मैनिंजाइटिस Treatment In Aayurved मैनिंजाइटिस ट्रीटमेंट इन आयुर्वेद

मैनिंजाइटिस ट्रीटमेंट इन आयुर्वेद



GkExams on 09-05-2022


मेनिनजाइटिस रोग के बारें में (viral meningitis) : यह एक संचारी रोग है जो मस्तिष्क में ऊतक की सूजन का कारण बनता है। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की यह आमतौर पर बच्चों (meningitis in children) में पाया जाता है। मेनिन्जेस तीन झिल्लियां होती हैं, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को ढककर रखती हैं।


मैनिंजाइटिस-Treatment-In-Aayurved


विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो गत 20 वर्षों में मेनिनजाइटिस के लगभग दस लाख संदिग्ध मामलों की सूचना दी गई है और इससे अबतक 1,00,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। एक बात यह भी है की इस रोग का उपचार न किये जाने पर लगभग 50 प्रतिशत मरीज़ों की मृत्यु हो सकती है।


मेनिनजाइटिस के प्रकार (Types of meningitis) :


यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको मेनिनजाइटिस के प्रकारों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है…


  • बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस
  • वायरल मेनिनजाइटिस
  • फंगल मेनिनजाइटिस



  • मेनिनजाइटिस के लक्षण (meningitis symptoms) :


    यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको मेनिनजाइटिस के लक्षणों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है…


  • सिरदर्द होना।
  • गर्दन अकड़ना।
  • बुखार के साथ ठंड लगना।
  • उल्टी होना।
  • दौरे पड़ना।
  • कमजोरी महसूस होना।



  • मैनिंजाइटिस के कारण (Meningitis Causes) :


    यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको मेनिनजाइटिस के कारणों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है…


  • एक संक्रमित व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति के नज़दीकी संपर्क में आने से।
  • चुम्बन करने से।
  • खांसने और छींकने से।
  • बदबूदार कमरे में एकसाथ रहना।



  • मेनिनजाइटिस से बचाव (meningitis prevention) :


    यहाँ हम निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा आपको मेनिनजाइटिस के बचाव के उपायों से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है…


  • अपने हाथों को साफ़ रखें।
  • अपने मुंह को ढकें।
  • भोजन का ख्याल रखें।
  • ताजे फलों का सेवन करें।
  • स्वच्छता की आदत डालें।



  • मैनिंजाइटिस ट्रीटमेंट (meningitis treatment) इन आयुर्वेद :


    आयुर्वेद के जानकार बताते है की इसमें पाचन प्रणाली व पेट की अग्नि भोजन पचा नहीं पाती। इससे विषैले तत्त्व दिमाग तक पहुंचकर बुखार लाते हैं। ऐसे में भूखे रहने से पेट की अग्नि बचे हुए खाने को पचाकर विषैले तत्त्व बाहर निकालती है।


    इसलिए दूध न पीने व कम खाने की सलाह देते हैं। तुलसी पत्तों के रस में मरीच का 1-2 चुटकी पाउडर मिलाकर दो चम्मच दिन में 2-3 बार देते हैं। गिलोय रस आधी चम्मच दिन में 3 बार देते हैं। इससे काफी राहत मिलती है।


    इसी प्रकार होम्योपैथी में इलाज की बात करें तो वायरल इंफेक्शन में दवा देते हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन दिमाग को डैमेज करता है। लक्षण-उम्र के अनुसार दवा की पोटेंसी तय करते है। यदि स्थिति गंभीर है तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज करवाना उचित रहता है।





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    Comments Sachin on 19-08-2021

    Meningitis ka ilaj

    Sachin on 19-08-2021

    Meningitis ka ilaaj





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