इन दिनों अच्छे मुहूर्त के लालच में कई दंपति अपने बच्चे का जन्म ज्योतिषी से शुभ समय निकलवाकर ऑपरेशन के जरिए करवाते हैं। ऐसा करके वे यह मानते हैं कि उन्होंने बच्चे को बहुत भाग्यशाली बना दिया है। उनके जीवन में अब किसी तरह की कठिनाई, परेशानी नहीं आएगी, क्योंकि शुभ घड़ी में ही उसने जन्म लिया है।
भारतीय ज्योतिष के फलित विभाग में जन्म एवं परिस्थितियों का महत्वपूर्ण स्थान है। जन्म समय से लग्न का निर्माण होता है, जो जन्म का शरीर है। इसी जन्म लग्न के आधार पर जातक के सम्पूर्ण जीवन का भावी नक्शा व्यक्त होता है। ज्योतिष में देशकाल एवं परिवेश भी महत्व रखते हैं।
पहले भारत व अन्य देशों में बच्चों के स्वाभाविक जन्म (नेचुअरल डिलीवरी) के आधार पर जन्म समय निश्चित होता था। जन्म समय के मान्य सिद्धांत क्या हों, यह भी शास्त्रों में परस्पर विरोधाभास सिद्धांत व मान्यता लिए है। जन्म के पश्चात जब बालक और माँ के बीच की कड़ी (नाल) कट जाए तब वास्तविक बालक का जन्म समय होगा। इस तीसरे मत को ज्यादा प्रभावी माना गया है। अतः इसी मत को मानकर ज्योतिष बंधुओं को गणना करनी चाहिए।
सर्जरी का समय डॉक्टर की इच्छा पर छोड़ देना चाहिए। आज बहुत-से लोग हमारे पास आते हैं व सर्जरी का शुभ समय एवं भावी कुंडली के अच्छे ग्रहयोगों के लिए पूछते हैं, जो गलत है। सर्जरी जब आवश्यक हो, डॉक्टर जो समय निश्चित करे, वह प्रभु इच्छा व बच्चे का भाग्य है
अब सबसे पहले हमें यह समझ लेना चाहिए कि चमकदार प्रतिभा सिर्फ ग्रह योगों से नहीं मिलती वरन जिस बीज या या जींस से वह जन्म लेता है, जिस देशकाल, परिस्थिति, सोहबत, संस्कार व प्रशिक्षण से उसे सँवारा जाता है, उन सब कारकों का उसमें अमूल्य योगदान रहता है। दो एक जैसी जन्म कुंडली वाले जातकों की योग्यता, प्रतिभा व समझ में काफी अंतर हो सकता है। फिर ग्रहयोग होने के बावजूद सफल वही होगा, जिसने बहुत परिश्रम किया होगा।
जिन व्यक्तियों के साथ जातक एक छत के नीचे रहता आया हो, जिनके साथ उसका रक्त संबंध हो, भावनात्मक जुड़ाव हो, उनके ग्रहयोग भी जातक की प्रतिभा को या उसकी सफलता-विफलता को प्रभावित करते हैं। विद्वानों का तो यहाँ तक कहना है कि चमकदार प्रतिभा सिर्फ ग्रहयोग से नहीं मिलेगी बल्कि घर में यदि पाला हुआ कुत्ता है तो उसके भाग्य या दुर्भाग्य का फल भी घर के मुखिया को भोगना पड़ता है।
यानी माता-पिता की कुंडली में चमकदार प्रतिभाशाली संतान पैदा करने का योग नहीं है तो इस तरह का सिजेरियन प्रसव बच्चे या उसके जन्मदाता में से किसी के लिए दुर्घटना का सबब भी बन सकता है और वह दुर्घटना जानलेवा भी हो सकती है।
1. सिजेरियन प्रसव तभी कराना चाहिए जब माता व बच्चे के हित के लिए अत्यंत आवश्यक है।
2. सर्जरी का समय डॉक्टर की इच्छा पर छोड़ देना चाहिए। आज बहुत-से लोग हमारे पास आते हैं व सर्जरी का शुभ समय एवं भावी कुंडली के अच्छे ग्रहयोगों के लिए पूछते हैं। यह गलत है। सर्जरी जब आवश्यक हो, डॉक्टर जो समय निश्चित करे, वह प्रभु की इच्छा व बच्चे का भाग्यजान स्वीकार करें।
3. यहाँ चिकित्सक भी अपनी मर्यादाओं का पालन कर प्राकृतिक नियमों का पोषण करें।
4. सर्जरी प्रारंभ या प्रथम चीरा लगाना जन्म समय नहीं है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर जब नाल काटकर बच्चे को माता से अलग करे, वही शुद्ध जन्म समय है।
Meri delivery july me h kis date par karau
मेरी पत्नी के पृसव के लिये डॉक्टर द्वारा 20 से 25 जून 2018 का समय दिया है कृपया आप सही तारिख बताये
26 के बाद मई में बच्चे के जन्म के सुबह मुहूर्त
मई में बच्चे के जन्म के सुबह मुहूर्त
muje dr ne cejerian bola he so 18 dec to 23rd dec me konsi date nd muhrat nasktr chndra achha hai plz reply me
डाक्टर ने डिलेवरी का टाइम दिया है 20से 25दिसम्बर 2018 इसमें सही मुहूर्त बताइए
Meri patni ke prasav ke liye doctor ne august ke aakhiri week se September ke First Week ka samay diya hai kripya aap sahi date bataiye
August me bacche k janm k liye subh muhurat bataye.
Meri delivery ka time November me he aur Mera c ceasarian he me koi shubh date chahati hu baby birth ke liye plz help me doctor
22oct2018 Ko delivery date h kaisa rahega Marg darshan kare
October 2018 me koi shubh date for delivery
26 September se 30 September koi date bataiye
28 से 30 अक्टूबर को बच्चे के जन्म का सही दिन बताये
Good time for delivery on 5 November 2018.
21 नवम्बर दिन बुधवार को सिजेरियन से बच्चा पैदा करने के लिए shubh मुहुर्त
गुरू जी चरण स्पर्श
23/11/2018 को बच्चे के जन्म का दिन कैसा है कब का टाईम ठीक है
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