Parmanu Khanij Anveshann Aivam Anusandhan Nideshalay परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय

परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय



GkExams on 13-01-2023


परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (AMDER) : यह परमाणु ऊर्जा विभाग (प.ऊ.वि.) की प्राचीनतम इकाई है। सरकार द्वारा 15 अप्रैल 1948 को पारित परमाणु ऊर्जा अधिनियम के तहत तथा 10 अगस्त 1948 को परमाणु ऊर्जा आयोग के गठन के बाद 29 जुलाई 1949 को ’रेअर मिनरल्स सर्वे यूनिट’ अर्थात् ’विरल खनिज सर्वेक्षण इकाई’ का गठन किया गया जिसका मुख्यालय दिल्ली में था।


इसके बाद इसका नाम बदलकर ’रॉ मैटिरियल्स डिविजन’ अर्थात् ’कच्ची सामग्री प्रभाग’ रखा गया। फिर इसके बाद वर्ष 1958 में ’ऐटॉमिक मिनरल्स डिविजन’ अर्थात् ’परमाणु खनिज प्रभाग’ रखा गया। और बाद में इसका मुख्यालय 1974 में हैदराबाद स्थानांतरित किया गया।


आपको बता दे की यह भारत के अग्रगण्य वैज्ञानिक संगठनों में से एक, जो कि बहु-अनुशासनिक तथा बहुमुखी अन्वेषण-सह-विश्लेषणात्मक-सह-अनुसंधान कार्यकलापों से जुड़ा हुआ है, इसके बढ़ते हुए आकार को ध्यान में रखते हुए ’स्वर्ण जयन्ती वर्ष’ में कदम रखने के उपलक्ष्य में ’डिविजन’ अर्थात् ’प्रभाग’ को बदलकर 29 जुलाई 1998 को ’डायरेक्टरेट’ अर्थात् ’निदेशालय’ के रूप में पुनः नामकरण किया गया।


परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय का मुख्य अधिदेश है देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक यूरेनियम संसाधनों की पहचान एवं मूल्यांकन करना। इस महत्वपूर्ण कार्य के क्रियान्वयन के लिए नई दिल्ली, बंगलुरु, जमशेदपुर, शिलांग, जयपुर, नागपुर और हैदराबाद (पखनि मुख्यालय और दक्षिण मध्य क्षेत्र) के क्षेत्रीय एवं अनुसंधान केन्द्रों द्वारा संपूर्ण देश में विभिन्न स्थानों पर अन्वेषण किया जा रहा है।


AMDER Address :




GOVERNMENT DEGREE COLLEGE FOR WOMEN, AMD Complex, Begumpet Rd, Near Government girls college, Begumpet, Hyderabad, Telangana 500016


AMDER Helpline :




040 2776 0171


परमाणु खनिज क्या है?




उन खनिजों को परमाणु-ऊर्जा खनिज, अथवा ऐटोमिक एनर्जी मिनरल्स कहते हैं, जिनसे परमाण्विक ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। परमाणु खनिज के रूप में - यूरेनियम, थोरियम, बेरिलियम तथा एल्मेनाइट आदि जैसे परमाणु खनिज होते हैं।


भारत में परमाणु खनिज :




बात हमारे देश (atomic minerals in india) की करें तो भारत के कोयले तथा अन्य ईंधनों के भंडार सीमित है और यदि औद्योगिकरण की वर्तमान गति इसी प्रकार वृद्धि पर रही तो वे भंडार अधिक समय तक न चल सकेंगे।


अत: परमाणुशक्ति का उत्पादन ही संतुलित औद्योगिकरण में सहायक हो सकेगा। सौभाग्य से भारत में यूरेनियम तथा थोरियम दोनों ही खनिजों के भंडार संतोषजनक हैं। जून, 2015 की स्थिति (atomic minerals directorate) के अनुसार, परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय ने, देश में 2,25,936 टन स्व-स्थाने U08 (1,91,594 टन यूरेनियम) भंडारों का पता लगाया है।




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