Jharkhand Me Kul Kitne Panchayat Hai झारखण्ड में कुल कितने पंचायत है

झारखण्ड में कुल कितने पंचायत है



Pradeep Chawla on 12-05-2019

परिचय



झारखण्ड राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था अपने दूसरे कार्यकाल में प्रवेश कर चुकी है। वर्षPanchayat 2015 के अंत में संपन्न हुए पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के पश्चात् निर्वाचित होकर आये अधिकांश जनप्रतिनिधि, विशेषकर, महिला प्रतिनिधि पंचायती राज व्यवस्था की संरचना एवं उक्त व्यवस्था के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों के अधिकार एवं कर्तव्यों से अपरिचित हैं। जानकारी के अभाव में जनप्रतिनिधियों से बेहतर एवं सशक्त पंचायती राज व्यवस्था की कल्पना करना न्यायोचित नहीं होगा। भारत के 37वें संविधान ने त्रि – स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया।



अत: ऐसी परिस्थिति में नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों का प्रशिक्षित राज्य सरकार एवं सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण केंद्रो की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्यव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। प्रशिक्षण सत्रों के दौरान प्रतिभागियों के ज्ञानवर्धन के लिए आसान एवं रोचक अध्ययन सामग्री भी तैयार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य ग्रामिण विकास संस्थान (सर्ड) ने यूनिसेफ के सहयोग से संचालित झारखण्ड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान राँची के तकनीकी सहयोग से पंचायती राज व्यवस्था के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों एवं उत्तरों का संकलन किया है, जो जनप्रतिनिधियों के लिए निश्चित रूप उपयोगी सिद्ध होगा।



भारत के 73वें संविधान संशोधन 24 अप्रैल 1993 को लागू किया गया। इस संशोधन ने त्रि – स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया। प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सामान्य क्षेत्र की ग्रामसभा



प्रश्न 1. – ग्रामसभा का कार्यकाल कितने समय का होता है।



उत्तर – ग्राम सभा सदस्य एक स्थायी निकाय है।



प्रश्न 2.- ग्रामसभा के सदस्य कौन होते हैं?



उत्तर – स्थानीय मतदाता सूची में दर्ज गाँव के 18 वर्ष से अधिक के उम्र का व्यक्ति उस राजस्व ग्राम का ग्रामसभा का सदस्य होगा।



प्रश्न 3. – ग्रामसभा की बैठक एक साल में कम से कम कितनी बार होनी चाहिए।



उत्तर – किसी राजस्व ग्राम के ग्राम सभा की बैठक एक साल में कम से चार बार होनी चाहिए। ग्रामसभा की दो बैठकों के बीच का अन्तराल तीन माह से अधिक से नहीं होना चाहिए। लेकिन, ग्रामसभा के एक – तिहाई सदस्यों की लिखित मांग पर या पंचायत समिति या जिला परिषद् या जिला उपायुक्त द्वारा यदि बैठक की अपेक्षा की जाए तो वैसी स्थिति में 30 दिनों के अंदर सभा की बैठक बुलायी जाएगी।



प्रश्न 4. – ग्रामसभा की बैठक बुलाने एवं अध्यक्षता करने के दायित्व किसका है?



उत्तर – ग्रामसभा की बैठक बुलाने एवं बैठक की अध्यक्षता करने का दायित्व मुखिया का है।



प्रश्न 5.- ग्रामसभा की बैठक की अध्यक्षता मुखिया की अनुपस्थिति में किसके द्वारा की जाएगी?



उत्तर – मुखिया की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता उप – मुखिया द्वारा की जाएगी। बैठक में मुखिया एवं उप –मुखिया दोनों के अनुपस्थिति की स्थिति ग्रामसभा की बैठक की अध्यक्षता ग्रामसभा के ऐसे सदस्य द्वारा की जाएगी, जो बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुमत से अध्यक्षता करने के लिए निर्वाचित किया जाए।



प्रश्न 6.- मुखिया के द्वारा बैठक नहीं बुलाने की स्थिति में बैठक आयोजित करने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – यदि मुखिया बैठक का आयोजन नहीं कर पाते हैं वैसी स्थिती में संबंधित पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) बैठक आयोजन करेंगे। कार्यपालक पदाधिकारी ऐसी बैठक में अपने स्थान पर किसी सरकारी को भी भेज सकते हैं।



प्रश्न 7.- ग्रामसभा की बैठक ग्रामसभा के सदस्यों के द्वारा बुलाए जाने की क्या प्रक्रिया है?



उत्तर – यदि मुखिया ग्रामसभा की बैठक बुलाने असमर्थ हैं, वैसी स्थिति में ग्रामसभा के एक – तिहाई सदस्यों द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी से लिखित मांग किए जाने पर ग्राम सभा की बैठक बुलायी जा सकते है।



प्रश्न 8. – ग्रामसभा की बैठक के लिए आवश्यक कोरम क्या है?



उत्तर – ग्रामसभा की बैठक का कोरम तभी होगा जब ग्रामसभा के सभी सदस्यों के कम से कम एक दशांश (1/10) सदस्यों की उपस्थिति हो जिसमें कम से कम एक – तिहाई महिला सदस्य होंगी, उदहारण के लिए यदि किसी ग्रामसभा में कुल सदस्यों की संख्या 200 है तो कोरम के लिए कम से कम 20 सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक होगी जिसमें कम से कम 07 महिलाओं की उपस्थिति अनिवार्य होगी।



प्रश्न 9.- ग्रामसभा की बैठक के लिए आवश्यक कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर – ग्रामसभा की आयोजित बैठक में कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में बैठक की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति बैठक को समय तक के लिए स्थागित करेगा जैसा कि उसके द्वारा निर्धारित किया जाए तथा इस प्रकार स्थागित बैठक की नई सूचना दी जाएगी। स्थागित बैठक जब अगली बार फिर से आयोजित होती है तो उसके लिए कोई कोरम की आवश्यकता नहीं होगी तथा ऐसी बैठक के निर्धारित एजेंडा में भी कोई बदलाव नहीं होगा।



प्रश्न 10.- ग्राम सभा की बैठक नहीं बुलाने की स्थिति में मुखिया पर क्या कार्रवाई हो सकती है?



उत्तर – यदि मुखिया झारखण्ड पंचायत राज कानून के तहत निश्चित अंतरालों पर बैठक बुलाने में असफल रहते हैं, तो वैसी स्थिती में मुखिया पर कार्य में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने का दोषी मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।



प्रश्न 11.- साधारण बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – साधारण बैठक के लिए बैठक की तिथि से साथ दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 12. –विशेष बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – विशेष बैठक के लिए बैठक की तिथि से तीन दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 13.- बैठक की सूचना में कौन – कौन से जानकारी देना आवश्यक है?



उत्तर – ग्राम सभा के प्रपत्र 04 में निर्धारित प्रारूप के अनुसार बैठक की सूचना में बैठक का स्थान, समय, तिथि तथा बैठक के लिए निर्धारित एजेंडा की जानकारी देना आवश्यक है।



प्रश्न 14. – ग्रामसभा के समक्ष कौन – कौन सी जानकारी प्रत्येक बैठक में देना अनिवार्य है?



उत्तर – उक्त बैठक में गाँव में संचालित होने वाली योजनाओं की स्थिति, आय एवं व्यय का विस्तृत विविरण, अंकेक्षण (ऑडिट) रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई का विवरण, योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति इत्यादि के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है।



प्रश्न 15. – ग्राम सभा के अधिकार एवं कार्य क्या है?



उत्तर – सामाजिक व आर्थिक विकास से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव, कार्यान्वयन से पूर्व योजनाओं का अनुमोदन, अंकेक्षण व लेखाओं पर विचार, सार्वजनिक भूमि का प्रबंधन, ग्रामसभा की संपति की देखभाल तथा बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना एवं सामाजिक चेतना फ़ैलाने जैसे महत्वपूर्ण हैं।



प्रश्न 16. - ग्रामपंचायत के ग्राम सभा की वार्षिक बैठक कब आयोजित की जाती है?



उत्तर – ग्राम सभा की वार्षिक बैठक अगले वित्तीय वर्ष के प्रारंभ होने एक कम से कम तीन माह पूर्व किया जाएगा।



प्रश्न 17. – ग्राम पंचायत के ग्रामसभा की वार्षिक बैठक में क्या चर्चा की जाती है?



उत्तर – ग्रामसभा की वार्षिक बैठक में आय – व्यय का विवरण, ग्राम पंचायत के वार्षिक बजट व अगले वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक कार्य योजना, ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई का विवरण या ग्राम पंचायत के मुखिया व सदस्यों से किसी विशेष क्रियाकलापों, योजना, आय – व्यय के संबंध में मांगे गए स्पष्टीकरण जैसे विषयों पर चर्चा की जाती है।



प्रश्न 18.- ग्राम सभा की बैठक का कार्यवृत लिखने तथा सभी सदस्यों को इसकी प्रति उपलब्ध कराने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – ग्राम सभा की बैठक का कार्यवृत्त लिखने तथा बैठक में लिए गए निर्णयों को संक्षिप्त जानकारी के लिए ग्राम सभा में पढ़कर सुनाने की जिम्मेवारी संबंधित ग्राम पंचायत के पंचायत सेवक की होगी। ग्रामसभा की कार्यवाही की प्रति पंचायत सेवक द्वारा पंचायत को प्रस्तुत की जाएगी।

अनुसूचित क्षेत्र की ग्राम सभा



प्रश्न 1.- ग्राम सभा का कार्यकाल कितने समय का होता है?



उत्तर – ग्राम सभा ऍम में एक स्थायी निकाय है।



प्रश्न 2.- क्या अनुसूचित क्षेत्र के एक राजस्व ग्राम में एक से अधिक ग्राम सभा का गठन किया जा सकता है?



उत्तर – अनुसूचित क्षेत्र के राजस्व ग्राम या वन ग्राम के अंदर एक या एक से अधिक ग्राम सभा का गठन किया जा सकता है। लेकिन, छोटे गाँव या टोलों में ग्रामसभा का गठन किया जाए नहीं, यह उस ग्रामसभा के सदस्यों पर निर्भर करेगा। उसी के अनुसार आगे की प्रक्रिया संचालित की जाएगी।



प्रश्न 3.- ग्रामसभा के सदस्य कौन होते है?



उत्तर – स्थानीय मतदाता सूची में दर्ज में गाँव के 18 वर्ष से अधिक के उम्र के व्यक्ति उस ग्राम सभा के सदस्य होगा।



प्रश्न 4.- ग्राम सभा की बैठक एक साल में न्यूनतम कितनी बार होनी चाहिए?



उत्तर - ग्राम सभा की बैठक एक साल में कम से कम चार बार होनी चाहिए। ग्रामसभा की दो बैठकों के बीच का अन्तराल तीन माह से अधिक नहीं होना चाहिए। लेकिन, ग्रामसभा के एक – तिहाई सदस्यों की लिखित मांग पर या पंचायत समिति या जिला परिषद् या जिला उपयुक्त द्वारा यदि बैठक की अपेक्षा की जाए तो वैसी स्थिति में 30 दिनों के अंदर ग्राम सभा की बैठक बुलायी जाएगी



प्रश्न 5.- ग्रामसभा की बैठक बुलाने एवं अध्यक्षता करने का दायित्व किसका है?



उत्तर – ग्राम सभा की बैठक बुलाने का दायित्व तो मुखिया का होगा लेकिन उन बैठकों की अध्यक्षता परंपरागत ग्राम प्रधान के द्वारा की जाएगी।



प्रश्न 6.- ग्राम सभा की बैठक के लिए आवश्यक कोरम क्या है?



उत्तर – ग्राम सभा की बैठक का कोरम तभी पूरा होगा जब ग्राम सभा के सदस्यों के कम से कम एक एक – तिहाई (1/3) सदस्यों की उपस्थिति हो जिसमें कम से कम एक - तिहाई महिला सदस्य होंगी, उदहारण के लिए दी किसी ग्राम सभा में कूल सदस्यों की संख्या 300 है तो कोरम के लिए कम से कम 100 सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक होगी तथा इन 100 सदस्यों में से कम से कम 33 महिलाओं की उपस्थिति अनिवार्य होगी।



प्रश्न 7.- ग्राम सभा की बैठक के लिए आवश्यक कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर – कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में बैठक की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति बैठक को ऐसी समय तक के लिए स्थागित करेगा जैसे कि उसके द्वारा निर्धारित किया जाए तथा इस प्रकार स्थागित बैठक की नई सूचना दी जाएगी। इस प्रकार स्थागित बैठक जब अगली बार होती है तो उसके लिए कोई कोरम की आवश्यकता नहीं होती तथा ऐसी बैठक के निर्धारित एजेंडा में भी कोई बदलाव नहीं होगा।



प्रश्न 8. – साधारण बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – साधारण बैठक के लिए बैठक की तिथि से सात दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 9.- विशेष बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – विशेष बैठक के लिए बैठक की तिथि से तीन दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 10.- बैठक की सूचना में कौन –कौन से जानकारी देना आवश्यक है?



उत्तर – ग्रामसभा के प्रपत्र 04 में निर्धारित प्रारूप के अनुसार बैठक की सूचना में स्थान, सम, तिथि तथा बैठक के लिए निर्धारित एजेंडा की जानकारी देना आवश्यक है।



प्रश्न 11.- मुखिया के द्वारा बैठक नहीं बुलाने की स्थिति में बैठक आयोजित करने की जवावदेही किसकी है?



उत्तर – यदि मुखिया बैठक का आयोजन नहीं कर पाते हैं, वैसी स्थिति में संबंधित पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) बैठक का आयोजन करेंगे। कार्यपालक पदाधिकारी ऐसी बैठक में अपने स्थान पर किसी सरकारी सेवक को भी भेज सकते हैं।



प्रश्न 12.- मुखिया के द्वारा बैठक नहीं बुलाने की स्थिति में बैठक आयोजित करने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – यदि मुखिया बैठक का आयोजन नहीं कर पाते हैं, वैसी स्थिति में संबंधित पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) बैठक का ओजन करेंगे। कार्यपालक पदाधिकारी ऐसी बैठक में अपने स्थान पर किसी सरकारी सेवक को भेज सकते हैं।



प्रश्न 13.- ग्राम सभा के समक्ष कौन – कौन से जानकारी प्रत्येक बैठक में देना अनिवार्य है?



उत्तर – उक्त बैठक में गाँव में संचालित होने वाली योजनाओं की स्थिति, आय एवं व्यय का विस्तृत विवरण, अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई का विवरण, योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति इत्यादि के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है।



प्रश्न 14.- ग्राम सभा की बैठक ग्राम सभा के सदस्यों के द्वारा बुलाए जाने की क्या प्रक्रिया है?



उत्तर – यदि मुखिया ग्राम सभा की बैठक बुलाने में असमर्थ है, वैसी स्थिति में ग्राम सभा के एक तिहाई सदस्यों द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी से लिखित मांग किए जाने पर ग्राम सभा की बैठक बुलायी जा सकती है।



प्रश्न 15.- ग्राम सभा के अधिकार एवं कार्य क्या हैं?



उत्तर – सामाजिक व आर्थिक विकास से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव, कार्यान्वयन से पूर्व योजनाओं का अनुमोदन, अंकेक्षण व लेखाओं पर विचार, सर्वजानिक भूमि का प्रबंधन, ग्राम सभा की संपत्ति की देखभाल तथा बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना एवं सामाजिक चेतना फ़ैलाने जैसे महत्वपूर्ण काम हैं।



प्रश्न 16. – अनुसूचित क्षेत्र के ग्राम सभा के अतिरिक्त अधिकार एवं कार्य क्या हैं?



उत्तर – परंपरा एवं संस्कृतिक पहचान कायम रखने का प्रयास करना तथा स्थानीय बाजार व मेले का प्रबंधन जैसे कुछ विशेष अधिकार प्रदान किए गए है।



प्रश्न 17. – ग्रामसभा की बैठक नहीं बुलाने की स्थिति में मुखिया पर क्या कार्रवाई हो सकती है?



उत्तर – यदि मुखिया झारखण्ड पंचायती राज कानून के तहत निश्चित अंतरालों पर बैठक बुलाने में असफल रहते हैं, तो वैसी स्थिति में मुखिया पर कार्य में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने का दोषी मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।



प्रश्न 18.- ग्राम पंचायत के ग्राम सभा की वार्षिक बैठक कब आयोजित की जाती है?



उत्तर – ग्राम सभा की वार्षिक बैठक अगले वित्तीय वर्ष के प्रारंभ होने के कम से कम तीन माह पूर्व किया जाएगा।



प्रश्न 19.- ग्राम पंचायत के ग्राम सभा की वार्षिक बैठक में क्या चर्चा की जाती है?



उत्तर – ग्राम सभा की वार्षिक बैठक में आय- व्यय का विवरण, ग्राम पंचायत के वार्षिक बजट व अगले वित्त वर्ष के लिए वार्षिक कार्य योजना, ऑडिट रिपोर्ट के आधार की गई कार्रवाई का विवरण या ग्राम पंचायत के मुखिया व सदस्यों से किसी विशेष क्रियाकलापों, योजना, आय – व्यय के संबंध में मांगे गए स्पष्टीकरण जैसे विषयोंपर चर्चा की जाती है।



प्रश्न 20.- ग्राम सभा की बैठक का कार्यवृत्त लिखने की तथा सभी सदस्यों को इसकी प्राप्ति उपलब्ध कराने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – ग्राम सभा की बैठक की कार्यवृत्त लिखने तथा बैठक में लिए गए निर्णयों को संक्षिप्त जानकारी के लिए ग्राम सभा में पढ़कर की जिम्मेवारी संबंधित ग्राम पंचायत के पंचायत सेवक की होगी। ग्राम सभा की कार्यवाही की प्रति पंचायत सेवक द्वारा ग्राम पंचायत को प्रस्तुत की जाएगी।



याद रखने योग्य



झारखण्ड में पूर्ण रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं की संख्या 14166 है।

ग्राम सभा की स्थायी समिति



प्रश्न 1.- ग्राम सभा स्तर पर कितनी स्थायी समितियाँ गठित की जाती है और उनके क्या नाम है?



उत्तर – ग्राम सभा स्तर पर आठ स्थायी समितियाँ गठित किए जाने का प्रावधान है। स्थायी समितियों के नाम निम्न हैं –



(i) ग्राम विकास समिति



(ii) सार्वजनिक संपदा समिति



(iii) कृषि समिति



(iv) स्वास्थय समिति



(v) ग्राम रक्षा समिति



(vi) आधारभूत संरचना समिति



(vii) शिक्षा समिति एवं सामाजिक न्याय समिति



(viii) निगरानी समिति



प्रश्न 2. – ग्राम सभा की स्थायी समितियों में सदस्यों की संख्या कितनी होती है?



उत्तर – ग्राम पंचायत की प्रत्येक स्थायी समितियों की संख्या चार होती हैं।



प्रश्न 3.- क्या ग्राम सभा की स्थायी समितियों में सदस्यता के लिए कोई आरक्षण का प्रावधान है?



उत्तर - नहीं।



प्रश्न 4. – स्थायी समितियों के गठन की प्रक्रिया क्या है?



उत्तर – ग्रामसभा सदस्यों द्वरा अपने बीच में से बहुमत द्वारा विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य मनोनीत किये जाएंगे। इन चार सदस्यों में से एक को अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया जाएगा।



प्रश्न 5.- स्थायी समितियों का सचिव कौन होता है?



उत्तर – ग्राम सभा की प्रत्येक स्थायी समिति का एक सचिव होगा, जो ग्राम सभा की अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति द्वारा मनोनीत किया जाएगा। मनोनीत सदस्य ग्राम सभा के सदस्यों के बीच का ही होगा।



प्रश्न 6.- स्थायी समितियों की बैठक का क्या प्रावधान हैं?



उत्तर – सभी स्थायी समितियों की बैठक प्रत्येक महीने में से कम - से - कम एक बार होनी चाहिए।



प्रश्न 7.- बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – साधारण बैठक के लिए तीन दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 8.- बैठक की सूचना में कौन – कौन सी जानकारी देना आवश्यक है?



उत्तर – बैठक की सूचना में स्थान, समय,तिथि तथा बैठक के लिए निर्धारित एजेंडा की जानकारी देना आवश्यक है। सूचना समिति की प्रत्येक सदस्य को दी जाएगी तथा ग्रामसभा के क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित की जाएगी।



प्रश्न 9.- स्थायी समिति की बैठक के लिए आवश्यक कोरम क्या है?



उत्तर - स्थायी समिति की बैठक का कोरम तभी पूरा होगा जब स्थायी समिति के सदस्यों में से कम से कम आधे सदस्यों की उपस्थिति हो। अर्थात, ग्राम सभा की प्रत्येक स्थायी समिति में चार – चार सदस्य होते हैं तो प्रत्येक स्थायी समिति बैठक का कोरम पूरा तभी होगा जब समिति की बैठक में कम से कम दो सदस्य उपस्थित होंगे।



प्रश्न 10.- स्थायी समिति की बैठक का कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर – कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में बैठक की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति बैठक को ऐसे समय तक के लिए स्थागित करेगा जैसा कि उसके द्वारा निर्धारित किया जाए तथा इस प्रकार स्थागित बैठक की नई सूचना दी जाएगी। इस प्रकार स्थागित बैठक जब अगली बार पुन: आयोजित होती है तो उसके लिए कोई कोरम की आवश्यकता नहीं होगी तथा ऐसी बैठक के निर्धारति एजेंडा में भी कोई बदलाव नहीं होगा।



प्रश्न 11.- स्थायी समितियों की बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?



उत्तर - स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता संबंधित स्थायी समिति के सभापति के द्वारा किया जाता है।



प्रश्न 12.- समितियों का कार्यकाल कितने समय के लिए होता है?



उत्तर – ग्राम सभा की प्रत्येक स्थायी समिति के सदस्यों का कार्यकाल बैठक मनोनीत होने की तिथि से एक वर्ष के लिए होगी, परन्तु सदस्य पुनर्निर्वाचन के पात्र होंगे।



प्रश्न 13. - स्थायी समितियों के कार्य क्या है?



उत्तर - स्थायी समितियां अपने निर्धारित कार्य क्षेत्र के अंतर्गत सूचनाओं एवं जानकारियों का विश्लेषण कर अपने सुझाव एवं विचार ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत करती हैं।



प्रश्न 14.- क्या स्थायी समितियों के सुझाव को मनाने के लिए ग्राम सभा बाध्य है?



उत्तर – नहीं।



प्रश्न 15.- स्थायी समिति की बैठक का कार्यवृत दर्ज करने की क्या प्रक्रिया है?



उत्तर - स्थायी समिति के बैठक की कार्यवाही इस प्रयोजन के लिए रखी गई कार्यवाही पुस्तिका में दर्ज की जाएगी और बैठक की समाप्ति के बाद समिति का सभापति दर्ज कार्यवाही विवरण के नीचे हस्ताक्षर करेगा।



याद रखने योग्य



झारखंड में पंचायती राज व्यवस्था के तीनों स्तरों पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है।

ग्राम सभा अयोजित करने के पूर्व का चेकलिस्ट



क्र.सं.





कार्य





स्थान





समय





आवृत्ति





जिम्मेवारी



1.





ग्राम सभा का स्थान तारीख एवं समय का निर्धारण





झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 अनुसार-पंचायत भवन/सार्वजनिक स्थल/सामुदायिक भवन इत्यादि





ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित





एक वर्ष में कम से कम चार बार – ग्राम सभा के बैठकों का अन्तराल तीन महीने से अधिक नहीं हो।





मुखिया/पंचायत सेवक



2.





ग्राम सभा के आयोजन की सूचना का प्रकाशन





ग्राम सभा गठन, बैठक संचालन नियमावली 2003





साधारण बैठक हेतु कम से कम 07 दिन पूर्व तथा विशेष बैठक हेतु 03 दिन पूर्व





बैठक की आयोजन के अनुसार





मुखिया/पंचायत सेवक(बैठक की सूचना डूगडूगी, मुनादी एवं सार्वजनिक स्थलों पर नोटिस चिपकाकर दी जाए, प्रपत्र -04)



3.





ग्राम सभा की अध्यक्षता





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साधारण बैठक हेतु कम से कम 07 दिन पूर्व तथा विशेष बैठक हेतु 03 दिन पूर्व सूचना के साथ





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मुखिया



4.





ग्राम सभा की अध्यक्षता





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---





---





पेसा क्षेत्र में ग्राम सभा की बैठक बुलाने की जिम्मेवारी मुखिया की तथा उस बैठक की अध्यक्षता करने की जिम्मेवारी ग्राम प्रधान की होगी। सामान्य क्षेत्र में ग्राम सभा की बैठक बुलाने तथा बैठक की अध्यक्षता करने की जिम्मेवारी मुखिया की होगी।



5.





ग्राम सभा के के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले विभिन्न रिपोर्ट जैसे कि आय एवं व्यय का विस्तृत विवरण, अंखेक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई कार्रवाई का विवरण,योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति तथा पूर्ण कराये गए योजनाओं के अन्तिमिकरण के पूर्व ग्राम सभासे उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु तैयारी।





आयोजन स्थल





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पंचायत सेवक



6.





एजेंडा के अनुसार संबंधित स्थायी समितियों के रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण की तैयारी





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आवश्यकतानुसार





पंचायत सेवक एवं संबंधित स्थायी समिति के सभापति



7.





संबंधित ग्राम सभा क्षेत्र का मतदाता सूची ग्राम सभा में उपलब्ध कराना (ताकि ग्राम सभा की बैठक में सदस्यों की संख्या के आधार पर कोरम का निर्धारण हो सके।)





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---





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मुखिया एवं पंचायत सेवक



8.





ग्राम सभा में उपस्थित सदस्यों का पंजी में हस्ताक्षर प्राप्त करने हेतु प्रपत्र – 05 को उपलब्ध कराना





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मुखिया एवं पंचायत सेवक



9.





ग्राम सभा में लिए जाने वाले निर्णयों का साधारण हेतु प्रपत्र – 06 को उपलब्ध कराना।





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मुखिया एवं पंचायत सेवक



10.





झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रत्यायोजित शक्तियों के अंतर्गत सरकारी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को बैठक में आमंत्रित करना





---





साधारण बैठक हेतु कम से कम 07 दिन पूर्व तथा विशेष बैठक हेतु 03 दिन पूर्व सूचित करना





---









मुखिया एवं पंचायत सेवक

ग्राम सभा आयोजित करने के दौरान का चेकलिस्ट



क्र.सं.





कार्य





स्थान





समय





आवृत्ति





जिम्मेवारी



1.





पंचायतों के द्वारा पूर्ण कराने गये योजनाओं के अभिलेख के अन्तिमिकरण के पूर्व ग्राम सभा से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुतीकरण।





ग्राम सभा स्थल





यथा निर्धारित





---





मुख्य/पंचायत सेवक



2.





ग्राम सभा के समक्ष मासिक लेखा, वार्षिक लेखा, पूर्व वर्ष की प्रशासनिक रिपोर्ट, वार्षिक कार्ययोजना, बजट तथा अंकेक्षण रिपोर्ट को ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत करना।























मुख्य/पंचायत सेवक



3.





सामाजिक अंकेक्षण पर प्राप्त रिपोर्ट एवं की ग्राम सभा के समक्ष पढ़कर सुनाना।





ग्राम सभा स्थल





यथा निर्धारित





---





मुख्य/पंचायत सेवक



4.





प्रपत्र – 05 के अनुसार ग्राम सभा के सदस्यों की उपस्थिति की गणना एवं कोरम का निर्धारण





ग्राम सभा स्थल





यथा निर्धारित





---





ग्रामप्रधान (अनुसूचित क्षेत्र में) एवं मुखिया (सामान्य क्षेत्र में)



5.





प्रपत्र – 06 के अनुसार एजेंडा,की गई कार्रवाई एवं कार्य वृत्त का संधारण एवं इसे पढ़कर सुनाना





ग्राम सभा स्थल





यथा निर्धारित





---





पंचायत सेवक



6.





ग्राम सभा की विभिन्न स्थायी समितियों की अनूशंसा एवं सुझावों को ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुत करना।





ग्राम सभा स्थल





यथा निर्धारित





---





पंचायत सेवक एवं संबंधित स्थायी समिति के सभापति



7.





गरीबी उन्मूलन तथा अन्य योजनाओं के तहत व्यक्तिगत लाभार्थियों की सूची का अंतिम रूप से चयन हेतु ग्राम सभा के समक्ष प्रस्तुती।





ग्राम सभा स्थल





यथानिर्धारित





---





पंचायत सेवक



याद रखने योग्य



अनुसूचित क्षेत्रों के लिए पेसा कानून 1996 में लागू हुआ। झारखंड में कुल 13 जिले पूर्ण रूप से अनुसूचित क्षेत्र हैं जबकि पलामू, गढ़वा एवं गोड्डा आंशिक रूप से अनुसूचित क्षेत्र हैं।

ग्राम सभा के सदस्यों की सूची का प्रारूप



प्रत्येक राजस्व ग्राम के ग्राम के सदस्यों की सूची ग्राम पंचायत में उपलब्ध होनी चाहिए। इसका संकलन स्थानीय मतदाता सूची के अनुसार करना चाहिए एवं अंतिम सूची को ग्राम सभा का अनुमोदन अवश्य प्राप्त होना चाहिए। ग्राम सभा के सदस्यों की सूची इस पारकर से तैयार की जा सकती है (नीचे तालिका में दिए गए नाम काल्पनिक हैं एवं समझ विकसित करने के उद्देश्य से उदहारण के रूप में लिए गए हैं)-



क्र.सं.





परिवार के मुखिया का नाम





परिवार के सदस्य जो ग्राम सभा की सदस्यता के पात्र हैं





लिंग





जाति वर्ग (सामान्य/



अजा/अजजा)





उम्र (वर्ष)





मतदाता सूची का क्रमांक





मतदाता पहचान पत्र संख्या



1.





श्री इन्द्रदेव मांझी





श्री इन्द्रदेव मांझी





पु.





अजजा





63





30





123456



श्री राजदेव मांझी





पु.





अजजा





29





52





123411



श्रीमती सुशीला मांझी





म.





अजजा





55





36





131245



2.













































3.













































4.













































5.













































6.













































7.













































8.













































9.













































10













































पंचायत सचिव के हस्ताक्षर ग्रामप्रधान का हस्ताक्षर ग्राम पंचायत मुखिया का



हस्ताक्षर

ग्राम सभा की बैठक की सूचना प्रपत्र – 4



(झारखंड ग्राम सभा – गठन, बैठक कि प्रक्रिया एवं काम काज्का संचालन नियमवाली, 2003 के नियम 7 –(क) के अनुसार ग्राम सभा के प्रत्येक बैठक की सूचना जिसमें तारीख, समय एवं स्थान तथा व्यवहार किए जाने वाले कारबार को विनिर्दिष्ट करते हुए बैठक की तारीख के कम से कम सात दिन पूर्व नीचे दिए गए प्रपत्र – 4 दी जाएगी, लिए गए प्रपत्र – 4 में दी जाएगी, लेकिन आपातकालीन स्थिति में होने वाली ग्राम सभा की बैठक की सूचना बैठक की तारीख से पूरे तीन दिन पूर्व प्रपत्र – 4 में दे कर बुलाई जा सकेगी। प्रपत्र – 4 का प्रारूप नीचे दर्शाया गया है।)



ग्राम सभा ............................................. के सभी सदस्यों को एतद् द्वारा सूचित किया जाता है कि ग्राम सभा की बैठक तारीख .............................................. को निम्नलिखित ग्राम ................................................ के स्थान.................................. पर होगा।



ग्राम सभा के सदस्य, जिनके नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित हैं।



बैठक का एजेंडा/कार्यसूची (सूचना के साथ इसे अवश्य संलग्न करें)



1.



2.



3.



4.



5.



बैठक बुलाने वाले प्राधिकारी का हस्ताक्षर एवं मुहर।

ग्राम सभा में उपस्थित सदस्यों की उपस्थिति पंजी प्रपत्र – 5



(झारखंड ग्राम सभा – गठन की प्रक्रिया एवं काम काज का संचालन नियमावली 2003 के नियम 12 के अनुसार ग्राम सभा की बैठक में उपस्थित होने वाले सभी सदस्यों के नाम प्रपत्र – 5 में रखे गए उपस्थिति पंजी में दर्ज किए जायेंगे। प्रपत्र – 5 का प्रारूप नीचे दर्शाया गया है।)



ग्राम पंचायत का नाम .................................

ग्राम सभा का नाम .....................................

बैठक की तारीख .........................................

बैठक का स्थान ..........................................

बैठक का समय ...........................................



क्रमांक





बैठक में उपस्थित सदस्यों के नाम





सदस्यों के हस्ताक्षर



1















2















3















4















5















6















7















8















9















10















उपस्थित सदस्यों की कुल संख्या (शब्दों में)................................



स्थान - .................................................



तारीख - ................................................



ग्राम पंचायत सचिव के हस्ताक्षर एवं मुहर

ग्राम सभा के कार्यवाही अभिलेख



(झारखंड ग्राम सभा – गठन, की प्रक्रिया एवं काम काज का संचालन नियमावली, 2003 के नियम 13 (क) के अनुसार ग्राम सभा के प्रत्येक बैठक की कार्यवाही के अभिलेख एवं विनिश्चय तथा उसमें उपस्थित सदस्यों की संख्या कार्यवाही पंजी में ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा प्रपत्र – 6 प्रविष्टि की जाएगी तथा इसी बैठक में अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति द्वारा उसकी पुष्टि की जाएगी। प्रपत्र – 6 का प्रारूप नीचे दर्शाया गया है।)



ग्राम पंचायत का नाम .................................

बैठक की तारीख .........................................

बैठक का स्थान ..........................................

बैठक का समय ...........................................

उपस्थित ग्राम सभा सदस्यों की संख्या .....................................



क्रमांक





ग्राम सभा के समक्ष रखे गए विषय





बैठक की कार्यवाही



1















2















3















4















5















स्थान - ...................................



जारी करने की तारीख - .............................



ग्राम पंचायत सचिव के हस्ताक्षर एवं मुहर।

ग्राम पंचायत



प्रश्न 1.- ग्राम पंचायत स्तर पर कितनी स्थायी समितियाँ गठित की जाती है और उनके क्या नाम हैं?



उत्तर – ग्राम पंचायत स्तर पर सात स्थायी समितियाँ गठित किये जाने का प्रावधान है। स्थायी समितियों के नाम निम्न है –



(i) सामान्य प्रशासन समिति



(ii) विकास समिति



(iii) महिला, शिशु एवं सामाजिक कल्याण समिति



(iv) स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पर्यावरण समिति



(v) ग्राम रक्षा समिति



(vi) सार्वजनिक संपदा समिति



(vii) अधोसंरचना समिति



प्रश्न 2.- ग्राम पंचायत की स्थायी समितियों में सदस्यों की संख्या कितनी होती है?



उत्तर – सामान्य प्रशासन समिति को छोड़कर ग्राम पंचायत की शेष छ: स्थायी समितियों में पांच- पांच सदस्य होते हैं। सामान्य प्रशासन समिति में सदस्यों की संख्या पांच से अधिक होती है।



प्रश्न 3.- स्थायी समितियों के सदस्य होने की अहर्ता क्या है?



उत्तर – प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य (वर्ड सदस्य) ही स्थायी समितियों के सदस्य होते हैं। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत की ग्राम सभा के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के विषय – विशेषज्ञ को स्थायी समिति में मनोनीत किया जा सकता है।



प्रश्न 4.- प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य (वर्ड सदस्य) अधिकतम कितनी समितियों के सदस्य हो सकते हैं?



उत्तर - प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य (वर्ड सदस्य) अधिकतम दो समितियों के सदस्य हो सकते हैं।



प्रश्न 5.- मुखिया एवं उपमुखिया कितने समितियों के सदस्य हो सकते हैं?



उत्तर – मुखिया एवं उपमुखिया पंचायत के सभी स्थायी समितियों के पदेन सदस्य होते हैं।



प्रश्न 6.- स्थायी समितियों की बैठक का क्या प्रावधान है?



उत्तर – प्रत्येक स्थायी समितियों की बैठक महीने में कम से कम एक बार होनी चाहिए। लेकिन अलग- अलग समितियों की बैठक एक ही समय में नहीं आयोजित की जाए।



प्रश्न 7.- स्थायी समितियों के कार्य क्या है?



उत्तर- स्थायी समितियां अपने निर्धारित कार्य क्षेत्र के अंतर्गत सूचनाओं एवं जानकारियों का विश्लेषण कर अपने सुझाव एवं विचार पंचायत की कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तुत करती हैं।



प्रश्न 8.- क्या स्थायी समितियों के सुझाव को मानने के लिए पंचायत बाध्य है?



उत्तर – नहीं



प्रश्न 9.- स्थायी समितियों की बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?



उत्तर – स्थायी समितियों के गठन की प्रक्रिया क्या है?



प्रश्न – 10. स्थायी समितियों के के गठन की प्रक्रिया क्या है?



उत्तर - स्थायी समितियों के गठन के लिए पंचयत के द्वारा एक विशेष बैठक बुलाई जाती है, जिसमें स्थायी समितियों का गठन किया जाता है तथा प्रत्येक समिति के लिए चयनित पांच सदस्यों में से एक व्यक्ति को सभापति चूना जाता है।



प्रश्न 11.- समितियों का कार्यकाल कितने समय के लिए होता है?



उत्तर - प्रत्येक स्थायी समिति का कार्यकाल पांच वर्षों के लिए होता है।



प्रश्न 12. – स्थायी समितियों का पंचायत के बजट निर्माण में क्या भूमिका है?



उत्तर – प्रत्येक स्थायी समितियाँ अपने संबंधित क्षेत्र का आकलन कर बजट निर्माण के पूर्व अपनी जरूरतों के हिसाब से अपनी मांग पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के समक्ष रखती है।



प्रश्न 13.- सामान्य प्रशासन समिति की भूमिका क्या है?



उत्तर – स्थायी समितियों में सबसे महत्वपूर्ण समिति सामान्य प्रशासन समिति ही है। इस समिति में पांच से अधिक सदस्य होते हैं। बजट निर्माण का कार्य सामान्य प्रशासन समिति की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। बजट निर्माण के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति सभी स्थायी समितियों की मांग के आधार पर उनका आकलन कर बजट में आवश्यकतानुसार प्रावधान करती है। सामान्य प्रशासन समिति का सभापति ग्राम पंचायत के मुखिया होंगे।



याद रखने योग्य



ग्राम पंचायत वास्तविक रूप से पंचायती राज का परिचायक है जिसे अपने क्षेत्र के लिए योजना निर्माण व क्रियान्वयन, करारोपण एवं नागरिक सुरक्षा की जिम्मेवारी प्रदान की गई है।

झारखंड में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 4402 है।

झारखंड के पूर्ण रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में स्थित ग्राम पंचायतों की संख्या 2027 है।



ग्राम पंचायत कार्यकारिणी



प्रश्न 1.- पंचायत की कार्यकारिणी के सदस्य कौन होते हैं?



उत्तर – प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड) के सभी सदस्य पंचायत कार्यकारिणी के सदस्य होते हैं।



प्रश्न 2.- पंचायत कार्यकारिणी की अध्यक्षता किसके द्वारा की जाती है?



उत्तर – पंचायत के कार्यकारिणी की अध्यक्षता मुखिया के द्वारा की जाती है।



प्रश्न 3.- पंचायत कार्यकारिणी की बैठक के लिए आवश्यक कोरम क्या है? कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर - पंचायत कार्यकारिणी का कोरम पंचायत गठित करने वाले सदस्यों के आधे से होगी, उदहारण के लिए यदि किसी ग्राम पंचायत में वार्ड सदस्यों की संख्या 10 है तो कोरम के लिए कम से कम 05 सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है।



प्रश्न 4. – पंचायत कार्यकारिणी की बैठक के लिए आवश्यक कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर – कोरम पुरा नहीं होने की स्थिति में बैठक को ऐसे समय तक के लिए स्थागित करेगा जैसा कि उसके द्वारा निर्धारित किया जाए, इस प्रकार स्थागित बैठक की सूचना पंचायत के कार्यालय पर चिपका दी जाएगी। स्थागित बैठक के पुन: आयोजन के लिए कोई कोरम की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन, पूर्व बैठक के निर्धारित एजेंडा में कोई बदलाव नहीं होगा।



प्रश्न 5.- पंचायत कार्यकारिणी के बैठक कितने दिनों पर बुलाया जाना आवश्यक है?



उत्तर – पंचायत कार्यकारिणी की बैठक प्रत्येक महीने में कम से कम एक बार बुलाना आवश्यक है।



प्रश्न 6.- साधारण बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – साधारण बैठक के लिए बैठक की तिथि से सात दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 7.- विशेष बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – विशेष बैठक के लिए बैठक की तिथि से तीन दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 8.- बैठक की सूचना में कौन – कौन सी जानकारी देना आवश्यक है?



उत्तर – बैठक की सूचना में स्थान, समय तिथि तथा बैठक में निपटाए जाने वाले कार्य (एजेंडा) की जानकारी देना आवश्यक है।



प्रश्न 9.- मुखिया के द्वारा बैठक नहीं बुलाने की स्थिती में बैठक आयोजित करने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – यदि मुखिया किसी माह में बैठक बुलाने में असफल रहते हैं तो ग्राम पंचायत का सचिव पिछले बैठक की तिथि के 25 दिनों की समाप्ति के बाद संबंधित पंचायत की बैठक की सूचना जारी करेगा।



प्रश्न 10.- ग्राम पंचायत के कार्यकारिणी के समक्ष कौन- कौन सी जानकारी प्रत्येक बैठक में देना अनिवार्य हैं?



उत्तर – ग्राम पंचायत के कार्यकारिणी के समक्ष पिछले बैठक तथा वर्तमान बैठक के बीच अवधि के आय और व्यय का प्रतिवेदन, पिछले एवं वर्तमान के बीच विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति तथा अन्य विषयों का प्रतिवेदन ग्राम पंचायत के सचिव के द्वारा बैठक में रखा जाएगा।



प्रश्न 11.- पंचायत की कार्यकारिणी की बैठक पंचायत के सदस्यों के द्वारा बुलाए जाने की क्या प्रक्रिया है?



उत्तर – यदि पंचायत के 50 प्रतिशत से अधिक सदस्य पंचायत की विशेष बैठक के लिए लिखित अभ्यावेदन करते है, तो मुखिया ऐसी बैठक अभ्यावेदन प्राप्त होने के साथ दिनों के अदंर बुलाएगा। यदि मुखिया ऐसे आवेदन पर बैठक बुलाने में असफल रहते हैं, तो वे सदस्य जिन्होंने विशेष बैठक के लिए अभ्यावेदन दिया है, स्वयं ही बैठक बुला सकेंगे तथा ग्राम पंचायत के सचिव का यह दायित्व होगा की वह बैठक बुलाने के लिए सूचना जारी करें।



प्रश्न 12. – पंचायत कार्यकारिणी के अधिकार एवं कार्य क्या है?



उत्तर – पंचायत की कार्यकारिणी पंचायत के मंत्रिमंडल की तरह है। पंचायत के सभी महत्वपूर्ण कार्य यथा वित्तीय, योजना संबंधी, कर संबंधी प्रस्ताव, बजट इत्यादि पंचयत के कार्यकारिणी के अनुमोदन के बिना कार्यान्वित नहीं करायी जा सकती है। विशेष परिस्थितियों में अगर कोई वित्तीय कार्य पंचायत के द्वारा कराया गया है, तो अगली बैठक में इसका अनुमोदन पंचायत कार्यकारिणी से कराना अनिवार्य है। योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु अग्रिम राशि देने के पूर्व अनुमोदन आवश्यक है। कार्यकारिणी के अनुमोदन के बिना मुखिया तथा पंचायत सेवक के द्वारा कोई भी चेक नहीं काटा जा सकता है।



प्रश्न 13.- कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुलाने की स्थिती में मुखिया पर क्या कार्रवाई हो सकती है?



उत्तर – यदि मुखिया कार्यकारिणी की बैठक बुलाने में लगातार तीन बार असफल रहते हैं, तो वैसी परिस्थिति में मुखिया पर शिथिलता एवं कर्त्तव्य में लापरवाही का दोषी मानते हुए झारखण्ड पंचायत राज कानून की धारा 30 के तहत आवश्यक कारवाई की जा सकती है।



प्रश्न 14. – कार्यकारिणी की बैठक का कार्यवृत्त लिखने की तथा सभी सदस्यों को इसकी प्रति उपलब्ध कराने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – कार्यकारिणी की बैठक का कार्यवृत्त लिखने तथा सभी सदस्यों को इसकी प्रति उपलब्ध कराने की जवाबदेही पंचायत सेवक की है। प्रत्येक बैठक के उपरांत कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णयों को पढ़ कर सुनाने का दायित्व की पंचायत सेवक का ही है।



याद रखने योग्य



संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के अनुच्छेद 243 (छ) में पंचायती राज व्यवस्था के तीनों स्तरों यानी कि जिला परिषद्, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत को 29 विषयों में अधिकार की बात की गई है। झारखंड सरकार ने अभी तक 14 क्षेत्रों में पंचायतों को शक्तियाँ प्रत्यायोजित की है।

पंचायत समिति



प्रश्न 1.- पंचायत समिति स्तर पर कितनी समितियाँ गठित की जाती है और उनके क्या नाम है?



उत्तर – पंचायत समिति स्तर पर आठ स्थायी समितियाँ गठित किए जाने का प्रावधान है। स्थायी समितियों के नाम निम्न है –



(i) सामान्य प्रशासन समिति



(ii) कृषि एवं उद्योग समिति



(iii) स्वास्थय एवं शिक्षा समिति



(iv) वित्त अंकेक्षण एवं योजना तथा विकास समिति



(v) सहकारिता समिति



(vi) महिला, शिशु एवं सामाजिक कल्याण समिति



(vii) वन एवं पर्यावरण समिति



(viii) संचार एवं संकर्म समिति



प्रश्न 2.- पंचायत समिति की स्थायी समितियों में सदस्यों की संख्या कितनी होती हैं?



उत्तर – पंचायत समिति की प्रत्येक स्थायी समितियों में छ: सदस्य होते हैं।



प्रश्न 3.- स्थायी समितियों के सदस्य होने की अहर्ता क्या है?



उत्तर – पंचायत समिति के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य ही स्थायी समितियों के सदस्य होते हैं। इसके अतिरिक्त विधान सभा का प्रत्येक ऐसा सदस्य जो पंचायत समिति का सदस्य है उस पंचायत समिति का पदेन सदस्य होगा।



प्रश्न 4. – पंचायत समिति के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य अधिकतम कितने समितियों के सदस्य हो सकते है?



उत्तर – पंचायत समिति के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य अधिकतम दो समितियों के सदस्य हो सकते हैं।



प्रश्न 5. – पंचायत समिति का प्रमुख किन समितियों का अध्यक्ष होगा?



उत्तर – प्रमुख सामान्य प्रशासन समिति एवं वित्त अंकेक्षण तथा योजना एवं विकास समिति का पदेन सदस्य एवं अध्यक्ष होंगे।



प्रश्न 6.- स्थायी समितियों का सचिव कौन होता है?



उत्तर – कार्यपालक पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) सभी स्थायी समितियों के पदेन सचिव होते हैं।



प्रश्न 7. – स्थायी समितियों की बैठक का क्या प्रावधान है?



उत्तर – प्रत्येक स्थायी समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार होनी चाहिए।



प्रश्न 8. – स्थायी समितियों का कार्य क्या है?



उत्तर – स्थायी समितियाँ अपने निर्धारित कार्य क्षेत्र के अंतर्गत सूचनाओं एवं जानकारियों का विश्लेषण कर अपने सुझाव एवं विचार पंचायत समिति के समक्ष प्रस्तुत करती है।



प्रश्न 9.- क्या स्थायी समितियों के सुझाव को मानने के लिए पंचायत समिति बाध्य है?



उत्तर – नहीं।



प्रश्न 10. – स्थायी समितियों की बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?



उत्तर – स्थायी समितियों की बैठक की अध्यक्षता संबंधित स्थायी समिति के सभापति के द्वारा किया जाता है।



प्रश्न 11. – समितियों के गठन की प्रक्रिया क्या है?



उत्तर – स्थायी समितियों गठन के लिए पंचायत समिति के द्वारा एक विशेष बुलाई जाती है जिसमें स्थायी समितियों का गठन किया जाता है तथा प्रत्येक समिति के लिए चयनित छ: सदस्यों में से एक व्यक्ति को सभापति चुना जाता है।



प्रश्न 12.- समितियों का कार्यकाल कितने समय के लिए होता है?



उत्तर – प्रत्येक समिति का कायर्काल पांच वर्षों के लिए होता है।



प्रश्न 13. – स्थायी समितियों का पंचायत समिति के बजट निर्माण में क्या भूमिका है?



उत्तर – प्रत्येक स्थायी समितियाँ अपने संबंधित क्षेत्र का आकलन कर बजट निर्माण के पूर्व अपनी जरूरतों के हिसाब से अपनी मांग पंचायत समिति के सामान्य प्रशासन समिति के समक्ष रखती है।



प्रश्न 14.- सामान्य प्रशासन समिति की भूमिका क्या है?



उत्तर – स्थायी समितियों में सबसे महत्वपूर्ण समिति सामान्य प्रशासन समिति ही है । बजट निर्माण का कार्य सामान्य प्रशासन समिति की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। बजट निर्माण के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति सभी स्थायी समितियों की मांग के आधार पर उनका आकलन कर बजट में आवश्यकतानुसार प्रावधान करती है। सामान्य प्रशासन समिति का सभापति पंचायत समिति का प्रमुख होगा।



प्रश्न 15. उपप्रमुख किन समितियों का अध्यक्ष होगा?



उत्तर – उपप्रमुख शिक्षा समिति तथा महिला, शिशु एवं समाज कल्याण समिति का पदेन सदस्य एवं अध्यक्ष होगा।



प्रश्न 16.- सामान्य प्रशासन समिति के सदस्य कौन होंगे?



उत्तर – सभी स्थायी समितियों के सभापति सामान्य प्रशासन समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे।



याद रखने योग्य



झारखण्ड में पंचायत समितियों की कूल संख्या 263 हैं। इनमेंसे 131 पंचायत समितियाँ पूर्ण रूप से अनुसूचित क्षेत्रों में आती हैं।

पंचायत समिति की बैठक



प्रश्न 1.- पंचायत समिति की बैठक बुलाने का दायित्व किसका है?



उत्तर - पंचायत समिति की बैठक बुलाने का दायित्व प्रमुख का है। प्रमुख के द्वारा बैठक आयोजित करने का दायित्व कार्यपालक पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) का है।



प्रश्न 2.- पंचायत समिति की अध्यक्षता किसके द्वारा की जाती है?



उत्तर पंचायत समिति की अध्यक्षता प्रमुख के द्वारा एवं प्रमुख की अनुपस्थिति में उपप्रमुख के द्वारा की जाती है।



प्रश्न 3.- पंचायत समिति की बैठक के लिए आवश्यक कोरम क्या है?



उत्तर - पंचायत समिति का कोरम पंचायत समिति गठन करने वाले सदस्यों का एक – तिहाई से होगी, उदहारण के लिए यदि किसी पंचायत समिति में सदस्यों की संख्या 12 है तो कोरम के लिए कम से कम 04 सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है।



प्रश्न 4.- पंचायत समिति की बैठक के लिए कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर – बैठक के लिए कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में बैठक की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति बैठक को ऐसे समय तक के लिए स्थागित करेगा जैसा कि उसके द्वारा निर्धारित किया जाए, इस प्रकार स्थागित बैठक की सूचना पंचायत समिति के कार्यालय पर चिपका दी जाएगी। इस प्रकार स्थागित के पुनरायोजन के लिए कोई कोरम की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन, पूर्व बैठक के निर्धारित एजेंडा में कोई बदलाव नहीं होगा।



प्रश्न 5.- पंचायत समिति की बैठक कितने दिनों पर बुलाया जाना आवश्यक है?



उत्तर - पंचायत समिति की बैठक महीने में कम से कम एक बार बुलाना आवश्यक है।



प्रश्न 6.- साधारण बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – विशेष बैठक के लिए बैठक की तिथि से सात दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 7.- विशेष बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – विशेष बैठक के लिए तिथि से तीन दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 8.- बैठक की सूचना में कौन – कौन सी जानकारी देना आवश्यक है?



उत्तर – बैठक की ओसोचना में स्थान, समय, तिथि तथा बैठक में निपटाए जाने वाले कार्य (एजेंडा) की जानकारी देना आवश्यक है।



प्रश्न 9.- क्या स्थायी समितियों के सुझाव को मानने के लिए जिला परिषद् बाध्य है?



उत्तर – नहीं।



प्रश्न 10.- स्थायी समितियों के बैठक की अध्यक्षता कौन करता है?



उत्तर – स्थायी समितियों की बैठक की अध्यक्षता संबंधित स्थायी समिति के सभापति के द्वारा किया जाता है।



प्रश्न 11.- समितियों के गठन की प्रक्रिया क्या है?



उत्तर - स्थायी समितियों के गठन के लिए जिला परिषद् के द्वारा एक विशेष बैठक बुलाई जाती है, जिसमें स्थायी समितियों का गठन किया जाता है तथा प्रत्येक समिति के लिए चयनित छ: सदस्यों में से एक व्यक्ति को सभापति चुना जाता है।



प्रश्न 12.- समितियों का कार्यकाल कितने समय के लिए होता है?



उत्तर – प्रत्येक समिति का कार्यकाल पांच वर्षों के लिए होता है।



प्रश्न 13.- स्थायी समितियों का जिला परिषद् के बजट निर्माण में क्या भूमिका है?



उत्तर - प्रत्येक स्थायी समिति अपने संबंधित क्षेत्र का आंकलन कर बजट निर्माण के पूर्व अपनी जरूरतों के हिसाब से अपनी मांग जिला परिषद् के सामान्य प्रशासन समिति के समक्ष रखती है।



प्रश्न 14. – स्थायी समितियों समिति की भूमिका क्या है?



उत्तर – स्थायी समितियों में सबसे महत्वपूर्ण समिति सामान्य प्रशासन समिति ही है। बजट निर्माण का कार्य सामान्य प्रशासन समिति की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है। बजट निर्माण के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति का सभापति जिला परिषद् का अध्यक्ष होगा।



प्रश्न 15.- उपाध्यक्ष किन समितियों का अध्यक्ष होगा?



उत्तर – उपाध्यक्ष शिक्षा समिति एवं महिला, शिशु एवं समाज कल्याण समिति का पदेन सदस्य एवं अध्यक्ष होगा।



प्रश्न 16.- सामान्य प्रशासन समिति के पदेन सदस्य होंगे?



उत्तर – सभी स्थायी समितियों के सभापति सामान्य प्रशासन समिति के पदेन सदस्य होंगे।



प्रश्न 17.- संसद का प्रत्येक ऐसा सदस्य जो जिला परिषद् का सदस्य है कितनी समितियों का सदस्य जो सकता है?



उत्तर – संसद सदस्य जो किसी जिला परिषद् के सदस्य हैं वो अपनी इच्छा से किन्हीं हो समितियों के पदेन सदस्य होंगे।

जिला परिषद् की बैठक



प्रश्न 1.- जिला परिषद् की बैठक बुलाने का दायित्व किसका है?



उत्तर – जिला परिषद् की बैठक बुलाने का दायित्व अध्यक्ष का है। अध्यक्ष के द्वारा बैठक आयोजित करने के निर्णय के उपरांत बैठक आयोजित करने का दायित्व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (उपविकास आयुक्त) का है।



प्रश्न 2.- जिला परिषद् की अध्यक्षता किसके द्वारा की जाती है?



उत्तर – जिला परिषद् की अध्यक्षता किसके द्वारा की जाती है?



प्रश्न 3.- जिला परिषद् की बैठक के लिए आवश्यक कोरम क्या है?



उत्तर – जिला परिषद् की बैठक का कोरम जिला परिषद् गठित करने वाले सदस्यों के एक- तिहाई से होगी, उदहारण के लिए यदि किसी जिला परिषद् में सदस्यों की संख्या 12 है तो कोरम के लिए कम से कम 04 सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक है।



प्रश्न 4.- बैठक के लिए कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में क्या कार्रवाई होगी?



उत्तर – बैठक के लिए कोरम पूरा नहीं होने की स्थिति में बैठक की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति बैठक को ऐसे समय तक के लिए स्थागित करेगा जैसे कि उसके द्वारा निर्धारित की जाए, इस प्रकार स्थागित बैठक की सूचना जिला परिषद् के कार्यालय पर चिपका दी जाएगी। इस प्रकार स्थागित बैठक के पुनरायोजन के लिए कोई कोरम की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन, पूर्व बैठक के निर्धारित एजेंडा में कोई बदलाव नहीं होगा।



प्रश्न 5.- जिला परिषद् की बैठक कितने दिनों पर बुलाया जाना आवश्यक है?



उत्तर – जिला परिषद् की बैठक महीने से कम से कम एक बार बुलाना आवश्यक है।



प्रश्न 6.- साधारण बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – साधारण बैठक के लिए बैठक की तिथि से सात दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 7.- विशेष बैठक के लिए कितने दिन पूर्व सूचना देना आवश्यक है?



उत्तर – विशेष बैठक के लिए बैठक की तिथि से तीन दिन पूर्व बैठक की सूचना देना आवश्यक है।



प्रश्न 8.- बैठक की सूचना में कौन-कौन से जानकारी देना आवश्यक है?



उत्तर – बैठक की सूचना में स्थान, समय, तिथि तथा बैठक में निपटाए जाने वाले कार्य (एजेंडा) की जानकारी देना आवश्यक है।



प्रश्न 9.- अध्यक्ष के द्वारा बैठक नहीं बुलाने की स्थिति में बैठक आयोजित करने की जवाबदेही किसकी है?



उत्तर – यदि अध्यक्ष किसी माह में बैठक बुलाने में असफल रहते हैं, तो जिला परिषद् के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पिछले बैठक की तिथि के 25 दिनों की समाप्ति के बाद संबंधित जिला परिषद् की बैठक की सूचना जारी कर सकेगा।



प्रश्न 10.- जिला परिषद् की बैठक नहीं बुलाने में की स्थिति में अध्यक्ष पर क्या कार्रवाई हो सकत है?



उत्तर – यदि अध्यक्ष जिला परिषद् की बैठक बुलाने में लगातार तीन बार असफल रहते हैं, तो वैसी परिस्थिति के अध्यक्ष पर शिथिलता एवं निकृष्ट आचरण का दोषी मानते हुए झारखण्ड पंचायत राज कानून की धारा 60 के तहत आवश्यक करवाई की जा सकती है।



प्रश्न 11.- जिला परिषद् के बैठक में कौन – कौन सी जानकारी में देना अनिवार्य है?



उत्तर - जिला परिषद् के समक्ष प्रत्येक तीन महीने पर इस अवधि के बीच आय और व्यय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएग। इसके अतिरिक्त पिछली एवं वर्तमान बैठक के बीच विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति तथा अन्य विषयों का प्रतिवेदन जिला परिषद् के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (उपविकास आयुक्त) के द्वारा बैठक मर रखा जायेगा।



प्रश्न 12.- जिला परिषद् की बैठक समिति के सदस्यों के द्वारा बुलाए जाने की क्या प्रक्रिया है?



उत्तर – यदि जिला परिषद् के 50 प्रतिशत से अधिक सदस्य जिला परिषद् की विशेष बैठक के लिए लिखित अभ्यावेदन करते हैं, तो अध्यक्ष ऐसी बैठक अभ्यावेदन प्रपात होने के साथ दिनों के अंदर बुलाएगा। यदि अध्यक्ष ऐसे अध्यक्ष ऐसे आवेदन पर बैठक बुलाने में असफल रहते हैं, तो वे सदस्य जिन्होंने विशेष बैठक के लिए अभ्यावेदन दिया है, स्वयं ही बैठक बुला सकेंगे तथा जिला परिषद् के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (उपविकास आयुक्त) का यह दायित्व होगा कि वह बैठक बुलाने के लिए सूचना जारी करें।



प्रश्न 13.- जिला परिषद् के अधिकार एवं कार्य क्या है?



उत्तर – जिला परिषद् के सभी महत्वपूर्ण कार्य यथा वित्तीय, योजना संबंधी, कर संबंधी प्रस्ताव, बजट इत्यादि जिला परिषद् के अनुमोदन के बिना कार्यान्वित नहीं करायी जा सकती है। विशेष परिस्थितियों में अगर कोई वित्तीय कार्य जिला परिषद् के द्वारा कराया गया है, तो अगली बैठक में इसका अनुमोदन जिला परिषद् से कराना अनिवार्य है।

चौदहवां वित्त आयोग



प्रश्न 1.- 14वें वित्त आयोग के तहत पंचायत के किस निकाय को राशि प्राप्त होगी?



उत्तर – त्रि- स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत 14वें वित्त आयोग की राशि ग्राम पंचायतों को सीधे हस्तांतरित की आरटीजीएस के माध्यम से किया जायेगा। यह राशि पंचायत समिति एवं जिला परिषद् को प्राप्त नहीं होगी।



प्रश्न 2.- पंचायतों को यह राशि किस मद में उपलब्ध करायी जा रही है?



उत्तर – पंचायतों को यह राशि बुनियादी सेवाओं को मजबूत करने के लिए उपलब्ध करायी जा रही है। बुनियादी सेवाओं में 14वें वित्त आयोग के तहत वर्णित सेवाओं के अतिरिक्त झारखण्ड पंचायत राज अधिनियम में वर्णित बुनियादी सेवाएँ भी शामिल हैं।



प्रश्न 3.- पंचायतों को 14वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त राशि का व्यय किन - किन योजनाओं पर किया जाना है?



उत्तर – 14वें वित्त आयोग की राशि का व्यय पंचायतों के बुनियादी सुविधाओं के विकास हेतु किया जाना है। बुनियादी सुविधाओं से तात्पर्य है पीने का पानी, जलापूर्ति, नाली एवं सड़क निर्माण, सौर ऊर्जा द्वारा प्रकाश की व्यवस्था, पंचायतों में उपलब्ध संरचनाओं की मरम्मती एवं रख – रखाव तथा श्मशान, कब्रिस्तान, खेल के मैदानों के रख-रखाव, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण इत्यादि।



प्रश्न 4.- 14वें वित्त आयोग की तहत राशि किन- किन योजनाओं पर नहीं व्यय की जा सकती है?



उत्तर – 14वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त राशि किन – किन योजनाओं पर व्यय नहीं की जा सकती है?



प्रश्न 5.- 14वें वित्त आयोग ने कितने तरह के अनुदान की अनुशंसा की है?



उत्तर – 14वें वित्त आयोग ने में दो तरह के अनुदान की अनुशंसा की है- बुनियादी अनुदान एवं कार्य निष्पादन अनुदान। बुनियादी अनुदान कुल अनुदान का 90 प्रतिशत एवं कार्य निष्पादन अनुदान कुल अनुदान का 10 प्रतिशत है। कार्य निष्पादन अनुदान वर्ष 2016 – 17 से दिया जाना चाहिए।



प्रश्न 6.- 14वें वित्त आयोग के तहत की राशि प्राप्त करने के लिए न्यूनतम शर्ते क्या है?



उत्तर – 14वें वित्त आयोग ने अपनी अनुशंसा से यह स्पष्ट किया है कि पंचायतों को योजना निर्माण एवं क्रियान्वयन का एक ढाँचा विकसित करना होगा। साथ ही, पंचायतों को अपने आय एवं व्यय का लेखा- जोखा व्यवस्थित तरीके से संधारित करना होगा।



प्रश्न 7.- 14वें वित्त आयोग का मूल अनुदान प्रत्येक वर्ष कितनी किश्तों में एवं कब - कब हस्तांतरित किया जाना है?



उत्तर – 14 वें वित्त आयोग का मूल अनुदान प्रत्येक वर्ष दो किश्तों में हस्तांतरित किया जाना है। प्रथम किश्त के रूप में मूल अनुदान का 50 प्रतिशत राशि वर्ष के जून माह में एवं शेष 50 प्रतिशत राशि दूसरी किश्त के रूप में उसी वर्ष के अक्टूबर माह में हस्तांतरित किया जाना है।



प्रश्न 8.- दुसरे वर्ष से मिलने वाला कार्य निष्पादन अनुदान ग्राम पंचायतों को कम हस्तांतरित किया जाना है?



उत्तर – दुसरे वर्ष (2016 – 17) से मिलने वाला कार्य निष्पादन अनुदान मूल अनुदान की दुसरी किश्त के साथ हस्तांतरित किया जाना है।



प्रश्न 9.- 14वें आयोग के तहत वर्ष 2016-17 से कार्य निष्पादन अनुदान प्रपात करने की शर्तें क्या है?



उत्तर – 14वें वित्त आयोग के तहत वर्ष 2016-17 से 10 प्रतिशत अनुदान प्राप्त करने हेतु पंचायतों को विगत दो वर्षों का अंकेक्षण रिपोर्ट तथा पंचायतों के अपने आय के स्रोतों में वृद्धि प्रदर्शित करना अनिवार्य है। जो ग्राम पंचायतें ऐसा करने में असफल रहेगी उन्हें कार्य निष्पादन अनुदान प्राप्त नहीं होगा।



प्रश्न 10.- कार्य निष्पादन अनुदान राशि लेने में असमर्थ पंचायतों की रही का वितरण किस प्रकार किया जाएगी?



उत्तर – यह राशि वैसे ग्राम पंचायतों को जिनका दो वर्षों का अंकेक्षण रिपोर्ट तथा पंचायतों के अपने आय के स्रोतों में वृद्धि प्रदर्शित करने में सफल होगी उनमें ही यह राशि वितरित कर दी जाएगी।



प्रश्न 11.- वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्राप्त राशि का व्यय करने के उपरांत आगामी वित्तीय वर्ष में राशि प्राप्त करने हेतु क्या उपयोगिता प्रमाण पत्र समप्रित करना अनिवार्य है?



उत्तर – हाँ। वे पंचायतें जो व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र निर्धारित अवधि अंदर समप्रित नहीं करेंगी, उन्हें आगामी वित्तीय वर्ष में राशि नहीं प्राप्त होगी।



प्रश्न 12.- 14वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि का कितना प्रतिशत व्यय पंचायत के प्रशासनिक कार्यों में किया जा सकता है?



उत्तर – 14वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि का अधिकतम 10 प्रतिशत प्रशासनिक कार्यों में किया जा सकता है।



याद रखने योग्य :



केंद्रीय वित्त आयोग एक ऐसी संस्था है जिसका मुख्य कार्य केंद्र एवं राज्यों के बीच करों की हिस्सेदारी को तय करना है यानी कि विभिन्न करों से कुल अर्जित राशि का कितना भाग केंद्र एंव राज्यों को मिलेगा तथा हिस्सेदारी किस आधार पर की जाएगी।

14वें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2015 – 16 से 2019 – 20 तक लागू होंगी।

वित्तीय वर्ष 201-16 से 2019-20 के दौरान झारखण्ड में ग्राम पंचायतों को लगभग 6046.73 करोड़ प्राप्त होंगे।




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Comments Ravi on 09-07-2023

Jharkhand mein kul kitne Panchayat Hain

Dileep Tudu on 02-10-2021

Gomia block me kitne panchayat hain

Panki ka panchayt khaa hi on 28-09-2021

Panki ka panchayt khaa hi


VIcky kumar on 27-08-2021

Jharkhand ma kul kitane panchayat hai

shivam on 12-05-2019

कोडरमा जिला मैं कुल कितने पंचायत है जो लोकसभा झेत्र मैं आते हैं।

Thakur Mukesh Kumar on 12-05-2019

झारखंड में कुल कितने पंचायत है

Thakur Mukesh Kumar on 12-05-2019

Jharkhand me kul kitne panchayt hai






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