दिनकर की राष्ट्रीय भावना : इस मशहूर लेखक और कवि "रामधारी सिंह दिनकर" का जन्म 23 सितम्बर 1908 को हुआ था। यह हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे।
आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये थे। इनका निधन 24 अप्रैल 1974 को हुआ था।
वैसे तो दिनकर जी की राष्ट्रीयता पर उनके युग का प्रभाव पड़ा है। उनका युग दलित और शोषण युग था। छायावादी कवि उस परिस्थिति से कतरा कर निकल चुके थे, लेकिन दिनकर जी सीना तानकर आगे आये और तत्कालीन परिस्थितियों से लोहा लिया। उन्होंने बड़े साहस के साथ भारत माता की स्वतन्त्रता की बेड़ियों को काटने के लिए अपने ओजस्वी विचार की खड्ग धारण की।
ध्यान रहे की उनकी पुस्तक संस्कृति के 4 अध्याय के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और ‘उर्वशी’ के लिए उन्हें भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था। रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं में वीर रस और शौर्य गाथा ज्यादातर देखने को मिलती है।
रामधारी सिंह दिनकर कविता संग्रह :
रेणुका / रामधारी सिंह "दिनकर" (1935) हुंकार / रामधारी सिंह "दिनकर" (1938) रसवन्ती / रामधारी सिंह "दिनकर" (1939) द्वन्द्वगीत / रामधारी सिंह "दिनकर" (1940) कुरुक्षेत्र / रामधारी सिंह "दिनकर" (1946) धूपछाँह / रामधारी सिंह "दिनकर" (1946) सामधेनी / रामधारी सिंह "दिनकर" (1947) बापू / रामधारी सिंह "दिनकर" (1947) इतिहास के आँसू / रामधारी सिंह "दिनकर"(1951) धूप और धुआँ / रामधारी सिंह "दिनकर"(1951) रश्मिरथी / रामधारी सिंह "दिनकर" (1954) नीम के पत्ते / रामधारी सिंह "दिनकर" (1954) दिल्ली / रामधारी सिंह "दिनकर" (1954) नील कुसुम / रामधारी सिंह "दिनकर" (1955) नये सुभाषित / रामधारी सिंह "दिनकर"(1957) सीपी और शंख / रामधारी सिंह "दिनकर"(1957) परशुराम की प्रतीक्षा / रामधारी सिंह "दिनकर"(1963) हारे को हरि नाम / रामधारी सिंह "दिनकर"(1970) प्रणभंग / रामधारी सिंह "दिनकर" (1929) सूरज का ब्याह / रामधारी सिंह "दिनकर"(1955) कविश्री / रामधारी सिंह "दिनकर" (1957) कोयला और कवित्व / रामधारी सिंह "दिनकर" (1964) मृत्तितिलक / रामधारी सिंह "दिनकर" (1964)रामधारी सिंह दिनकर अनुवाद :
आत्मा की आँखें / डी0 एच0 लारेंस (1964)रामधारी सिंह दिनकर के खण्डकाव्य :
उर्वशी / रामधारी सिंह "दिनकर" (1961)रामधारी सिंह दिनकर की चुनी हुई रचनाओं के संग्रह :
चक्रवाल / रामधारी सिंह "दिनकर" (1956) सपनों का धुआँ / रामधारी सिंह "दिनकर" रश्मिमाला / रामधारी सिंह "दिनकर" भग्न वीणा / रामधारी सिंह "दिनकर" समर निंद्य है / रामधारी सिंह "दिनकर" समानांतर / रामधारी सिंह "दिनकर" अमृत-मंथन / रामधारी सिंह "दिनकर" लोकप्रिय दिनकर / रामधारी सिंह "दिनकर"(1960) दिनकर की सूक्तियाँ / रामधारी सिंह "दिनकर"(1964) दिनकर के गीत / रामधारी सिंह "दिनकर"(1973) संचयिता / रामधारी सिंह "दिनकर" (1973) रश्मिलोक / रामधारी सिंह "दिनकर" (1974)रामधारी सिंह दिनकर की बाल कविताएँ :
चांद का कुर्ता / रामधारी सिंह "दिनकर" नमन करूँ मैं / रामधारी सिंह "दिनकर" सूरज का ब्याह (कविता) / रामधारी सिंह "दिनकर" चूहे की दिल्ली-यात्रा / रामधारी सिंह "दिनकर" मिर्च का मज़ा / रामधारी सिंह "दिनकर"रामधारी सिंह दिनकर की कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ :
सिंहासन खाली करो कि जनता आती है / रामधारी सिंह "दिनकर" जीना हो तो मरने से नहीं डरो रे / रामधारी सिंह "दिनकर" परंपरा / रामधारी सिंह "दिनकर" परिचय / रामधारी सिंह "दिनकर" दिल्ली (कविता) / रामधारी सिंह "दिनकर" झील / रामधारी सिंह "दिनकर" वातायन / रामधारी सिंह "दिनकर" समुद्र का पानी / रामधारी सिंह "दिनकर" कृष्ण की चेतावनी / रामधारी सिंह "दिनकर" ध्वज-वंदना / रामधारी सिंह "दिनकर" आग की भीख / रामधारी सिंह "दिनकर" बालिका से वधू / रामधारी सिंह "दिनकर" जियो जियो अय हिन्दुस्तान / रामधारी सिंह "दिनकर" कुंजी / रामधारी सिंह "दिनकर" परदेशी / रामधारी सिंह "दिनकर" एक पत्र / रामधारी सिंह "दिनकर" एक विलुप्त कविता / रामधारी सिंह "दिनकर" गाँधी / रामधारी सिंह "दिनकर" आशा का दीपक / रामधारी सिंह "दिनकर" कलम, आज उनकी जय बोल / रामधारी सिंह "दिनकर" शक्ति और क्षमा / रामधारी सिंह "दिनकर" हो कहाँ अग्निधर्मा नवीन ऋषियों / रामधारी सिंह "दिनकर" गीत-अगीत / रामधारी सिंह "दिनकर" लेन-देन / रामधारी सिंह "दिनकर" निराशावादी / रामधारी सिंह "दिनकर" रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद / रामधारी सिंह "दिनकर" लोहे के मर्द / रामधारी सिंह "दिनकर" विजयी के सदृश जियो रे / रामधारी सिंह "दिनकर" समर शेष है / रामधारी सिंह "दिनकर" पढ़क्कू की सूझ / रामधारी सिंह "दिनकर" वीर / रामधारी सिंह "दिनकर" मनुष्यता / रामधारी सिंह "दिनकर" पर्वतारोही / रामधारी सिंह "दिनकर" करघा / रामधारी सिंह "दिनकर" चांद एक दिन / रामधारी सिंह "दिनकर" भारत / रामधारी सिंह "दिनकर" भगवान के डाकिए / रामधारी सिंह "दिनकर" जनतन्त्र का जन्म / रामधारी सिंह "दिनकर" शोक की संतान / रामधारी सिंह "दिनकर" जब आग लगे... / रामधारी सिंह "दिनकर" पक्षी और बादल / रामधारी सिंह "दिनकर" राजा वसन्त वर्षा ऋतुओं की रानी / रामधारी सिंह "दिनकर" मेरे नगपति! मेरे विशाल! / रामधारी सिंह "दिनकर" लोहे के पेड़ हरे होंगे / रामधारी सिंह "दिनकर" सिपाही / रामधारी सिंह "दिनकर" रोटी और स्वाधीनता / रामधारी सिंह "दिनकर" अवकाश वाली सभ्यता / रामधारी सिंह "दिनकर" व्याल-विजय / रामधारी सिंह "दिनकर" माध्यम / रामधारी सिंह "दिनकर" स्वर्ग / रामधारी सिंह "दिनकर" कलम या कि तलवार / रामधारी सिंह "दिनकर" हमारे कृषक / रामधारी सिंह "दिनकर"
माखनलाल चतुर्वेदी की ही राष्ट्रीय काव्यधारा से संबंधित विचार