Poorv Balyavastha Kya Hai पूर्व बाल्यावस्था क्या है

पूर्व बाल्यावस्था क्या है



GkExams on 25-01-2023


पूर्व बाल्यावस्था क्या है (Early childhood In Hindi) : आमतौर पर 2 से 5 वर्ष तक की अवस्था पूर्व बाल्यावस्था की होती है। और यह सर्वविदित है की बालकों के शारीरिक, मानसिक, स्वेगात्म्क और बौद्धिक विकास की दृष्टि से यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है इसलिए उनके सर्वोतम विकास और उनकी सम्पूर्ण संवृद्धि मुख्य रूप से पोषण की गुणवता, महता और समुचित मात्रा में उपलब्धता पर निर्भर करती है।


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पूर्व बाल्यावस्था के शुरू में, बच्चे समानांतर खेल का संरूप प्रदर्शित करते हैं अर्थात् दो बच्चे साथ रहकर भी स्वतंत्र रूप से (स्वान्तःसुखाय) खेल खेलते हैं। पूर्व बाल्यावस्था के प्रमुख सामाजिक व्यवहार जो होते है, वो इस प्रकार है...


  • अनुकरण
  • प्रतिस्पर्धा
  • नकारवृत्ति
  • आक्रामकता
  • कलह
  • सहयोग
  • स्वार्थपरता
  • सहानुभूति
  • सामाजिक अनुमोदन



  • बाल्यावस्था का अर्थ :




    कई देशों में, एक बालिग होने की उम्र होती है जब बचपन आधिकारिक तौर पर समाप्त होता है और व्यक्ति क़ानूनी तौर पर वयस्क हो जाता है। लेकिन खैर अलग-अलग देशों की अलग-अलग सोच। वैसे आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की बचपन (early childhood) को ही "बाल्यावस्था" कहते हैं।


    बाल्यावस्था मे छात्रों की स्मरण चेतना का विकास होता हैं। बाल्यावस्था को 6 से 12 वर्ष तक माना जाता हैं, जिसमें छात्र नवीन वस्तुओं के संबंध में जानने हेतु जिज्ञासु होते हैं। यह विकास की वह अवस्था होती है जिसमें बालक के व्यक्तित्व एवं चरित्र का विकास तीव्र गति से होता हैं।


    आमतौर पर बचपन को जन्म से आरंभ हुआ माना जाता है। अवधारणा के रूप में कुछ लोग बचपन को खेल और मासूमियत से जोड़ कर देखते हैं, जो किशोरावस्था (child development) में समाप्त होता है।


    बाल्यावस्था की विशेषताएं :




    यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा बाल्यावस्था की विशेषताओं से अवगत करा रहे है, जो इस प्रकार है...


  • स्थायित्व
  • प्रबल जिग्यास प्रवृति
  • संचय की प्रवृति
  • वास्तविक जगत में प्रवेश
  • रचनात्मक एवं क्रियाशीलता का विकास
  • अनुकरण की प्रवृति
  • बहिर्मुखी व्यक्तित्व
  • सामूहिक प्रवृति की प्रबलता
  • सामूहिक खेलो में रूचि
  • भ्रमण की प्रवृति
  • सामूहिक गुणों का विकास
  • रुचियों में विभिन्नता
  • मानसिक विकास
  • नैतिक गुणों का विकास
  • दुराग्रह एवं उपद्रव की प्रवृति



  • शैक्षिक दृष्टि से बाल विकास की अवस्थाएं :




    1. शैशवावस्था


    2. बाल्यावस्था


    3. किशोरावस्था


    जानकारी के लिए बता दे की शैशवावस्था के बाद बाल्यावस्था का आरंभ होता है। यह अवस्था बालक के व्यक्तित्व के निर्माण में होती है। बालक में इस अवस्था में विभिन्न आदतों, रुचि एवं इच्छाओं के प्रतिरूपों का निर्माण होता है। बाल्यावस्था का काल 6 से 12 वर्ष को आयु (childhood age) का माना जाता है।


    इसके अलावा जब कोई बालक 12 वर्ष (childhood essay) का हो जाता है तब उसमे समझने की क्षमता पहले की तुलना में तीव्र गति में बढ़ने लग जाती है। और फिर क्या सही है क्या गलत है इसका मतलब वो बालक समझने लग जाता है।




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    Comments Ravina kushwaha on 13-01-2024

    Purvi wali avastha mein ocean avastha poshan ya avashyakta kya hai





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