डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय भारत के मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। इसको सागर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना डॉ॰ हरिसिंह गौर ने 18 जुलाई 1946
को अपनी निजी पूंजी से की थी। अपनी स्थापना के समय यह भारत का 18वाँ
विश्वविद्यालय था। किसी एक व्यक्ति के दान से स्थापित होने वाला यह देश का
एकमात्र विश्वविद्यालय है। वर्ष 1983 में इसका नाम डॉ॰ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय कर दिया गया। 27 मार्च 2008 से इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई है।
डॉ॰ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय एक आवासीय एवं संबद्धता प्रदायक विश्वविद्यालय है। मध्य प्रदेश में छः जिले सागर जिला, दमोह जिला, पन्ना जिला, छतरपुर जिला, टीकमगढ़ जिला और छिंदवाड़ा जिला इसके क्षेत्राधिकार में हैं। इस क्षेत्र के 133 कॉलेज इससे संबद्ध हैं, जिनमें से 56 शासकीय और 77 निजी कॉलेज हैं। विंध्याचल पर्वत
शृंखला के एक हिस्से पथरिया हिल्स पर स्थित सागर विश्वविद्यालय का परिसर
देश के सबसे सुंदर परिसरों में से एक है। यह करीब 803.3 हेक्टेयर क्षेत्र
में फैला है। विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासनिक कार्यालय, विश्वविद्यालय
शिक्षण विभागों का संकुल, 4 पुरुष छात्रावास, 1 महिला छात्रावास, स्पोर्ट्स
कांप्लैक्स तथा कर्मचारियों एवं अधिकारियों के आवास हैं। विश्वविद्यालय
में दस संकाय के अंतर्गत 39 शिक्षण संकाय कार्यरत हैं। शिक्षण विभागों में
स्नातकोत्तर स्तर पर अध्यापन एवं उच्चतर अनुसंधान की व्यवस्था है। इसके
अलावा यहाँ दूरवर्ती शिक्षण संस्थान भी कार्यरत है, जो स्नातक, स्नातकोत्तर
एवं डिप्लोमा के कई कार्यक्रम संचालित करता है। विश्वविद्यालय परिसर में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का केंद्र भी कार्य कर रहा है।
स्नातक स्तर की कक्षाओं का संचालन इस विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषता
है। देश के गिने चुने विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर की कक्षाओं का
संचालन शिक्षण विभागों में होता है, उनमें से यह भी एक है। बीए, बीएससी एवं
बीकॉम पाठयक्रमों में छात्रों की संख्या काफी बड़ी है। बीए स्तर पर 5
वैकल्पिक विषय समूहों के अंतर्गत 25 विषयों की अध्ययन सुविधा है। बीएससी
में 24 विषय समूहों में से किसी एक के अध्ययन की सुविधा है।
Dr Hari shih gor ne chhatrajiban me kitne kab Sagrah likhe batiye
Doktar hri shubh ki gatha
Doktar hri shing ki gaaurav gatha
Dr harisigh gour ki atmaktha
Dr harisigh gour ke jivan ki perna
Dr harisingh gour ki aatmkatha
Dr Harisingh gour University pathariya jat panchayat ke konse gaav me sthit he
Dr full jankari
डा. हरिसीह गौर का व्यकित्व
un ke paribar ke sadasye he agar he to kaha he
डॉ हरी सिंह गौर की आत्मकथा
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डॉ हरिसिंह गौर जी के दादाजी का क्या नाम था