Samajik Awashyaktayein Aur Manavon Ke Drishtikonn Vigyaan Ke Vikash Ko Kaise Prabhavit Karte Hain सामाजिक आवश्यकताएं और मानवों के दृष्टिकोण विज्ञान के विकास को कैसे प्रभावित करते हैं

सामाजिक आवश्यकताएं और मानवों के दृष्टिकोण विज्ञान के विकास को कैसे प्रभावित करते हैं



GkExams on 25-11-2018

विज्ञान की शिक्षा से संबंधित सामाजिक दृष्टिकोण, विज्ञान की स्वीकृत अवधारणाओं और तथ्यों को समाज की समस्याओं के साथ जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संबंधी समस्याओं और उनके परिणामों को समझने में आपके विद्यार्थियों की मदद करेंगे। विज्ञान की शिक्षा के इस दृष्टिकोण को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाज और पर्यावरण (एस टी एस ई) की शिक्षा भी कहा जाता है।


इस दृष्टिकोण में, विद्यार्थियों को दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाली समस्याओं को समझने और उन्हें दूर कैसे किया जाए? उससे संबंधित ज़िम्मेदार निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। आप समकालीन मुद्दों को वैज्ञानिक सिद्धांतों से जोड़ने में अपने विद्यार्थियों की क्षमताओं को बढ़ाने की तकनीक सीखेंगे, जैसे कि आनुवंशिक रूप से संशोधित (जी एम) फसलों का विकास और उपयोग। इसका उद्देश्य एक लोकतांत्रिक समाज में जागरूक नागरिक बनने में आपके विद्यार्थियों की मदद करना है।


यह इकाई आपको ऐसीरणनीतियां विकसित करने में मदद करेगा जिसका उपयोग आप अपनी कक्षा में महत्वपूर्ण समकालीन मुद्दों पर एक अच्छी चर्चा को प्रोत्साहित करने के लिए कर सकते हैं।

वीडियोः समूहकार्य का उपयोग करना

केस स्टडी 2: नदी के प्रदूषण से जुड़े कुछ सामाजिक मुद्दे

श्रीमती वर्मा चाहती थीं की उनके विद्यार्थी सामाजिक मुद्दों को ज़िम्मेदारी के साथ निपटाने में सक्षम हो जाएं, विशेषकर वे मुद्दे जो विज्ञान की मदद से बेहतर समझे जा सकते हैं। उन्होंने अपनी नौवीं कक्षा को जल प्रदूषण के बारे में पढ़ाने का निर्णय लिया और इसके लिए कक्षा में चर्चा आरंभ करने के लिए सामाजिक मुद्दों का इस्तेमाल करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। उनके दृष्टिकोण का वृत्तांत पढें।


मैंने अपने विद्यार्थियों को उनके सामान्य 4–6 के समूहों में बैठने के लिए कहा, और वे जल्दी से स्वयं ही संयोजित हो गए। वे उन लोगों के साथ बैठे थे जिनके साथ उन्होनें दूसरे विज्ञान के पाठों में काम किया था। मैंने इन समूहों को इसलिए चुना क्योंकि मैं चाहती थी कि उनमें अपने विचारों को प्रस्तुत करने का आत्मविश्वास आए और वे उन मुद्दों को सामने ला पाएं।


ब्लैकबोर्ड पर विषय लिखने से पहले, मैंने विद्यार्थियों से पूछा, ‘क्या हम सीधे जाकर अपने शहर में स्थित यमुना नदी से पानी पी सकते हैं?’ यमुना नदी के पानी की बिगड़ती स्थिति की खबर एक ज्वलंत समस्या थी इसलिए, अधिकतर विद्यार्थियों ने एक साथ जवाब दिया, ‘‘नहीं, वह प्रदूषित है।’’ इससे मुझे इस बात की पुष्टि हुई कि मेरे विद्यार्थी कितने जागरुक हैं और हम उस दिन जल प्रदूषण पर चर्चा कर सकते थे।


उसके बाद मैंने प्रत्येक समूह को अलग अलग गतिविधियों के लिए नदी का उपयोग करते लोगों की कुछ चित्र दिखाये। चित्र इंटरनेट से डाउनलोड किया गया था। लेकिन मैंने सोचा कि इसके बजाय अगर मैं उन्हें हाथ से बनाती तो कैसा रहता? विशेषकर इसलिए क्योंकि वे सभी चित्र जो मुझे चाहिए थे वहाँ नहीं मिला था।


उसके बाद मैंने ब्लैकबोर्ड पर एक मुख्य प्रश्न लिखा कि ’यह गतिविधियाँ हमारे जल संसाधनों को कैसे प्रभावित करती हैं?’ मैंने विद्यार्थियों को अपने–अपने समूह में की गई चर्चा को लिखने को कहा जिससे कि वे बाद में कक्षा में चर्चा के समय अपने विचारों का योगदान कर सकें।


मैंने यह पाया कि ज़्यादा विद्यार्थियों वाली कक्षा में बहुत ही विविध दृष्टिकोण मिलते हैं जो हमेशा रोचक होते हैं। समूह में चित्रों पर चर्चा करते समय कक्षा में बहुत शोर था। वहाँ नियत्रंण बनाए रखने के लिए समूहों के आसपास घूम रही थी। उन्हें दस मिनट देने के बाद मैंने उन्हें अपनी चर्चा को रोकने के लिए कहा।


फिर, मैंने प्रत्येक समूह को बारी–बारी से एक विचार देने के लिए कहा और जब तक नए विचार आने बंद नहीं हुए तब तक एक समूह से दूसरे समूह की ओर इशारा करती रही। इसमें और दस मिनट लग गए। विद्यार्थियों ने कई ऐसी चीज़ें बताईं जिनसे नदी प्रभावित हुई होगी जैसे– पानी में पड़े शव, जो वहाँ सडक़र उसे दूषित कर देते हैं। पूरे शहरों से दैनिक गतिविधियों के अनुपचारित सीवेज का बहाव; रसायनों का प्रदूषण; और प्रत्येक वर्ष, हज़ारों मूर्तियों का विसर्जन पानी को दूषित करता है।


जब उन्होनें अपने विचारों को व्यक्त किया तो मैंने समूहों की प्रशंसा की और उनके विचारों को ब्लैकबोर्ड पर लिखकर उन्हें बताया कि अवधारणाओं को कैसे समूहों में बाँटा जाता है और आपस में एक, दूसरे से जोड़ा जाता है [चित्र 2]। कभी–कभी विचारों को किस वर्ग में डालें यह तय करने पर ही एक चर्चा शुरु हो जाती जैसे कि पुराने इंजन के तेल को नदी में डालना औद्योगिक प्रवाह हुआ या घरेलू अपशिष्ट।

चित्र 2 नदी को क्या प्रदूषित करता है इस पर ब्लैकबोर्ड पर लिखे नोटस् ।

एक बार हमने प्रदूषण के विभिन्न कारणों का निरूपण पूरा कर लिया, तो मैंने चर्चा को कुछ और विशिष्ट मुद्दों पर केंद्रित किया। मैंने प्रत्येक समूह को एक कागज़ का टुकड़ा दिया जिन पर निम्नलिखित कथनों में से एक लिखा था और उनसे उनके कागज़ पर लिखे गए कथन पर वाद–विवाद करने को कहा–

  • एक नदी वहाँ स्वतः ही स्वच्छ नहीं हो सकती जहाँ अधिक लोग रहते हों, क्योंकि ऐसे में उनके द्वारा किए जाने वाले अनुष्ठानों की संख्या भी अधिक होती है। इसलिए अनुष्ठानों की संख्या कम की जानी चाहिए।
  • धार्मिक आस्थाएं हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं लेकिन स्वच्छ पीने का पानी जीवन की एक बड़ी आवश्यकता है।
  • एक व्यक्ति के कार्यों का पूरे समाज पर समग्र रूप प्रभाव पड़ता है इसलिए, यह हमारे ग्रह के पूरे पर्यावरण को भी प्रभावित करता है। अतः हम सभी को प्रदूषण को रोकने के लिए कार्य करना चाहिए।
  • प्रदूषण उसके दीर्घकालिक परिणामों की अज्ञानता के कारण होता है, इसलिए शिक्षा ही उसका समाधान है।
  • एक किसान अपनी उपज में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग कर उसमें 50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है, इसलिए पर्यावरण को होने वाला नुकसान कम महत्वपूर्ण है।
  • उद्योग रोज़गार और समृद्धि प्रदान करता है। यह तथ्य कि कारखाने नदी को प्रदूषित कर सकते हैं, यह उपर्युक्त कम महत्वपूर्ण है।

इसके बाद मैंने, उन्हें इस बात पर अपने समूह के भीतर वोट करने के लिए कहा कि वे इस बात से सहमत हैं या नहीं। मैंने उन्हें बताया कि उनकी असहमती भी ठीक होगी और उन्हें एक दूसरे के विचारों को सुनना चाहिए। इसके बाद दोबारा समूहों के बीच ज़ोर से चर्चा की आवाज़ें होने लगीं। मुझे विशेष रूप से इस बात की बहुत प्रसन्नता हुई कि अंजू के पास, जिसे विज्ञान में सामान्यतः पर कोई रूचि नहीं होती है, वह नदी में प्रदूषण पर धार्मिक अनुष्ठानों के प्रभाव के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ था।


जब वोट करने का समय आया तो मैंने अपने हाथों से ताली बजाई और प्रत्येक समूह ने अपने–अपने मुद्दे पर वोट किया। फिर उन्होंने अपना कथन पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाया और वोट के परिणाम और प्रत्येक कथन के पक्ष और विपक्ष दोनों में तर्क बताए।


मुझे यह सुनकर बहुत अच्छा लगा कि कक्षा से बाहर जाने के बाद भी मेरे विद्यार्थियों ने अपनी चर्चा जारी रखी। मुझे खुशी हुई कि वे विषय के साथ इतना संलग्न थे और इसके पीछे के विज्ञान पर विचार कर पा रहे थे।


मैंने उनकी चर्चाओं में मदद करने के लिए कुछ वैज्ञानिक आँकड़े (उदाहरण के लिए, जल जनित बीमारियों से होने वाली मृत्यु, प्रतिवर्ष अनुष्ठानों की संख्या, एक मानव के अपशिष्ट की वार्षिक मात्रा, जन्म दोष की घटनाओं आदि के बारें में) देने का निर्णय किया।

विचार के लिए रुकें


केस स्टडी से पहले अनुच्छेद को दोबारा पढें और श्रीमती वर्मा द्वारा चर्चा की उत्पादकता को सुनिश्चित करने के लिए की गई चीज़ों पर विचार करें।

श्रीमती वर्मा ने नदी को प्रभावित करने वाली गतिविधियों की पृष्ठभूमि के रूप में कुछ चित्रों द्वारा जानकारी प्रदान की। उन्होंने अधिक विशिष्ट और विवादास्पद प्रश्नों पर जाने से पहले अपने विद्यार्थियों को चर्चा के लिए एक अपेक्षाकृत आसान मुद्दा दिया। पाठ के अंत तक, विद्यार्थियों को जल प्रदूषण के कारणों का अवलोकन और लोगों को अपने कार्यों के लिए ज़िम्मेदारी लेने की आवश्यकता का एहसास हो जाना चाहिए। उम्मीद है कि उनमें से कुछ विद्यार्थी दूसरों के व्यवहार का नियंत्रण कैसे करना है? यह चुनौती और ऐसा करने में सरकार की संरचनाओं के महत्व की सराहना करना शुरु करेंगे।

अभ्यास की योजना’ देखें।

वीडियोः पाठों का नियोजन करना

विचार के लिए रुकें

  • आपका पाठ कैसा रहा? क्या, समूहों ने आपस में अच्छी तरह से काम किया?
  • क्या, इसमें सभी विद्यार्थी सम्मिलित थे? क्या उन सभी को अपने समूह में बात करने का अवसर मिला था?
  • क्या आप आश्वस्त हैं कि आपके विद्यार्थी चर्चित मुद्दे के बारे जान पाए हैं तथा अब उसके महत्व को समझते हैं?
  • यदि, आप दोबारा इस विषय को पढाते हैं तो क्या कुछ ऐसा है? जिसे आप अलग तरह से करना चाहेंगे?

4 सारांश

विज्ञान हमारे चारों ओर है, फिर भी विद्यार्थी अक्सर विज्ञान के पाठ में सीखी गई बातों को अपने दैनिक जीवन से नहीं जोड़ पाते हैं। उम्मीद है कि इस यूनिट में आपको कुछ ऐसे विचार मिले होंगे जिनसे आप विज्ञान के महत्व को उजागर करने की पद्धतियों की खोज करते रहेंगे।


सामूहिक चर्चा करना कठिन होता है लेकिन अभ्यास के साथ, यह आसान हो जाएगा आपके लिए और आपके विद्यार्थियों के लिए।

संसाधन

संसाधन 1: समूहकार्य का उपयोग करना

समूहकार्य एक व्यवस्थित, सक्रिय, अध्यापन कार्यनीति है जो विद्यार्थियों के छोटे समूहों को एक आम लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ये छोटे समूह संरचित गतिविधियों के माध्यम से अधिक सक्रिय और अधिक प्रभावी शिक्षण को प्रोत्साहित करते हैं।

समूहकार्य के लाभ

समूहकार्य विद्यार्थियों को सोचने, संवाद कायम करने, विचारों का आदान–प्रदान करने और निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित करके सीखने हेतु उन्हें प्रेरित करने का बहुत ही प्रभावी तरीका हो सकता है। आपके विद्यार्थी दूसरों को सिखा सकते हैं और उनसे सीख भी दे सकते हैं। यह शिक्षण का शक्तिशाली और सक्रिय स्वरूप है।


समूहकार्य में विद्यार्थियों का समूहों में बैठना ही काफी नहीं होता है; इसमें स्पष्ट उद्देश्य के साथ सीखने के साझा कार्य पर काम करना और उसमें योगदान करना शामिल होता है। आपको इस बात को लेकर स्पष्ट होना होगा कि आप पढ़ाई के लिए सामूहिक कार्य का उपयोग क्यों कर रहे हैं? और जानना होगा कि यह भाषण देने, जोड़े में कार्य या विद्यार्थियों के स्वयं से कार्य करने पर वरीयता देने योग्य क्यों है? इस तरह समूहकार्य को सुनियोजित और उद्देश्यपूर्ण होना आवश्यक है।

समूहकार्य का नियोजन करना

आप समूहकार्य का उपयोग कब? और कैसे करेंगे? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि पाठ के अंत में आप कौन सा शिक्षण पूरा करना चाहते हैं? आप समूहकार्य को पाठ के आरंभ में, अंत में या बीच में शामिल कर सकते हैं, लेकिन आपको पर्याप्त समय का प्रावधान करना होगा। आपको उस कार्य के बारे में जो आप अपने विद्यार्थियों से पूरा करवाना चाहते हैं उनको समूहों में नियोजित करने के सर्वोत्तम ढंग के बारे में सोचना होगा।


एक अध्यापक के रूप में, आप समूहकार्य की सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं यदि आप निम्नलिखित की योजना अग्रिम रूप से बनाते हैं–

  • सामूहिक गतिविधि के लक्ष्य और अपेक्षित परिणाम
  • गतिविधि को आवंटित समय (फीडबैक व सारांश कार्य सहित)
  • समूहों को कैसे विभाजित करना है? (कितने समूह, प्रत्येक समूह में कितने विद्यार्थी, समूहों के लिए मापदंड)
  • समूहों को कैसे नियोजित करना है? (समूह के विभिन्न सदस्यों की भूमिका, आवश्यक समय, सामग्रियाँ, रिकार्ड करना और रिपोर्ट करना)
  • कोई भी आकलन कैसे किया जाएगा और रिकार्ड किया जाएगा (व्यक्तिगत आकलनों को सामूहिक आकलनों से अलग पहचानने का ध्यान रखें)
  • समूहों की गतिविधियों पर आप कैसे निगरानी रखेंगे

समूहकार्य के काम

वह काम जो आप अपने विद्यार्थियों को पूरा करने को कहते हैं वह इस पर निर्भर होता है कि आप उन्हें क्या सिखाना चाहते हैं? समूहकार्य में भाग लेकर, वे एक–दूसरे को सुनने, अपने विचारों को समझाने और आपसी सहयोग से काम करने जैसे कौशल सीखेंगे। यद्यपि, उनके लिए मुख्य लक्ष्य है कि जो विषय आप पढ़ा रहे हैं उसके बारे में कुछ सीखना। कार्यों के कुछ उदाहरणों में निम्नलिखित को शामिल कर सकते हैं–

  • प्रस्तुतिकरण: विद्यार्थी समूहों में काम करके शेष कक्षा के लिए प्रस्तुतिकरण बनाते हैं। यह सबसे बढ़िया उपयोगी तब होता है जब प्रत्येक समूह के पास विषय पर आधारित भिन्न पहलू होता है, जिससे वे एक ही विषय को कई बार सुनने की बजाय एक दूसरे को सुनने के लिए प्रेरित होते हैं। प्रत्येक समूह को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए समय के विषय में काफी सख्ती बरतें और अच्छे प्रस्तुतिकरण के लिए मापदंडों का एक सेट निश्चित करें। इन्हें पाठ से पहले बोर्ड पर लिखें। विद्यार्थी मापदंडों का उपयोग अपने प्रस्तुतिकरण की योजना बनाने और एक दूसरे के काम का आकलन करने के लिए कर सकते हैं। इन मापदंडों में निम्नलिखित को शामिल कर सकते हैं:
    • क्या प्रस्तुतिकरण स्पष्ट था?
    • क्या प्रस्तुतिकरण सुसंरचित था?
    • क्या मैंने प्रस्तुतिकरण से कुछ सीखा?
    • क्या प्रस्तुतिकरण ने मुझे सोचने पर मजबूर किया?
  • समस्या को हल करना: विद्यार्थी किसी समस्या या समस्याओं की एक श्रृंखला को हल करने के लिए समूहों में काम करते हैं। इसमें शामिल हो सकता है, विज्ञान का कोई प्रयोग करना, गणित की समस्याएं हल करना, अंग्रेजी कहानी या कविता का विश्लेषण करना, या इतिहास के प्रमाणों का विश्लेषण करना।
  • कोई कलाकृति या उत्पाद बनाना: विद्यार्थी समूहों में काम करके किसी कहानी, नाटक के भाग, संगीत के अंश, किसी अवधारणा को समझाने के लिए मॉडल, किसी मुद्दे पर समाचार रिपोर्ट या जानकारी को सारांशित करने या अवधारणा को समझाने के लिए पोस्टर का विकास कर सकते हैं। समूहों को किसी नए विषय के आरंभ में मंथन करने या मस्तिष्क में रूपरेखा बनाने के लिए पाँच मिनट देने से आपको इस बारे में बहुत कुछ जानकारी मिलेगी कि उन्हें क्या पहले से पता है? और आपको पाठ को उपयुक्त स्तर पर स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
  • विभेदित कार्य: समूहकार्य विभिन्न आयु या उपलब्धि स्तरों के विद्यार्थियों को किसी उपयुक्त काम पर मिलकर काम करने देने का अवसर है। अधिक उपलब्धि प्राप्त करने वाले काम को समझाने के अवसर से लाभ उठा सकते हैं, जबकि कम उपलब्धि प्राप्त करने वालों के लिए कक्षा की तुलना में समूह में प्रश्न पूछना अधिक आसान हो सकता है, और वे अपने सहपाठियों से भी सीखेंगे।
  • चर्चा: विद्यार्थी किसी मुद्दे पर विचार करते हैं और एक निष्कर्ष पर पहुँचते हैं। इसके लिए आपको अपनी ओर से बहुत तैयारी करनी होगी जिससे सुनिश्चित हो सके कि विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के लिए विद्यार्थियों के पास पर्याप्त ज्ञान है, लेकिन चर्चा या विवाद का आयोजन आप और उन के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।

समूहों का नियोजन करना

चार से आठ के समूह आदर्श होते हैं किंतु यह आपकी कक्षा, भौतिक पर्यावरण और फर्नीचर, तथा आपकी कक्षा की उपलब्धि और आयु के दायरे पर निर्भर करेगा। आदर्श रूप से समूह में प्रत्येक के लिए एक दूसरे से मिलना, बिना चिल्लाए बात करना और समूह के परिणाम में योगदान करना आवश्यक होगा।

  • तय करें कि आप विद्यार्थियों को समूहों में कैसे और क्यों विभाजित करेंगे? उदाहरण के लिए, आप समूहों को मित्रता, रुचि या समान अथवा मिश्रित उपलब्धि के अनुसार बाँट सकते हैं। भिन्न तरीकों से प्रयोग करें और समीक्षा करें कि प्रत्येक कक्षा के लिए क्या सर्वोत्तम है
  • योजना बनाएं कि आप समूह के सदस्यों को कौन सी भूमिकाएं देंगे (उदाहरण के लिए, नोट लेने वाला, प्रवक्ता, टाइम कीपर या उपकरणों का संग्रहकर्ता) और आप इसे कैसे स्पष्ट करेंगे।

समूहकार्य का प्रबंधन करना

आप अच्छे समूहकार्य के प्रबंधन के लिए दिनचर्याएं और नियम तय कर सकते हैं। जब आप नियमित रूप से समूहकार्य का उपयोग करते हैं, तो विद्यार्थियों को पता चल जाएगा कि आप क्या अपेक्षा करते हैं? और वे इसे आनंददायक पाएंगे। टीमों और समूहों में काम करने के लाभों की पहचान करने के लिए आरंभ में कक्षा के साथ काम करना एक अच्छा विचार है। आपको चर्चा करनी चाहिए कि समूहकार्य में अच्छा व्यवहार क्या होता है? और संभव हो तो ’नियमों’ की एक सूची बनाएं जिसे प्रदर्शित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, ’एक दूसरे के लिए सम्मान’, ’सुनना’, ’एक दूसरे की सहायता करना’, ’एक से अधिक विचार को आजमाना’, आदि।


समूहकार्य के बारे में स्पष्ट मौखिक निर्देश देना महत्वपूर्ण है जिसे ब्लैकबोर्ड पर संदर्भ के लिए लिखा भी जा सकता है। आपको–

  • अपनी योजना के अनुसार अपने विद्यार्थियों को उन समूहों की ओर निर्देशित करना होगा जिनमें वे काम करेंगे। ऐसा आप शायद कक्षा में ऐसे स्थानों को निर्दिष्ट करके कर सकते हैं जहाँ वे काम करेंगे या किसी फर्नीचर या स्कूल के बैगों को हटाने के बारे में निर्देश देकर कर सकते हैं।
  • कार्य के बारे में बहुत स्पष्ट होना और उसे बोर्ड पर लघु निर्देश या चित्रों के रूप में लिखना चाहिए। अपने शुरू करने से पहले विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने की अनुमति प्रदान करें।

पाठ के दौरान, यह देखने और जाँच करने के लिए घूमें कि समूह किस तरह से काम कर रहे हैं। यदि वे कार्य से विचलित हो रहे हैं या अटक रहे हैं तो जहाँ जरूरत हो वहाँ सलाह प्रदान करें।


आप कार्य के दौरान समूहों को बदलना चाहते हैं। जब आप समूहकार्य के बारे में आत्मविश्वास महसूस करने लगें तब दो तकनीकें आजमाई जा सकती हैं – वे बड़ी कक्षा को प्रबंधित करते समय खास तौर पर उपयोगी होती हैं–

  • ’विशेषज्ञ समूह’: प्रत्येक समूह को एक अलग कार्य दें, जैसे विद्युत उत्पन्न करने के एक तरीके पर शोध करना या किसी नाटक के लिए किरदार विकसित करना। एक उपयुक्त समय के बाद, समूहों को पुनर्गठित करें ताकि प्रत्येक को नये समूह से सभी मूल समूहों से एक ’विशेषज्ञ’ से युक्त हो। फिर उन्हें एक कार्य दें जिसमें सभी विशेषज्ञों के ज्ञान को एकत्र करना होता है, जैसे निश्चय करना कि किस प्रकार का पॉवर स्टेशन बनाना या नाटक का अंश तैयार करना चाहिए।
  • ’दूत’: यदि कार्य में कोई चीज बनाना या किसी समस्या को हल करना शामिल है, तो कुछ समय बाद, प्रत्येक समूह से किसी अन्य समूह में एक दूत भेजने को कहें। वे विचारों या समस्या के हलों की तुलना और फिर वापस अपने स्वयं के समूह को सूचित कर सकते हैं। इस प्रकार, समूह एक दूसरे से सीख सकते हैं।

कार्य के अंत में, जो कुछ सीखा गया है उसका सारांश बनाएं और आपको नज़र आई किसी भी गलतफहमी को सुधारें। आप चाहें तो प्रत्येक समूह का फीडबैक सुन सकते हैं, या केवल एक या दो समूहों से पूछ सकते हैं, जिनके पास आपको लगता है कि कुछ अच्छे विचार हैं। विद्यार्थियों की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को संक्षिप्त रखें और उन्हें अन्य समूहों के काम पर फीडबैक देने को प्रोत्साहित करें जिसमें वे पहचान सकते हैं कि क्या अच्छा किया गया था? क्या, बात मनोरंजक थी? और किस बात को और विकसित किया जा सकता था?


यदि आप अपनी कक्षा में समूहकार्य को अपनाना चाहते हैं तो भी आपको कभी–कभी इसका नियोजन करना कठिन लग सकता है क्योंकि कुछ विद्यार्थी–

  • सक्रिय शिक्षण का प्रतिरोध करते हैं और उसमें शामिल नहीं होते
  • हावी होने वाली प्रकृति के होते हैं
  • अंतर्व्यैयक्तिक कौशलों की कमी या आत्मविश्वास के अभाव के कारण भाग नहीं लेते।

सीखने के परिणाम कहाँ तक प्राप्त हुए और आपके विद्यार्थियों ने कितनी अच्छी तरह से अनुक्रिया किया (क्या वे सभी लाभान्वित हुए?) इस पर विचार करने के अलावा, समूहकार्य के प्रबंधन में प्रभावी बनने के लिए उपरोक्त सभी बिंदुओं पर विचार करना महत्वपूर्ण होता है। सामूहिक कार्य, संसाधनों, समयों या समूहों की रचना में आप द्वारा किए जा सकने वाले समायोजनों पर सावधानी से विचार करें और उनकी योजना बनाएं।


शोध से पता चला है कि विद्यार्थियों की उपलब्धि पर सकारात्मक प्रभाव पाने के लिए समूहों में सीखने का हर समय उपयोग करना आवश्यक नहीं है, इसलिए आपको प्रत्येक पाठ में उसका उपयोग करने के लिए बाध्य महसूस नहीं करना चाहिए। आप चाहें तो समूहकार्य का उपयोग एक पूरक तकनीक के रूप में कर सकते हैं, उदाहरण के लिए विषय परिवर्तन के बीच अंतराल या कक्षा में चर्चा को अकस्मात शुरु करने के साधन के रूप में कर सकते हैं। इसका उपयोग विवाद को हल करने या कक्षा में अनुभव आधारित शिक्षण गतिविधियाँ और समस्या का हल करने के अभ्यास शुरू करने या विषयों की समीक्षा करने के लिए भी किया जा सकता है।

संसाधन 2: नौवीं और दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक के विषय जिनका प्रयोग सामूहिक चर्चा के लिए किया जा सकता है।

जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय

सभी समूहों से जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के सभी संभव तरीकों के बारे में पूछें। आप गृहकार्य के लिए उन्हें पहले से यह प्रश्न दे सकते हैं और यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं तो आप उन्हें अपने या मित्रों से यह पूछने के लिए कि वे जल को प्रदूषण से बचाने के लिए क्या उपाय करते हैं


जिन समस्याओं पर आप चर्चा कर सकते हैं, उनमें निम्नलिखित हैं–

  • शहरों में हम कैसे अपनी नदियों को स्वच्छ कर सकते है?
  • कूड़े–करकट को किस प्रकार उपयोगी बना सकते हैं
  • तालाबों व कुओं का पानी जिन्हें मनुष्य या जानवर पीते है, उसे कैसे स्वच्छ रखें?

हमारे द्वारा उत्पन्न कचरे का प्रबंधन

कचरा उत्पादन के सभी स्रोतों का मंथन करें। इसमें घर की चीज़ें, सीवेज, कारखानों के कचरे, कूडा, आदि शामिल हो सकता है ब्लैकबोर्ड पर सभी विचारों को लिखें। यदि संभव हो, तो आप कुछ तस्वीरों को एकत्रित कर, कक्षा में दिखा सकते हैं जिससे नए विचार उत्पन्न हो सकें।


अपने विद्यार्थियों को समूहों में बाँटें और प्रत्येक समूह को तीन तरीके सुझाने को कहें जिससे एक समाज के रूप में हम कचरे के उत्पादन की मात्रा को कम कर सकें। यदि उनके पास तीन से अधिक सुझाव हैं, तो उन्हें तीन सबसे अच्छे सुझावों पर सहमत होने का प्रयास करने को कहें। वे कुछ ऐसे सुझाव दे सकते हैं जैसे कि–

  • एक पुनः चक्रण प्लांट का निर्माण करना जिससे लोग वस्तुओं को फेकने के बजाए उन्हें पुनः चक्रण करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें।
  • कागज़ की तुलना में प्लास्टिक की थैलियों और प्यालों को और अधिक महंगा बनाना।
  • सीवेज सिस्टम में निवेश को एक प्राथमिकता बनाना।
  • शहरों में कचरा इकट्टठा करने वालों का भुगतान करने के लिए करों में वृद्धि।

इसके बाद, प्रत्येक समूह को उनके तीन सुझाव देने के लिए कहें। अंत में, विद्यार्थी उस एक सुझाव पर वोट कर सकते हैं जो उनके अनुसार पूरे समाज में एक बड़ा अंतर ला सकता है।

ऊर्जा के स्रोत

इसमें दो पाठ लगेंगे।


अपने विद्यार्थियों को पाँच, दस या पंद्रह के समूहों में विभाजित करें। प्रत्येक समूह को निम्नलिखित में से एक बिजली उत्पादन पद्धति पर अनुसंधान करने के लिए कहें–

  • कोयला जलाकर
  • सौर ऊर्जा
  • पवन ऊर्जा
  • परमाणु ऊर्जा
  • बायोमास

बिजली उत्पादन की इस विधि का अनुसंधान करने के लिए उन्हें एक पाठ दें। उन्हें इन पर रिकार्ड बनाने चाहिए–

  • यह विधि कैसे काम करती है
  • इस विधि के लाभ
  • इस विधि के नुकसान।

उनके पाठ्यपुस्तक में कुछ जानकारी होगी। आपको पुस्तकालय से कुछ अतिरिक्त पुस्तकें भी मिल सकती हैं। आप उन्हें इंटरनेट पर खोज करने का सुझाव दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप उन्हें घर पर मिल सकने वाली पुस्तकों से सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।


अगले पाठ में, उनके सामने उनके क्षेत्र में एक नया बिजली उत्पादन स्टेशन बनाए जाने की समस्या रखें। यह किस प्रकार का होना चाहिए?


अपने विद्यार्थियों को पाँच–पांच विद्यार्थियों के समूहों में विभाजित करें – लेकिन इस बार इस बात का ध्यान रखें कि प्रत्येक समूह में बिजली उत्पादन करने की किसी एक विधि पर एक ’विशेषज्ञ’ अवश्य सम्मिलित हो।


प्रत्येक समूह को यह निर्णय करने के लिए कहें कि वे अपने क्षेत्र में किस प्रकार के पावर स्टेशन का निर्माण करेंगे।






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Comments Maya on 09-09-2018

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