Falgu Nadi Ka Itihas फल्गु नदी का इतिहास

फल्गु नदी का इतिहास



GkExams on 15-09-2022


फल्गु नदी के बारें में (Falgu River In Hindi) : यह भारत के राज्य बिहार में बहने वाली एक नदी है। यह गया शहर के पवित्र नगर से गुज़रती है और इस नदी का हिन्दू व बौद्ध धर्मों में महत्व है। आपको बता दे की यह नदी फल्गु नदी की संयुक्त धारा गया शहर से होकर उत्तर की ओर बहती है और यहाँ इस नदी की चौड़ाई 820 मीटर (900 गज) से अधिक है।


फल्गु नदी एक ऊंचे चट्टानी तट से होकर बहती है, जो नदी के किनारे के किनारे पर है। विष्णुपद मंदिर और कई छोटे मंदिर इस नदी के तट पर स्थित हैं। इसके बाद फल्गु नदी उत्तर-पूर्व दिशा में लगभग 27 किलोमीटर (17 मील) तक बहती है।


इस नदी का सनातन व बौद्ध धर्म (falgu river map) दोनों ही में समान महत्व है। यह नदी बोधगया में निरंजना के नाम से भी जानी जाती है। जनश्रुति के अनुसार इसके तट पर स्थित पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। कृशक कन्या सुजाता ने उन्हें खीर खिलाकर मध्यम मार्ग अपनाने की सलाह दी थी।


फल्गु नदी की उत्पत्ति :




इस नदी की उत्पत्ति के बारें में बात करें तो कई विद्वानों ने बताया है की 19 करोड़ वर्ष के आसपास जलवायु में अत्यधिक बदलाव के कारण उच्चभूमि की बर्फ पिघल कर जल प्रवाह के रूप में नदियों का स्वरूप धारण कर लिया। निर्माण की दृष्टि से पहले उच्च भूमि के रूप में- ‘गया’ की पृष्ठभूमि निर्मित हुई, जहां फल्गु का वास है।


फल्गु नदी का इतिहास :




हमारे देश में कई प्रकार की चमत्कारी बातें (falgu river story) देखने को मिलती है इसी प्रकार एक चमत्कार यह भी है की बरसात के दिनों में भी फल्गु में पानी का जमाव नहीं होता है। इसका कारण माता-सीता का श्राप ही माना जाता है। गया जिले में मोक्ष नगरी विष्णु धाम के तट से बहने वाली फल्गु नदी में पानी कभी जमा नहीं होता है।


बताया जाता है की त्रेता युग में पिता राजा दशरथ की मृत्यु के बाद उनका पिंडदान करने के लिए भगवान राम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ गया धाम को पहुंचे थे। इस बीच अजीब संयोग हुआ कि भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ कुछ सामग्री लाने के लिए वहां से प्रस्थान किए।


फिर इसके बाद आकाशवाणी हुई और कहा गया कि पिंडदान का समय निकला जा रहा है। ऐसी आकाशवाणी के बाद माता सीता ने अपने ससुर राजा दशरथ का पिंडदान किया। इसका साक्षी पंडित, गाय, कौवा और फल्गु नदी को बनाया। इन चारों से झूठ नहीं बोलने की सीता ने शपथ भी ली।


इस बीच जब भगवान राम और लक्ष्मण लौटे। भगवान राम ने पिंडदान के विषय में पूछा तब माता सीता ने पूरी बात बताई। साथ ही पिंडदान के साक्षी पंडित, गाय, कौवा, और फल्गु नदी को गवाह बताया। राम ने जब इन चारों से पिंडदान हुआ या नहीं, इस बारे में पूछा तो फल्गु नदी ने झूठ बोल दिया कि माता सीता ने कोई पिंडदान नहीं किया। ये सुनकर माता सीता (why sita cursed falgu river) ने झूठ बोलने को लेकर फल्गु नदी को श्रापित कर दिया। इसके बाद से फल्गु नदी अंतः सलिला है एवं फल्गु नदी जमीन के नीचे (falgu river famous for) बहती है।




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Comments Sonali vishwakarma on 20-03-2023

बुद्ध के काल में फल्गु नदी किस नाम से जानी जाती थी





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