क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 3 करोड़ 42 लाख हेक्टेयर है। जिसमे लगभग 60% खेती के काम में आता है। राजस्थान में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पिछले काफी वर्षो से बहुत से सतत प्रयास किये जा रहे हैं ताकि महिलाएं समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। महिलाओं के सामाजिक, राजनितिक एवं आर्थिक विकास के लिए सरकार द्धारा सुढृढीकरण हेतु विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वन विभिन्न विभागों द्वारा किया जा रहा है। महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए यह आवश्यक है की उनको अपने अधिकारों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो। महिला कल्याण हेतु विभिन्न योजना क्रियान्वयन में हैं।
महिलाओं को सुलभ न्याय दिलाने के उद्देश्य से पारिवारिक न्यायालयों की स्थापना की गई है तथा सामाजिक और शासकीय स्तर पर सलाह एवं मार्गदर्शन कार्यक्रम भी चलाएं गए है। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2010-11 में यह योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत सभी जिला मुख्यालयों पर महिला थानों में एवं जहां कही महिला थाना नहीं हैं वहाँ किसी चिन्हित थाने के साथ मिलकर महिला सुरक्षा सलाह केंद्र स्थापित किये गए हैं।
इस योजना के अंतर्गत विधवा, एकल, परित्यक्ता एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वयं सेवी संगठनों के माध्यम से विभिन्न आयजनक गतिविधियों में प्रशिक्षण दिलवाकर उन्हें स्वरोजगार प्रदान करना हैं ताकि ऐसी महिलाएं समाज में स्वावलम्बित हो सके और दूसरों पर निर्भर नहीं रहें
यह योजना राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों एवं सभी राजकीय अस्पतालों में प्रसव करने वाली महिलाओं के लिए चलाई जा रही हैं कलेवा योजना का मुख्य उद्देश्य मात्र एवं शिशु दर में कमी लाना हैं। योजना के अंतर्गत प्रसूताओं को प्रसव के प्रथम दो दिवस तक गर्म एवं पौष्टिक भोजन निशुल्क उपलब्ध कराया जाता हैं। यह भोजन स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार कर निशुल्क रूप से सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव कराने वाली प्रसूताओं को दिया जाता हैं। इसमें स्वयं सहायता समूह को भी रोजगार प्राप्त होता हैं।
यह योजना वर्ष 2009-10 में लागु की गई थी इस योजना का लाभान्वित वर्ग स्वयं सहायता समूह को प्रियदर्शनी आदर्श स्वयं सहायता समूहों के रूप में विकसित किया जा रहा हैं। यह आदर्श समूह एस. एच. जी. कार्यक्रम संचालन के लिए निर्धारित सभी प्रक्रियाओं एवं मापदंडों को पूरा करते हुए क्षेत्र में संचालित अन्य समूहों के लिए प्रेरणा का कार्य कर रहें हैं एवं इन्हे देखकर अन्य समूह भी अपनी गतिविधियों को व्यवस्थित कर रहें हैं। जिलों में चिन्हित समूहों की महिलाओं को एन.जी.ओ. के माध्यम से आमुखीकरण, प्रबंधकीय क्षमता, उद्द्यामिता विकास एवं गुणवत्ता उन्नयन, आयजनक सम्बंधित प्रशिक्षण दिलवाए जाते हैं।
राज्य के महिला एवं स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष राज्य स्तर पर का आयोजन किया जाता हैं जिसमे प्रत्येक जिले से समूह अपने उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय करते हैं। योजना के अंतर्गत महिला अधिकारिता निदेशालय स्तर पर समूहों द्वारा निर्मित उत्पाद की गुणवत्ता की जाँच कर समूहों का अमृता हाट सोसाइटी में रजिस्ट्रेशन किया जाता हैं। रजिस्टर्ड समूह की क्षमता वर्धन हेतु प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं। रिटेल बाजार प्रदान करने में सहयोग दिया जाता हैं तथा इन समूहों की वेल्यू एडिशन एवं मार्केट लिंकेज उपलब्ध कराया जाता हैं।
Kya Kaleva Yojana Mein kam karne ke liye Anubhav ki avashyakta hai kya
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राजस्थान में महिलाओं के लिए 2023 क्या क्या सरकारी योजनाएं आई है