Rashtramandal Khel Me Bharat राष्ट्रमंडल खेल में भारत

राष्ट्रमंडल खेल में भारत



GkExams on 06-12-2018


ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ खेलों के अंतिम दिन रविवार को भारत की सभी स्पर्धाओं का समापन हो गया है.


कॉमनवेल्थ खेलों के 11वें दिन भारत ने एक स्वर्ण पदक सहित चार रजत और दो कांस्य पदक अपनी झोली में डाले. रविवार का दिन भारत के लिए बैडमिंटन में ऐतिहासिक दिन था.


बैडमिंटन की महिला एकल स्पर्धा में कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में पहली बार फ़ाइनल मुकाबले में कोर्ट के दोनों तरफ भारतीय खिलाड़ी ही आपस में स्वर्ण और रजत पदक के लिए भिड़ रही थीं.


सायना नेहवाल ने इस मुक़ाबले में जीत दर्ज की और पीवी सिंधु को एक कड़े मुकाबले में 21-18, 23-21 से मात दी.


वहीं पुरुषों के बैडमिंटन मुक़ाबले में भारत के के. श्रीकांत ने सिल्वर मेडल हासिल किया. फ़ाइनल मुक़ाबले में चांग वेइ ली ने के. श्रीकांत को 19-21, 21-14, 21-14 से हराया.


भारत ने रविवार को बैडमिंटन में पुरुषों की युगल स्पर्धा का रजत पदक भी अपने नाम किया. फ़ाइनल मुकाबले में भारत की सात्विक रणकीरेड्डी और चिराग चंद्रशेखर शेट्टी की जोड़ी को इंग्लैंड की जोड़ी से हार गई.

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रविवार को भारत ने स्क्वैश का रजत पदक भी अपने नाम किया. यहां महिलाओं की युगल स्पर्धा में जोशना चिनप्पा और दीपिका पल्लिकल को फ़ाइनल में हार का सामना करना पड़ा.


इससे पहले गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ खेलों के 11वें दिन टेबल टेनिस के मिक्स्ड इवेंट में भारत को कांस्य पदक मिला.


मनिका बत्रा और एस. गनानासेकरन की जोड़ी ने भारत की जोड़ी मोउमा दास और शरत कमल की जोड़ी को हरा कर ये पदक हासिल किया.


मनिका बत्रा ने एक दिन पहले ही महिला टेबल टेनिस का गोल्ड मेडल हासिल किया था.


इस तरह कॉमनवेल्थ खेल 2018 में भारत ने 26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य पदक सहित कुल 66 पदक जीतने में कामयाबी प्राप्त की.


भारत का यह प्रदर्शन पिछली बार हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों के मुकाबले बेहतर रहा. पिछली बार भारत ने 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य पदकों सहित कुल 64 पदक जीते थे.

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Image caption मनु भाकर

किसने दिलाई स्वर्णिम कामयाबी

इस बार भारत ने अपने स्वर्ण पदकों की संख्या में अच्छा-खासा इज़ाफा किया है, भारत ने कुल 26 स्वर्ण पदक जीते हैं. यह दिखाता है कि फ़ाइनल मुकाबलों में भारतीय खिलाड़ियों को ज़्यादा कामयाबी मिलने लगी है.


इन खिलाड़ियों ने भारत को गोल्ड कोस्ट में दिलाया गोल्ड


जेवलिन थ्रो - नीरज चोपड़ा


बैडमिंटन- साइना नेहवाल


बैडमिंटन- टीम स्पर्धा


बॉक्सिंग (3)


गौरव सोलंकी- 52 किलोग्राम वर्ग


विकास कृष्णन- 75 किलोग्राम वर्ग


एम सी मैरी कॉम- 45-48 किलोग्राम वर्ग


निशानेबाज़ी (7)


जीतू राय- पुरुष 10 मीटर एयर पिस्टल


अनीश- पुरुष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल


संजीव राजपूत- पुरुष, 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन


मनु भाकर- महिला 10 मीटर एयर पिस्टल


हीना सिद्धू- महिला 25 मीटर पिस्टल


तेजस्विनी सावंत- महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन


श्रेयसी सिंह- महिला डबल ट्रैप


टेबल टेनिस (2)


भारतीय पुरुष और महिला टीम


मनिका बत्रा- महिला एकल


वेटलिफ्टिंग (5)


सतीश कुमार शिवलिंगम- पुरुष 77 किलोग्राम वर्ग


वेंकट राहुल रगला- पुरुष 85 किलोग्राम वर्ग


मीराबाई चानू - महिला, 48 किलोग्राम वर्ग


संजीता चानू- महिला, 53 किलोग्राम वर्ग


पूनम यादव- महिला, 69 किलोग्राम वर्ग


कुश्ती (5)


सुमित- पुरुष फ्रीस्टाइल 125 किलोग्राम वर्ग


राहुल अवारे- पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम वर्ग


बजरंग- पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम वर्ग


सुशील कुमार- पुरुष फ्रीस्टइल 74 किलोग्राम वर्ग


विनेश फोगाट- महिला फ्रीस्टाइल 50 किलोग्राम वर्ग


GkExams on 06-12-2018

अपने ज़माने के मशहूर धावक बॉबी रॉबिन्सन की कोशिशों की वजह से ही साल 1930 में राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत हुई. पहला राष्ट्रमंडल खेल साल 1930 में कनाडा के हैमिलटन शहर में हुआ. जिसमें 11 देशों के लगभग 400 खिलाड़ियों ने भाग लिया. इसमें 6 खेलों की 59 प्रतियोगिताएं हुईं.


सान 1930 के बाद से हर चार साल बाद इसका आयोजन होता रहा लेकिन द्वितीय विश्व-युद्ध के कारण 1942 और 1946 में इसका आयोजन नहीं हो सका. तब इस खेल को ब्रिटिश एंपायर गेम्स कहा जाता था.


ब्रिटिश एंपायर गेम्स का नाम राष्ट्रमंडल खेल कब पड़ा


साल 1930 से 1950 तक इसे कॉमनवेल्थ यानी राष्ट्रमंडल खेलों के बजाए ब्रिटिश एम्पायर गेम्स यानी ब्रितानी साम्राज्य खेल कहा जाता था.


इसी प्रकार 1954 से 1966 तक राष्ट्रमंडल खेलों को ब्रितानी साम्राज्य और राष्ट्रमंडल खेल कहा गया और 1970 और 1974 में इसका नाम ब्रितानी राष्ट्रमंडल खेल रहा.


सन 1978 में जाकर कहीं इस रंगारंग खेल प्रतियोगिता का नाम राष्ट्रमंडल खेल पड़ा और तब से आज तक यह इसी नाम से आयोजित हो रहा है.


राष्ट्रमंडल क्या है


राष्ट्रमंडल स्वतंत्र देशों का संगठन है जो अफ़्रीका से लेकर एशिया और प्रशांत महासागर से लेकर कैरिबियाई साहिलों तक सारे महाद्वीप में फैला हुआ है. इन देशों में बसने वाले दो अरब लोग पूरी दुनिया की आबादी का 30 प्रतिशत हैं और इनका संबंध विभिन्न धर्मों, नस्लों, भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं से है.


2018 के राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन कहां हुआ


21वें राष्ट्र मंडल खेलों का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुआ. इससे पहले भी आस्ट्रेलिया चार बार राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी कर चुका है. ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी बार 2006 में मेलबर्न में इन खेलों की मेजबानी की थी. आस्ट्रेलिया इसके अलावा 1938 में सिडनी, 1962 में पर्थ और 1982 में ब्रिसबेन में भी इन खेलों का आयोजन कर चुका है.


राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है


साल 1934 से भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना शुरू किया. लेकिन साल 1950, 1962 और 1986 में भारत ने इन खेलों में हिस्सा नहीं लिया. साल 1958 में भारत ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड जीता. मिल्खा सिंह ने भारत को राष्ट्रमंडल खेलों में पहला स्वर्ण पदक दिलाया था. उन्होंने 1958 में कार्डिफ़ में हुए खेलों में 400 मीटर की दौड़ में गोल्ड जीता था.


हालाँकि इन खेलों में पहले पदक का रिकार्ड रशीद अनवर के नाम पर दर्ज है, जिन्होंने 1934 में लन्दन में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था. अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का यह अकेला पदक था.


साल 2010 में जब दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन हआ था तब भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था. तब भारत ने 38 गोल्ड समेत कुल 101 पदक जीते थे. और प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया था.






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