Madhy Pradesh Me AnuBandh Kheti
मध्यप्रदेश की कृषि के सामने सवाल - स्वाभाविक सा निष्कर्ष यह है कि जरूरत के अनुरूप कृषि के विकास के लिये राज्य और समाज दोनों के स्तर पर सघन प्रयास नहीं हुये। राज्य ने स्वयं नवाचार करने के बजाये आयातित तकनीकों और उत्पादन को विस्तार देने की रणनीति अपनाई; तो वहीं दूसरी ओर समाज ने अपनी जरूरत को पूरा करने के लिये राज्य पर दबाव नहीं बनाया। अभी 10वीं पंचवर्षीय योजना चल रही है और सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के दौरान प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन 178.50 लाख टन तक बढ़ाना है। वर्ष 2003-04 की स्थिति में प्रदेश में यह उत्पादन 158.72 लाख टन था। इसी तरह मोटे अनाज के उत्पादन में 139.54 लाख टन वृध्दि का लक्ष्य तय किया गया है और दलहन का उतपादन 38.96 लाख टन किया जायेगा। किन्तु जब व्यावहारिक स्तर पर नीतियों का विश्लेषण करते हैं तो दो बातें उभरकर सामने आती हैं; पहली बात तो यह कि सरकार खाद्यान्न उत्पादन को प्रोत्साहित नहीं कर रही हैं बल्कि वह चाहती है कि किसान कपास, सोयाबीन जैसी नकद फसलों के साथ उच्च और मध्यम वर्ग डीजल की जरूरत को पूरा करने के लिये जेट्रोपा का उत्पादन करें। इससे उसे आर्थिक लाभ होगा। वहीं दूसरी ओर सरकार खाद्यान्न, फल और सब्जी उगाने के लिये अनुबंध खेती को नीतिगत रूप से स्वीकार कर रही है। साथ ही अब निजी कम्पनियाँ भी कृषि के क्षेत्र में उतर सकती हैं। दोनों बिन्दु एक दूसरे से जुड़े हुये हैं। किसान पैसा कमाये और अनाज खरीदने के लिये बाजार जाये। शायद यह सच्चाई भूलना घातक होगा कि बाजार में धन का बहाव तेज करने के लिये हम खाद्य सुरक्षा और उत्पादन चक्र को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
Aap kheti k sath anubandh kaise krte h
भारत में आलू और लहसन की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है
Mp m mahilao ko contract farming k liye kese protsahit karegi sarkar
सर जी मुझे एलोवीरा की खेती करना है मुझे एलोवीरा की खेती के बारे मे विस्तार से जानकारी दे तथा सरकारी बागबानी तथा उद्यान विभाग की सरकारी योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताये धन्यवाद