इस लेख में हम संभावना और प्रायिकता के अनुप्रयोगों पर चर्चा करेंगे। ताकि उदाहरणों के द्वारा संभावना और प्रायिकता के उपयोग से आपसी भिन्नता को स्पष्ट किया जा सके। इसके साथ ही साथ हम संभावना और प्रायिकता की भिन्नता के प्रमुख बिन्दुओं को भी समझने का प्रयास करेंगे। और अंत में संभावना और प्रायिकता की उपयोगिता पर चर्चा करेंगे। ताकि संभावना और प्रायिकता के महत्व को समझा जा सके।
उदाहरण न. 1 : सबसे पहले हम इस गणितीय समस्या का हल खोजते हैं। ताकि प्रायिकता के बारे में हमें कुछ जानकारी प्राप्त हो सके। समस्या : "चार दरवाजे में से किसी एक दरवाजे के पीछे एक बिल्ली छुपकर बैठी है। दाईं ओर से पहले दरवाजे को खोला जा चुका है। शेष तीन दरवाजे में से बाईं ओर के दरवाजे के पीछे बिल्ली होने की प्रायिकता क्या होगी ? जबकि दाईं ओर से जिस पहले दरवाजे को खोला गया था। उसके पीछे बिल्ली थी या नहीं थी। इसके बारे में हमें जानकारी नहीं है।" सबसे पहले तो हम यह बताना चाहते हैं कि यह एक मनगढ़त समस्या है। जिसे इस बात को समझाने के लिए समस्या के रूप में सामने लाया गया है कि यह प्रायिकता की सीमा से बाहर का प्रश्न है। गणित में इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं खोजा गया है। क्योंकि जब तक हमें दाईं ओर के पहले दरवाजे के पीछे की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती। तब तक हम बाईं ओर के दरवाजे के पीछे बिल्ली के छुपे होने की प्रायिकता ज्ञात नहीं कर सकते। वास्तव में इस समस्या का समाधान न होने का मूल कारण प्रश्न का व्यवहारिक होना है। क्योंकि यदि हम यह मानकर चलते हैं कि दाईं ओर के दरवाजे के पीछे बिल्ली पाई गई है। तो बाईं ओर के दरवाजे के पीछे बिल्ली के छुपे होने की प्रायिकता शून्य होगी। और यदि हम यह मानकर चलते हैं कि दाईं ओर के दरवाजे के पीछे बिल्ली नहीं पाई गई है। तो बाईं ओर के दरवाजे के पीछे बिल्ली के छुपे होने की प्रायिकता 1/3 (33.33%) होगी। जो लोग इस प्रश्न को एक चुनौती मानकर के हल करते हैं। तो उनमें से कुछ लोगों का उत्तर 1/4 (25%) भी होता है। क्योंकि इस उत्तर के पीछे उनका तर्क यह होता है कि बिल्ली जरूर से इन्ही चार दरवाजों में से किसी एक दरवाजे के पीछे छुपी होगी। जैसा की प्रश्न में कहा भी गया है। इसलिए इस प्रश्न का उत्तर 1/4 (25%) होना चाहिए।
स्पष्टीकरण : बेशक कहने को यह एक मनगढ़त समस्या है। परन्तु इस प्रश्न की एक परिस्थिति ने इस प्रश्न को व्यवहारिक बना दिया है। और वह परिस्थिति दाईं ओर के पहले दरवाजे के पीछे बिल्ली की वास्तविक स्थिति का पता न होना है। इस तरह से यह समस्या एक व्यवहारिक समस्या बन जाती है। और व्यवहारिक रूप से किसी भी विशेष घटना के घटित होने की प्रायिकता कभी भी शून्य नहीं होती। अर्थात यदि आप किसी भी घटना के घटित होने या न होने की प्रायिकता शून्य कहना चाहते हैं। तो आपको मनगढ़त शर्तों और परिस्थितियों का सहयोग लेना पड़ेगा (प्रायिकता का महत्वपूर्ण तथ्य न. 3 पढ़ें)। इसके अलावा यह समस्या पूर्ववर्ती घटना अर्थात दाईं ओर के पहले दरवाजे के पीछे बिल्ली के छुपे होने की स्थिति पर निर्भर करती है। इसलिए यह एक भौतिकीय अवधारणा है। न की एक गणितीय अवधारणा है। इसलिए इस समस्या का हल प्रायिकता द्वारा नहीं निकाला जा सकता। यह घटना पूर्णतः संभावना पर टिकी है। जबकि ब्रह्माण्डिकी में प्रायिकता का उपयोग इस ब्रह्माण्ड और समान्तर ब्रह्माण्ड के नियम और नियतांकों की आपसी भिन्नता को समझने में किया जाता है। इसके अलावा प्रायिकता का उपयोग आम जीवन में इस बात को ज्ञात करने में किया जाता है कि हमारे पास इसके अलावा और कितने विकल्प हैं ?
प्रायिकता के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :
1. प्रायिकता के लिए यादृच्छिक (Random) घटनाओं के परिणामों का एक समष्टि समुच्चय बनाया जाता है।
2. निश्चित घटना की प्रायिकता सदैव 1 अर्थात 100% होती है। अर्थात घटना का परिणाम संभावित परिणामों में से कोई एक होता है।
3. असंभव घटना की प्रायिकता सदैव 0 अर्थात 0% होती है।
4. कोई भी संभावित परिणाम एक निश्चित आवृत्ति में अपने आप को दोहराए यह जरुरी नहीं है। अर्थात प्रकृति प्रायिकता पर कार्य करती है। संभावना पर नहीं।
5. दो या दो से अधिक शर्तों के संयुक्त परिणाम की प्रायिकता प्रत्येक शर्त की प्रायिकता के गुणनफल के बराबर होती है। जबकि दो या दो से अधिक शर्तों में से किसी एक शर्त के पूरे होने की प्रायिकता प्रत्येक शर्त की प्रायिकता के योग के बराबर होती है।
ham prayikta ke bare me pad kar kya karenge