Rashtriya Shashak Ke Roop Me Akbar राष्ट्रीय शासक के रूप में अकबर

राष्ट्रीय शासक के रूप में अकबर



GkExams on 15-02-2019

सम्राट् अकबर भारतीय शासकों की गौरवमयी परम्परा का एक महान् शासक है। उसका व्यक्तित्व और कृतित्व उसे भारत ही नहीं विश्व के महान् शासकों की प्रथम पंक्ति में खड़ा करते हैं। आकर्षक व्यक्तित्व, सुपुष्ट शरीर और प्रखर मस्तिष्क का धनी अकबर अदम्य साहस, असाधारण प्रतिभा और अनेक शासकोचित गुणों से विभूषित था। गैरेट के अनुसार अकबर एक साहसी सैनिक, महान् सेनानायक तथा बुद्धिमान शासक था। उसकी गणना इतिहास के महानतम सम्राटों में की जा सकती है। स्मिथ महोदय के अनुसार, अकबर जन्मजात सम्राट् था और इतिहास जितने भी सम्राटों को मानता है, उनमें महान् पद पर बैठने का उसका दावा सर्वथा उचित था। उसका यह दावा उसके प्राकृतिक गुणों पर आधारित तथा उसके द्वारा सुरक्षित था। उसका यह दावा उसके प्राकृतिक गुणों पर आधारित तथा उसके द्वारा सुरक्षित था। उसके मौलिक विचार और उसकी उपलब्धियाँ उसकी नींव को मजबूत करती थीं।


निस्सन्देह अकबर एक महान् विजेता, विशाल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक, साहसी सेनानायक, सुयोग्य शासक तथा प्रजावत्सल सम्राट् था। वैसे तो भारत में मुग़ल साम्राज्य की स्थापना का श्रेय सम्राट् बाबर को दिया जाता है किन्तु मुग़ल साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार कर एक विशाल, सुगठित तथा सुव्यवस्थित साम्राज्य के स्थायी आधारों के निर्माण का श्रेय अकबर को ही है। एक शासक के रूप में सम्राट् अकबर की सफलता का सबसे बड़ा आधार यह था कि उसने विभिन्न राज्यों, विभिन्न जातियों तथा विभिन्न सम्प्रदायों के लोगों को एक सूत्र में बाँधने का सराहनीय कार्य किया। इस दृष्टि से उसे भारत का राष्ट्रीय शासक (नेशनल स्तर) कहा जाता है। उसका विशाल साम्राज्य 15 सूबों में बंटा हुआ था। उसने प्रत्येक सूबे को सबल और सफल प्रशासनिक व्यवस्था प्रदान की, ऐसी व्यवस्था जिसमें प्रशासनिक एकरूपता और कार्यपरक सक्षमता का समन्वय था। जब 1556 ई. में वह सिंहासन पर बैठा, तब भारत छोटे-छोटे अनेक हिन्दू-मुस्लिम राज्यों में विभक्त था जो परस्पर एक-दूसरे को आत्मसात करने या नतमस्तक करने के लिए कटिबद्ध थे किन्तु 1605 ई. में जब उसका शरीरान्त हुआ, तब वह साम्राज्य उत्तर से लेकर दक्षिण तथा पूर्व से लेकर पश्चिम तक भारतवर्ष के विशाल भू-भाग पर छाया हुआ था। अकबर के कुशल शासन के कारण उस युग में भारत ने प्रगति और उन्नति के अनेक कीर्तिमान आयाम स्थापित किये थे। अकबर-युग में भारत ने न केवल आर्थिक क्षेत्र में प्रगति की, प्रत्युत साहित्य और कला की दृष्टि से भी अभूतपूर्व प्रगति की थी। यद्यपि अकबर स्वत: औपचारिक शिक्षण का पूरा लाभ नहीं उठा सका था किन्तु बहुश्रुत था तथा विद्वानों और कलाकारों का उदार संरक्षक था। डॉ. आर्शीवादी लाल ने अकबर का मूल्यांकन करते हुए लिखा है, अकबर का युग महान् सम्राटों का युग था, अकबर के समकालीन महान् शासकों में इंग्लैण्ड की एलिज़ाबेथ, फ्रांस को हेनरी चतुर्थ तथा पर्शिया के अब्बास महान् था किन्तु इसमें कोई सन्देह नहीं कि अकबर इन सबसे एक नहीं अनेक दृष्टियों से श्रेष्ठ था। इसी प्रकार स्मिथ महोदय ने लिखा है कि, अकबर जन्मजात सम्राट् या और उसे इतिहास में ज्ञात महानतम सम्राटों में एक स्थान दिया जाना न्यायसंगत है।






सम्बन्धित प्रश्न



Comments



नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment