Pratirodh Par Tapaman Ke Prabhav प्रतिरोध पर तापमान के प्रभाव

प्रतिरोध पर तापमान के प्रभाव



GkExams on 10-01-2019

“किसी प्रदार्थ (Material) का वह गुण जो की उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा (Current) का विरोध (Oppose) करता है , विद्युत प्रतिरोध ( Resistance) कहलाता है | “

  • चूंकि हम जानते है कि किसी चालक में धारा का प्रवाह उसमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रानो (Free Electrons) के कारण होता है अतः चालक में धारा का विरोध इसलिये होता है क्योकि प्रदार्थ के अणु (Molecule) और परमाणु (Atom) इलेक्ट्रानों के प्रवाह का विरोध करते हैं |
  • कुछ प्रदार्थ (जैसे धातु –कॉपर, चाँदी एल्युमिनियम आदि ) धारा का बहुत कम विरोध करते है जिससे इन प्रदर्थो का प्रतिरोध बहुत कम होता है | ऐसे प्रदार्थ बहुत अच्छे विद्युत चालक (Conductor) कहे जाते हैं|
  • कुछ ऐसे प्रदार्थ होते है जिनसे धारा का प्रवाह नहीं होता क्योकि ऐसे प्रदार्थों का प्रतिरोध बहुत अधिक होता अतः जो प्रदार्थ धारा का विरोध करते है विद्युतरोधी (Insulator ) कहे जाते है | जैसे- कागज ,रबर ,बैकेलाईट ,ग्लास आदि |
  • जब गतिशील इलेक्ट्रान ,अणु और परमाणु से टक्कराते हैं तो प्रत्येक टक्कराव से अतिअल्प मात्रा में उष्मा (Heat) उत्सर्जित होती है जिससे कारण चालक गर्म हो जाता है |
  • SI पद्धति में प्रतिरोध का मात्रक (Unit of resistance) ओम होता है जिसे omega (Ω) से प्रदर्शित करते है |
  • प्रतिरोध को R से दर्शाया जाता है |

Formula for resistance of a wire

यदि किसी चालक की लम्बाई l और अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A है तो उस चालक का प्रतिरोध R – 1.चालक की लम्बाई ( L ) के अनुक्रमानुपाती (Directly Proportional ) होता है-

R ∝L 2.चालक के अनुप्रस्थ-काट के क्षेत्रफल (Cross-sectional Area) के व्युत्क्रमानुपाती (Inversely Proportional) होता है-

R ∝1/A 3. चालक के विशिष्ट प्रतिरोध( Resistivity or specific Resistance) या प्रतिरोधकता के अनुक्रमानुपाती होता है-


R ∝ρ अतः
R=ρL/A जहाँ =विशिष्ट प्रतिरोध ( Resistivity or specific Resistance) या प्रतिरोधकता ,जिसका मान प्रदार्थ की प्रकृति (Nature) तथा तापमान ( Temperature) पर निर्भर करता है |

प्रतिरोध पर ताप का प्रभाव (Effect of Temperature on Resistance)

  • किसी भी पदार्थ का resistance तापमान के बदलने के साथ-साथ बदलता रहता है क्योंकि किसी प्रदार्थ के तापमान में वृद्धि होने से उस प्रदार्थ में दो प्रकार की क्रियाएं ( Reaction) होने की संभावना होती है |
  • एक क्रिया ये हो सकती है कि उस प्रदार्थ के परमाणुओं के बिच का रासायनिक बन्ध ताप के प्रभाव के कारण टूट जाए जिसके कारण उस प्रदार्थ में और अधिक मुक्त इलेक्ट्रानों का निर्माण हो |
  • या फिर दूसरी क्रिया ये हो सकती है कि उस प्रदार्थ के अणुओं में ताप के प्रभाव के कारण पहले की अपेक्षा और अधिक तीव्रता से कंपन होने लगे जिससे कि मुक्त इलेक्ट्रानों की गति में और अधिक बाधा उत्पन्न हो जाए |

  • किसी शुद्ध धातु ( जैसे- चाँदी ,लोहा,कापर ,एल्युमीनियम आदि) का resistance , तापमान बढ़ने के साथ साथ बढ़ता है|
  • तापमान के साथ प्रतिरोध इस प्रकार से बढ़ता है कि प्रतिरोध /तापमान का ग्राफ (चित्र-अ ) रेखीय होता है |
  • तापमान में वृद्धि से धातु का प्रतिरोध इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि तापमान के कारण धातु के अणु और तीव्र गति से कंपन करने लागतें हैं|
  • किसी चालक का तापमान जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा उसका प्रतिरोध भी वैसे-वैसे बढ़ता जाएगा और उसकी चालकता कम होती चली जाएगी| इसलिए धातु का प्रतिरोध तापमान के अनुक्रमानुपाती होता है |
What is Resistance | Electrical Resistance in Hindi
चित्र-अ

  • किसी अर्द्धचालक( जैसे- सिलिकोन, जर्मेनियम कार्बन अदि ), सभी विद्युत् अपघट्य और विद्युतरोधक (कागज, रबर , क्वार्टज , लकड़ी अदि) का प्रतिरोध , तापमान बढ़ने के साथ घटता हैक्योंकि ताप में वृद्धि के कारण इन प्रदार्थों के अणुओं के बिच का रासायनिक बन्ध टूट जाता है जिससे मुक्त इलेक्ट्रानों की संख्या में वृद्धि हो जाती है|
  • उच्च प्रतिरोधकता वाले कुछ ऐसे मिश्रधातु हैं जिनके तापमान में वृद्धि करने पर उनके प्रोतिरोध पर बहुत ही कम प्रभाव पड़ता है क्योंकि मिश्रधातु के अंदर दोनों क्रियाएँ होती हैं अर्थात अधिक मुक्त इलेक्ट्रानों का निर्माण भी होता है और अणु कंपन भी करने लागतें है | ये दोनों क्रियाएँ एक साथ होने के कारण एक दूसरे के प्रभाव को समाप्त कर देतें हैं | मिश्रधातु के इसी गुण के कारण इसका प्रयोग मानक प्रतिरोध (Standard Resistance) बनाने में किया जाता है |

विद्युत चालकता (Electrical Conductivity)

प्रतिरोध (R) के व्युत्क्रम को ही विद्युत चालकता कहते हैं | अतः
  • जिस चालक का प्रतिरोध कम होता है उसकी विद्युत चालकता अधिक होती है |
  • इसे S से प्रदर्शित करते है|
  • इसका SI मात्रक सिमेन होता है |

विशिष्ट चालकता ( Specific Conductivity )

विशिष्ट प्रतिरोधकता के व्युत्क्रम को ही विशिष्ट चालकता कहते है |
  • इसे σ से प्रदर्शित करते हैं |
  • इसका SI मात्रक सीमेन प्रति मीटर (s/m-1) होता है |




Comments परशराम on 17-07-2023

Tap badane par pratirod badta hai iska ispasti karan

ajeetkumar25253@gmail.com on 30-06-2023

50 degrees tapman par kisi tar ka pratirodh 6ohms hai to 0 degree tapman par pratirodh kitna hoga

Ram on 18-05-2023

hp ka kitna man hota hai


Sonu on 22-01-2023

1hp=746w

Kashinath on 15-12-2022

Crome thermistor senser ka rasistance value alag alag temperature pr kaise nikale

Vishu Namdev on 12-09-2022

1 hp ka man 746 watt hota h

h on 30-04-2022

Natwark ma kon si tar ka pryog hota h


1 hp ka kitna man hota hai on 10-04-2022

1 hp ka kitna man hota hai



Sonu sah on 26-08-2020

Pratirodhakta aur tap ke bich sambandh

परशराम on 15-10-2020

Tap badane par tap badta hai iska ispasti karan

Nishant kumar on 31-01-2021

Tapman badtha hai to pratirodh ka tap gunank kasie nikalenga

Laxmikant kumar on 16-12-2021

Kisi dhatu katap badhne par uska pratirodh




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