Moti Prashikshan Kendra Maharashtra मोती प्रशिक्षण केंद्र महाराष्ट्र

मोती प्रशिक्षण केंद्र महाराष्ट्र



Pradeep Chawla on 12-05-2019

समाचार माध्यमों में हाल के दौर में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की चर्चा आमतौर पर किसानों पर व्याप्त संकट के संदर्भ में ही ज्यादातर होता रहा है। इसी विदर्भ इलाके में नागपुर के एक किसान संजय गंडाते ने अपने अभिनव पहल से खेती किसानी को एक बार फिर न केवल चर्चा में ला दिया है बल्कि संकट ग्रस्त किसानों के लिए एक प्रेरणा भी दी है। In Picture : Sanjay Gandate



संजय गंडाते की खेतिहर ज़िन्दगी आम भारतीय किसानों की तरह बारिश की कृपा दृष्टि पर ही निर्भर थी। पिछले कुछ सालों से अपने तीन एकड़ खेत में धान की खेती कर रहे संजय के लिए अपने छह सदस्यीय परिवार के भरन पोषण का खर्च निकालना भी मुश्किल था। इफको लाइव से बातचीत में संजय बताते हैं “पारंपरिक तौर पर मेरा परिवार धान की खेती करता था। लेकिन मुश्किल से गुजारा चल पाता था। साल भर में महज़ 24-25 हज़ार रूपए की आमदनी थी। वो भी निश्चित नहीं था”। ज़ाहिर है इतनी कम और अनिश्चित आमदनी में परिवार एक तरह से आर्थिक विपन्नता का ही शिकार था।



लेकिन संजय ने हिम्मत नहीं हारी। पारंपरिक किसानी से अलग हटकर संजय ने मिरर राइटिंग का काम शुरू किया लेकिन वहां भी निराशा ही हाथ लगी। लेकिन धून के पक्के संजय कुछ अलग करने की ठान चुके थे। बड़े बुर्जुगों से सीप में मोती बनने की कहानी संजय ने भी अपने बचपन में सुना था। संजय के मन में ये बात आई कि क्यों न सीप से मोती निकाला जाए। बस फिर क्या था, निकल पड़े एक अनजान सफर पर जिसका न तो रास्ता पता था और न ही मंजिल। संजय गंडाते कहते हैं, ‘पहले मैंने यहीं गढ़चिरौली स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में एक विशेषज्ञ से जाकर पूछा। उन्होंने ही रास्ता भी दिखाया और तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध कराई। उनके ही दिशा निर्देशन में मैंने ये काम शुरू किया।‘ गंडाते बताते हैं भारत में आज भी खेती कई पैमानों पर निर्भर करती है जो किसी के भी नियंत्रण से बाहर है इसलिए अपने परिवार का पेट पालने और कुछ नया करने के मकसद से मैंने ये प्रयोग किया जिसके लिए जरूरी सारे संसाधन आसानी से उपलब्ध थे। उसने इलाके में मौजुद कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से आधारभूत प्रशिक्षण पाकर और उनके दिशा निर्देशन में कृत्रिम मोती का उत्पादन शुरू किया।



Pearl Farming Business (2)संजय जिस गांव में रहते हैं, बेनगंगा नदी उसके बगल से होकर गुजरती है। वो इनके लिए बड़ी मददगार साबित हुईं। 31 वर्षीय संजय गंडाते ने 900 स्कावयर मीटर के एक ताजे पानी के पोखरे में कृत्रिम मोती पैदा कर इलाके के किसानों के लिए मिसाल कायम की है।



वेनगंगा से घोंघा पकड़ कर अगले अठ्ठारह महीनों तक उपयुक्त वातावरण में तब तक रखा जाता है जब तक की मोती आकार न ग्रहण कर ले। वो कहते हैं कि उपयुक्त परिस्थितियों में मोती के स्वरूप ग्रहण करने में तुलनात्मक रूप से कम वक्त लगता है। प्राकृतिक मोती प्रकृति प्रदत्त होते हैं, जो संयोग की बात है। दूसरी तरफ संवर्धित मोती मानव निर्मित होते हैं जो प्राप्तकर्ता सीप / सीपियों के आंतरिक अंगों में मेंटल ग्राफ्ट और उचित नाभिक की शल्य कार्यान्वयन से बनते हैं।



गंडाते कहते हैं , “हमने इसकी खेती ताजे पानी के एक छोटे से तालाब में शुरू किया है और हमारी ये कोशिश है कि खेती से जुड़े अपने आय को हम इसके जरिए बढ़ा सकें। अब तक का हमारा अनुभव बड़ा उत्साहवर्धक रहा है।” वो आगे बताते हैं कि इसमें उनको सफलता मिलने के बाद अब वो अन्य किसानों के लिए कृत्रिम मोती संवर्धन के लिए कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं।



pearl 2कभी 24-25 हजार रूपये की आय के लिए धान खेत में हाड़ तोड़ मेहनत करने वाले संजय गंडाते की आज सलाना आय 10 लाख रूपये से उपर हो चुकी है। स्थानीय स्तर पर एक मोती की कीमत उन्हें एक हज़ार रूपये से अधिक आसानी से मिल जाती है। हालांकि संजय के पास देशी-विदेशी 15 से अधिक कंपनियों के ऑफर हैं जो उन्हें उनकी मोती के लिए अग्रिम पैसे देने को तैयार बैठे हैं लेकिन संजय उन कंपनियों के ऑफर में ये सोचकर दिलचस्पी नहीं रखते कि उन्हें लगता है कि वो इसको स्वीकार कर उनकी गुलामी में आ जाएंगे।



बहरहाल संजय की आय ठीक ठाक हो चुकी है। लेकिन संजय के लिए पारंपरिक खेती छोड़कर ये प्रयोग करना इतना भी आसान नहीं रहा। संसाधन की कमी तो उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी ही। शुरुआती दौर में तो मोती पाने के प्रयोग में इन्हें कई असफलताओं का भी सामना इन्हें करना पड़ा।



संजय ने शुरूआती दौर में सबसे पहले सीपियों को पकड़कर पकड़कर घर के ही बर्तनों, मटकों आदि में रखना शुरू किया था। लेकिन संजय बताते हैं कि कुछ दिन के बाद ही सीपी मर जाती थीं। फिर संजय ने घर के ही आस पास छोटे छोटे गड्डे बनाकर उसमें पानी डालकर सीपियां रखीं। परिणाम उत्साहवर्धक रहे। तब जाकर संजय ने गांव में ही भाड़े पर तालाब लिया और सीपियों को उस तालाब के खुले वातावरण में डालकर मनमाफिक परिणाम हासिल किया। हालांकि उनके इस प्रयास में उन्हें कई बार आस पास के असमाजिक तत्वों ने भी परेशान किया।



Pearl Farming

बहरहाल संजय को अपनी पहल के सकारात्मक परिणाम तो मिले हैं लेकिन संजय के लिए मुश्किलें अब भी कम नहीं हुई हैं। इफको लाइव ने संजय से बातचीत में उनसे जब आगे की योजना के बारे में पूछा तो सबसे उन्होंने कहा कि सबसे पहली जरूरत उनके लिए एक तालाब की है। फिलहाल वो भाड़े के तालाब से अपना काम चला रहे हैं। उसके बाद ही संजय मोतियों के कृत्रिम संवर्धन को बड़े पैमाने पर शुरू कर सकते हैं या और लोगों को भी इस पेशे से जोड़ने के लिए रास्ता बनाने की योजना पर चल सकते हैं। हालांकि संजय गंडाते अपने इस पहल पर सरकार की ओर से किसी तरह की मदद नहीं मिलने की शिकायत जरूर करते हैं।



संजय गंडाते ने 2011 में आस पास से 500 सीपियां चुनकर अपने इस सफर का आगाज़ किया था। आज संजय सीपियों की तीन तरह की प्रजातियों से और उन सीपियों के अंदर 11 प्रकार के पदार्थ से वाकिफ हो चुके हैं। संजय बताते हैं कि इन सीपियों की मदद से सिर्फ मोती ही नहीं बल्कि वो मनमाफिक मूर्तियां भी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उनका सपना है कि वो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मूर्तियां इन सीपियों की मदद से बनाएंगे और उन्हें भेंट करेंगे।



ज़ाहिर है संजय का अब तक का सफर कम मजेदार नहीं रहा। खासतौर पर महाराष्ट्र में जहां किसानों की आत्महत्या एक बड़ा मुद्दा है वहां के इस किसान ने अपनी पहल और ज़ोखिम उठाने के साहस से दुसरों को भी रास्ता दिखाया है।



Comments Mahesh Shivaji Vibhute on 31-07-2023

Mala training milel ka sir my Whatsup no 9823213868

Akash on 16-03-2023

माझ्या कडे मोती आहेत कोण घेणारी पार्टी आहे का 9921158055

Shivram Kashiram chaudhari on 24-02-2023

मला मोती पालन प्रशिक्षण घ्यायचे आहे माझा मो.नं
7821925379 माझ्याकडे जागा व पाणी भरपुर आहे


Rajabhau jagtap on 23-07-2022

मुझे करना है सर 9834233617

Ayyub khan on 23-06-2022

Mujhe training lena hai no. 9373532119

Rajkumar Dudhabhate on 27-04-2022

Sir muze bhi karna hai 7776917680

Gaju on 22-04-2022

Sir training kaha milta hai bataye

Muze bhi training lena hai .


Amir mohankar on 02-01-2022

Trenig center kaha he plise btaye



Very nice job on 26-08-2018

Sir muze bhi training lena h whats up no 8698608705 plZ send me about pearl farming more details

jaydev patil on 20-04-2019

trending center near Mumbai

राकेश ढाले on 07-10-2019

मला हा व्यवसाय सुरू करायचा आहे ह्याच प्रशिक्षण केंद्र कुठे आहे

Tejendra on 12-12-2019

Sir mujhe peal forming ki puri details de our bataye ki iski training kab se shuru ho rahi hai...
Tejendra chouhan,Khandwa mp
9424570276


सुनील वडजकर गांव लातूर मो 9764647897 on 05-01-2020

सर मुझे सीखना है

Anil dubey on 17-01-2020

Moti ham sidhe kaha beach sakte h jo hame aachhe dam mile aur kaun si moti ki kheti kare

Anil dubey on 17-01-2020

Sir apana m.n massage karo bat karni h

Baliram M. Garad on 20-02-2020

मला पण मोत्याची शेती करायची आहे आणि त्यासाठी मला संजय गडाख सरांचे प्रशिक्षण शिबीर करायचे आहे किंवा बिना शिबिराचे शिकवले तर तरी मी यायला तयार आहे त्यासाठी माझा मोबाईल नंबर 7977038200 आहे आणि कृपया कॉल करून नक्की कळवा


Vrushali Chandorkar on 03-04-2020

Mala hi moti utpadan prashikshan gyayache aahe..jar mala aapan te dile tar khup chan hoil

कुशल जयकर on 24-04-2020

9324274612


Manish G Wadane on 04-07-2020

Sir muze Pearl Farming Business krna chahta hu lekin uski jankar muze puri chahiye Amravati me Mob num 8975607022 is pe bhej sakte ho

kunal gour on 13-07-2020

sir mujhe bhi training lena hai whatsapp number 7987194533 plz sir send me about pearl farming more details and please provide your contact number.

Raj mulla on 27-07-2020

Training kaha milegi

Tanaji on 07-09-2020

मला पण शिकायच आहे माजा मोबाईल नं. 8329617947 प्लिज

Pankaj J Janorkar on 17-12-2020

सर में भी एक नागपुर महाराष्ट्र का बेरोजगार युवक हू आपसे निवेदन है मुझे भी मोती पालन करना है आप टैनिग के लिए मुझे call करे 8600160942


Balasaheb wagh on 27-01-2021

Call me sri 9503833412

Tara Vijayakumar Rathi on 31-01-2021

मोती ची शेती प्रशिक्षण केंद्र कुठे आहे

GOVINDSINH Thakur on 07-02-2021

सर हमे सीखना है क्रुपया आपका नाम पत्ता बताए
9923850443 8208224325 ठाकूर

Kandhare om on 31-03-2021

सर मला पण प्रशिक्षण घ्यायचे आहे. ते कधी व कुठे आहे कळेल का WP.No.7709616813 ,8329596591

धुपेकर on 09-06-2021

Hi

Dhupekar d.r. on 09-06-2021

सर मला मोत्यांची शेतीचे प्रशिक्षण घ्यायचे आहे माझा व्हाट्स आप क्रमांक 9404790039

Aditi amol gandhi on 28-07-2021

Sir , mala motyanche training hawe ashe. Tumacha address and pearl trading information milel ka?
Maza WhatsApp no.9730235268


Purushottam Patil on 11-08-2021

मुझे भी प्रशिक्षण लेना हे,

प्रोसिजर क्या है?

मेरा whats app number 8806060096

महेंद्र on 17-08-2021

सर मुझे प्रशिक्षण करना है। कैसे करना पडेगा मेरा व्हाट्सएपच नं.9011010510 है।

Ratna shirsath on 14-09-2021

सर मूझेभि मोतीयों की खेती करणा शिखना है कृपाकरके मूझे मार्गदर्शन करे

Rahul Ghorakh Bhor on 08-10-2021

Sir mal pan training ghyachhay. Mo no7722037198

Mahesh salunke on 20-10-2021

सर
मुझे मोठी खेती की ट्रेनिंग लेना है मेरा व्हाट्सअप नंबर नीचे लिखा है
9404679576

Mahesh pandharinath salunke on 20-10-2021

Sir

Muze bhi trening lena hi

9404679576

Digambar patil on 27-11-2021

Sir muze training lena h whats up no.9881338461 Send me about pearl farming more details

Deval Wadekar on 09-12-2021

Sir mujhe training lena hai
Whats up no.9403885659

Dr.s.n.pathan on 11-12-2021

सर मुझे मोती प्रशीक्षण लेना है । मालुमात दे । whatsaap no. 9011313471 dr.s.n.pathan

P J Gaikwad on 14-12-2021

Mumbai madhe hyach prashikshan kuthe bhetel krupya mahiti dya whatsup no 7021812145




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