्द्रीय प्राधिकरण से अभिप्रेत अधिनियम की धारा के अंतर्गत गठित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण है।
    • शिकायतकर्ता लाभार्थी किसी भी ऐसे योजना लाभार्थी को निर्देशित करता है जो किसी पद नामित प्राधिकारी अथवा अधिकारी के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराता है जो गरीबी उन्मूलन योजनाओं में से किसी के अंतर्गत पद नामित प्राधिकारी अथवा अधिकारी के रूप में पहचाना जाता हो।
    • जिला प्राधिकरण से अभिप्रेत अधिनियम की धारा के अंतर्गत गठित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण है।
    • विधिक सहायता अधिकारी किसी ऐसे व्यक्ति को निर्देशित करता है जिसे इस योजना के प्रयोजन हेतु पद नामित किया गया है।
    • अर्द्ध-विधिक स्वयंसेवी पी.एल.वी. को निर्देशित करता है जो नालसा की पैरा लीगल वालंटियर्स(संशोधित) योजना- पैरा लीगल वालंटियर्स प्रशिक्षण मॉड्‌यूल में परिभाषित है।
    • गरीबी उन्मूलन योजना केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा आरम्भ की गई किसी योजना/ कार्यक्रम को निर्देशित करता है जो गरीबी के किसी पहलू की ओर ध्यान दिलाने के लिए उद्देश्यित है।इनमे सामाजिक सुरक्षा उपाय भी शामिल हैं।
    • योजना लाभार्थियों में शामिल हैं -
      • अनुसूचित जातियां या अनुसूचित जनजातियां
      • गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत आवेदन करने हेतु योग्य सभी व्यक्ति तथा
      • अन्य व्यक्ति में जिनके लिए विशेष आर्थिक, सामजिक या राजनैतिक उपाय किये गए हैं बच्चे, महिलाऐं तथा किन्नर शामिल हैं परन्तु उन तक सीमित नहीं हैं।
    • राज्य प्राधिकरण से अभिप्रेत अधिनियम की धारा के अंतर्गत गठित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण है।
    • तालुका विधिक सेवा समिति से अभिप्रेत अधिनियम की धारा 11-i के अंतर्गत गठित तालुका विधिक सेवा समिति है।
    • विधिक सेवा क्लीनिक, फ्रंट ऑफिस, पैनल अधिवक्ता और प्रतिधारक अधिवक्ता जैसे शब्दों का अर्थ वही रहेगा जैसा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण निःशुल्क और सक्षम विधि विनिमयन, 2010 और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (विधिक सहायता क्लिनिक) विनिमयन, 2011 के तहत परिभाषित है।

    योजना का लक्ष्य

    योजना के मुख्य लक्ष्य निम्न हैं :-

    • समाज के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग को दिए गए लाभों एवं मौलिक अधिकारों तक पहुँच को सुनिश्चित करना।
    • गरीबी उन्मूलन योजनाओं को लेने में अथवा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए राष्ट्रीय, राज्य, जिला तथा तालुका स्तरों पर विधिक सहायता एवं सहयोग सेवा को सशक्त बनाना।
    • जिला प्राधिकरण, तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्यों, पैनल अधिवक्ता,सामाजिक कार्यकर्ता, अर्द्ध-विधिक स्वयंसेवी तथा विधिक सहायता क्लीनिक के छात्रों द्वारा गरीबी उन्मूलन योजनाओ के विषय में जागरूकता फैलाना ।
    • समस्त प्रभावी केंद्रीय अथवा राज्य योजनाओं, नीतियों, विनियमों, नीति-निर्देश, परम्पराओं, नियमों एवं प्रतिवेदनों का, जो गरीबी उन्मूलन योजना के संबंध मे उपलब्ध हो, साथ ही इन योजनाओं पे नवीनतम निधि जानकारियों का लेखा तैयार करना।
    • पैनल अधिवक्तागण, अर्धविधिक स्वयंसेवकों, गरीबी उन्मूलन योजनाओं के अधीन अधिकारियों, विधिक सहायता क्लिनिक के स्वयंसेवकों हेतु प्रशिक्षण एवं दिग्विन्यास कार्यक्रम का उपबंध एवं आयोजित करना ताकि उनका हुनर बढ़ाया जा सके और उनके अन्दर इस योजना को लागू करने हेतु इससे जुड़ने का गहरा सदभाव पैदा हो सके।
    • समस्त सरकारी निकायों अथवा पदाधिकारियों, संस्थाओं, अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं अन्य संस्थाओं जो समाज के सामाजिक/आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग के कल्याण से संबंधित जिम्मेदारियां लिए हुए हैं उनके बीच प्रभावी संबंध एवं संपर्क बढ़ाना।

    गरीबी उन्मूलन योजनाओं की पहचान

    • प्रत्येक राज्य प्राधिकरण, राज्य में लागू वर्तमान तथा सक्रिय गरीबी उन्मूलन योजनाओं की पहचान करेगा तथा इसकी एक सूची प्रत्येक बारह माह में राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को उपलब्ध करायेगा। सूची में निम्न शामिल होंगे -
    1. उस राज्य में लागू गरीबी उन्मूलन योजनाओं के साथ-साथ विशेष जिले जिनमे वह लागू है।
    2. प्रत्येक गरीबी उन्मूलन योजनाओ के अंतर्गत आशयित लाभार्थी।
    3. योजना के अन्तर्गत प्राधिकारी अथवा अधिकारी के नाम।
    4. प्रत्येक गरीबी उन्मूलन योजनाओं तक पहुँच हेतु आवश्यक दस्तावेजों की सूची जैसा कि प्रत्येक के अंतर्गत पहचान की गई है।
    5. प्रत्येक गरीबी उन्मूलन योजनाओ के अंतर्गत लाभ जैसा कि उनमें से प्रत्येक के अंतर्गत प्रदान किया गया है।
    6. केंद्रीय सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा, जैसा भी मामला हो, विशेष वर्ष हेतु प्रत्येक गरीबी उन्मूलन योजना के लिए आबंटित की गई निधि की राशि,प्रत्येक जिले का नाम जहाँ विशेष वर्ष हेतु गरीबी उन्मूलन योजना लागू की जानी है।
    • उपखंड (1) के अंतर्गत प्रत्येक राज्य प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई सूची वार्षिक रूप से समस्त जिला प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जाएगी। एक प्रतिलिपि केंद्रीय प्राधिकरण को भी भेजी जाएगी।
    • प्रत्येक जिला प्राधिकरण (उप-खंड 1) के अंतर्गत तैयार की गई सूची की प्राप्ति पर, इस सूची की प्राप्ति के दिनों के अंदर निम्न को सूची की प्रतिलिपि भेजेगा -
      • जिले की समस्त तालुका विधिक सेवा समितियां
      • जिले के समस्त ग्राम पंचायतों
      • विधिक सेवा क्लिनिक में कार्य करने वाले लोगों, पंचायत सदस्यों, विधि छात्रागण एवं अन्य अर्ध् विधिक स्वयंसेवकों जो योजना को लागू करने में सहायता देने हेतु तत्पर हों।

    जागरूकता कार्यकलापों का संयोजन

    • राज्य प्राधिकरण संप्रक्त जिला प्राधिकरण के सहयोग से जिले में उपलब्ध भिन्न गरीबी उन्मूलन योजनाओं के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु जागरूकता कार्यक्रमों को संयोजित करने हेतु कदम उठाएगा। तालुका विधिक सेवा समितियों द्वारा भी पंचायत सभाओं, टाउन हाल सभाओं, पल्स पोलियो शिविर, त्यौहार गोष्ठियों अथवा अन्य ग्राम गोष्ठियों में गरीबी उन्मूलन योजनाओं तक पहुँच हेतु उपलब्ध विधिक सेवाओं के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु कदम उठाए जायेंगे।
    • समस्त राज्य प्राधिकरण अपनी-अपनी अधिकारिता क्षेत्रों में आयोजित ऐसे कार्यक्रमों की सूची प्रत्येक छह माह में केन्द्रीय प्राधिकरण को भेजेंगे।

    विधिक सहायता प्राधिकारी गण एवं अर्ध्-विधिक स्वयंसेवी

    • इस योजना के प्रयोजन हेतु प्रत्येक जिला प्राधिकरण एवं तालुक विधिक सेवा समिति न्यूनतम तीन पैनल अधिवक्ताओं को विधिक सहायता अधिकारी के रूप में पद नामित करेंगे।
    • अधिवक्तागण के पैनल, विधिक सेवा क्लिनिक में कार्यरत सदस्यों, पंचायत सदस्यों, विधि छात्रागण एवं अन्य अर्ध्-विधिक स्वयंसेवकों को योजना को लागू करने में सहयोग देने एवं सामाजिक एवं आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग से संबंध रखने वाले लोगों की आवश्यकताओं के विषय में संवेदनशील बनाने और उन्हें गरीबी उन्मूलन योजनाओं द्वारा क्या-क्या लाभ उपलब्ध होने वाले हैं ये बताने हेतु जिला प्राधिकरण विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संयोजन करेंगे।

    गरीबी उन्मूलन योजनाओं तक पहुँच हेतु विधिक सहायता

    गरीबी उन्मूलन योजना तक पहुँच चाहने वाले सभी योजना लाभार्थियों को विधिक सहायता अवश्य प्रदान की जानी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत विधिक सहायता प्राधिकारी गण एवं स्वयंसेवकों द्वारा प्रदान की जाने वाली विधिक सेवाओं में, अन्य बातों के साथ, निम्न संम्मिलित हैं -

    • योजना लाभार्थी को प्रत्येक गरीबी उन्मूलन योजना, जिसका वो हकदार है और उसके अंतर्गत मिलने वाले लाभ के विषय में सूचित करना,
    • किसी गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत लाभ उठाने हेतु आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में योजना लाभार्थियों की सहायता करना,
    • किसी गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत पंजीकरण हेतु संपर्क किये जाने वाले पद नामित प्राधिकारी अथवा अधिकारी का नाम एवं पते की सूचना योजना लाभार्थी को देना।
    • किसी भी गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत संपर्क किए जाने वाले पद नामित प्राधिकारी अथवा अधिकारी के कार्यक्रम तक योजना लाभार्थियों के साथ अर्ध्-विधिक स्वयंसेवियों अथवा विधिक सेवा क्लीनिक के सदस्यों को भेजने का प्रस्ताव रखना।
    • योजना लाभार्थी को सूचित करना कि वो विधिक सहायता अधिकारी अथवा अर्ध्-विधिक स्वयंसेवी को किसी भी गरीबी उन्मूलन योजना से जुड़े पद नामित किसी भी प्राधिकारी या अधिकारी के विषय में शिकायत करने का विकल्प रखता है जो योजना लाभार्थी को गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत लाभों को उपलब्ध करने में जिसका वो हकदार है उसका सहयोग करने से इंकार कर रहा हो,
    • उप-खंड (5) के अंतर्गत शिकायतों का अभिलेख रखना,
    • योजना लाभार्थियों को विधिक सहायता अधिकारी का दूरभाष नंबर उपलब्ध कराना यदि उपलब्ध हो और ऐसे लाभार्थियों को जिन्हें दूरभाष नंबर दिया गया है उन्हें कार्यकाल समय के दौरान विधिक सहायता प्राधिकारी की दूरभाष पर उपलब्ध्ता के विषय में बताना।

    शिकायतों पर विधिक सहायता प्राधिकरण द्वारा कार्य करना

    • खंड के उप खंड (5) के अंतर्गत शिकायत की प्राप्ति पर प्रत्येक विधिक सहायता प्राधिकारी स्वयं व्यक्तिगत रूप से शिकायतकर्ता लाभार्थी के साथ पद नामित प्राधिकारी अथवा अधिकारी के कार्यालय में जायंगे एवं शिकायतकर्ता लाभार्थी को उस लाभ को उपलब्ध करने में सहयोग करेंगे जिसका वो गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत हकदार है।
    • यदि किसी परिस्थिति में पद नामित प्राधिकारी या अधिकारी, शिकायतकर्ता लाभार्थी को गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत पंजीकृत करने में विफल रहता है तो विधिक सहायता प्राधिकारी जिला प्राधिकारी गण को शिकायत करेंगे। शिकायत पत्र पद नामित प्राधिकारी अथवा अधिकारी के कदाचार को व्यक्त करेगी जिसने शिकायतकर्ता लाभार्थी को समस्त आवश्यक दस्तावेजों को जमा करने अथवा समस्त दस्तावेजों के प्रावधान के बावजूद गरीबी उन्मूलन के अंतर्गत पंजीकृत करने से इनकार किया हो।

    शिकायतों पर जिला प्राधिकरण व राज्य प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही

    • पद नामित प्राधिकारी या अधिकारी की शिकायत प्राप्त होने पर जिला प्राधिकरण संबंधित अधिकारी से गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत शिकायतकर्ता लाभार्थी को लाभ से वंचित किये जाने के कारणो के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगा। शिकायतकर्ता लाभार्थी को गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत पंजीकृत नहीं किये जाने अथवा गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत लाभ न दिए जाने के संबंध में संबंधित अधिकारी द्वारा पर्याप्त कारण नहीं बताए जाने की अवस्था में जिला प्राधिकरण तुरंत गरीबी उन्मूलन योजना में शामिल किये जाने से इंकार का विवरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को देगा।
    • जिला प्राधिकरण की राय में यदि वरिष्ठ अधिकारी भी बिना पर्याप्त कारण गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत लाभ उपलब्ध करवाने से रोकता है, तो जिला प्राधिकरण राज्य प्राधिकरण को इस संबंध में सूचित करेगा।
    • जिला प्राधिकरण से ऐसी सूचना प्राप्त होने पर राज्य प्राधिकरण संबंधित विभाग के समक्ष मामले को आगे बढा सकता है या शिकायतकर्ता लाभार्थी की गरीबी उन्मूलन योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए उचित विधिक कार्यवाही कर सकता है।
    • जिला प्राधिकरण अर्ध्-विधिक स्वयंसेवियों अथवा विधिक सेवा क्लिनिक के माध्यम से शिकायत की स्थिति के बारे में शिकायतकर्ता/लाभार्थी को नियमित जानकारी प्रदान करेगा।

    योजना का मूल्यांकन

    • प्रत्येक विधिक सहायता अधिकारी, योजना के अंतर्गत विधिक सहायता की मांग करने वाले प्रत्येक योजना लाभार्थी को देखेगा तथा अभिलिखित करेगा।




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