Kapas Anusandhan Kendra कपास अनुसंधान केंद्र

कपास अनुसंधान केंद्र



Pradeep Chawla on 22-10-2018

  1. केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र सिरसा ने कपास की फसल में सफेद मक्खी की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर किसानों से अपील की है कि वे अपने खेत का लगातार निरीक्षण करते रहें।

केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र सिरसा ने कपास की फसल में सफेद मक्खी की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर किसानों से अपील की है कि वे अपने खेत का लगातार निरीक्षण करते रहें।

केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के क्षेत्रीय केन्द्र सिरसा ने कपास की फसल में सफेद मक्खी की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर किसानों से अपील की है कि वे अपने खेत का लगातार निरीक्षण करते रहें। अनुसंधान संस्थान के एक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन सिरसा व अन्य विभागों द्वारा उत्तर भारत (पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान) में एक सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि कपास की फसल में प्रति पत्ता सफेद मक्खी के व्यस्क 4-6 के आसपास या इससे अधिक दिखाई दें तो विभिन्न प्रकार के उपाय करके सफेद मक्खी का नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कपास की फसल में पहला छिडक़ाव नीम आधारित कीटनाशक जैसे निम्बीसीडीन 300 पीपीएम या अचूक 1500 पीपीएम की 1.0 लीटर मात्रा को 150-200 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। इसके अतिरिक्त जिन किसानों ने अपनी कपास की फसल में नीम आधारित कीटनाशकों का प्रयोग कर लिया है तथा फिर भी खेत में सफेद मक्खी एवं हरे तेेले का प्रकोप दिखाई दे रहा है तो वे किसान अब फसल में 80 ग्राम प्रति एकड़ की दर से फ्लोनिकामिड उलाला नामक दवा का छिडक़ाव करके सफेद मक्खी पर नियंत्रण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सफेद मक्खी के बच्चों की संख्या प्रति पत्ता 8 से ज्यादा दिखाई दे तो स्पाइरोमेसिफेन (ओबेरोन) 200 मि.ली. या पायरीप्रोक्सीफेन (लेनो) नामक दवा की 400-500 मि.ली. मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। कपास की फसल में नीचे के पत्तों का चिपचिपा होकर काला होना खेत में सफेद मक्खी के बच्चों की संख्या ज्यादा होने को दर्शाता है। उन्होंने बताया कि यदि खेतों में सफेद मक्खी के व्यस्क ज्यादा दिखाई दें तो किसान डाईफेन्थाईयूरान (पोलो) नामक दवा की 200 ग्राम मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। उन्होंने बताया कि पोलो दवा के प्रयोग से पहले व प्रयोग करने के बाद खेत में नमी की मात्रा भरपूर होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए किसान केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन या अपने निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।





सम्बन्धित प्रश्न



Comments khushboo on 10-09-2021

ghehu ka anusandhan Kendra kha hai

Lk on 25-12-2020

Kapas Anusandhan Kendra Maharashtra ke andar kahan per sthit hai

BRajesh chauhan on 20-12-2020

Kapas ke doge per anusandhan ke liye kendriya sansthan kahan per hai


Gangaram Rathod NISARPUR on 05-09-2020

Baris k Karan kapash ki fasal me bad orful baar nhi thapata par kala kale h saat hi safed makhi or Jara machhar or mahua ka niyantran kese kare

Ajay on 27-07-2020

Kendriya kpaas anusandhaan sirsa ke sthapana kb hui

Chandrashekhar on 28-01-2020

Kapash anusandhaan kendra kaha pr h





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment