MNREGA Yojana Bihar 2017 मनरेगा योजना बिहार 2017

मनरेगा योजना बिहार 2017



Pradeep Chawla on 12-05-2019

विकसित भारत की परिकल्पना, बिहार के विकास के बिना अपूर्ण है। भारतीय संविधान के 73वें संशोधन के आलोक त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने हेतु बिहार पंचायत राजअधिनियम, 2006 अधिनियमित किया गया है एवं स्थानीय स्वश्वासन में आम लोगों की सहभागिता बढ़ाने, पारदर्शिता लेन, अनुसूचित जातियाँ, अनुसूचित जनजातियाँ, समाज के अत्यंत पिछड़े वर्गों तथा महिलाओं की सम्मान जनक भागदारी सुनिश्चित करने हेतु निरंतर सार्थक प्रयास किए गए हैं। जब ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का उत्तरदायित्व पंचायतों के पास है। आमजन को घर बैठे गाँव में उचित न्याय प्राप्त हो, इस हेतु ग्राम कचहरी का भी गठन राज्य में किया गया है।



राज्य में विकास और जनकल्याण से संबंधित अनेक योजनाएँ एवं कार्यक्रम एवं संचालित किए जा रहे हैं। सभी योजनाओं और कार्यक्रमों का लक्ष्य अंतत: राज्य के आमजन, विशेष हर हाशिये पर लोग हैं, अत: उनकी जागरूकता व सक्रिय भागीदारी के बिना विकास के वंचित परिणाम प्रोत नहीं किये जा सकते हैं। पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत त्रिस्तरीय स्थानीय स्वशासन को सशक्त एवं प्रभावी बनाने के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी आवश्यक है।

गहन सहभागी नियोजन अभ्यास



आई. पी. पी. ई. का शाब्दिक अर्थ – गहन सहभागी नियोजन अभ्यास है, जो मिशन अंत्योदय के नाम से प्रचलित है। विगत वर्ष भी आई. पी. पी. ई. – 1 का आयोजन किया गया था, जिसमें गहन सहभागी नियोजन अभ्यास द्वारा मनरेगा का श्रम बजट एवं वार्षिक कार्य योजना तैयार की गई थी। इस वर्ष विकास विभाग, राज्य आजीविका मिशन एवं पंचायती राज विभाग के साथ अभिसरण कर योजनाओं का निर्माण कर रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार पूरे देश में चिन्हित 2500 पिछड़े प्रखंडों के लिए इस अभ्यास के द्वारा मनरेगा का श्रम बजट एवं वार्षिक कार्य योजना के अलावा राज्य ग्रामीण राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए योजनाओं का सूत्रण करते हुए राज्य ग्रामीण विकास योजना की तैयारी की जानी है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मानव विकास सूचकांक के आधार पर बिहार के 300 पिछड़े के आई. पी. पी. ई. – 2 के लिए चिन्हित किया है। राज्य सरकार द्वारा इस नियोजन अभ्यास का आयोजन राज्य के सभी 534 प्रखंडों में करने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य मनरेगा का श्रम बजट एवं वार्षिक कार्य योजना एन.आर.एल.एम्, डी.डी.जी.के.वय., एल.ए.वय., एन.एस.ए.पी. के लिए योजनाओं के चयन के उपरांत राज्य ग्रामीण विकास योजना के तैयार करना, चौदहवें वित्त आयोग की अनुशंसा के अलोक में आयोग के अनुदान प्राप्त करने हेतु पंचायती राज विभाग के लिए ग्राम पंचायत विकास तैयार करना एवं विकसित बिहार के निश्चय तथा सभी वासवटों में पक्की गली, नाली, सभी घरों में शौचालयों, बल का स्वच्छ जल तथा बिजली को मूर्त रूप देने हेतु अपेक्षित आंकड़ों का संकलन किया जाना है ताकि गाँव के समग्र विकास के लिए ग्रामीणों की आजीविकाओं के अतिरिक्त उनके जीवन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे स्वच्छता, पेयजल, बिजली की उपलब्धता एवं उनके सामान्य जीवन स्तर में सुधार हो।



आई. पी. पी. ई. -2 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण संयुक्त रूप से अपने तथा समुदाय के संसाधनों एवं जरूरतों का आंकलन कर सुनियोजित तरीके से योजनाओं की प्राथमिकताओं का निर्धारण करते हुए वार्षिक विकास योजना तैयार करें। इस हेतु प्रखंड नियोजन दल का गठन किया गया है जिसमें 67288 सदस्यों को आई.पी.पी.ई. – 2 के अंतर्गत नियोजन अभ्यास के लिए प्रशिक्षित किया गया है। बी.पी.टी. दल पर टोला एवं बसावट में पंचायत प्रतिनिधियों एवं समुदाय के साथ मिलकर हर श्रेणी के लोगों की भागीदारी से योजना बनाने में सहयोग करेगी।

ग्राम पंचायत विकास की पृष्ठभूमि एवं प्रासंगिकता



त्रि – स्तरीय ग्राम पंचायतों के गठन के उपरांत राज्य के ग्रामीण विकास संबंधी फ्लैगशिप कार्यक्रमों में अपने स्तर से योजनाओं का सूत्रीकरण किया जा रहा है। इस क्रम को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की योजनाओं को विकेंद्रीकृत करते हुए योजनाओं के चयन एवं उनका क्रियान्वयन की जवाबदेही भी ग्राम पंचायतों ग्राम पंचायतों को हस्तगत कराये जाने की आवश्यता है। इन जिम्मेदारियों की पूरा तथा राम पंचायतों के सामेकित एवं दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु वार्षिक एवं पंचवर्षीय ग्राम पंचायत विकास योजनाएं विकास योजना का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को समग्र एवं समेकित विकास है, जिसमें अधोसंरचना विकास के साथ ही सामाजिक एवं आर्थिक विकास भी सम्मिलित हैं।



चौदहवें वित्त योग द्वारा वर्ष 2019-20 तक पांच वर्षो की वर्षो की अवधि के लिए, राज्य में पंचायतों के विकास हेतु कुल रू. 21020.83 करोड़ की राशि का एक बड़ा अनुदान प्राप्त होना है। इन पांच वर्षों में मनरेगा निधि के अतिरिक्त राज्य वित्त आयोग द्वारा हस्तांतरित निधि, स्वयं के राजस्व स्रोत तथा केंद्र एवं राज्य प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की निधि के साथ राज्य में ग्राम पंचायतों के वित्तीय संसाधनों का समृद्ध होना अवश्यभावी है। चौदहवें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक के प्रदत्त अनुदान की कूल राशि रू. 21020.83 करोड़ में बुनियादी अनुदान के अहार्ता कुल रू. 18919.05 करोड़ की राशि तथा कार्य निष्पादन अनुदान के तहत 2016-17 तक तक कुल रू. 2100 करोड़ की राशि सम्मिलित हैं।



अब यह अनिवार्य हो गया है कि राज्य में ग्राम पंचायतों के उच्चतम विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस बड़े वित्तीय संसाधन का उपयोग करते हुए एकीकृत विकास योजनाएँ तैयार की जाएँ। ग्राम पंचायत स्तरीय योजनाओं के निर्माण के समय यह भी स्मरण रहना चाहिए कि संसाधनों के अभिसरण के लिए भारत सरकार की ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 5 अगस्त 2015 दिनांकित अ.शा.सं.जे. – 11016/13/2015 के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी किया गाय है।



चौदहवें वित्त योग अंतर्गत केंद्र प्रदत्त बुनियादी अनुदान की राशि का उपयोग ग्राम पंचायतों ग्राम पंचायतों द्वारा चिन्हित मूलभूत सेवाओं पर भी किया जाएगा। ग्रामीण अपने प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर आजीविका संवर्धन तथा पंचायत की मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए जनोपयोगी योजनाओं का चयन कर सकते हैं, जो निम्नांकित हो सकती हैं-



कृषि





फलदार वृक्षारोपण, भूमि समतलीकरण, मेढबंदी, डोभा, , पोखर, तालाब, कुआँ, वर्मीकंपोस्ट टैंक, एजोला टैंक आदि



पेयजल व स्वच्छता व्यवस्था





पुरानी सामुदायिक नल – जल प्रणाली का रख – रखाव, घर- घर तक नल द्वारा पयेजल आपूर्ति, सामुदायिक जल – जल प्रणाली का निर्माण, समुदायिक शौचालयों का निर्माण, पक्के नालों का निर्माण, सोख्ता गड्डों का निर्माण, वर्षा जल की निकासी हेतु प्रबंध, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि।



बुनियादी सुविधाएँ





सड़क, पैदल पथ, पुलिया व खेल का मैदान, टोला संपर्क पथ का निर्माण एवं रख रखाव, सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था, पंचायत भवन, समुदायिक भवन, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र आदि में प्रकाश की व्यवस्था आदि।



उद्यान





पंचायतों में उद्यानों का विकास एवं रख- रखाव



कब्रिस्तान/श्मशान





कब्रिस्तान एवं श्मशान में चबूतरा एवं चाहरदीवारी का सुदृढ़करण एवं रख – रखाव तथा अन्य आवश्यक कार्य।



ग्राम सभा व ग्राम पंचायतें अन्य विभागों की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अंतर्गत प्राप्त होने वाले संसाधनों के समन्वय के साथ अभिसरण कर योजनाओं का चयन करेंगी। योजनाओं का चयन करते समय यह ध्यान देना आवश्यक है कि योजनाएँ बुनियादी सुविधाएँ को सुदृढ़ करने वाली तथा छोटी हो ताकि वह योजनाएँ निर्धारित संसाधनों के तहत पूर्ण हो सकें। योजना निर्माण/ चयन के समय यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि ग्राम पंचायत विकास योजना, उपलब्ध संसाधनों से आमजन की प्राथमिकताओं के अनुरूप होने चाहिए तथा इसमें उचित, समावेशी, पारदर्शी एवं सहभागिता पूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से स्थानीय संसाधनों का संगठन किया जाना चाहिए।



विकास की सभी योजनाओं में टोला को इकाई मान कर कार्य किया जाना होगा। एक ही गाँव के विभिन्न टोलों में से कुछ विकास से वंचित नहीं रह जाएँ, यह सुनिश्चित किया जाना होगा। विशेष कर महादलित एवं कमजोर वर्गों के टोलों/वसावटों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ते हुए उन्हें विकास की आयोजन में समुचित स्थान दिया जाना होगा।



राज्य की सभी ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र के विकास संबंधी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए पांच वर्षों की योजना (वित्तीय वर्ष 2015 – 16 से 2019 -20) (दीर्घकालिक) और वार्षिक कार्य योजना (वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2016-17) का ग्रामीण विकास विभाग को आई.पी.पी.ई. – 2 (मिशन अंत्योदय) नियोजन प्रक्रिया का तहत अभिसरण विभाग आदि विभागों से संबंधित वार्ड एवं पंचयत स्तर पर व्यक्तिगत एवं समुदायिक सूचनाएं भी इस योजना की तैयारी संग्रहित की जानी हैं, जिनका उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार करने में किया जा सकेगा।



“पंचायत सरकार भवन/ग्राम पंचायत कार्यालय” इस अभियान के कार्यालय के रूप में प्रयुक्त होगा। ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मियों जैसे- पंचायत तकनीकी सहायक, जनसेवक, कृषि सलाहकार, विकास मित्र, सामुदायिक समन्वयक, पंचायत सचिव, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, आंगनबाड़ी सेविका आदि का पूर्ण सहयोग भी इस अभियान के दौरान प्राप्त किया जाए।



ग्राम पंचायत स्तर पर कार्य कर रह विभिन्न विभागों एवं आमजन की सम्पूर्ण सक्रिय सहभागिता से ही ग्राम पंचायत विकास योजना का समुचित सूत्रीकरण संभव है।

बिहार में गहन सहभागी योजना निर्माण अभ्यास



मनरेगा की मार्ग निर्देशिका 2013 चौथा संस्करण की कंडिका 2.12 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि ग्राम सभा मनरेगा अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों का अनूमोदना करेगी और इनके कार्यान्वयन की प्राथमिकता निर्धारण हेतु अंतिम प्राधिकार होगी। ग्राम विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य के 300 पिछड़े प्रखंडों में मनरेगा एवं जीविका के साथ अभिसरण कर आई. पी. पी. ई.- 2 के माध्यम से मनरेगा का वित्तीय वर्ष 2016-17 का श्रम बजट एवं राज्य ग्रामीण विकास योजना 2016-17 का निर्माण किया जाए।



इस क्रम में विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है। कि राज्य के सभी 534 प्रखंडों में आई. पी. पी. ई.- 2 के तहत जाए ग्रामीण विकास योजना का निर्माण किया जाएगा।



राज्य सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण विकास विभाग, जीविका, मनरेगा तथा पंचायती राज विभाग के अभिसरण से मौड्यूल (मिशन अंत्योदय) द्वारा वित्तीय वर्ष 2016 – 17 का मनरेगा अंतर्गत श्रम बजट, वार्षिक कार्य योजना, एस.आर.डी.पी. तथा पंच वर्षीय एवं वार्षिक ग्राम पंचायत विकास योजना तैयार किया जाएगा। इसके अलावा एन.आर.एल.एम्., डीडीयुजीकेवाय. आईएवाय, एनएसएपी से संबंधित योजना भी तैयार की जाएगी।



योजनाओं का संक्षिप्त विवरण निम्नवत है :-



क. मनरेगा : प्रत्येक ग्रामीण परिवार जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम कार्य करना चाहते हैं। इस अभियान के तहत ऐसे परिवारों के लिए सहभागी नियोजन एवं मांग अनुमान के आधार पर ग्राम पंचायत श्रम बजट का निर्माण करना है।



ख. एनआरएलएम: इसे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर एवं उन्हें प्रशिक्षित कर स्थायी जीविकोपार्जन गतिविधियों से जोड़ा जाता है। इस अभियान के तहत एसईसीसी सूची के आधार पर सभी अति संवेनशील परिवारों के जीविकोपार्जकन की योजना तैयार करनी है।



ग. दीन दयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना: यह गरीबी निवारण का एक महत्वपूर्ण प्रयास है जिसका उद्देश्य 15-35 वर्ष का ग्रामीण युवाओं, जिन्होनें मनरेगा में कम से कम पंद्रह दिनों का कार्य किया हो उन्हें सकुशल एवं अत्यधिक कामगार के रूप में तैयार करना है। इस अभ्यास के तहत मनरेगा श्रमिकों के लिए कौशल विकास के अवसरों की सूचना एवं सभी पात्र परिवारों की कौशल विकास संबंधी प्राथमिकता सूची तैयार की जानी है।



घ. इंदिरा आवास योजना: बी.पी.एल परिवार के सशक्तिकरण की दिशा में गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को अपना पक्का मकान बनाने हेतु वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। अभ्यास के तहत वर्तमान हितग्राहियों का सत्यापन एवं छूट रहे पात्र हितग्राहियों का समावेश करते हुए पंचायत स्तर पर सूची तैयार करना है।



ङ. एनएसएपी: राष्ट्र के नीति निर्देशिक सिद्धांत के तहत राज्यों के द्वारा गरीब वंचित एवं निराश्रित के सशक्तिकरण हेतु सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इसके अंतर्गत लाभूकों के आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है जो तीन तरह के हैं 1. वृद्धा पेंशन, 2. विधवा पेंशन एवं 3. विकलांग पेंशन। इस अभ्यास के तहत वर्तमान हितग्राहियों का सत्यापन एवं छूट रहे पात्र हितग्राहियों को शामिल करते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर सूची तैयार करना है।

प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन



राज्य के सभी प्रखंडों में आई. पी. पी. ई.- 2 के तहत विभिन्न योजनाओं का निर्माण करने हेतु 21 सदस्यीय राज्य स्तरीय दल (चार सदस्य ग्रामीण विकास विभाग, चार सदस्य जीविका एवं तेरह सदस्य जो राज्य के विभिन्न स्वयं सेवी संस्थानों से जुड़े हैं) का गठन किया गया। राज्य स्तरीय दल को पश्चिम बंगाल के बाकुड़ा एवं एनआईआरडी हैदराबाद प्रशिक्षण दिया गया। राज्य स्तरीय प्रशिक्षण दल द्वारा राज्य के सभी जिलों में 6 सदस्यीय जिला संसाधन दल, जिसमें प्रत्येक जिले में 2 से कार्यक्रम पदाधिकारी 2 आजीविका विशेषज्ञ (जीविका) एवं 2 गैर सरकारी संस्थान के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया। जिला संसाधन दल द्वारा जिलें के प्रत्येक प्रखंड में 7 सदस्यीय प्रखंड संसाधन दल जिसमें मनरेगा के दो सदस्य, जीविका के दो सदस्य (बी.पी.एम. और आजीविका विशेषज्ञ) तथा सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थान से दो सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया।



प्रशिक्षण कार्यक्रम 2016-17



क्र.स.





टीम का नाम





प्रशिक्षण का दिन





प्रशिक्षण का स्थान





योजना अभ्यास हेतु प्रशिक्षित सदस्यों की संख्या



1.





राज्य स्तरीय संसाधन दल का प्रशिक्षण





21 से 24 जूलाई और 28 से 31 जुलाई 2015





बंकूडा (पश्चिम बंगाल) और एनआईआरडी (हैदराबाद)





21 (राज्य के विभिन्न संस्थानों से)



2.





जिला स्तरीय संसाधन दल का प्रशिक्षण





18 सितंबर से 28 नवंबर 2015





प्रत्येक प्रमंडल





228



(प्रत्येक जिला में 6 व्यक्ति)



3.





प्रखंड स्तरीय संसाधन दल का प्रशिक्षण





01 से 12 दिसंबर 2015





जिला मुख्यालय





3738 (प्रत्येक प्रखंड में 7 व्यक्ति)



4.





प्रखंड स्तरीय नियोजन दल का प्रशिक्षण





15 से 26 दिसंबर और 04 से 08 जनवरी 2016





प्रत्येक प्रखंड





67288 (प्रत्येक पंचायत में 6-8 व्यक्ति)



योजना अभ्यास हेतु कुल प्रशिक्षित सदस्यों की संख्या = 71262







सभी छूटे हुए बीपीटी सदस्य एवं वैसे प्रखंड जहाँ प्रशिक्षण नहीं हुआ है अथवा बीपीटी सदस्यों की उपस्थिति काफी कम रही थी वहाँ अभियान चलाकर दिनांक – 04.01.16 से 08.01.16 तक पूरे राज्य में प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण कराया गया है। ब्लॉक् प्लानिंग टीम में पंचायत सचिव को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है एवं उन्हें भी प्लानिंग एक्सरसाइज का प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का अनुश्रवण राज्य स्तर से भी किया जा रहा है।

गहन सहभागी योजना अभ्यास की प्रक्रिया



प्रशिक्षित ब्लॉक प्लानिंग टीम दो भागों में बंटकर 3 व 4 की संख्या में दो दल बना लेगी। ये दल वार्ड में जाकर पीआरए टूल्स के माध्यम से प्लानिंग एक्सरसाइज करते हुए उपलब्ध कराये गए विभिन्न प्रपत्रों में सूचना संग्रहित करेंगे तथा योजनाओं का चयन करेंगे। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन वार्ड के आंकलित श्रम बजट के अनुसार वार्षिक कार्य योजना, वित्तीय वर्ष 2016 – 17 स्टेट रूरल डेवलपमेंट प्लान एवं 14वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त होने वाली राशि से ली जाने वाली योजनाओं का चयन कर जी.पी.डी.पी.पंचवर्षीय पर्सपेक्टिव प्लान, 2015-20 एवं वर्ष 2015-17 का वार्षिक प्लान तैयार कर वार्ड सभा से अनुमोदन प्राप्त करेंगे।



गहन सहभागी योजना अभ्यास के अंर्तगत वार्ड स्तर पर किए जाने वाले कार्यों का विवरण :-



पहला दिन





पंचायत के सभी वार्डों में प्रचार-प्रसार।

पद यात्रा – गाँव मर बीपीटी सदस्यों का परिचय सामाजिक मानचित्र (पेयजल की सुविधा, विद्यालय, आंगनबाड़ी जैसे संसाधन एवं आवश्यकतानुसार नयी संभावना।

संसाधन मानचित्र – जल श्रोत (नहर, नदी, पोखरा कुआँ, आहार –पाईन) को उनकी उपयोगिता में मानचित्र में कृषि योग्य भूमि, बंजर भूमि वृक्षारोपण इत्यादि को नक्शे में दर्शाना।



सामाजिक मानचित्रण के दौरान ग्रामीण जीवन तथा समुदाय से संबंधित मुद्दों को समझना (खुली बात – चीत) इस क्रम में आईपीपीई – 1 के तहत निर्मित संसाधन एवं सामाजिक मानचित्र को अद्यतन करते हुए उपयोग किया जा सकता है।



मानचित्रण करने के पश्चात् संसाधनों का पड़ – यात्रा कर सत्यापन।







सामुदायिक प्रापत्र तैयार करना एवं ली गयी योजनाओं का संकलन।



दूसरा दिन





घर – घर जाकर व्यक्तिगत एस.ई.सी.सी डाटा के साथ सर्वे करना एवं प्रपत्र ए, बी, सी, डी, ई एवं एफ भरना।

मनरेगा अंतर्गत व्यक्तिगत योजनाओं के लिए आवेदन पत्र प्राप्त करना।

मनरेगा अंतर्गत लोगों द्वारा प्रस्तावित व्यक्तिगत योजनाओं का संकलन।

14 वीं वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली राशि के तहत जी.पी.डी.पी के लिए योजनाओं का संकलन।



तीसरा दिन





वार्ड सभा कर मनरेगा योजनाओं का अनुमोदन एवं प्राथमिकता सूची तैयार करना।

व्यक्तिगत योजनाओं का आवेदन प्राप्त करना एवं प्राप्त आवेदन का संकलन।

ग्राम पंचायत विकास योजना की योजनाओं को अलग सूची बद्ध करना।

सभी योजनाओं को संकलित करना ताकि ग्राम सभा में अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जा सके।







समयावधि



10 जनवरी 2016 से 11 फरवरी, 2016 तक सभी वार्डों में निम्न निर्धारित तालिका के अनुसार पी.आर.ए टूल्स का उपयोग कर वार्ड वार योजनाओं का चयन वार्ड सभा द्वारा किया जाएगा एवं इस पूरी प्रक्रिया को जिले द्वारा तैयार किए गए ब्लॉक प्लानिंग टीम के सदस्यों के देख – रेख में वार्ड सदस्य की अध्यक्षता एवं ग्रामीणों की सक्रिय सहभागिता से संपन्न कराया जाएगा।



वार्ड सभा की अध्यक्षता संबंधित वार्ड सदस्य करेगें। सभी पंचायतों की वार्ड सभा अग्रलिखित कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी।



वार्ड स्तर पर वार्ड के सक्रिय युवा सदस्य स्वयं सेवी संस्थान के सदस्य, स्वयं सहायता समूह के महिलाओं की भागदारी सुनिश्चित किया जाएगा।

गहन सहभागी योजना अभ्यास कार्यक्रम समय सारिणी



क्र. सं.





प्रत्येक ग्राम पंचायत का वार्ड संख्या





नियोजन समयावधि





वार्ड सभा की तिथि



1





1 एवं 2





10 जनवरी से 12 जनवरी 2016





12 जनवरी 2016



12




सम्बन्धित प्रश्न



Comments jai nath jha on 12-05-2019

ganga nand chudhri ke gjr se watarwege bandh tak kgranga kran ka kya huwa

jai nath jha on 12-05-2019

narega bhut dhila yojna hi





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment