Nayi Jati Ki Utpatti नाई जाति की उत्पत्ति

नाई जाति की उत्पत्ति



Pradeep Chawla on 12-05-2019

यह लेख विभिन्न एतिहासिक और वेब स्रोतो और कुछ आप मित्रो से प्राप्त जानकारी के आधार पर है. कमेट हमेशा स्वागत योग्य है. पूरे भारत मे न्यायी/नाई जाति के बारे मे कई व्यावहारिक विभिन्न्ताए है. इनमे एकरूपता लाने एव एक व्यापक एव सटीक द्रष्टि बनाने के लिये यह लेख लिखा जा रहा है..............................



A.......ब्राह्मण या पंडित जाति दक्षिण भारत में ३ प्रोफेशन मे बटी है-

१-आयुर्वेद डोक्टर

२-मंदिर सगीतज्ञ

३-न्यायी/नाई (बाल काटने वाले)

इस वर्गीकरण के ही आधार पर ब्राह्मण-न्यायी/नाई समुदाय उपजा. ब्राह्मण-न्यायी/नाई समुदाय का कुलगुरु धनवन्तरि को माना जाता है.



B......क्षत्रिय या यदुवंशी लोग उत्तर भारत मे क्षत्रिय-न्यायी/नाई के रूप मे उभरे जिसका नेर्तत्व भारत के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट महापदम नन्द द्वारा हुआ माना जाता है.



इस प्रकार, संपूर्ण भारत मे हिन्दू न्यायी जाति के इतिहास की जाच-पडताल करने पर पाया गया कि इसकी उपस्थिति ४(ब्राह्मण,क्षत्रिय,वैश्य,शूद्र) मे से २(ब्राह्मण व क्षत्रिय) वर्णॉ मे है---

१-ब्राह्मण न्यायी

२-क्षत्रिय न्यायी

उत्तर भारतीय न्यायी, क्षत्रिय- न्यायी है जबकि दक्षिण भारतीय न्यायी, ब्राह्मण -न्यायी है.



स्रोत---------1-मुद्रा राक्षस

2-वेद,पुराण

3-इन्टरनेट (विभिन्न द्रश्य व श्रव्य सामग्री सहित)

4-उत्तर व दक्षिण भारतीय मित्र

5-भारतीय प्राचीन इतिहास एव इसकी विभिन्न पाठ्य पुस्तके

.................................................................................................................

.................................................................................................................

दक्षिण भारतीय न्यायी----ब्राह्मण- न्यायी

.................................................................................................................

दरअसल, प्राचीन काल मे लोग बाल कटवाने का नही बल्कि उनको लंबे तक बडा करके रखने का शौक रखते थे. एसे मे बाल काटने वालो की यदा-कदा ही जरूरत पडती होगी या फिर यू कहे कि उस समय नाई जाति का ही अस्तित्व नही था............. लेकिन कुछ लोग थे जो अपने पास कैंची आदि रखकर लोगो के घायलावस्था मे उनके बालो की सफाई करके मरहम-पट्टी का कार्य किया करते थे. ये लोग राजा के महल पर अधिकतर अपनी सेवा देते थे और इन्हे आयुर्वेदिक या सिद्धा डोक्टर कहा जाता था. इनके परम गुरु धनवन्तरि और चरक ही थे.....................ब्रिटिश काल मे, एलोपैथी चिकित्सा आने, शिक्षा को बढावा मिलने और बालो को कटवाने का फैशन बन जाने के कारण इन डोक्टरो का विभाजन २ भागो मे हो गया-

१-शिक्षित डोक्टर

२-अशिक्षित डोक्टर

समय बीतने के साथ ही ये अशिक्षित डोक्टर नाई कहलाए जाने लगे.

.................................................................................................................

उत्तर भारतीय न्यायी-क्षत्रिय- न्यायी

.................................................................................................................

महापदम नन्द-नाई ( न्यायी ) और उनकी यादव-पत्नी की सताने नन्द वही महापदम नन्द-नाई ( न्यायी ) और उनकी मुरा-पत्नी की सतान मौर्य के रूप मे जाने गये.



उत्तर - मध्य भारत में निवास करने वाला नाई ( न्यायी ) समुदाय की उत्पत्ति युगपुरुष चक्रवर्ती सम्राट एकक्षत्र महाराज श्री महापदम नन्द जी से हुई है।



इसीलिए दक्षिण भारत को छोड़कर भारत वर्ष के अन्य भागों में रहने वाला यह समुदाय मूलतः क्षत्रिय पृष्ठभूमि का चन्द्रवंशीय क्षत्रिय ( नन्द क्षत्रिय ) है

.................................................................................................................

नाई या न्यायी?

.................................................................................................................



नाई शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के नाय से मानी गयी है, जिसका हिन्दी अर्थ है- नेतृत्व करने वाला अर्थात् वह जो समाज का नेतृत्व करे या न्यायी - न्याय करे ।



नाई जाति क्षत्रिय वर्ण की चन्द्रवंश शाखा के अन्तर्गत वर्गीकृत है और वैदिक क्षत्रिय है, जो वैदिक कालीन शासक जाति है।



इस जाति के अनेक महान सम्राट, राजा, मंत्री, योद्धा, वीर रक्षक, अंगरक्षक, प्रसिद्ध वैध्य, पंडित (विद्वान), ऋषि, सन्त,योगी, आचार्य आदि श्रेष्ठ व्यक्तित्व रहे हैं।



आज हमारा शिक्षित व्यक्ति अशिक्षित एव असभ्य(barber) शब्द नाई को प्रयोग हेतु बाध्य है.

.................................................................................................................

वर्ण और जाति

.................................................................................................................

वर्ण का अर्थ रंग है और इसी रंग के आधार पर हिन्दू समाज प्रारंभ मे बंटा था जैसे--

गोरा रंग-पंडित

रंग-क्षत्रिय

रंग-वैश्य

काला रंग-शूद्र

जब गोरे के परिवार मे काले और काले के परिवार मे गोरे पैदा हुए तो नई समस्या पैदा हुई. वह यह कि पंडित अपने काले बच्चे को

समय बीतने के साथ रंग के आधार पर यह विभाजन काम न आया तो जातियो की आवश्यकता महसूस हुई जो बिना कोई शिकायत किये जन्म-जन्मान्तर तक कार्य कर सके. इसीलिये जातियो की स्थिति म्रत्युपर्यंत नही बदलती



.................................................................................................................

टाइटल,गोत्र

.................................................................................................................

निष्कर्षतः हम पूरे भारत मे ब्राह्मण प्रथम है और क्षत्रिय बाद मे क्योकि पूरे भारत मे पूजा-पाठ करने वाले ब्राह्मणो का मुख्य सहयोगी, नाई ही रहा है जबकि .

शिक्षा के आधार पर केवल हम नाई नही हो सकते है और कर्म एव रग के आधार पर शूद्र नही हो सकते क्योकि शिक्षा आज लगभग हर नाई परिवार ले रहा है वही कर्म एव रग के आधार पर शूद्र माना जाना कही से भी तार्किक नही है. पूजा-पाठ कराना सेवा क्षेत्र का विषय है जो शूद्र की ओर इशारा करता है जिसे पडित स्वय को कभी स्वीकार नही कर सकता है तो हम किस आधार पर इसे स्वीकार करे. यही बात रग पर लागू होती है.

डॉक्टर वर्ग या अग्रेजी शासन हमे एक नई, नाई जाति नही दे सकता क्योकि आज इस देश मे अग्रेजी शासन रहा नही और डॉक्टर वर्ग ने जाति की जगह पेशे का रूप धारण किया है. देश तो आजाद हो गया परन्तु नाई जाति शिक्षा के अभाव मे आज तक आजादी नही पा सकी.

जो जाति हिन्दू धर्म के निर्माण के समय बनी ही नही, उसको क्यो स्वीकारा जाये.

............

............

१-दुबे,द्विवेदी,त्रिवेदी,त्रिपाठी,पाठक,चौबे,चतुर्वेदी,शर्मा,पडित,ब्राह्मण,राय,दीक्षित

२-स्रीवास्तव,स्रीवास,सविता,नाई,नाऊ,नउआ,सेन,नन्द,नन्दा,ठाकुर,राजौरिया,नीबोरिया,मथुरिया,वर्मा,शर्मा,प्रधान,

३-तेली,गान्धी,राठोर,मोदी




सम्बन्धित प्रश्न



Comments Sachindra shrivas on 12-05-2019

Shrivas ke bare me Jankari de





नीचे दिए गए विषय पर सवाल जवाब के लिए टॉपिक के लिंक पर क्लिक करें Culture Current affairs International Relations Security and Defence Social Issues English Antonyms English Language English Related Words English Vocabulary Ethics and Values Geography Geography - india Geography -physical Geography-world River Gk GK in Hindi (Samanya Gyan) Hindi language History History - ancient History - medieval History - modern History-world Age Aptitude- Ratio Aptitude-hindi Aptitude-Number System Aptitude-speed and distance Aptitude-Time and works Area Art and Culture Average Decimal Geometry Interest L.C.M.and H.C.F Mixture Number systems Partnership Percentage Pipe and Tanki Profit and loss Ratio Series Simplification Time and distance Train Trigonometry Volume Work and time Biology Chemistry Science Science and Technology Chattishgarh Delhi Gujarat Haryana Jharkhand Jharkhand GK Madhya Pradesh Maharashtra Rajasthan States Uttar Pradesh Uttarakhand Bihar Computer Knowledge Economy Indian culture Physics Polity

Labels: , , , , ,
अपना सवाल पूछेंं या जवाब दें।






Register to Comment